सरगुजा

मेडिकल कॉलेज के कोरोना अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों का पूरा उपयोग हो-अहमद
17-Apr-2021 5:44 PM
मेडिकल कॉलेज के कोरोना अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों का पूरा उपयोग हो-अहमद

उपचार में पारदर्शिता व कमियों को दूर कराने कांग्रेसियों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अम्बिकापुर,17 अप्रैल।
अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज के कोविड अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों का पूरा उपयोग करने, मरीजों को बेहतर सुविधा दिलाने व कमियों को दूर करने के लिए श्रम कल्याण मंडल बोर्ड के अध्यक्ष शफी अहमद,अध्यक्ष पादप बोर्ड बाल कृष्ण पाठक, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अजय अग्रवाल,महापौर डॉ अजय तिर्की,सरगुजा कांग्रेस जिला अध्यक्ष राकेश गुप्ता,वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जेपी श्रीवास्तव,द्वितेंद्र मिश्रा ने सरगुजा कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है।

ज्ञापन में बताया गया कि कोविड-19 महामारी भयावह रूप ले रही है।कोरोना के रोज बढ़ते मरीजो को समय पर समुचित उपचार नहीं मिल पा रहा है।उपलब्ध संसाधनों का पूरा उपयोग नहीं हो पाने की शिकायतें आम है।ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन का नियंत्रण स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं पर से खत्म हो गया है।

व्यवस्था में सुधार हेतु मेडिकल कालेज अस्पताल के कोरोना वार्ड में एक कैज्युलिटी/रिशेप्शन की व्यवस्था हो,जहां पहुचते ही मरीजो को उनकी स्थिति अनुसार दवाइयां देकर सम्बंधित वार्डो में भर्ती किया जाए।

सभी वार्डो में सीसी कैमरा लगाया जाए जिससे मरीजो के परिजन,जनप्रतिनिधि या मीडिया के लोग उपचार की व्यवस्था को देख सकें।कोविड वार्डो सहित सभी कमरों में स्टाफ़ नर्स और वार्ड बॉय की कमी है,इसे तत्काल पूरा किया जाना आवश्यक है।

कोविड ड्यूटी पर डॉक्टरों की तैनाती की गई है,जो कि मरीजो की बढ़ती संख्या के अनुपात में कम है।अकेले डॉ रोशन वर्मा अपनी क्षमता से कहीं ज्यादा कार्य कर रहे हैं,उनके साथ और अनुभवी डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाए।कोविड वार्ड में हेल्पलाइन नम्बर सार्वजनिक किया जाए जिससे वे किसी आपात स्थिति में बात कर सकें।मेडिकल कालेज अस्पताल के कोरोना वार्ड में ड्यूटीरत स्टाफ और कोरोना कैज्युलिटी में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है,तत्काल वाटर कूलर लगवाना सुनिश्चित करें।कोविड वार्ड में पंखे खराब हो गए हैं उन्हें तत्काल सुधरवा कर मरीजो को राहत दिलाने की पहल करें।

.पीएम केयर से सात महीने पहले मिले 12 में से 11 वेंटिलेटर खराब है,आज तक उसकी मरम्मत नही कराई गई है।तत्काल सुधार करा कर सप्लायर पर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।सभी सरकार और निजी अस्पतालों, जहां कोरोना के उपचार की अनुमति दी गयी है वहां बाहर उपलब्ध बिस्तरों संख्या/ सुविधाओ, डॉक्टरों की जानकारी बाहर डिस्प्ले की जाए।अस्पतालों में उपचार हेतु निर्धारित शुल्क का डिस्प्ले अनिवार्य रूप से किया जाए जिससे मरीजो को अप्रिय स्थित से गुजरना न पड़े।

कोरोना में मरीजो को नियमनुसार जो सुविधाएं मिलनी है, कोई मरीज उससे वंचित रहता है तो सम्बंधित अस्पताल पर कड़ी कार्यवाही किया जाए।वर्तमान में आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट आने में 3 से 5 दिन का समय लग जा रहा है,इस बीच कई मरीजो की स्थिति खराब हो जा रही है,इससे निपटने के लिए टेस्ट कराने के साथ ही मरीज के लक्षण के अनुसार उन्हें प्रारंभिक दवाइयां दिया जाए जिससे उनकी स्थिति बिगडऩे न पाए।टेस्ट की रिपोर्ट पूर्व की भांति मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से उपलब्ध कराएं,साथ ही आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्टिंग समय कम करने की पहल करें।

आईसीयू में भर्ती जिन मरीजो की स्थिति में सुधार हो रहा है और बाहर निकालने में उनकी जान को कोई खतरा नहीं है, उन्हें प्राथमिकता से आईसीयू से वार्ड में शिफ्ट किया जाए जिससे दूसरे मरीज को आईसीयू का लाभ मिल सके।लॉकडाउन की स्थिति बनने पर कड़ा लॉक डाउन लगाना पड़ा।फल और सब्जी भी लोगो को नहीं मिल पा रहा है,आपात स्थिति में छत्तीसगढ़ के भीतर या दूसरे राज्यों में जाने के लिए अनुमति लेने लोग परेशान हो रहे हैं।तीन से चार दिन में अनुमति मिल पा रही है,अनुमति की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाना आवश्यक है।उपरोक्त बिंदुओं पर तत्काल पहल कर कर व्यवस्था में सुधार करने की मांग प्रशासन से की गई है।
 

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