बस्तर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 20 जनवरी। मेथाडिस्ट एपिस्कोपल चर्च कुरंदी का धन्यवादी पर्व मंगलवार को संपन्न हुआ। सुबह 11 बजे चर्च की आराधना का संचालन कुरंदी चर्च के पासवान मास्टर अल्विन के द्वारा किया गया।
धन्यवादी पर्व प्रभु के करीबी का पर्व है, प्रभु ने हमें जो दिया उसको अर्पित करने का पर्व है। उक्त बातें आराधना के संचालक पास्टर ऑलविन ने बताया। चर्च की वेदी में आसपास के पास्टर भी विराजमान थे। कल के उपदेशक भाई मोहन सिंह थे। उन्होंने अपने उपदेश में बताया कि हम धन्यवादी के पर्व को प्रतिवर्ष मनाते हैं लेकिन प्रभु प्रतिवर्ष हमें आशीष और उसकी बरकत भरपुरी से हमको देता है इसलिए जब प्रभु हमें देता है आशीष स्वरूप विभिन्न बरकतों को तो हम भी मसीह विश्वास के अनुसार अपनी उपज से अपनी कमाई का पहला फल 10 फीसदी प्रभु को अर्पित करना है चाहे वह किसी भी रुप में क्यों ना हो। जब-जब हम ईश्वर के करीब में आएंगे तब तक हमारे परिवार में अपने व्यक्तिगत जीवन में सुख शांति बनी रहेगी इसलिए यह पर्व हमें यह सिखलाता है कि हम प्रभु के और भी करीब आए और अपना जीवन व्यतीत करें।
कुरंदी चर्च के चयर के द्वारा विशेष गीत गाए गए। कुरंदी चर्च के लीडरों ने उपस्थित अतिथियों का विशेष गिफ्ट देकर सम्मान किया। उसके पश्चात चर्च प्रांगण में ही धन्यवादी की बोली रत्नेश बेंजामिन के द्वारा लगाई गई रजिस्टर वर्क मोहन सिंह इशाक, जान पास्टर शांत ने संभाला था।
चर्च की महिला कोषाध्यक्ष ने अंत में आभार माना। धन्यवादी में केक बिस्किट मुर्गा, मुर्गी, अंडा, फल केला अंगूर सब्जियां धान चढ़ाया गया था। सबसे अधिक हजारों रुपए में बड़े मुर्गा की बोली एक युवती ने लगाई और इस प्रकार सामूहिक भोज के पश्चात कार्यक्रम समाप्त हुआ।