महासमुन्द

सचिवों की हड़ताल को रोजगार सहायकों का समर्थन, पर्यवेक्षक, कृषि अधिकारी, उद्यानिकी कर्मी प्रभार लेने से कर चुके इंकार
16-Apr-2025 3:24 PM
सचिवों की हड़ताल को रोजगार सहायकों का समर्थन, पर्यवेक्षक, कृषि अधिकारी, उद्यानिकी कर्मी प्रभार लेने से कर चुके इंकार

पंचायतों में कामकाज ठप, मूलभूत सुविधाएं बाधित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
महासमुंद,16 अप्रैल।
प्रदेश भर में महीने भर से जारी पंचायत सचिवों की अनिश्चिकालीन हड़ताल को महासमुंद में ग्राम रोजगार सहायक संघ ब्लॉक महासमुंद ने धरना स्थल पर जाकर अपना समर्थन दिया है। इस हड़ताल के चलते गांवों में प्रभावित हो रहे कामों को सुचारू संचालन हेतु प्रशासन ने रोजगार सहायकों को सचिवों का प्रभार लेने का आदेश दिया था। हड़ताली सचिवों के मुताबिक रोजगार सहायकों ने सचिवों से प्रभार नहीं लिया है। वहीं पर्यवेक्षक, कृषि अधिकारी, उद्यानिकी कर्मी प्रभार लेने से  इंकार कर चुके हैं।

मालूम हो कि सचिव बीते 17 मार्च से प्रतिदिन ब्लॉक मुख्यालय में धरना देकर शासकीकरण की मांग कर रहे हैं। सचिवों का कहना है कि भाजपा ने चुनाव पूर्व मोदी की गारंटी में पंचायत सचिवों को नियमितिकरण की मांग को भी शामिल किया था। लेकिन, सरकार बनने के करीब सवा साल बाद भी मोदी की इस गारंटी को प्रदेश सरकार ने पूरा नहीं किया है। इससे प्रदेश भर के सचिवों में नाराजगी है। बाद में सचिवों ने क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी।

जिला प्रशासन इस वक्त रोजगार सहायकों को सचिवों का प्रभार दिलाकर गांवों में बिगड़ी व्यवस्थाओं को सुचारू करने की कोशिश में जुटा हुआ है। इस बीच कल नये घटनाक्रम में रोजगार सहायकों ने खुद पंचायत सचिवों की हड़ताल का समर्थन कर दिया है। रोजगार सहायक संघ ब्लॉक महासमुंद के अध्यक्ष राजकुमार हरदेव ने पंचायत सचिव संघ महासमुंद को तत्संबंध में संघ की ओर से पत्र सौंपा।  बताया गया है कि पंचायत सचिवों से अभी तक किसी ने प्रभार नहीं लिया है। इस वजह से गांवों में पंचायत का काम माह भर ठप है। मूलभूत सुविधाओं पर इसका बुरा असर पड़ा है। बीते 14 अप्रैल को कई पंचायतों में ग्राम सभा तक नहीं हो पाई।

 

पंचायत सचिवों की माह भर से चली आ रही हड़ताल से गांवों में बिगड़े हालात सुधारने के लिये सचिवों को 24 घंटे के भीतर काम पर लौटने का अल्टीमेटम 2 बार दिया। उसके बाद भी सचिव काम पर नहीं लौटे। तब रोजगार सहायक, पर्यवेक्षक महिलाएं एवं बाल विकासए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, करारोपण अधिकारी और उद्यानिकी विभाग के कर्मियों को संबंधित पंचायत सचिव का प्रभार लेने का आदेश जारी कर दिया।

लेकिन इनमें से ग्रामीण के कृषि अधिकारी, पर्यवेक्षक महिला बाल विकास ने सचिवों का प्रभार लेने से मना कर दिया।

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