‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 19 मार्च। 'बस्तर पंडुम' प्रतियोगिता के आयोजन के तहत आज बस्तर जिले के लोहांडीगुडा और बकावण्ड विकासखंड में शुरू किया गया। प्रतियोगिता में लोक नर्तक दलों ने अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुति से समा बांधा, कार्यक्रम में जनजाति शिल्प कला के कलाकारों का प्रदर्शन को सराहा गया ।
'बस्तर पंडुम' बस्तर संभाग अंतर्गत जनजातीय बाहुल्य राज्य छत्तीसगढ़ की स्थानीय कला एवं सांस्कृतिक परंपरा से परिपूर्ण बस्तर अंचल के लोककला, शिल्प, तीज-त्यौहार, खानपान, बोली-भाषा, रीति-रिवाज, वेश भूषा, आभूषण, वाद्य यंत्र, पारंपरिक नृत्य, गीत-संगीत, नाट्य, व्यंजन पेय पदार्थों के मूल स्वरूप को संरक्षण, संवर्धन एवं कला समूहों के सतत् विकास तथा जनजातीय कलाकारों को प्रोत्साहित एवं सम्मानित करने के उद्देश्य से 'बस्तर पंडुम 2025' के अंतर्गत विकासखंड, जिला और संभाग स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।
बस्तर जिले में 19 और 20 मार्च को विकासखंड स्तर पर 7 विधाओं पर आधारित दल-समूह के द्वारा प्रतियोगिता के माध्यम से आयोजन कर कलाकार दल- समूह का चयन जिला स्तरीय प्रतियोगिता के लिए किया जा रहा है। 22 से 23 मार्च 2025 को जिला स्तर प्रियदर्शनी स्टेडियम में 7 विधाओं पर आधारित दल -समूह के द्वारा प्रतियोगिता के माध्यम से आयोजन कर कलाकार दल-समूह का चयन संभाग स्तरीय प्रतियोगिता हेतु किया जाएगा । ये विधाएँ- (1) जनजातीय नृत्य (2) जनजातीय गीत (3) जनजातीय नाट्य (4) जनजातीय वाद्ययंत्रों का प्रदर्शन (5) जनजातीय वेशभूषा एवं आभूषण का प्रदर्शन (6) जनजातीय शिल्प एवं चित्रकला का प्रदर्शन (7) जनजातीय पेय पदार्थ एवं व्यंजन का प्रदर्शन है ।