रायपुर

छत्तीसगढ़ के कर्मचारी संगठनों ने सरकार से मांगें 850 करोड़, और 7 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा
16-Feb-2025 6:48 PM
छत्तीसगढ़ के कर्मचारी संगठनों ने सरकार से मांगें 850 करोड़, और 7 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 16 फरवरी। छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी फिर एक बार अपनी लंबित मांगों को लेकर सक्रिय हो गए हैं। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा ने वित्त सचिव मुकेश बंसल को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें मोर्चा ने अपनी लंबित सात मांगों का उल्लेख किया है।

वित्त सचिव को सौंपे ज्ञापन में छत्तीसगढ़ लिपिक वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष संजय सिंह, मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष महेंद्र सिंह राजपूत और कर्मचारी- अधिकारी महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को छत्तीसगढ़ राज्य की भाजपा सरकार से बहुत ज्यादा अपेक्षाएं हैं क्योंकि विधानसभा चुनाव 2023 में राज्य के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को मोदी की गांरटी के तहत विगत 5 वर्षों से लंबित मांगों को पूर्ण करने का वादा किया गया है।

 1. डीए/डीआर का एरियर्स- राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों को वर्ष 2024 में 1 जुलाई 2023 से देय 4 प्रतिशत डीए मार्च 2024 से और 1 जनवरी 2024 से देय डीए अक्टूबर 2024 भुगतान किया गया। पहले डीए में 8 माह व दूसरे डीए में 9 माह के एरियर्स राशि के भुगतान के लिए 850 करोड़ का बजट प्रावधान किया जाए।

2. चतुर्थ समयमान वेतनमान – राज्य के अधिकांश कर्मचारियों को वर्तमान में 30 वर्ष की सेवा अवधि के बाद तृतीय समयमान वेतनमान दिया जा रहा है जबकि राज्य प्रशासनिक सेवा, वित्त सेवा, पुलिस सेवा, चिकित्सा सेवा के अधिकारियों को चार स्तरीय वेतनमान दिया जा रहा है। भाजपा के चुनाव घोषणा पत्र 2013 में चार स्तरीय वेतनमान की घोषणा की गई थी। मप्र की शिवराज सरकार ने 1 जुलाई 2023 से 35 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले कर्मचारियों को चतुर्थ समयमान वेतनमान दिया है।उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य में प्रथम, द्वितीय और तृतीय समयमान वेतनमान मप्र की तर्ज पर उसी अनुक्रम में लागू किया गया है। राज्य के समस्त कर्मचारियों को चतुर्थ समयमान वेतनमान प्रदान किया जाए। चतुर्थ समयमान वेतनमान लागू करने पर प्रदेश के लिपिक साथी जो विगत 35 वर्षों से वेतनमान के विसंगति की लड़ाई लड़ रहे हैं, उनकी मांग का अधिकाधिक रूप से समाधान हो जाएगा।

3. अर्जित अवकाश नकदीकरण की अधिकतम सीमा 300 दिवस - छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वर्तमान में अधिकतम 240 दिन के अवकाश नकदीकरण का प्रावधान है। वर्ष 2013 में अधिकतम सीमा 300 दिवस के लिए मप्र पुनर्गठन अधिनियम के तहत सहमति भुगतान के लिए चाही गई थी। उस समय मप्र शासन ने असहमति व्यक्त की थी। लेकिन बाद में मप्र शासन द्वारा छत्तीसगढ़ शासन की बिना सहमति के अपने कर्मचारियों को 1 जुलाई 2018 से अधिकतम 300 दिवस के अर्जित अवकाश का नगदीकरण कर दिया।

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