‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 15 फरवरी। किशोरी का लगातार शारीरिक शोषण करने वाले आरोपी को कोर्ट ने सजा दी है। अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ एफटीसी संगीता नवीन तिवारी की कोर्ट ने आरोपी को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 4 (2) के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास, 5000 रुपए अर्थदंड, धारा 366 के तहत 3 वर्ष सश्रम कारावास, धारा 323 के तहत 3 माह के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्रीमती रूप वर्षा दिल्लीवार ने पैरवी की थी।
आरोपी अहमद मुख्तार की जान पहचान किशोरी के परिवार वालों से पूर्व से थी। 25 अक्टूबर 2022 की रात को किशोरी घर के बाहर टहलते हुए किसी से फोन पर बात कर रही थी। किशोरी की मां घर में खाना बना रही थी।
थोड़ी देर बाद उसकी छोटी बेटी ने आकर बताया कि हथखोज निवासी मुख्तार घर पर मोटरसाइकिल लेकर आया था और उसकी बड़ी बेटी को बैठाकर कहीं लेकर गया है। आसपास पता करने पर किशोरी का कहीं पता नहीं चला।
थोड़ी देर बाद में किशोरी घर पहुंची, तब परिवार वालों ने उससे पूछताछ की। तब किशोरी ने बताया कि अहमद मुख्तार उसकी सहमति के बिना उसे बहला फुसला कर केसरी लॉज लेकर गया था और उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाया। किशोरी ने बताया था कि पूर्व में भी आरोपी जबरदस्ती उसे बहला फुसलाकर इंजीनियर पार्क पुलिया के पास छावनी एवं अपने दोस्त के घर ले जाकर उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाया है। यह जानकारी मिलने पर परिवार वालों ने भिलाई तीन थाना पहुंचकर आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
इस मामले में दो सहयोगी आरोपी लक्ष्मी नारायण पांडे एवं कमलेश कुमार को न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त किया है।