‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 11 फरवरी। सोमवार को भिलाई के सेक्टर-6 अक्षय पात्र प्रांगण में स्थित, हरे कृष्णा मूवमेंट में नित्यानंद त्रयोदशी का आयोजन किया गया। श्री नित्यानंद त्रयोदशी भगवान श्री नित्यानंद के आविर्भाव की पावन तिथि है। मान्यता है कि परम भगवान स्वयं श्री कृष्ण ने पश्चिम बंगाल स्थित नबद्वीप धाम में चैतन्य महाप्रभु के रूप में अवतरित हो इस कलयुग में हरि-नाम संकीर्तन महायज्ञ का सूत्रपात किया। भगवान श्री कृष्ण के इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु स्वयं बलराम जी, श्री नित्यानंद प्रभु के रूप में प्रकट हुए। श्री नित्यानंद प्रभु ने भगवान् के पवित्र नाम को बंगाल के प्रत्येक गांव में जा कर प्रचार किया।
श्री नित्यानंद प्रभु, भगवान् चैतन्य महाप्रभु के शाश्वत अनुयायी हैं । वैष्णव आचार्य बताते हैं कि भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु की शरण के लिए नित्यानंद प्रभु का आशीर्वाद आवश्यक है। अतएव जो जीवात्मा वास्तव में महाप्रभु की शरण प्राप्त करना चाहते हैं, उनका प्रथम लक्ष्य श्री नित्यानंद प्रभु को आदिगुरु के रूप में स्वीकारना है।
इस अवसर पर भगवान के विग्रहों का भव्य अभिषेक किया गया । भव्य अभिषेक में विग्रहों को इत्र एवं अन्य सुगन्धित तरल से स्नान करने के पश्चात चन्दन का लेप लगाया गया। भगवान को चन्दन का लेप लगाने के बाद पुन: पंचगव्य (शहद, दूध, घी, दही और इत्र का मिश्रण ) से स्नान कराया गया । उसके बाद विग्रहों को सर्व-औषधय स्नान एवं 108 कलश स्नान एवं फल फल पुष्प स्नान कराया गया। तदोपरांत भगवान श्री चैतन्य महाप्रभु एवं नित्यानंद प्रभु की दिव्य पालकी उत्सव का प्रारंभ हुआ। महोत्सव के अंत में सभी भक्त गणो को भगवान का प्रसाद वितरण किया गया।