केंद्रीय मंत्री शाह और मुख्यमंत्री साय डोंगरगढ़ में विनयांजलि कार्यक्रम में हुए शामिल
आचार्य विद्यासागर की स्मृति में सिक्का और डॉक लिफाफा का किया विमोचन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 7 फरवरी। केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री भारत सरकार अमित शाह एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय गुरुवार को डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरि तीर्थ में विनयांजलि समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, राज्यसभा सांसद नवीन जैन, सांसद संतोष पाण्डेय, जैन समाज के संत समतासागर महराज, जनप्रतिनिधि एवं जैन समाज के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
केन्द्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि दिगम्बर जैन आचार्य विद्यासागर महाराज ईश्वरतुल्य व्यक्तित्व हैं। आज इस पवित्र भूमि पर उन्हें काव्यांजलि देने का अवसर मिला है। आचार्य विद्यासागर ने यहां अंतिम साधना कर इस स्थान को समाधि के लिए पसंद किया। एक वर्ष बाद यहां काव्यांजलि देने आने का अवसर मिला है। दिगम्बर जैन आचार्य विद्यासागर महाराज केवल एक संत नहीं, जैनाचार्य नहीं, युग पुरूष थे। उन्होंने नए विचार एवं युग का प्रर्वतन किया। उनकी तप साधना की तथा भारतीय संस्कृति, कर्मों के ज्योर्तिपुंज बने तथा देश की पहचान को विश्व में व्याख्यायित किया। उनके साथ बिताए यादों का स्मरण करते उन्होंने कहा कि दिगम्बर जैन आचार्य विद्यासागर महाराज का आग्रह हमारे देश की भाषाओं का संरक्षण संवर्धन तथा संस्कृति को समृद्ध बनाने का था। उन्होंने कहा कि जी-20 सम्मेलन की मेजबानी के दौरान प्रधानमंत्री के आमंत्रण में पीएम ऑफ भारत लिखा गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनके संदेशों का अनुकरण किया। जिससे विश्व अचंभित हो गया। भारतीयता के भक्त इससे आल्हादित एवं आनंदित थे। गृहमंत्री ने दिगम्बर जैन आचार्य विद्यासागर महाराज की स्मृति में 100 रूपए का सिक्का तथा उनके जीवन कंवल को वर्णित करने वाले स्पेशल कव्हर डॉक लिफाफा का विमोचन किया। 108 अष्टधातु से निर्मित आचार्य श्री विद्यासागर महाराज जी के चरण चिन्ह का लोकार्पण किया।
केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि दिगम्बर जैन आचार्य विद्यासागर महाराज ने तपस्या का मार्ग अपनाया और अंतिम समय में उन्होंने पंचतत्व को आत्मसात किया। उनका शरीर कृशकाय होता गया। उनके जीवन से जैन समाज को आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित कर दिया। ऐसे लोग विरले होते है। उन्होंने कहा कि दिगम्बर जैन आचार्य विद्यासागर महाराज की स्मृति में भारत में 100 रूपए का सिक्का तथा उनके जीवन कंवल को वर्णित करने वाले 5 रूपए का लिाफाफा का लोकार्पण किया। जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आभार व्यक्त किया कि दिगम्बर जैन आचार्य विद्यासागर महाराज का अधिकांश जीवन डोंगरगढ़ चंद्रगिरि तीर्थ में बीता और संलेखना के माध्यम से उन्होंने देह त्यागे। छत्तीसगढ़ की जनता एवं जैन समाज की ओर से उन्होंने गृहमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने आचार्य समता सागर महाराज तथा जैन मुनियों को धन्यवाद दिया। छत्तीसगढ़ की धरती में कदम रखने वाले सभी साधु संतों का आशीर्वाद प्रदेश को मिला है। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद नवीन जैन ने भी अपना उद्बोधन दिया। इस अवसर पर मुनि श्री पवित्रसागर जी, मुनि श्री आगमसागर जी, मुनि श्री पुनीत सागर जी, वरिष्ठ आर्यिका गुरुमति माताजी, आर्यिकारत्न दृणमति माताजी, जैन समाज के अशोक पाटनी, महोत्सव के अध्यक्ष विनोद बडज़ात्या, श्रीकांत प्रभात जैन, विनोद जैन, मनीष जैन एवं जैन समाज के पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में जनसामान्य उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि एलक धैर्य सागर महाराज जी द्वारा रचित अंतर्यात्री महायात्रा नामक पुस्तक का विमोचन किया गया।
निर्यापक श्रमण श्री समतासागर महाराज द्वारा रचित समाधि संबोधन नामक पुस्तक का विमोचन किया गया। डिजिटल माध्यम से प्रतिभास्थली विद्योदय ज्ञानपीठ रोजगारोन्मुखी नि:शुल्क कन्या विद्यालय कारोपानी डिंडोरी मध्यप्रदेश का लोकार्पण किया, जहां छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार की शिक्षा नि:शुल्क प्रदान की जाएगी।