रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 नवंबर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर प्रदेश के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के शासकीय सेवकों को चिकित्सा भत्ता विकल्प का अवसर देने की मांग की है। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने कहा है कि
27 जुलाई - 18 के द्वारा प्रदेश के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को स्वयं एवं परिवार के सदस्यों के बाह्य रोगी के रूप में कराये गये उपचार के एवज में चिकित्सा प्रतिपूर्ति नियम के अंतर्गत देय प्रतिपूर्ति के स्थान पर विकल्प के आधार पर रूपये 200/- प्रतिमाह की दर से चिकित्सा भत्ता स्वीकृत करने संबंधी आदेश जारी किया गया था। चिकित्सा भत्ता सुविधा के लिए विकल्प देने या पूर्व में दिया गया विकल्प परिवर्तन करने हेतु 30 सितम्बर 2018 तक का अवसर प्रदान किया गया था।
प्रदेश के विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा लगातार पुन: विकल्प परिवर्तन करने की मांग वर्षों से की जा रही है। शासन द्वारा इस संबंध में उचित कार्यवाही नहीं किये जाने से प्रदेश के शासकीय सेवकों में काफी आकोश व्याप्त है। प्रदेश के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के शासकीय सेवकों को चिकित्सा भत्ता विकल्प परिवर्तन करने हेतु पुन: अवसर प्रदान करने आवश्यक निर्देश जारी करने का कष्ट करेंगे।
वेतन विसंगति पर सीएम से चर्चा
महिला पर्यवेक्षक संघ की ओर रितु सिंह ने सीएम विष्णु देव साय से मुलाकात की। पर्यवेक्षकों की वेतन विसंगति, पदों की संख्या और अन्य जानकारी ली ।और इस पर विचार करने का आश्वासन दिया ।कम संख्या में वित्तीय भार भी कम पड़ता है। कुछ समय पहले उद्यानिकी विभाग के साथियों को लेबल 7 (2800ग्रेड पे) देकर विसंगति दूर की गई थी।