रायपुर
राजधानी के भी दो स्कूलों में डमी एडमिशन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 नवंबर। अप्रैल से शुरू हुए शैक्षणिक सत्र की छमाही परीक्षाएं होने के बाद सीबीएसई की टीमें स्कूलों के निरीक्षण और कार्रवाई के लिए निकल पड़ी हैं। दिल्ली जोन की टीम ने दिल्ली और राजस्थान के 21 स्कूलों पर कार्रवाई की है। ये सभी स्कूल डमी एडमिशन के दोषी पाए गए हैं। सीबीएसई की टीमें किसी भी दिन रायपुर और अन्य शहरो में में भी दबिश दे सकती है।
पिछले सत्र में सीबीएसई ने छत्तीसगढ़ में भी जांच के बाद दो स्कूलों द्रोणाचार्य पब्लिक स्कूल और वाइकॉन की मान्यता रद्द कर दी थी। जो अब तक बहाल नहीं हुई है। मेडिकल, इंजीनियरिंग मेंं जाने के इच्छुक छात्रों को डमी एडमिशन का सिलसिला शुरू हो गया है। इस कड़े कदम के बावजूद राजधानी के निजी स्कूल एक बार फिर से उसी कृत्य पर उतर आए हैं। दरअसल डमी एडमिशन के इस कारोबार में निजी कोचिंग सेंटर और इन स्कूलों का बड़ा कॉकस काम कर रहा है।
इन कोचिंग वालों ने तो बकाया बड़े बड़े होर्डिंग में डमी एडमिशन को डिस्प्ले कर रखा है । ये कोचिंग सेंटर यह रायपुर ही नहीं प्रदेश भर में सक्रिय है। इनमें कुछ कोचिंग सेंटर,राष्ट्रीय स्तर के मल्टी सेंटर संस्थान हैं। जो पहले छ माह में छात्रों के सब्जेक्ट परफार्मेंस को देखते हुए डमी एडमिशन लेकर फुल टाइम कोचिंग के लिए प्रेरित करते हैं। इनमें अच्छा परफारम करने वाले छात्रों को और अच्छा कर सकने और कुछ कमजोर छात्रों को एक जगह ध्यानाकृष्ठ करने डमी क्लासेस को बेहतर विकल्प बताते हैं । वहीं निजी स्कूल भी एक मुश्त पौन लाख से एक लाख की फीस मिलने और एवज में बस रेगुलर अटेंडेंस शीट देने की बिनाह पर डमी एडमिशन देने तैयार रहते हैं।
हमें ,पंडरी मोवा इलाके के एक ऐसे ही बड़े स्कूल में डमी एडमिशन लेने वाले छात्रों की जानकारी मिली है। इस स्कूल के 8 छात्रों ने डमी एडमिशन लिया है। इसी तरह से अमलेश्वर रोड स्थित एक इंटरनेशनल स्कूल में तो 200 से अधिक एडमिशन दिए गए हैं। सामान्य तौर पर सीबीएसई स्कूल में साइंस मैथ्स के दो तीन सेक्शन होते हैं, लेकिन इस इंटरनेशनल स्कूल में पांच से छह सेक्शन खोले गए हैं। इससे डमी एडमिशन की भरमार की स्थिति समझी जा सकती है ।