‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 31 जनवरी। कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देशन में 30 जनवरी से 13 फरवरी 2024 तक स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। अभियान के तहत गाँव-गाँव घर-घर दस्तक देकर स्वास्थ्य कर्मी एवं मितानिन के द्वारा कुष्ठ रोग की जांच की जाएगी। कृष्ठ रोगी की पहचान कर उनका उपचार किया जाएगा। मंगलवार को महात्मा गाँधी के पुण्य तिथि पर इसकी शुरूआत की गई।
इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य कार्यालय से जागरूकता प्रचार रथ भी रवाना किया गया। जिला कार्यकम प्रबंधक सोनल ध्रुव एवं डॉ. शंकर पटेल, डॉ. योगेन्द्र सिंह रघुवंशी के द्वारा हरी झण्डी दिखाकर कुष्ठ जागरूकता रथ रवाना किया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी सोनल ध्रुव ने बताया कि देश को कुष्ठ मुक्त करने के लिये हर संभव प्रयास किया जा रहा है। स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के तहत सामूहिक रूप से कुष्ठ रूप से प्रभावित व्यक्तियों के खिलाफ कलंक और भेदभाव की मानसिकता को समाप्त करने और उन्हे मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है।
इसके अन्तर्गत पंचायती राज संस्थाओं, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता आदि के समन्वय से पंचायत स्तर में ग्राम सभा बैठक आयोजित कर लोगों को जागरूकता संदेश दिया जाएगा।
एनएमए छबि सिंह ने बताया की चमड़ी में तेलिया, तामिया चमक, चमड़ी पर खासकर चेहरे पर, भौंहों के ऊपर, ठुड़ी पर या कानों में गठानें, सूजन या मोटापन, चमड़ी में दाग, चकते, तंत्रिकाओं में मोटापन व सूजन हो, हाथ पैरों में झुनझुनी-सुन्नपन कुष्ठ रोग के लक्षण है। इसी प्रकार दो हफ्ते से अधिक खाँसी, शाम के समय बुखार आना, रात में पसीना आना, बलगम के साथ खून आना, छाती में दर्द होना, भूख न लगना, लगातार वजऩ घटना टीबी के लक्षण है। लक्षण पाए जाने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र निशुल्क जांच कराए।