गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर, 28 सितंबर। देवभोग क्षेत्र के कुम्हडई खुर्द और कुम्हडई कला गांव के 28 किसान आज सुबह से अपने परिवार सहित तेल नदी के पुल पर धरना प्रदर्शन करते हुए चक्काजाम किया। किसानों का आरोप है कि पुल के लिए अधिग्रहित की गई उनकी जमीन के मुआवजे की दूसरी कि़स्त का भुगतान नहीं हुआ है, जबकि जिला प्रशासन के पास मुआवजे की राशि 4 साल से जमा है। प्रशासन की समझाइश के बाद जाम हटाया गया और प्रदर्शन 3 घंटे के भीतर खत्म कर दिया गया है।
सुबह सेे किसान अपने परिवारों के साथ धरने पर बैठे। किसानों ने पुल पर बैरिकेट्स लगाकर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी है। धरना कर रहे किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक उनके मुआवजे की दूसरी कि़स्त नहीं मिलती, तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा और पुल पर आवाजाही भी बंद रहेगी।
पीडि़तों किसानों का मानना है कि इस पूरे मामले में जिला प्रशासन की लचर व्यवस्था और राजस्व विभाग के उच्चाधिकारियों की उदासीनता के कारण उन्हें अबतक मुआवजा राशि की दूसरी कि़स्त नहीं मिली है। किसानों का आरोप है कि 10 साल पहले उनकी जमीन अधिग्रहित की गई थी। वर्ष 2015 में पहली किस्त मिली। तीन वर्ष पूर्व दूसरी कि़स्त की राशि भी जिला प्रशासन के पास पहुंची, जिसका भुगतान अब तक उन्हें नहीं मिला।
देवभोग एसडीएम कार्यालय से जब मीडिया ने जानकारी ली तो पता चला कि मामले में कुछ पेंच है, जिसके मार्गदर्शन के लिए जिला प्रशासन द्वारा 5 मार्च 2020 को राजस्व विभाग के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा गया है। मौके पर नायब तहसीलदार अभिषेक अग्रवाल ने पहुंचकर समझाइश दी। इसके बाद किसानों ने जाम हटाया। नायब तहसीलदार ने किसानों को बताया कि आज एसडीएम राजस्व मंत्रालय पहुंच रहे हैं, लंबित मुआवजा को लेकर मार्गदर्शन लेंगे। अक्टूबर के अंत तक मुआवजा देने का आश्वासन दिया गया है।