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रायपुर, 7 अक्टूबर। कलिंगा विश्वद्यिालय ने बताया कि नंदनवन जंगल सफारी और कलिंगा विश्वविद्यालय के ग्रीन क्लब ने मिलकर वन्यजीव सप्ताह 2024 का शुभारंभ कलिंगा विश्वविद्यालय में किया गया सह-अस्तित्व के माध्यम से वन्यजीव संरक्षण। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने मानव और वन्यजीवों के बीच संतुलन के महत्व पर चर्चा की।
कार्यक्रम के पैनल चर्चा में श्री आर. के. सिंह, सेवानिवृत्त पीसीसीएफ एवं वन बल प्रमुख ने सह-अस्तित्व को पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने का मूल आधार बताया और वन्यजीवों के लिए संरक्षित क्षेत्रों के महत्व पर ज़ोर दिया। श्री प्रेम कुमार, अतिरिक्त पीसीसीएफ (वन्यजीव), ने पृथ्वी पर जीवन के लंबे इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, हमारी सभ्यता के इतिहास से पता चलता है कि मानव और वन्यजीवों के बीच संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
वश्वद्यिालय ने बताया कि सतोविषा समाजदार, सीसीएफ (वन्यजीव) और उदंती-सितानदी टाइगर रिज़र्व की क्षेत्रीय निदेशक, ने मानव-वन्यजीव संघर्षों पर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कम वन वाले क्षेत्रों में अधिक संघर्ष होते हैं जबकि घने जंगलों में यह कम होता है। उन्होंने कहा, वन्यजीवों की आबादी बढऩे के साथ साथ उनके रहवास छेत्र में कमी ना हो इसका ध्यान देने के आवश्यकता है।