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अर्थराइटिस लाईलाज बीमारी नहीं, समय पर जान लिया जाये तो सफल उपचार संभव-डॉ. शर्मा
13-Oct-2023 2:42 PM
अर्थराइटिस लाईलाज बीमारी नहीं, समय पर जान लिया जाये तो सफल उपचार संभव-डॉ. शर्मा

रायपुर, 13 अक्टूबर। अर्थराइटिस आज लाईलाज बीमारी नहीं रह गई है, समय रहते यदि इस बीमारी को जान लिया जाये तो इसका उपचार संभव है और मरीज भी आराम से अपना जीवन व्यतीत कर सकता है।

श्री मेडिशाईन अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सुशील शर्मा का मानना है कि अर्थराइटिस से लोगों को डरने की जरूरत नहीं बल्कि इसे समझने की जरूरत है इसी के साथ उनका यह भी मानना है कि आज जोड़ प्रत्यरोपण से डरने की आवश्यकता नहीं है।

जोड़ों के प्रत्यारोपण से मरीज को नई खुशहाल जिंदगी मिलती है और वह सामान्य मनुष्य की तरह ही अपना कामकाज कर सकता है। छत्तीसगढ़ में सर्वप्रथम कम्प्यूटर नेविगेशन द्वारा घुटने, कुल्हो एवं कंधो का ऑपरेशन किया जाता है। श्री मेडिशाईन हॉस्पिटल में छत्तीसगढ़ में पहली बार एवीएन द्वारा कुल्हे बचाव व इलाज केवल डॉ. सुशील शर्मा द्वारा किया जाता है।

आर्थराइटिस के क्या लक्षण हैं, इसकी पहचान कैसे करें? 

गठिया के लक्षण अलग-अलग लोगों में अलग प्रकार के हो सकते हैं। कुछ लोगों में यह समस्या धीरे-धीरे बढ़ती है जबकि कुछ को अचानक से ही दिक्कतें होनी शुरू हो जाती हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि गठिया में कुछ लक्षणों पर विशेष ध्यान देते रहने की आवश्यकता होती है, अगर आपमें कुछ समय से इस तरह की समस्याएं बनी हुई हैं तो इस बारे में किसी डॉक्टर से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।

जोड़ों में दर्द की समस्या बने रहना

जोड़ों में कठोरता, पैरों को हिलाने में भी कठिनाई महसूस होना। अर्थराइटिस में जो दर्द होता है, बहुत ज्यादा सूजन नही होती और जो दर्द होता है, जोड़ो के अधिक न चलने फिरने के बाद होता है, शरीर के दोनों हिस्से में लम्बे आराम करने के बाद, ज्यादा दर्द होता है।

जोड़ों में सूजन और इसके आसपास लालिमा की समस्या। थोड़ी दूर चलने या सीढिय़ां चढऩे तक में कठिनाई होना। सुबह उठने पर, डेस्क पर बैठे रहने के बाद उठने या लंबे समय तक कार में बैठने के बाद इस तरह के लक्षण अधिक महसूस हो सकते हैं। यदि जोड़ों को हिलाना या कुर्सी से उठना कठिन या दर्दकारक महसूस हो रहा है, तो यह गठिया का संभावित संकेत हो सकता है।
 


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