बिलासपुर

फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर विवि में नौकरी करने वाले कम्प्यूटर प्रोग्रामर को नोटिस
11-Jul-2021 7:00 PM
फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर विवि में नौकरी  करने वाले कम्प्यूटर प्रोग्रामर को नोटिस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 11 जुलाई।
ओपन यूनिवर्सिटी में 13 साल से फर्जी सर्टिफिकेट के माध्यम से नौकरी करने वाले कम्प्यूटर प्रोग्रामर को उच्च शिक्षा ने सेवा से हटाने का आदेश दिया हैं। उक्त प्रोग्रामर ओपन विवि में नौकरी करते हुए एक निजी यूनिवर्सिटी से प्रमाण पत्र हासिल किय था। पिछले 13 साल से शिकायत और जांच की प्रक्रिया जारी रही।

पंडित सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी में फर्जी सर्टिफिकेट के माध्यम से कम्प्यूटर प्रोग्रामर की नौकरी करने वाले दीपक कुमार पाण्डेय को उच्च शिक्षा विभाग ने सेवा समाप्त करने यूनिवर्सिटी के कुलसचिव को आदेश दिया है। कम्प्यूटर प्रोग्रामर दीपक कुमार पाण्डेय वर्ष 2007-08 में ओपन यूनिवर्सिटी में मानसेवी कर्मचारी के तौर पर कार्यक्रम समन्वयक/अनुभाग अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। ओपन यूनिवर्सिटी ने वर्ष 2008 में कम्प्यूटर प्रोग्रामर के पद पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके लिए यूजीसी एआईसीटीई व छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कम्प्यूटर प्रोग्रामर पद के लिए निर्धारित योग्यता को आधार माना गया। इसके लिए दीपक कुमार पाण्डेय ने भी आवेदन किया। आवेदन के समय उन्होंने वर्ष 2001 में समाज शास्त्र में स्नातकोत्तर, वर्ष 2004 में एलएलबी और वर्ष 2002 में पीजीडीसीए करने की जानकारी दी। यानी एलएलबी करते हुए पीजीडीसीए का प्रमाण पत्र हासिल किया। इसी तरह ओपन यूनिवर्सिटी में नौकरी करते हुए एक निजी यूनिवर्सिटी ने वर्ष 2007-08 में एमएससी आईटी प्रमाण पत्र हासिल किया, जबकि यूनिवर्सिटी को एक सत्र पहले निजी यूनिवर्सिटी को मान्यता प्राप्त हुआ था।

पाण्डये ने वर्ष 2007-08 में ओपन यूनिवर्सिटी  में नियमित नौकरी कर रहे थे। नौकरी के दौरान सुबह 10.30 बजे से लेकर शाम 5.30 बजे तक यूनिवर्सिटी में रहना होता था। इसी दौरान उन्होंने एक निजी यूनिवर्सिटी से एमएससी आईटी की नियमित तौर पर पढ़ाई की। यूनिवर्सिटी ने उन्हें वर्ष 2007-08 में प्रमाण पत्र जारी कर दिया, जबकि यूनिवर्सिटी को मान्यता ही एक साल पहले वर्ष 2006-07 में मिली थी।

उच्च शिक्षा विभाग ने दीपक कुमार पाण्डेय को पद से हटाने के आदेश दिए हैं। उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव गौरीशंकर शर्मा ने 18 जून 2021 को कुलसचिव को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि दीपक कुमार पाण्डेय वर्ष 2007-08 में पूर्णकालिक मानसेवी कर्मचारी कार्यक्रम समन्वयक/अनुभाग अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। इस अवधि में नियमित छात्र के रूप में मुख्यालय में ही स्थित अन्य यूनिवर्सिटी  में प्रवेश लिया। वर्ष 2008 को अंतिम वर्ष मानकर डिग्री प्रदान करना नियम विरुद्ध है। इस कारण दीपक कुमार पाण्डेय को सेवा से पृथक करने की कार्रवाई सुनिश्चित करें।

पं. सुंदरलाल शर्मा ओपन विवि की कुलसचिव इंदू अनंत ने कहा कि दीपक कुमार पाण्डेय को सेवा से पृथक करने के संबंध में अब तक उच्च शिक्षा विभाग का कोई आदेश नहीं मिला है।
वहीं उच्च शिक्षा विभाग के सचिव धनंजय देवांगन ने बताया कि ओपन यूनिवर्सिटी के कम्प्यूटर प्रोग्रामर दीपक कुमार पाण्डेय के खिलाफ शिकायत मिली थी। पद से हटाने के आदेश नहीं दिया गए हैं। शिकायत के आधार पर नियमों के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
 


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