बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 8 जुलाई। बीमा राशि में बड़ी रकम दिलाने का झांसा देकर दिल्ली के तीन युवकों ने एक वनकर्मी से 20 लाख रुपये की ठगी कर ली। सिविल लाइन व साइबर सेल की टीम ने एक माह की खोजबीन के बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनसे रकम बरामद नहीं हुई है, पर उनके पांच बैंक खातों को होल्ड करा दिया गया है।
सिविल लाइन थाने में 4 जून को वन विभाग के कर्मचारी मगरपारा निवासी विनोद धु्रव (52 वर्ष) ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई। रिपोर्ट के अनुसार 4 नवंबर 2021 को उसके मोबाइल फोन पर एक अनजान नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को बीमा कंपनी का अधिकारी बताते हुए कहा कि उसके नाम की बीमा पॉलिसी से 80 लाख रुपये का मेच्यूरिटी क्लेम पास हुआ है। साथ ही उसकी पत्नी के नाम पर भी डेढ़ लाख रुपये आए हैं। वनकर्मी बड़ी रकम मिलने के प्रलोभन में आ गया। फोन से ठग ने कहा कि पहले उसे 30 हजार रुपये का आरटीजीएस कराना होगा। वन कर्मी ने वह रकम जमा कर दी। इसके बाद आरोपी सर्विस टैक्स, इनकम टैक्स आदि का कारण बताते हुए किश्तों में रकम जमा कराते रहे और राशि एकाउन्ट में जल्दी आ जाने का आश्वासन देते रहे। वन कर्मी ने 4 मई 2022 तक आरोपियों के बताए हुए खाते में 20 लाख रुपये से अधिक रकम डाल दिए। इसके बाद भी उनका फोन और रुपये देने के लिए आने लगा। इससे वनकर्मी को ठगे जाने का एहसास हुआ। उसने रुपये भेजना बंद कर दिया। उसने 2 जून को सिविल लाइन थाने में ठगी की शिकायत दर्ज कराई।
सिविल लाइन पुलिस ने साइबर सेल की मदद से आरोपियों के फोन नंबर के लोकेशन का पता कर लिया। बिलासपुर से गई एक टीम ने वारदात में शामिल तीन आरोपियों शाहबाज आलम (30 साल), प्रिंस कुमार सिंह (22 साल) और अर्पित कुमार श्रीवास्तव (25 वर्ष) को रोहिणीपुरम् दिल्ली पहुंचकर हिरासत में ले लिया।
सिविल लाइन थाना प्रभारी परिवेश तिवारी ने बताया कि सभी आरोपी दिल्ली में बैठकर अलग-अलग राज्यों में क्लेम और मेच्यूरिटी रकम दिलाने के नाम से ठगी की कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। उनसे पूछताछ चल रही है। घटना में शाहबाज आलम ने आरोपी को फोन किया था। दूसरे आरोपी प्रिंस के एकाउन्ट नंबर पर पीडि़त वनकर्मी से रकम जमा कराई गई। तीसरा आरोपी अर्पित स्कैनर ऑपरेट कर फर्जी दस्तावेज तैयार करता था।
आरोपियों से ठगी में इस्तेमाल किए गए स्कैनर सहित 15 चेक बुक, 5 पास बुक, एक सीपीयू और मोबाइल फोन जब्त किया गया है। उनसे नगद राशि नहीं मिल सकी है। उनके सभी खातों को होल्ड करा दिया गया है ताकि उसमें जमा राशि से पीडि़त की रकम लौटाई जा सके। अभी यह नहीं मालूम हुआ है कि इनके एकाउन्ट में कितनी राशि जमा है।


