बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 23 अप्रैल। राजनांदगांव जिले में खोले जा रहे स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी विद्यालय मी बहरी शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया है।
राजनांदगांव के शिक्षक मोहम्मद अख्तर सहित 17 शिक्षकों और व्याख्याताओं ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाकर कहा था कि सरकार प्रदेश की 32 स्कूलों को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम स्कूल के रूप में परिवर्तित कर रही है।
राजनांदगांव जिले में भी कलेक्टर की अध्यक्षता वाली एक समिति इन स्कूलों के संचालन के लिए बनाई गई है। इसमें नियम निर्धारित किया गया है कि शाला में पहले से कार्यरत शिक्षक और अन्य स्टाफ को प्रतिनियुक्ति पर रखा जा सकता है। यदि स्कूल में शिक्षक और स्टाफ मापदंड के अनुसार उपयुक्त नहीं है और वे प्रतिनियुक्ति पर उत्कृष्ट विद्यालय में जाने की इच्छा नहीं रखते हैं तो अन्य शासकीय स्कूलों के शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर लाया जा सकता है।
गवर्नमेंट हाई स्कूल राजनांदगांव में पदस्थ व्याख्याता, शिक्षकों व सहायक शिक्षकों से उत्कृष्ट विद्यालय में प्रतिनियुक्ति के लिए सहमति मांगी गई। अधिकांश शिक्षकों व स्टाफ ने सहमति दे दी लेकिन इस पर निर्णय लिए बिना ही जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रतिनियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी कर दिया। जबकि, पहले सहमति देने वाले शिक्षकों और स्टाफ की नियुक्ति की जानी थी। उसके बाद पद रिक्त होने पर विज्ञापन निकाला जा सकता था।
जिला शिक्षा अधिकारी के इस निर्णय को चुनौती देते हुए याचिका में दलील दी गई कि जब स्कूल में उपयुक्त शिक्षकों की उपलब्धता है,? तो फिर अन्य स्कूलों से शिक्षक या स्टाफ को बुलाने का औचित्य नहीं है। कोर्ट के ध्यान में यह बात भी लाई गई कि उनसे सहमति मांगने के बाद भी निर्णय नहीं लिया गया और विज्ञापन जारी कर दिया गया। नई नियुक्तियों के बाद स्कूल में पदस्थ शिक्षकों को अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया जाने की आशंका है।
याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस पी सैम कोशी ने अन्य स्कूल के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी है। साथ ही शासन को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।


