बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 11 फरवरी। थाने में खुद पर आग लगाने के बाद युवक समीर खान की मौत होने के मामले की दंडाधिकारी जांच कराई जा रही है। इधर घटना के बाद सिविल लाइन से स्थानांतरित थानेदार शनिप रात्रे को आज लाइन अटैच भी कर दिया गया।
जांच की जिम्मेदारी कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने बिलासपुर एसडीएम पुलक भट्टाचार्य को दी। जांच के बिंदु तय किये गये हैं, जो इस प्रकार हैं- युवक जहर खाने के बाद सिम्स में भर्ती कराया गया था, फिर किन परिस्थितियों में वह थाने पहुंचा। खुद पर पेट्रोल डालकर वह थाने के परिसर में कैसे घुसा, क्या उसे आग लगाये जाने के लिये उकसाया गया। युवक की कोई शिकायत थाने में लंबित थी, उस पर कार्रवाई क्या की गई। उसके विरुद्ध पूर्व में पुलिस ने क्या कार्रवाई की गई थी। किन परिस्थितियों में उसके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया था।
इन बिंदुओं के अलावा किसी भी के पास और तथ्य हों तो उसे जांच में शामिल किया जायेगा। इस जांच के लिये एसएसपी पारुल माथुर ने कलेक्टर को पत्र लिखकर आग्रह किया था। जांच के चलते निरीक्षक शनिप रात्रे को लाइन अटैच किया गया है, जिन्हें घटना के बाद सिविल लाइन से तारबाहर थाना स्थानांतरित कर दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि 4 फरवरी को युवक समीर ने सिविल लाइन थाने में पहुंचकर अपने ऊपर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली थी। उसे गंभीर हालत में सिम्स चिकित्सालय दाखिल कराया गया था। हालत में सुधार नहीं होने पर उसे रायपुर रेफर किया गया था, जहां 9 फरवरी को उसकी मौत हो गई।
आरोप लगाया जा रहा है कि पुलिस ने आग लगाने के दौरान समीर खान को रोका नहीं। इधर भाई सादिक खान घटना का वीडियो भी बना रहा था। उसका कहना है कि पुलिस ने उसे आग लगाने के लिये उकसाया।
कल उसका शव बिलासपुर लाया गया लेकिन पुलिस ने कोरोना पॉजिटिव बताते हुए उसे परिजनों को नहीं सौंपा और खुद सुरक्षा के साथ कब्रिस्तान लेकर गई।
समीर खान के खिलाफ सकरी थाना क्षेत्र की एक युवती ने पुलिस में शिकायत की थी कि वह उसे लगातार परेशान करता है। मृतक समीर का कहना था कि युवती ने उससे पैसे लिये हैं जिसे वापस मांगने पर उसके खिलाफ वह झूठा आरोप लगा रही है। इस बारे में उसकी शिकायत पुलिस में पड़ी है, मगर कार्रवाई नहीं की जा रही है।


