बिलासपुर

नये प्रेमी को उसके बच्चे की मां बताने के लिए युवती ने किया दुधमुंहे का अपहरण- पुराने ने दिया साथ
22-Aug-2021 7:16 PM
नये प्रेमी को उसके बच्चे की मां बताने के लिए युवती ने किया दुधमुंहे का अपहरण- पुराने ने दिया साथ

 

सिम्स हॉस्पिटल से शिशु को लेकर फरार युवती को आरपीएफ ने उमरिया स्टेशन से किया गिरफ्तार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 22 अगस्त।
सिम्स हॉस्पिटल से चुराये गये सात माह के हम जान को अगवा कर ले जा रही युवती ने पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाली जानकारी दी है। पुराने प्रेमी ने शादी से मना कर दिया, बाद में जिससे प्रेम विवाह हुआ उससे अनबन चल रही थी और दोनों साथ नहीं रहते थे। अब वह सोशल मीडिया के जरिये मिले अपने नये प्रेमी के साथ घर बसाना चाहती थी पर फिर उसे धोखा खाने का डर था। तब उसने उसे बताया कि वह गर्भवती है। नये प्रेमी को बताने के लिये कि वह उसके बच्चे की मां बन चुकी है, उसने अपहरण की वारदात को अंजाम दिया।

शिशु के अपहरण की आरोपी युवती रीता यादव (24 वर्ष) को पुलिस ने कल रात सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस से उमरिया स्टेशन पर उतारा था। वह शिशु को लेकर अपने प्रेमी के पास दिल्ली जा रही थी। आरोपी रीता यादव का साथ देने वाला पुष्पेन्द्र गोंड (27 वर्ष) उसका पुराना प्रेमी है, जिसने नये प्रेमी के साथ घर बसाने के लिये अपराध में साथ दिया। रीता की मदद करने वाली सहेली हेमा कौशिक को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

कोतवाली थाने में पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि रीता यादव बीते तीन सप्ताह से सात-आठ माह के किसी शिशु को चुराने के फिराक में थी। इस उद्देश्य से उसने कई बच्चों को चेक किया। उनकी माताओं को भी सिम्स ले जाने की कोशिश की और यह झांसा दिया कि चेकअप कराने पर सरकार पैसे देती है। आरोपी रीता गुरुनानक चौक तोरवा की रहने वाली है। अपहरण में साथ देने वाला आरोपी पुष्पेंद्र उसका पहला प्रेमी है। उसने रीता से शादी से इंकार कर दिया था, तब उसने मोहनीश यादव से प्रेम विवाह किया। पर उसके साथ अनबन हो गई। वह उससे अलग रहने लगी। वह अपना घर बसाने के लिये नये प्रेमी की तलाश करने लगी। मोबाइल एप्स हेगो गेम्स के जरिये एक युवक से उसका परिचय हुआ। उसके साथ सम्पर्क बढ़ा लेकिन कुछ समय बाद उसे लगा कि वह उसे धोखा दे सकता है और शादी से मना कर सकता है। इस डर से उसने प्रेमी को बताया कि वह गर्भवती है। वह नये प्रेमी से दूर टिकरापारा में अपनी सहेली हेमा कौशिक के साथ टिकरापारा में किराये के मकान में रहने लगी और यहां किसी दुधमुंहे बच्चे की तलाश करने लगी। पुलिस का दावा है कि उसने कई और बच्चों की रेकी की लेकिन बात नहीं बनी। तलाश पूरी हुई रेलवे स्टेशन में सड़क किनारे सामान बेचने वाले सफर शाह और इशाक बी के मिलने से। इशाक बी का बच्चा बीमार नहीं था, बल्कि रीता यादव ने झांसा दिया था कि सिम्स में सेहत की जांच कराने पर उसे 7 से 10 हजार रुपये मिल सकते हैं। योजना के अनुसार पुष्पेन्द्र अपनी स्कूटर में उन्हें लेकर सिम्स आया और मौका पाते ही रीता इशाक बी के दुधमुंहे हमजान को लेकर पुष्पेंद्र के साथ स्कूटर से फरार हो गई। बच्चे को लेकर वह अपने घर गुरुनानक चौक पहुंची। उसने घर पहुंचकर उसने बताया कि यह शिशु उसका ह। क्योंकि बहुत दिन बाद रीता इस घर में आई थी, बहन और मां ने उसकी बात पर यकीन कर लिया। उसने अपनी सहेली हेमा कौशिक को दिल्ली साथ चलने के लिए कहा लेकिन अचानक जाने के लिये उसने इंकार कर दिया। 21 अगस्त को उसने अपने नये प्रेमी साहिज नरसिंह को सूचना दी कि वह अपने बच्चे के साथ दिल्ली आ रही है और वह अकेले संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में बैठ गई। इस दौरान पुलिस सीसीटीवी कैमरों की छानबीन कर पुष्पेन्द्र तक पहुंच गई। इसके बाद हेमा से पूछताछ हुई और रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स की मदद से बच्चे के साथ फरार हुई रीता यादव को उमरिया स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों आरोपियों रीता यादव, पुष्पेन्द्र गोंड व हेमा कौशिक के विरुद्ध धारा 363, 34 आईपीसी व बाल संरक्षण अधिनियम 2015 की धारा 84 के अंतर्गत अपराध दर्ज किया गया है।

इस कार्रवाई को में एसएसपी दीपक कुमार झा के मार्गदर्शन में एएसपी निमेश बरैया के नेतृत्व में एक टीम थी, जिसमें डीएसपी स्नेहिल साहू, सिटी कोतवाली निरीक्षक शीतल सिदार एस आई मनीष कांत एएसआई विजय शर्मा, प्रधान आरक्षक धनेश साहू, दिवाकर वर्मा, आरक्षक गोकुल जांगड़े, राजेश नारंग, अजय शर्मा, राकेश आनंद, रूपेश साहू, राजेश यादव, राकेश यादव, प्रदीप श्रीवास, सौरभ तिवारी, उमेश देवांगन, रूपा सिंह, साइबर सेल की टीम से निरीक्षक प्रदीप आर्या, एसआई मनोज नायक, आरक्षक राकेश बंजारे, विकास राम, सतीश भारद्वाज, मनीष सिंह, दीपक यादव, शकुन्तला साहू, ईश्वरी कश्यप नव आरक्षक अमन शर्मा शामिल थे। आरपीएफ के बिलासपुर पोस्ट प्रभारी उप निरीक्षक भास्कर सोनी, सोनम मिश्रा, एएसआई कमल सिंह, प्रधान आरक्षक जगदेव राम, आरक्षक आरके पॉल, केएस हंसराज व पांचवीं वाहिनी के आरक्षक प्रदीप का विशेष योगदान था।


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