बीजापुर

रजा यूनिटी फाउंडेशन व सुन्नी महिला वेलफेयर सोसायटी ने किए सेवा कार्य
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 5 सितंबर। नगर में पैग़म्बर हजऱत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के 1500 सौ साल के यौमे पैदाइश जश्ने ईद मिलादुन्नबी के मुबारक मौके पर मुस्लिम समुदाय की ओर से अकीदतमंदी और मोहब्बत का शानदार इज़हार किया गया। सुबह 9 बजे जामा मस्जिद से निकली जुलूस ए मोहम्मदी ने नगर के मुख्य मार्गों से होते हुए कलेक्टरेट चौक तक रुख किया। वहाँ से वापस राउतपारा चौक होते हुए जुलूस पुन: जामा मस्जिद में आकर समाप्त हुई।
इस जुलूस में बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग शामिल हुए। नात, सलाम और नारों की गूंज के साथ अकीदतमंदों ने पूरे रास्ते भर पैग़म्बर साहब की शान बयां की। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर चेहरा अकीदत से रोशन नजर आया।
मस्जिद में हुई परचमकुशाई, मुल्क की सलामती के लिए की दुआ
जुलूस के बाद मस्जिद परिसर में ख़ातिबो इमाम नवेद आलम साहब द्वारा परचमकुशाई की रस्म अदा की गई, जिसमें मुल्क की सलामती, अमन, चैन और तरक्की के लिए दुआ मांगी गई। इससे पहले सुबह फज्र की नमाज़ से पूर्व मुए मुबारक शरीफ की ग़ुस्ल की रस्म अदा की गई।
मुए मुबारक शरीफ की जिय़ारत दोपहर 3 बजे तक पुरुषों के लिए और फिर 3 से 5 बजे तक महिलाओं के लिए कराई गई।
सेवा कार्यों से पेश किया इंसानियत का पैगाम
रज़ा यूनिटी फाउंडेशन के 13 सदस्यों ने इस मुबारक मौके को खास बनाते हुए जिला अस्पताल पहुंचकर रक्तदान किया। वहीं सुन्नी महिला वेलफेयर सोसायटी की सदस्यों ने अस्पताल व टुमॉरो फाउंडेशन में जाकर मरीज़ों और ज़रूरतमंदों को फल वितरण कर इंसानियत का पैगाम दिया।
महिलाओं ने नौ दिन तक चलाया कार्यक्रम
ईद मिलादुन्नबी के मौके पर महिलाओं द्वारा 9 दिवसीय विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों और महिलाओं के लिए क्विज कॉम्पिटिशन सहित मजहबी तालीम तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। विजेताओं को इनाम से नवाजा गया। इस अवसर पर जामा मस्जिद को भव्य रूप से सजाया गया था, जो अकीदतमंदों के आकर्षण का केंद्र बना रहा।
इस पूरे कार्यक्रम में मुस्लिम समुदाय के नौजवानों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। यह पूरा आयोजन अंजुमन इस्लामी एडहॉक कमेटी के निगरानी में सम्पन्न हुआ।