बेमेतरा

वर्षों पुराने विवादों के समाधान के लिए पक्षकारों को किया जाए प्रेरित
13-Nov-2025 4:50 PM
वर्षों पुराने विवादों के समाधान के लिए पक्षकारों को किया जाए प्रेरित

 लोक अदालत के लिए बैठक

बेमेतरा, 13 नवंबर। नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन को लेकर जिला न्यायालय सभाकक्ष में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) की अध्यक्ष सरोज नंद दास ने की।

बैठक में कलेक्टर रणबीर शर्मा, पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू, मुय न्यायिक मजिस्ट्रेट मोहित सिंह, तथा डीएलएसए सचिव अनिता कोशिमा रावटे सहित प्रशासनिक और न्यायिक विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

उन्होंने कहा कि आगामी 13 दिसंबर को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने के लिए सभी विभागों को समन्वित प्रयास करने होंगे। उन्होंने विशेष रूप से राजस्व न्यायालयों में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों की अधिकतम पहचान कर उन्हें लोक अदालत में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने राजस्व अधिकारियों से आग्रह किया कि वे संबंधित पक्षकारों को प्रेरित करें, ताकि वर्षों पुराने विवादों का सौहार्दपूर्ण समाधान हो सके।

 

प्री-सीटिंग नोटिस और पुलिस की जिमेदारी

डीएलएसए अध्यक्ष ने पुलिस विभाग को निर्देशित किया कि न्यायालयों के लोक अदालत से पूर्व जारी किए जा रहे प्री-सीटिंग नोटिस की तामिली में विशेष सावधानी बरती जाए, ताकि पक्षकारों की उपस्थिति सुनिश्चित हो सके। बैठक के अंत में सभी अधिकारियों ने यह संकल्प लिया कि लोक अदालत में अधिकाधिक प्रकरणों का आपसी सुलह व समझौते के माध्यम से निपटारा कराया जाएगा।

लोक अदालत में विभिन्न प्रकार के मामलों के निपटारे के लिए विस्तृत सूची तैयार की गई है, जिसमें दाण्डिक प्रकरणों में राजीनामा योग्य आपराधिक मामले, एनआई एक्ट अंतर्गत चेक बाउंस प्रकरण, बैंक रिकवरी व ऋण संबंधी विवाद, मोटरयान अधिनियम व मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, पारिवारिक वाद एवं भरण-पोषण के मामले, सिविल प्रकृति के राजीनामा योग्य वाद, विद्युत, जलकर, संपत्ति कर और टेलीफोन बिल से संबंधित स्थानीय विवाद, निष्पादन एवं बीमा संबंधी प्रकरण शामिल है।

जन-जागरूकता अभियान होगा तेज

बैठक में आगामी लोक अदालत के प्रचार-प्रसार की रणनीति पर भी चर्चा की गई। दास ने कहा कि जिला मुयालय से लेकर ग्राम स्तर तक बैनर, पोस्टर, लेक्स और मीडिया माध्यमों के जरिए जन-जागरूकता फैलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि लोक अदालत का लाभ यह है कि यहां प्रकरणों का त्वरित, नि:शुल्क और अंतिम निराकरण होता है, जिसके विरुद्ध अपील की कोई आवश्यकता नहीं रहती।


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