बेमेतरा

कोरोना काल के कारण दो साल बाद बाजार में रौनक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 22 अक्टूबर। दिवाली सीजन में हो रहे बेहतर खरीदारी के चलते बाजार में रौनक बढ़ गई है। कारोना काल से उबरने के बाद से बाजार में ब्र्रिकी बढ़ी है। शहर में लोगों के जरुरत को देखते हुए दुकान लगाया गया है। त्यौहारी सीजन को देखते हुए कपड़ा़ बर्तन, ज्वेलरी, मनिहारी, घरों के रंग-पेंट, तोरण, फैंसी कैंडल के साथ ही पूजा के लिए मिट्टी के दिए, रुई, हार माला, लक्ष्मी गणेश की फोटो एवं मूर्तियों के साथ ही प्रसाद के लिए लाई, बताशा की दुकानें भी लगी है। लोग अपने जरुरत के हिसाब से सामान खरीद रहे हैं।
सदर रोड, शीतला मंदिर रोड, कवर्धा रोड, कोबिया, सिधौरी, गांधी चौक व नवीन बाजार ग्राहकों का आमद बढ़ चुका है।
बताना होगा कि इस बार शनिवार व रविवार को धनतेरस दो दिन होगा। एक दिन ग्रहण होने के कारण इस बार पांच दिन के बजाये 6 दिन के धनतेरस से भाईदूज मनाया जाएगा। दीपावली का त्यौहार पारंपरिक और हर्षोल्लास के साथ मनाने के लिए लोग कई दिनों पूर्व से तैयारी कर रहे हैं। जिसके चलते बाजार में रौनक बढ़ गई है जैसे-जैसे त्यौहार नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे दुकानों में भीड़भाड़ देखी जा रही है। सबसे ज्यादा भीड़ कपड़े, ज्वेलरी, जुते चप्पल व किराना की दुकान में देखी जा रही है। बाजार में न्याय योजना के तहत मिली राशि का असर दिख रहा है।
सायकल से लेकर मोबाइल की दुकानों कारोबार की उम्मीद
इस बार ग्रहण होने के कारण लोग दो दिन धनतेरस मान रहे हैं। जिससे पूर्व ही दुकाने सजने लगी है। सायकल, मोटर सायकल, बर्तन, ज्वेलरी, गिफ्ट, खिलौना की दुकानदारों ने बाजार में अच्छी बिक्री होने की उम्मीद जताया है। दोनों दिन की तैयारी कर दुकानदार तैयारी कर बैठे हैं। मोबाईल दुकानदार राजेन्द्र कुमार पारधी ने बताया कि इस बार बेहतर कामकाज होने की संभावना है।
माला दीया के ज्यादा दुकान नवीन बाजार में
माला, दीया, पूजा सामाग्री की 3 से 4 दुकानें गांधी चौक में लगी हुई है। वही नवीन बाजार में लगभग 40 दुकाने लगाई गई है। इन स्टालों में हार, तोरण द्वार, रंगोली से लेकर मिट्टी के दीए, रुई की बाती, लक्ष्मी गणेश व कुबेर के फोटो व मूर्तियां भी बिक रही है। साथ में प्रसाद के लिए लाई व बताशा भी इन दुकानों से ग्राहक खरीद रहे हैं। रंगेाली व हार माला दुकानदार सुभेस कुमार ने बताया कि सामानों के दर में थोड़ा बढ़ोतरी हुई है। उनके पास 10 रुपये से लेकर 250 रुपये तक का हार है। वही 100 रुपये से लेकर 500 रुपये तक तोरण द्वार बिक रहा है। साथ ही शुभ लाभ लिखा हुआ, कलश बना हुआ व विभिन्न प्रकार के स्टीकर भी ग्राहक खरीद रहे हैं। मूर्ति व लाई बताशा बेचने वाले मोहन कुमार ने बताया कि वह 10 रुपये से लेकर 50 रुपये तक पैकेट है। मिट्टी के दीये 20 रूपया में 13 से 18 नग तक बेच रहे है। ग्वालिन मूर्ति 30 रुपये से लेकर 80 रुपये में बिक रहा है।