बस्तर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 6 जून। बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी (शहर) के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निर्दोष आदिवासियों के खिलाफ दर्ज प्रकरणों की वापसी के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए.के.पटनायक की अध्यक्षता में 2019 में कमेटी का गठन किया था। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को भी आदिवासियों के खिलाफ दर्ज नक्सल मामलों की छानबीन कर निर्दोष आदिवासियों को राहत देने के निर्देश दिए गए थे। जिस पर कार्रवाई करते पटनायक कमेटी ने छत्तीसगढ़ के निर्दोष गरीब आदिवासियों को राहत पहुंचाने का जो कार्य किया, वह एक ठोस कदम है और भाजपा को चाहिए कि वह इसका अनुसरण करें। जबकि पूर्व की रमन सरकार की नाकामी और गलतियों की सजा छत्तीसगढ़ का गरीब निर्धन निर्दोष आदिवासी जेल की काल कोठरी में परिवार से अलग होकर जिंदगी से हार कर अपना दुखी जीवन व्यतीत कर रहा था। कांग्रेस की भूपेश सरकार ने उन्हें जीवनदान देते नई जिंदगी दी।
श्री शर्मा ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि कोर्ट के माध्यम से आदिवासियों के खिलाफ दर्ज प्रकरणों की वापसी के लिए जस्टिस पटनायक कमेटी के सामने प्रकरण विचार करने प्रस्तुत किए गए थे, जिनमें से समिति ने 627 प्रकरणों की वापसी की अनुशंसा की है। पटनायक समिति की अनुशंसा के आधार पर न्यायालय ने 594 प्रकरण वापस लिए जा चुके हैं, जिनमें 726 व्यक्तियों को लाभ मिला। वर्तमान में सिर्फ 33 प्रकरण न्यायालय से वापसी के लिए लंबित हैं। इसी तरह पुलिस विभाग ने 365 नक्सल प्रकरणों को न्यायालय में स्पीडी ट्रायल के लिए चिन्हित किया है, जिसमें से न्यायालय ने 124 प्रकरणों को दोष मुक्त करते हुए 218 आदिवासियों को लाभ पहुंचाया है, इसमें दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, कोंडागांव, कांकेर, सुकमा राजनांदगांव जिले के प्रकरणों में लोगों को दोषमुक्त किया गया है।
श्री शर्मा ने कहा कि जस्टिस पटनायक कमेटी की अनुशंसा और पुलिस विभाग की त्वरित कार्रवाई से निर्दोष आदिवासियों को राहत देने की बात की गई है. इससे पहले भी प्रदेश में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग चल रही थी, जिसके बाद छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार का यह फैसला सराहनीय और स्वागत योग्य है।