बस्तर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 24 मई। बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा के मुख्य संयोजक नवनीत चाँद व बस्तर सम्भागीय प्रवक्ता भरत कश्यप ने सयुक्त रूप से बीजापुर जिले के सिलेगर मामले में बयान जारी करते हुए कहा कि ,जब राज्य सरकार सूरजपुर जिले के कलेक्टर द्वारा लडक़े को थप्पड़ मारने पर कृत्य को गलत आचरण ठहरा, खुद को संवेदनशील बना तत्काल कलेक्टर के पद से हटा कार्यवाही कर सुर्खिया ंबटोर सकती है। तो बस्तर सम्भाग के बीजापुर जिले के सिलगेर में जिला प्रशासन द्वारा फोर्स के लिए स्थानीय ग्रामीणों के पट्टे की जमीन में खाते धारक व ग्राम सभा के बिना अनुमति के जबरन केम्प की स्थापना के विरुद्ध 22 ग्राम पंचायतों के शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन पर दमनकारी नीति के तहत गोली चलने से हुई 3 मौत की न्यायिक जांच के आदेश दे दोषियों पर कार्यवाही की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पा रही है।
सूरजपुर की घटना पर सरकार की त्वरित कार्यवाही पर सोशल मीडिया में मुख्यमंत्री की प्रशंसा करने वाले बस्तर के जनप्रतिनिधि व मुख्य विपक्ष के नेता बस्तर में हुई 3 मौत के मामले चुप क्यों है। बस्तर की जनता उनकी इस उदासीन रवैया का कारण जानना चाहती है। चुनाव के वक्त सरकार में बैठी पार्टी द्वारा बस्तर की इस ज्वलन्त समस्याओं के समाधन हेतु अपने घोषणा पत्र में कई सुझाव व वादे बता जनता का विश्वास मत लिया था तो आज वर्तमान परिस्थितियों पर जमीन में उन वादों का क्रियान्वयन क्यों नहीं हो पा रहा है। इस सवाल का जवाब न केवल सरकार परन्तु बस्तर के जनप्रतिनिधियों को बस्तर की जनता को देना होगा।
नवनीत चाँद ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि, बस्तर की इस जटिल समस्याओं का हल राष्ट्रीय व प्रदेशिक स्तर पर नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश की तर्ज पर स्थानीय स्तर पर संयुक्त प्रयास से मिलेगा। राज्य सरकार बस्तर के विभिन वर्गों के इस विषय पर मत ले विशेषज्ञ लोगों की एक टीम बना नक्सलियों व उसके समर्थको से बस्तर के परिदृश्य में यहाँ के लोगों के अधिकारों व विकास के रास्तों को खोलने हेतु वार्ता का प्रयास किया जाना चाहिए क्योंकि बस्तर में फोर्स व नक्सलियों के आपसी संघर्स में दोनों तरफ से बस्तर वासियों के मौलिक अधिकारों व विकास के अवसरों का हनन हो रहा है, जो एक अन्याय से कम नहीं है।
वर्तमान उत्पन्न परिस्थितियों में राज्य सरकार को जनता के विश्वास को जीतने की जरूरत है। गलत को गलत कहने व सही को सही कहने व करने की जरूरत है। जनता से सरकार है। इस धर्म को निभाते हुए ग्रामीणों से वार्ता कर उनकी उचित आपत्ति का निराकरण व गोली कांड की निष्पक्ष न्यायिक जांच करवा दोषियो पर कड़ी कार्रवाई कर एक संदेश देने की जरूत है। बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा राष्ट्रपति व राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दे कार्रवाई व पीडि़त पक्ष को मुआवजा देने व इस जटिल समस्याओं के वास्तविक हल हेतु सही दिशा में प्रयास करने हेतु निवेदन करेगा।