बस्तर
300 रासेयो के स्वयंसेवक और 16 कार्यक्रम अधिकारी हुए शामिल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 12 दिसंबर। एशिया का नियाग्रा कहे जाने वाले विश्व प्रसिद्ध चित्रकूट जलप्रपात पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है, परंतु इसी स्थल के आस-पास बढ़ती अस्वच्छता समाज के लिए चिंता और गहन सोच का विषय बन गई है। ‘स्वच्छ सोच’ और सेवा भावना के साथ बुधवार को शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय जगदलपुर ने चित्रकूट में एक विशाल मेगा स्वच्छता जागरूकता अभियान का आयोजन कर इस चुनौती का सामना किया। इस महत्वपूर्ण पहल में, विश्वविद्यालय, कॉलेज और विभिन्न विकासखंडों के स्कूलों से आए लगभग 300 राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेवकों और 16 कार्यक्रम अधिकारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। सुबह से ही इन स्वयंसेवकों ने पर्यटन स्थल की साफ-सफाई और स्वच्छता को विशेष प्राथमिकता दी। श्रमदान करते हुए पूरे स्थल से कचरा एकत्र किया और उसे काले रंग के बड़े बैगों में भरा। उनके अथक प्रयास से कुल लगभग 42 बैग कचरा इक_े किए गए।
यह अभियान केवल सफाई तक ही सीमित नहीं रहा। स्वयंसेवकों ने भविष्य में किसी भी प्रकार की अस्वच्छता न हो, इसके लिए प्रतिज्ञा भी ली। उन्होंने रैली निकालकर पर्यटकों और स्थानीय लोगों को जागरूक किया तथा प्लास्टिक कचरा मुक्त देश-प्रदेश का संदेश दिया। समस्त राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने पर्यटकों से अनुरोध किया कि वे विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल को प्लास्टिक कचरे से मुक्त बनाने में सहयोग करें।
इस स्वच्छता जागरूकता शिविर में लोहंडीगुड़ा के जनपद उपाध्यक्ष डॉ. बसंत कश्यप, सरपंच आंदोराम, परापुर, वरिष्ठ कार्यकर्ता अजय बघेल, और पारापुर के उपसरपंच त्रिलोचन सेठिया जैसे कई जनप्रतिनिधि आमंत्रित थे। उन्होंने अपने उद्बोधन में स्वच्छता को ‘सेवा’ से जोड़ा और ‘सेवा’ को ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ से अलंकृत किया।
इस कार्यक्रम की सफलता पर कुलसचिव डॉ. राजेश लालवानी ने कहा कि वही देश उन्नति करता है, जिसमें राष्ट्र सेवा की भावना होती है। वहीं कार्यक्रम की नींव की परिकल्पना करने वाली राष्ट्रीय सेवा योजना की जिला संगठक मौसमी विश्वास ने स्वयंसेवकों को स्वच्छता को निरन्तर एवं सतत् प्रक्रिया बनाए रखने का संदेश दिया।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. संजीवन कुमार ने स्वच्छता को भारत देश का एक अभिन्न प्रक्रिया बताया। स्वयंसेवकों में से मां गंगादई शासकीय महाविद्यालय की दिव्या देवांगन, शासकीय काकतीय पी. जी. महाविद्यालय जगदलपुर के भुवनेश्वर कश्यप, दंतेश्वरी महिला पीजी कॉलेज की पूजा नाग और शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के वैभव चौधरी ने अपने विचारों और अनुभवों को गीत गाकर साझा किया, जिससे पूरे अभियान में उत्साह और भावनात्मक जुड़ाव बना रहा।


