बलरामपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुसमी, 10 दिसम्बर। नगर पंचायत कुसमी में ग्राम पंचायत कंजिया को शामिल किए जाने के योजना की जानकारी फैलते ही विरोध में एक सुर में आवाज उठने लगा हैं। ग्रामवासी नगर पंचायत में शामिल किए जाने की जानकारी मिलते ही नाराज नजर आ रहे हैं।
इस मामले को लेकर ग्राम पंचायत कंजिया के ग्रामीणों ने शुक्रवार को सरपंच सीता देवी सहित सभी वार्डों के पंच व ग्रामीणों की उपस्थिति में ग्राम सभा का बैठक आयोजित कर कार्रवाई पंजी में अपनी राय दर्ज करा दी हैं कि ग्राम पंचायत कंजिया ग्राम पंचायत ही रहेगा नगर पंचायत में सम्मिलित नहीं होना चाहते हैं, जो सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया है।
ग्रामीण बोले- नगर पंचायत में गांव को शामिल होने के बाद अधिक लगेगा टैक्स, किसानों को भी होगा नुकसान।
ग्रामीणों ने कहा कि छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम के तहत किए जाने वाले सभी सामान्य कार्य ग्राम पंचायत द्वारा किया जाता है, जिससे ग्राम पंचायत के निवासियों को लाभ होता है। यदि ग्राम पंचायत कंजिया को नगर पंचायत कुसमी में शामिल किया जाएगा, तो सभी किसानों को भी अपूरणीय क्षति होगी। इसके अलावा नगर पंचायत में शामिल होने से ग्राम कंजिया पंचायत वासियों को हर तरह का अधिक आर्थिक भार उठाना पड़ेगा, जिससे सभी किसानों सहित सभी को काफी नुकसान होगी।
कंजिया के ग्रामीणों द्वारा कुसमी नगर पंचायत में शामिल करने को लेकर विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों ने मीडिया के माध्यम से ग्राम पंचायत कंजिया को कुसमी नगर पंचायत के अंदर रखने का प्रस्ताव को रद्द करने की मांग राज्य सरकार से समक्ष रखी हैं, अगर मांगें नहीं मानी गई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
उच्च न्यायालय जाने को होंगे बाध्य..
ग्राम पंचायत कंजिया के बुद्धिजीवियों ने कहा कि भारत के अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए पारंपरिक ग्राम सभाओं के माध्यम से स्वशासन सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा अधिनियम पेसा एक्ट कानून हैं, तथा पांचवी अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को विशेष रूप से अधिकार दिया गया हैं।
ग्राम पंचायत कंजिया में ग्राम सभा लगातार कर यदि कंजिया को ग्राम पंचायत में ही रहने दिए जाने पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास हुआ है, उसके बाद भी ग्राम पंचायत कंजिया को नगर पंचायत में शामिल करने की तैयारी की जाएगी तो मजबूरन ग्राम पंचायत कंजिया के निवासी उच्च न्यायालय जाने को बाध्य होंगे।


