बलरामपुर

रिजर्व फारेस्ट में सैकड़ों पेड़ों की कटाई कर बन रहा तालाब, मजदूरों की जगह जेसीबी से काम
28-Feb-2022 8:23 PM
रिजर्व फारेस्ट में सैकड़ों पेड़ों की कटाई कर बन रहा तालाब, मजदूरों की जगह जेसीबी से काम

दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो होगा उग्र आंदोलन-धीरज

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलरामपुर,28 फरवरी।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिला के सेमरसोत अभ्यारण में जंगली जानवरों के लिए बनाए जा रहे तालाब में बिना अनुमति के रिजर्व फारेस्ट के सैकड़ों पेड़ों की कटाई विभाग के लोगों ने करवा दी। यही नहीं तालाब का निर्माण जेसीबी मशीन से कराया जा रहा है, जिससे ग्रामवासियों में आक्रोश है।

राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि धीरज सिंह देव ने आरोप लगाते हुए बताया कि सैकड़ों पेड़ों को जेसीबी के माध्यम से गिरा कर अंधाधुन कटाई करना रिजर्व फॉरेस्ट के नियमों को ताक में रखकर अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं, यदि दोषियों पर विभाग कार्रवाई नहीं करता है, तो हम पूरे क्षेत्र की जनता उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

धीरज ने बताया कि वन विभाग द्वारा तालाब निर्माण कार्य में सैकड़ों पेड़ वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों ने जेसीबी मशीन से धराशाई कर गिरा रहे हैं, इसका जिम्मेदार कौन है? कैंपा मद से 20 लाख की लागत से बन रहे तालाब में सारा काम जेसीबी मशीन व ट्रैक्टर से कराया जा रहा है। मुश्किल से 8 से 10 मजदूर ही इस कार्य में मजदूरी कर पा रहे हैं, बाकी सब काम मशीन के द्वारा चल रहा है। इस काम में सैकड़ों पेड़ जो इमारती व वर्षों से खड़े हैं जिसे जेसीबी मशीन के द्वारा धराशाई कर गिरा कर नष्ट कर दिया जा रहा है।

धीरज एवं वहां के ग्रामीणों का आरोप है कि वनपाल के द्वारा सारा निर्माण कार्य कराया जा रहा है तथा पेड़ों को गिरा कर नष्ट कर दिया जा रहा है। यदि हम ग्रामवासी एक भी पेड़ काट दे तो जेल जुर्माना तक कर दिया जाता है, लेकिन सैकड़ों पेड़ धराशाई कर नष्ट करने वाले अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं होती।

ग्रामीणों ने बताया कि तालाब खुदाई का कार्य जंगली जानवरों के लिए आवश्यक है, लेकिन यदि हम लोगों को रोजगार मिल जाता तो उससे भी अपना जीवन यापन करते, लेकिन सारा काम जेसीबी व ट्रैक्टरों से कराया जा रहा है। इस निर्माण कार्य में भारी अनियमितता भी की जा रही है।


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