बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 14 नवंबर। पीडि़ता के नाबालिग होने की जानकारी होने के बावजूद उसे शादी करने की बात कहकर झांसा देते हुए रेप करने मामले में न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने 20 साल की सजा सुनाई है।
अभियुक्त राम सिंह (19 वर्ष) साकिन बरदा चौकी लावन पर भादवि की धारा 363, 366, 376 एवं धारा चार लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का आरोप सिद्ध कर न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीएससी पीठासीन कार्तिक लगड़ा के द्वारा अलग-अलग धाराओं के तहत सजा एवं अर्थदंड से दंडित किया गया है मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजन सीमा रानी करीम द्वारा पैरवी की गई है।
मामले में कसडोल पुलिस थाना द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत अभियोग पत्र के अनुसार 19 फरवरी 2020 को पीडि़ता के पिता द्वारा पुलिस चौकी लवन में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया था कि उसकी 13 वर्षीय नाबालिग पुत्री रात्रि में 1.00 बजे बिना बताए कहीं चली गई है। इस संबंध पर पुलिस द्वारा धारा 363 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले की विवेचना करते हुए नाबालिग पीडि़ता को अभियुक्त राम सिंह के कब्जे से ग्राम बरदा में बरामद किया गया।
पीडि़ता द्वारा पुलिस को दिए गए बयान मेंं अभियुक्त के द्वारा शादी का प्रलोभन देकर अपने घर बरदा शारीरिक संबंध बनाने की जानकारी दी गई।
विवेचना में अभियुक्त के खिलाफ धारा 363, 366, 376 एवं धारा 4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध सबूत पाए जाने पर न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था जहां न्यायालय द्वारा विचारण के दौरान गवाहों के बयान व प्रस्तुत साक्ष्य पर गौर करने के उपरांत अपराध सिद्ध पाया गया अभियुक्त को धारा 363 के अपराध के लिए 3 वर्ष श्रम कारावास व 500 अर्थदंड धारा 366 के अपहरण के लिए 3 वर्ष सश्रम कारावास व 500 अर्थदंड तथा धारा 376 एवं धारा 4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के अपहरण के लिए 20 वर्ष का संरक्षण कारावास 1000 के अर्थदंड से दंडित किया गया।