बलौदा बाजार

कोरोना से मौत के बाद आश्रित मुआवजा लेने लगा रहे दफ्तरों के चक्कर
05-Oct-2021 5:57 PM
कोरोना से मौत के बाद आश्रित मुआवजा लेने लगा रहे दफ्तरों के चक्कर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 5 अक्टूबर।
सरकारी आंकड़े के अनुसार जिले में कोरोना से अब तक 518 लोगों की मौत हुई है मगर कोरोना और भी अत्यधिक हुई है यह हकीकत अब सामने आ रही है जब शासन द्वारा कोरोना पर प्रत्येक मृतक परिवार को 50,000 मुआवजा देने का ऐलान हुआ इसके बाद कई मृतक परिवारों के ऐसे आवेदन आ रहे हैं जिनका नाम कोरोना से हुई मौतों वाली सरकारी सूची में दर्ज नहीं है। इस महामारी में अपनों को खो चुके आश्रितों को मुआवजे का मरहम मिलता, इससे पहले ही सरकारी विसंगतियों ने रही सही उम्मीदवारों पर भी पानी फेर दिया।

बलौदा बाजार जिले में कोरोना से मरने वालों की संख्या 518 बताई जा रही है इससे इसके अनुसार कोविड के मामले में जिला प्रदेश में नौवें नंबर पर है रायपुर से सर्वाधिक 3139 दुर्ग में 1797 बिलासपुर में 1207 जांजगीर 1061 कोरबा रायगढ़ धमतरी राजनांदगांव के बाद नौवें स्थान पर है 518 मौतों के प्रकरण में 50000 की दर से मुआवजा देने पर जिले में दो करोड़ 59 लाख का मुआवजा दिया जाएगा सिर्फ बलोदा बाजार तहसील कार्यालय में मुआवजे के लिए 32 आवेदनों में 8 परिवार के आवेदन ऐसे हैं जिनमें दर्ज मृतकों के नाम कोरोना से मरने वालो की सूची में है ही नहीं जबकि तहसील ऑफिसों में इसके जमा सारे दस्तावेजों से यह साफ है कि इसके परिवार के सदस्यों की मौत कोरोना से ही हुई है।

कोरोना होने पर आश्रितों को 50,000 के मुआवजे के लिए पीडि़तों से भटकना पढ़ रहा है चार बेटियों की मां लता नवरंगे 7 महीने की दूध मूवी बच्ची को लिए बलोदा बाजार तहसील कार्यालय के उस कमरे के बाहर बैठी थी जहां आवेदन लिए जा रहे थे उसने बताया कि पति जागेश्वर नवरंगे की मौत 20 अप्रैल को हो गई थी सारे दस्तावेजों सहित तहसील ऑफिस पहुंची तो उसे यह कहकर उल्टे पांव लौटा दिया गया कि यहां किसी प्रकार के दस्तावेज जमा नहीं किए जाते इसके लिए जिला मुख्यालय जाओ जब वह जिला मुख्यालय के तहसील ऑफिस पहुंची तो उसे यह का गया कि यह सिम का तहसील का मामला है इसलिए सिमगा तहसील कार्यालय जाओ वही सिमगा के तहसीलदार बलराम तंबोली ने बताया कि मैं अभी सिंगर तहसील ऑफिस में जॉइनिंग नहीं दी है अगर आवेदनों के सारे दस्तावेज हैं तो आवेदन क्यों नहीं लिया जा रहा है इसकी जानकारी ले रहा हूं

बच्चों को नहीं मिला महतारी दुलार योजना का लाभ 
मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना नहीं लिखा होने की वजह से लोगों को योजनाओं का लाभ लेने में काफी दिक्कत आ रही है नगरपालिका में प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जा रहे लोग इसे लेकर कर्मचारियों से पूछताछ कर रहे हैं अधिकारियों का कहना है कि मृत्यु प्रमाण पत्र पर मृत्यु के कारण का कोई कॉलम ही नहीं है तो फिर कोरोना से मौत कैसे लिख दें। रवान निवासी शैलेंद्री वर्मा के पति रोहित वर्मा की मौत कोरोना यू रिपोर्ट आने के 2 दिन बाद 23 अप्रैल को हो गई मगर सरकारी सूची में नाम ना होने के कारण मातारी दुलार योजना के तहत स्कूल में भर्ती उसके बच्चे को कोई लाभ नहीं मिला चैन सिंह के भाई सुरेश यादव ने बताया कि उसके भाई की मौत कोविड-19 ने के बाद भी डेथ सर्टिफिकेट नहीं मिल रहा है साथ ही चैन सिंह के बेटे भावेश यादव और उसकी बेटी राधिका को महतारी दुलार योजना के तहत भी स्कूल में भर्ती नहीं किया गया है।
बलौदा बाजार के राजकुमार सेन ने बताया कि उसके पिता दर्शन सेन का निधन 7 मई को पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद 8 मई को हुआ था स्थानीय प्रशासन ने उसका अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकोल के अनुसार नहीं किया मगर सारे दस्तावेज मौजूद होने के बावजूद सरकारी सूची में नाम ही नहीं है।

कोविड से मौत का सर्टिफिकेट जरूरी 
सीएमएचओ डॉ खेमराज सोनवानी ने बताया कि कलेक्टर की अगुवाई में 5 सदस्यों की टीम बनाई गई जो पात्र अपात्र का चयन करेगी कोविड से मैत का सर्टिफिकेट सबसे आवश्यक होगा यह दस्तावेजों का भी परीक्षण कमेटी के सदस्य करेंगे हर बिंदु पर चर्चा होगी अगर किसी को इस संबंध में कोई समस्या हो तो हमारे हेल्पलाइन नंबर 88174 00390 पर सुबह 11:00 से शाम 5:00 बजे तक जानकारी ले सकते हैं।
 


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