बलौदा बाजार

विश्व हृदय दिवस पर जिले में हुए विविध कार्यक्रम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 30 सितंबर। विश्व हृदय दिवस के मौके पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में विविध जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस मौके पर शासकीय महाविद्यालय लवन और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बन सांकरा के विद्यार्थियों में पोस्टर प्रतियोगिता के माध्यम से जागरूकता का प्रचार- प्रसार किया गया। लवन में विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया। साथ ही इसके अतिरिक्त जिला अस्पताल में जांच और परीक्षण शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें मेडिसिन विशेषज्ञ डॉक्टर सुरेश कुमार खुटे ने मरीजों की जांच कर मरीजों को हृदय सुरक्षा संबंधित सलाह दी गयी।
जिला कार्यालय को प्राप्त जानकारी के अनुसार आज कुल 508 की ओपीडी में से 136 लोगों का शुगर,रक्तचाप और हृदय परीक्षण किया गया। जिसमें से 25 की शुगर ,28 की उक्त रक्तचाप और 3 को शुगर एवं रक्तचाप के सकारात्मक लक्षण मिले सभी मरीजों को स्वास्थ्य लाभ हेतु दवाइयां दी गयी है। इसके साथ ही 36 व्यक्तियों की इकोकार्डियोग्राफी की गई जिसमें से 4 को हृदय संबंधित रोग पाया है।
जिला अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण हेतु पहुँचे ग्राम मोहतरा की 80 वर्षीय रामबति साहू ने कहा कि उनको काफी समय से थकान और कमज़ोरी लग रही थी जिस कारण वह डॉक्टर के पास जांच के लिए आयी है। रामबति के परिजनों ने बताया कि अस्पताल में शुगर बीपी और इकोकार्डियोग्राफी की गई है तथा सभी रिपोर्ट सामान्य आयी है। साथ ही हमें अस्पताल में किसी भी प्रकार की तकलीफ नही हुई सभी जांच समय अनुसार आसानी से की गयी।
इसी तरह विश्व हृदय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में जिला मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.खेमराज सोनवानी ने कहा वर्तमान में युवा पीढ़ी में ह्रदय रोग चिंता का विषय बनता जा रहा है पहले जहां 40 साल या इससे अधिक के लोगों में यह समस्या अधिकतर दिखाई पड़ती थी। अब 25 से 30 साल के नौजवान वर्ग में भी यह पाई जा रही है।
अत: आवश्यक है कि व्यक्ति जागरूक रहें और किसी प्रकार की सेहत संबंधी समस्या उत्पन्न होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें समय पर जांच और उपचार लेकर जीवन को बचाया जा सकता है। उन्होंने आगें कहा की स्वस्थ दिनचर्या अपना कर हृदय रोग से बचा जा सकता है। जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ.राकेश कुमार प्रेमी ने बताया कि छाती में दर्द सीने में जकडऩ सासों कि कमी गर्दन जबड़े गले पेट पर या बाजू में दर्द दिल की अनियमित धडक़न पैरों या भुजाओं में सुन्नपन चक्कर आना या बेहोशी अथवा थकान यह हृदय रोग के कुछ प्रमुख लक्षण है।
हृदय रोग मुख्य रूप से अस्वस्थ आहार,व्यायाम ना करना, अधिक वजन होना,धूम्रपान ,शुगर, रक्तचाप,शराब या कैफीन का उपयोग या कभी-कभी जन्मजात भी हो सकता है। स्त्री एवं पुरुष दोनों को यह समान रूप से प्रभावित करता है।
यदि किसी के परिवार में हृदय रोग का इतिहास है तो उसे सावधानी बरतनी चाहिए। जिला एनसीडी सलाहकार डॉ. सुजाता पांडे ने बताया कि अपनी दिनचर्या में सुधार कर ह्रदय रोग से बचा जा सकता है। इसमें संतुलित आहार लेना,तनाव मुक्त रहना, व्यायाम या ध्यान करना, धूम्रपान न करना, नमक और वसा का कम उपयोग करना,वजन को नियंत्रित करना जैसी बातों पर अमल करके रोग से बचा जा सकता है।
जिला अस्पताल के हृदय रोग शिविर में नोडल अधिकारी राकेश कुमार प्रेमी एवं जिला सलाहकार डॉ.सुजाता पांडेय के अतिरिक्त स्टाफ नर्स मोनिका यादव, निर्मला टंडन भारती यादव, कॉउंसलर राजकुमार पटेल एवं सायकेट्रिक सोशल वर्कर रोशनलाल उपस्थित रहे।