बलौदा बाजार

महंगाई की मार से मूर्तिकार बेहाल, मूर्तियां भी हुईं महंगी
09-Sep-2021 5:41 PM
महंगाई की मार से मूर्तिकार बेहाल, मूर्तियां भी हुईं महंगी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 9 सितंबर।
पहले से ही महंगाई की मार के साथ ही साथ कोरोना गाइडलाइन की पाबंदियों को झेल रहे मूर्तिकारों के लिए इस वर्ष रंग, श्रृंगार सामग्री, मिट्टी तथा लेबर चार्ज और महंगा होने से मूर्तियां बनाना महंगा हो गया है। प्रतिमाओं को रचने वाली सामग्रियों के दाम बढऩे से लोगों को इस वर्ष गणपति, दुर्गा, विश्वकर्मा आदि देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित करना खासा महंगा पडऩे की आशंका है। प्रतिमाओं के दाम बढऩे से समिति प्रबंधकों से लेकर घरों में विघ्नहर्ता को बैठाने का बजट भी प्रभावित हो सकता है।

विदित हो कि लगभग पांच-सात वर्ष पूर्व तक अंचल में कुम्हार परिवारों तथा कुछ स्थानीय मूर्तिकारों द्वारा ही गणपति, दुर्गा, विश्वकर्मा आदि की प्रतिमाओं का निर्माण किया जाता था, परंतु बीते वर्षों में बंगाल के मूर्तिकारों के नगर आने से लोकल मूर्तिकारों का काम धीरे-धीरे बंद हो गया है। पिछले वर्षों से बाजार में बंगाल के मूर्तिकारों का ही पूरा कब्जा है, परंतु बीते दो सालों से कोरोना संक्रमण को झेल रहे मूर्तिकारों के कारोबार को कोरोना ने पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। इस वर्ष प्रतिमाओं के निर्माण सामग्रियों के दाम बढऩेे से बंगाल के मूर्तिकारों के लिए भी प्रतिमा बनाना बेहद महंगा हो गया है। पिछले वर्ष की तुलना में रंग, श्रृंगार सामग्री, मिट्टी से लेकर सभी वस्तुओं के दाम डेढ़ से दो गुने तक बढ़ गए हैं, जिस पर सबसे बड़ा संकट प्रतिमा के आकार का है। अधिक बड़ी प्रतिमा में मारजिन यानी फायदा अधिक होता है परंतु कोरोना गाइडलाइन के अनुसार बड़ी प्रतिमा नहीं बैठाई जा सकती है, जिससे मूर्तीकारों के लिए नुकसान है। 

मूर्तिकारों ने बताया कि यदि निर्माण सामग्री के दाम इसी प्रकार रहे तो कोलकाता से यहां आकर प्रतिमा बनाने का काम करना उनके लिए संभव नहीं रह जाएगा।

प्रतिमाओं के दामों ने बजट बिगाड़ा 
ग्रामीण इलाकों के स्थानीय मूर्तिकारों के द्वारा बनाई जा रही प्रतिमाओं के दाम तो इस वर्ष भी लगभग सामान्य है, परंतु रायपुर से लाकर फैंसी कलर वाली प्रतिमाओं के दामों ने ग्राहकों के होश उड़ा दिए हैं। दस इंच से बारह इंच तक के गणपति की प्रतिमा के दाम 12 सौ रुपए तथा बारह इंच से अठारह इंच तक की प्रतिमाओं के दाम 17 सौ रुपए से 21 सौ रुपए तक हो गए हैं, जिससे आमजन हैरत में है। रायपुर से लाई गई प्रतिमाओं के दाम सुनकर कई लोग ग्रामीण इलाकों के स्थानीय कुम्हारों से बप्पा की प्रतिमा ले रहे हैं।

सभी वस्तुओं के दाम बढ़ गए 
विगत आठ-दस वर्षों से बलौदा बाजार आ रहे बंगाल के मूर्तिकार पाल ने बताया कि गत वर्षों की तुलना में इस वर्ष प्रतिमा निर्माण की सारी चीजों के दाम बढ़ गए हैं। मिट्टी 250 रुपए प्रति बोरी से बढक़र 3-5 सौ रुपए प्रति बोरी, कलर पीला, नीला, काला, सफेद 3 सौ रुपए से बढक़र 4 से 5 सौ रुपए प्रति किग्रा, कलर हरा, गोल्डन, लाल, गुलाबी, सिल्वर 350 रुपए प्रति किग्रा से बढक़र 475 रुपए प्रति किग्रा तथा लेबर चार्ज 2 सौ रुपए प्रतिदिन से बढक़र 3 सौ रुपए प्रतिदिन हो गया है। मूर्तिकारों ने बताया कि प्रतिमा निर्माण में जिस रफ्तार से सामग्री के दाम बढ़ रहे हैं उसकी भरपाई छोटी बड़ी प्रतिमा के हिसाब से हो जाती है, परंतु कोरोना की वजह से चार फीट से अधिक बड़ी प्रतिमा नहीं बनाई जा सकती है।
 


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