बलौदा बाजार

हटौद खोलिया बांधा तालाब पहुंचा हाथी दल
05-Sep-2021 8:15 PM
हटौद खोलिया बांधा तालाब पहुंचा हाथी दल

वन विभाग का रेस्क्यू दल पहुंचा, ग्रामीणों को किया सतर्क 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 5 सितंबर।
हाथियों का दल जिसे सिद्ध खोल जलप्रपात पर्यटन स्थल पर पिछले रविवार 29 अगस्त को देखा गया था, जिसे दूसरे दिन 30 अगस्त को वन विभाग की रेस्क्यू टीम रात तक अभ्यारण्य कोठारी के घने जंगल की ओर भेजने में सफल हुई थी। 

अब एक और हाथी के साथ 5 हाथियों का दल 2 दिनों से ग्राम हटौद खोलिया बांधा तालाब के पास के जंगल में पहुंच गया है, जिससे हटौद सहित आसपास के ग्रामों में दहशत का माहौल बना हुआ है। वन विभाग द्वारा लोगों को सतर्क कर दिया गया है तथा हाथियों पर विभाग की रेस्क्यू टीम निगरानी रखी हुई है ।

प्राप्त अधिकृत जानकारी के अनुसार कसडोल नगर से सटा महज 5 किलो मीटर दूरी पर स्थित सिंचाई विभाग खोलिया बांधा के आसपास जंगल में 5 हाथियों के झुंड को देखा गया है। चरवाहों का कहना है कि 3 सितंबर को  उक्त जंगल में मवेशियों को चराने ले गए थे कि शाम 3से 4 बजे के समय अचानक हाथियों को देखा गया। चरवाहों ने आज बताया कि पुन: मवेशियों को चराने सुबह गए थे तब भी हाथियों का दल मौजूद था। जिससे मवेशियों को वापस गांव हटौद के समीप ले आये थे ।

हाथियों के हटौद खोलिया बांधा के समीप जंगल में होने के संबंध में पूछने पर परिक्षेत्र अधिकारी सोनाखान गोविंद सिंह राजपूत ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि 3 सितम्बर को ही खबर मिल चुकी है। जिसके लिए वन विभाग कर्मचारियों की टीम को रेस्क्यू के लिए लगा दिया है। रेंजर राजपूत नें बताया कि अभी भी 4 सितम्बर को उसी जंगल में है। जिस पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। हाथियों को जंगल की ओर भगाने का प्रयास जारी है। साथ ही बताया गया है कि प्रभावित नजदीक के गांव हटौद के अलावा खरहा, बम्हनी, बहेराभांठा कोड़ादामा भरका फुरफन्दी आदि ग्रामों को सतर्क कर दिया गया है।

हाथियों का दल जिसमें 17 हाथी शामिल बताया गया है। कसडोल क्षेत्र के अभ्यारण्य कोठारी के जंगल को विगत 3-4 वर्षों से अपना स्थाई निवास बना लिया है। बलौदाबाजार वन मण्डल का उपवनमण्डल क्षेत्र कसडोल कोठारी के जंगल से सटा अभ्यारण्य बार नवापारा लवन परिक्षेत्र देवपुर सोनाखान अर्जुनी बिलाईगढ़ परिक्षेत्र के अलावा वन विकास निगम परिक्षेत्र रवान सभी आपस में जुड़े हुए हैं।  जिससे होकर हाथी सिरपुर, महासमुंद, पिथौरा, गरियाबंद के जंगलों में पहुंच जाते हंै। 

हाथी अब टुकड़ों में बटकर विचरण करने लगे हैं। जिससे कसडोल ब्लॉक के ही 100 से अधिक ग्रामों के अलावा उक्त क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों में दस्तक का भय बना रहता है। लोग जंगलों में जाना छोड़ दिया है। ऐसी विषम परिस्थिति में राज्य शासन को स्थाई एलिफेंट कॉरिडोर बनाने की जरूरत है। ताकि लोगों को स्थाई समाधान मिल सके।
 


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