बलौदा बाजार

सीमेंट संयंत्र के मातृ गांवों की सडक़ें जर्जर
04-Sep-2021 6:20 PM
सीमेंट संयंत्र के मातृ गांवों की सडक़ें जर्जर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 4 सितंबर।
बलौदाबाजार सुहेला सीमेंट संयंत्र के मातृ ग्राम की सडक़ें जर्जर हो गई हैं। ग्रामीणों ने कहा कि संयंत्र प्रबंधन अपनी सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन नहीं कर सडक़ों के निर्माण व रखरखाव को अनदेखा कर रहा है।

बलौदाबाजार जिले की तहसील सुहेला के हिरमी, रावन, खपराडीह में विश्व स्तर का सीमेंट उत्पादन करनी वाली तीन सीमेंट संयंत्र स्थापित हैं। 1990 में जमीन खरीदी के साथ एलएंडटी हिरमी, ग्रासीम सीमेंट संयंत्र रावन की स्थापना के साथ ही 1994 में सीमेंट का उत्पादन और विक्रय कार्य प्रारंभ हुआ। 

विगत 25 से 26 वर्षों से क्षेत्र की चूना पत्थर खदान परसवानी, बरडीह, हिरमी व अन्य का दोहन तेजी से किया जाने लगा। वर्तमान में हिरमी सीमेंट संयंत्र अल्ट्राटेक सीमेंट के नाम से अपनी पहचान बना चुका है। उसके मातृ ग्राम हिरमी, कुथरौद, सकलोर, मोहरा व अन्य ग्रामों की सडक़ों का उपयोग कर रहा है किन्तु उनके निर्माण और रखरखाव की ओर ध्यान नहीं दे रहा है। सुहेला से हिरमी पहुंचने के लिए ग्राम कुथरौद जो हिरमी का प्रवेश द्वारा कहलाता है, मोड़ पर ही अनेक गड्ढे हैं। संयंत्र पहुंचते तक लगभग ढाई किलोमीटर रेलवे गेट हिरमी तक जर्जर हो चुका है। वहीं संयंत्र की कालोनी से संयंत्र की चारदीवारी के बाजू से ग्रामीण विकास कार्यालय तक पूरी तरह जर्जर है। वहीं मोहरा से लेकर हिरमी तक लगभग 6 किलोमीटर का मार्ग पूरी तरह से गड्ढों से अटा पड़ा है। 

यहां पर संयंत्र के आसपास गड्ढों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। सुहेला से कुथरौद तक 10 किलोमीटर का मार्ग पीडब्लूडी के अंतर्गत आता है। वहीं हिरमी से मोहरा तक लगभग 7-8 किलोमीटर इसी तरह हिरमी से सकलोर होते हुए पडक़ीडीह तक का मार्ग पीडब्लूडी के अंतर्गत आता है। मूल रूप से कुथरौद से हिरमी बाह्य मार्ग वहीं संयंत्र के रेलवे गेट से ग्रामीण विकास होते हुए मोहरा रोड में प्रवेश द्वार पर का मार्ग संयंत्र के अधिकार क्षेत्र में आता है।

पीडब्लूडी विभाग से सडक़ निर्माण के संदर्भ में चर्चा चल रही है। जल्द समाधान निकाला जाएगा।

-जितेंद्र तंवर, अधिकारी अल्ट्राटेक सीमेंट संयंत्र
 


अन्य पोस्ट