बलौदा बाजार

पीसीद में खेल मैदान में संचालित गौठान
03-Sep-2021 8:36 PM
पीसीद में खेल मैदान में संचालित गौठान

गौसेवा आयोग अध्यक्ष से मिले अध्यक्षों का प्रतिनिधिमंडल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कसडोल, 3 सितंबर। छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार की महती योजना रोका-छेका कार्यक्रम पंचायतों की अव्यवस्था और निष्क्रियता से खटाई में पड़ता जा रहा है। लाखों खर्च के बावजूद समस्याएं बनी हुई है। कहीं पैरा नहीं, तो कहीं पानी की व्यवस्था नहीं, कहीं शेड का अभाव तो कहीं गौठान में सुरक्षित घेरा का अभाव है जिसके कारण मवेशियों को रख पाना मुश्किल है।

इस संबंध में विगत दिनों शिवरीनारायण मठ में गौठानों के अध्यक्षों का प्रतिनिधि मंडल गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत रामसुंदर दस से भेंटकर समस्याओं से अवगत कराया। इसमें पूरनलाल शर्मा के नेतृत्व में कसडोल विकासखण्ड के शामिल गौठान अध्यक्षों में पीसीद दिनेश देवांगन, देवरी कला कोदुराम जांगड़े, छांछी खीखराम वर्मा, छरछेद साहेब लाल साहू आदि थे, जिन्होंने अपनी अपनी समस्याएं रखी।  ऐसे ही एक गौठान ग्राम पीसीद का है, जहां घेरा के अभाव में एक भी मवेशी नजर नहीं आया। जायजा लेने पर पता चला कि खेल मैदान में मवेशियों को रखा जा रहा है।

गौठान पीसीद  5 एकड़ क्षेत्र में स्थित है, जहां रख रखाव के अभाव में गंदगी एवम अस्त-व्यस्त हालात में देखा गया है। पैरा बारिश के दिनों में भी बगैर ढके खुला पड़ा है। शेड की स्थिति भी ठीक नहीं है। आसपास के लोगों से पूछने पर बताया कि गौठान समिति का अध्यक्ष गांव के उपसरपंच ही बता सकेंगे। दिनेश देवांगन ने भेंट में बताया कि तार घेरा अथवा पक्का दीवार नहीं होने के कारण मवेशियों को खेल मैदान में रखा जा रहा है। पूछने पर जब गौठान बना है, तो अब तक घेरा क्यों नहीं गया? के जवाब में बताया कि इस संबंध में ग्राम पंचायत के सरपंच आसमती कंवर तथा सचिव जितेंद्र कुमार जायसवाल को ग्रामवासियों पंचों तथा मेरे द्वारा कई बार कहा गया है। किंतु हां के सिवाय कुछ भी नहीं किया गया है। जिसके कारण खेल मैदान में मवेशियों को रखना पड़ रहा है। गौठान घेरा के संदर्भ में अध्यक्ष दिनेश देवांगन ने बताया कि जनपद पंचायत सीईओ प्रवीण भारती को भेंटकर समाधान की अपेक्षा की है, जिसमें सरपंच सचिव को कहकर जल्द निर्माण करने की बात कही है।

बताया गया कि विगत दिनों गौसेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महंत डॉ. रामसुंदर दास जी गौठान पहुंचे थे। जिन्होंने सरपंच सचिव को जल्द बारिश के पूर्व घेरा करने का निर्देश किया गया था। जिसे भी अनसुनी कर दिया गया और समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। गौठान अध्यक्ष ने बताया कि समिति के सदस्यों रामशंकर पटेल, अशोक पटेल, रामफल कैवर्त सरोजनी कैवर्त, मंजू सेन, गंगाराम साहू आदि की गौसेवा संकल्प भावना एवं दिलचस्पी को देख राजेश्री महंत ने विशेष आशीर्वाद दिया है। समिति गौठान विकास हेतु संकल्पित है किंतु अव्यवस्था ने योजना को फेल कर दिया है।

गौष्ठान तब्दील से अनेकों समस्याएं

गौठान समिति के अध्यक्ष सहित सभी सदस्यों ने बताया कि खेल मैदान में मवेशी के लिए पैरा लेजाना पड़ता है, जो संख्या के हिसाब से कम पड़ता है। गोबर को गौठान सिर पर ढोना पड़ता है तभी खाद बन पाती है, जो फिलहाल समस्या के मद्देनजर बंद पड़ा हुआ है। समिति का कहना है कि गौठान में ही मवेशी नहीं रख पाने से किसानों की फसल सुरक्षा में भी दिक्कत आना स्वाभाविक है। जिनका तंज बेवजह सुनना पड़ता है। खेल मैदान में मवेशी रखने से महिला समूहों की आर्थिक क्षति होने से दिलचस्पी नहीं होना स्वाभाविक है। इस तरह गौष्ठान सुरक्षित नहीं हो जाता व्यवस्थित संचालन असंभव प्रतीत होता है।


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