बलौदा बाजार

सडक़ नहीं, नौनिहाल कीचड़ भरे रास्ते से पहुंचते हैं स्कूल
24-Aug-2021 8:07 PM
सडक़ नहीं, नौनिहाल कीचड़ भरे रास्ते से पहुंचते हैं स्कूल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 24 अगस्त।
आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी नौनिहालों को स्कूल तक का सफर 1.5 किलोमीटर के दलदली रास्ते को पार करके जाना पड़ता है। बलौदाबाजार जनपद के ग्राम पंचायत करदा के प्राथमिक व मिडिल स्कूल के बच्चे लथपथ कीचड़ और गंदगी के बीच से रोजाना स्कूल जाने मजबूर हैं।

बांधा पहुंचमार्ग की दूरी महज 1.5 किलोमीटर है वह भी काफी दलदल, करीब 100  बच्चे और हाईस्कूल के छात्र-छात्राएं इसी कच्चे मार्ग से होकर रोजाना स्कूल पहुंचते है। जिस कीचड़ के दलदल वाले रास्ते में कोई अपना पैर भी नहीं रखना चाहता, उसी रास्ते से होकर बचे रोजाना स्कूल तक का सफर तय करते हैं। दलदल वाला ये रास्ता छोटा-मोटा नहीं, बल्कि पूरे 1.5 किलोमीटर लंबा है।

कई बार तो इन नौनिहालों को घुटने तक कीचड़ से होकर गुजरना पड़ता है। कभी किसी का पैर फिसलता है, तो कभी कोई पूरा का पूरा कीचड़ से सन जाता है। बच्चों की माने तो कई बार इनको चोंट भी लगती है। यूनिफार्म और कॉपी किताबें भी कीचड़ से खराब हो जाती है।

यहां रहने वाले बच्चों के अभिभावक कलेक्टर, विधायक, मंत्रियों के दरवाजे तक न जाने कितनी बार खटखटा चुके है, पर किसी ने भी आश्वासन से आगे इनके लिए कुछ नहीं किया। 2 वर्ष पहले करदा के पूर्व जनपद सदस्य फुलसाय साहू व ग्रामीण किरण बाई, पांचो बाई दुख्यिा बाई, रामकुंवर, यादव, सुखमति पैकरा, जलबाई साहू, निर्मला चेलक, नीरा साहू, नंदमति पटेल, संतरीन, हीरबाई रात्रे, दुकाला, अघन बाई, गोमती, शत्रुहन, ईश्वर प्रसाद, दुर्गा बाई, सुकवारा बाई, अमरौतीन बाई, ओमबाई, ऊमा, सहोदरा, भागवंतीन, जानकी, राधा, दुलारी बाई, रामजी, बहुर सिंह पैकरा, सुरीता बाई, सुरूजबाई सहित सैकड़ों महिला पुरूष जिला कलेक्टर में पहुंचकर अपनी स्थिति को बंया करते हुए बांधापारा सडक़ मार्ग बनाने की मांग किये थे। जिनकी सुनवाई आज तक नहीं हो पाई है। जिससे ग्रामीण व छात्र-छात्राएं कीचड़ वाली मार्ग पर चलने को मजबूर हैं।

गांव के इस मोहल्ले में करीब 50 घरों के लोग निवासरत है। जिन्हें भी इसी रास्ते से होकर आना-जाना पड़ता है। कीचड़ भरी मार्ग होने के चलते यंहा सरकारी सेवा एम्बुलेंस व महतारी एक्सप्रेस भी नहीं पहुंच पाते है। तीन चार ग्रामीणों का तबियत खराब होने पर समय पर अस्पाल नहीं पहुंच पाने की वजह से ग्रामीणों को मौत हो चुकी है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां अगर किसी का तबियत खराब हो जाता है तो उसे चारपाई में लिटाकर बड़ी मुश्किल से दलदल पारकर निकलते है।

करदा में गांव के छात्र-छात्राओं को गांव में ही हाईस्कूल व हायर सेकेण्डरी की शिक्षा प्राप्त हो इसलिए शासन-प्रशासन के द्वारा हायर सेकेण्डरी भवन तो बना दिये है, लेकिन इस बांधा पहुंच मार्ग के आगे  हायर सेकेण्डरी भवन बना है, उक्त मार्ग पर कीचड़ होने के चलते  गांव के 10वी, 12वीं के विद्यार्थी मरदा व लवन हाईस्कूल पढऩे जाने के लिए मजबूरीवश जाते है। वही, ग्रामीणों व किसानों को उक्त मार्ग से होकर खेत आना-जाना पड़ता है, जिन्हें भी काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। उक्त मार्ग पर सीसी रोड नहीं होने के चलते हर ग्रामीण परेशान हैं।

सरपंच महेश साहू का कहना है कि स्कूल पहुंच मार्ग रोड के लिए क्षेत्रीय विधायक व संसदीय सचिव शकुन्तला साहू को लिखित व मौखिक में अवगत कराया जा चुका है। प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से उक्त रोड नहीं बन पाया है। फिलहाल लोगों के आने-जाने के लिए रास्ता सुखने पर बजरी गिराया जाएगा।
 


अन्य पोस्ट