-अरविंद छाबड़ा
पंजाब, 11 अक्टूबर । गुरजीत सिंह हत्या के अभियुक्त हैं। उनकी उम्र 60 साल है और वो पंजाब के तरन तारन जिले की गोइंदवाल जेल में बंद हैं। तरन तारन जि़ला पाकिस्तान की सीमा से सटा है।
पिछले दिनों पंजाब के कैदियों को एक ऐसी सुविधा दी गई , जिसकी ख़ासी चर्चा है।
इस सुविधा को लेने वाले सबसे पहले कैदी गुरजीत सिंह ने कहा, जेल तो जेल है। कोई भी जेल हो कैदी वहाँ अकेलापन महसूस करता है। अवसाद में रहता है। लेकिन पिछले दिनों जब मेरी पत्नी मुझसे जेल में मिलने आई और हमें यहीं एकांत में कुछ घंटे बिताने दिए गए। ये मेरे लिए बड़ी राहत की बात थी।
गुरदासपुर के रहने वाले गुरजीत इस सुविधा के लिए पंजाब सरकार के अहसानमंद हैं। दरअसल पंजाब जेल के अंदर एकांत में पति-पत्नी को मिलने की सुविधा देने वाला पहला राज्य बन गया है।
इस नियम के बाद जेल में कैदी अपने पति या पत्नी से एकांत में मिल सकेंगे। इस अंतरंग मुलाक़ात के दौरान वो शारीरिक संबंध भी बना सकते हैं।

अब शारीरिक संपर्क की इजाजत
गुरजीत कहते हैं- एक जोड़े को काफी कुछ करना होता है। हम विवाहित हैं। शादी प्रेम का पवित्र बंधन है। इसलिए अब सरकार जब शादी-शुदा जोड़ों को जेल में निजी मुलाकात का मौका दे रही है तो हमें इसका लाभ लेना चाहिए।
पंजाब में पहले कैदियों को किसी आगंतुक या मिलने आने वाले से शारीरिक संपर्क की इजाजत नहीं थी। उन्हें फोन से बात करने या एक दूरी रखते हुए बात करने की अनुमति थी। इस दौरान उनके बीच शीशे की दीवार होती थी।
पंजाब के विशेष महानिदेशक (जेल) हरप्रीत सिद्धू बीबीसी से कहते हैं, जो पति या पत्नी जेल में नहीं हैं, उन्हें सजा देने का कोई तुक नहीं है। हम चाहते हैं कि कैदियों का तनाव काबू रहे और समाज में उनकी वापसी सुनिश्चित हो। लिहाजा हमने पंजाब की जेलों में कैदियों को उनके जीवनसाथी से एकांत में मिलने देने का फैसला किया। यह देश में अपनी तरह का पहला पायलट प्रोजेक्ट है।
उन्होंने कहा, 20 सितंबर को यह सुविधा पहले तीन जेलों में शुरू की गई। तीन अक्तूबर तक राज्य की 25 जेलों में से 17 में ये सुविधा बहाल कर दी गई।
उन्होंने बताया, जोड़ों का मिलन या उनके बीच यौन संबंध एक जरूरत है। कई देशों की जेलों में इसकी अनुमति है। हमने ये भी महसूस किया कि अदालतों के कई ऐसे आदेश हैं, जो इस तरह के कदम का समर्थन करते हैं।
अधिकारियों का कहना है कि ये योजना हिट रही। पहले ही सप्ताह में कैदियों की ओर से अपने पति या पत्नी से मिलने की अनुमति के लिए 385 आवेदन मिले। 37 साल के जोगा सिंह धोखाधड़ी के अभियुक्त हैं और जेल में बंद हैं।
उन्होंने बीबीसी बातचीत में कहा, मैं अपने परिवार से महीनों से नहीं मिला था। ये चीज़ मुझे अंदर से परेशान कर रही थी। लेकिन इस योजना की वजह से मुझे जेल के अंदर पत्नी से अकेले से मिलने दिया गया। इसने मुझे ऊर्जा से भर दिया।
अमृतसर के रहने वाले इस विचाराधीन क़ैदी ने कहा कि पहले उन्हें शक था कि जेल का स्टाफ जोड़ों से कैसे बर्ताव करेगा, लेकिन सब कुछ अच्छा रहा। मिलने के लिए कमरे का इंतजाम
हमने गोइंदवाल साहिब की एक जेल का दौरा किया। हर जेल की तरह यहाँ भी डबल क्लीयरेंस सिक्योरिटी सिस्टम है। मतलब मेन गेट के बाद एक और गेट से गुजरना होता है।
अंदर जाकर देखा, तो पाया कि क़ैदियों को पति या पत्नी से मिलने की सुविधा के तहत पहली मंजि़ल पर कमरा बनाया गया है। कमरे में डबल बेड है और वॉशरूम भी। एक मेज, दो कुर्सी, एक छोटा स्टूल, पानी से भरा जग और दो गिलास भी रखे गए हैं।

जेल सुपरिटेंडेंट ललित कोहली ने बीबीसी से कहा कि जब पति-पत्नी की मुलाक़ात होती है तो कमरा बाहर से बंद रहता है। जोड़े को दो घंटे तक अंदर रहने की अनुमति होती है।
इस दौरान अगर उन्हें कोई जरूरत महसूस हुई, तो वहाँ लगी बेल बजा सकते हैं। किसी भी अन्य जेल सुपरिटेंडेंट की तरह ही कोहली को भी पति-पत्नी को इस तरह मिलने की अनुमति देने या इसे खारिज करने का अधिकार है।
इस मुलाकात के दौरान जोड़ों को कंडोम भी मुहैया कराया जाता है।
कोहली कहते हैं कि इस तरह की मुलाकात की अनुमति देने में क़ैदी के अच्छे आचरण का रिकार्ड सबसे ज्यादा मायने रखता है। फिलहाल इस तरह की मुलाक़ात की अनुमति सिर्फ पति-पत्नी को ही है। नियम के मुताबिक़ इस दौरान सारे एग्जिट प्वाइंट और खिड़कियाँ बंद कर दी जाती हैं।

सिर्फ सेक्स के लिए नहीं
इस तरह की मुलाकात कैदियों को सिर्फ एक दूसरे के साथ कुछ अंतरंग लम्हे बिताने का मौका देती है।
पंजाब सरकार ने अपनी नोटिंग में कॉन्ज्यूगल का मतलब समझाने के लिए शब्दकोष का हवाला दिया है और कहा है कि विवाहित जोड़े जेल में मुलाकात के दौरान यौन संबंध बना सकते हैं।
जेल अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की मुलाकात का मकसद पारिवारिक रिश्तों को और मज़बूत बनाना है। ये कैदियों के बेहतर चाल-चलन को बढ़ावा देगा और उन्हें जेल के नकारात्मक असर से भी बचाएगा।
इससे क़ैदियों के पुनर्वास की संभावना बढ़ जाती है।
सरकार की नोटिंग में कहा गया इस तरह की मुलाकात की अनुमति कई देशों में हैं।
इनमें अमेरिका, फिलीपींस, कनाडा, सऊदी अरब, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, फ्रांस समेत कई देश शामिल हैं।
इन देशों में इस तरह की मुलाकात के लिए खास नियम हैं। हरप्रीत सिंह कहते हैं कि भारत में अभी ऐसा कोई नियम नहीं है।
अक्सर कैदी और उनके परिवार वाले शादी-शुदा लोगों के रिश्तों को बरकरार रखने के लिए उन्हें पैरोल पर छोडऩे की अर्जी लेकर अदालत जाते रहे हैं।
इस साल अदालत ने एक महिला की इस तरह की अर्जी ख़ारिज कर दी थी। इस महिला ने जेल में बंद अपने पति को पैरोल पर रिहा करने की मांग की थी। हत्या के अभियुक्त उनके पति जेल में बंद थे।
हरियाणा सरकार ने भी 2021 में क़ैदियों को इस तरह की सुविधा देने के नियम बनाने के लिए जस्टिस एचएस भल्ला की अगुआई में जेल सुधार कमेटी बनाई थी।
क्या गैंगस्टर को ये सुविधा मिलेगी?
जेल अधिकारियों ने कहा कि सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के सभी 18 अभियुक्त गोइंदवाल साहिब जेल में बंद हैं। ये सबसे नया जेल है। ये राज्य का सबसे सुरक्षित जेल माना जाता है।
हालांकि इन अधिकारियों ने कहा कि गैंगस्टर्स और ज़्यादा खतरनाक कैदियों को इस तरह की मुलाकात में अपने पति या पतियों से मिलने की अनुमति नहीं है।
नियमों के मुताबिक हाई रिस्क कैदी, गैंगस्टर्स और आतंकवादियों को ये सुविधा नहीं मिलेगी। बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार करने वालों, यौन अपराधी और घरेलू हिंसा के अभियुक्तों को भी ये सुविधा नहीं मिलेगी।
ऐसे कैदी जिन्हें टीबी, एचआईवी, यौन संक्रमित रोग हों, उन्हें भी ये अनुमति नहीं मिलेगी। ऐसे मामलों में जेल के डॉक्टर से क्लीयरेंस लेनी होगी।
पिछले तीन महीने के दौरान जेल में किसी अपराध को अंजाम देने वालों को भी ये सुविधा नहीं मिलेगी। जो कैदी तीन महीने से अपनी ड्यूटी नहीं कर रहे हैं, उन्हें भी इस सुविधा से महरूम रखा गया है। अच्छा आचरण न करने वालों और जेल का अनुशासन तोडऩे वालों को भी इसकी सुविधा नहीं मिलेगी।
इस नियम के मुताबिक ऐसे कैदियों को प्राथमिकता मिलेगी, जो सबसे ज़्यादा लंबे समय से जेल में हैं। जिसका एक बच्चा है उसे भी प्राथमिकता मिलेगी। जो लोग पैरोल के हकदार हैं उन्हें प्राथमिकता सूची में सबसे नीचे रखा गया है। क्योंकि ऐसे क़ैदियों को हर छह महीने में एक बार घर जाने का मौक़ा मिलता है।

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के सभी 18 अभियुक्त गोइंदवाल साहिब जेल में बंद हैं.
जेलों में सुविधाओं की आलोचना
पंजाब सरकार की ओर से कैदियों को दी जा रही सुविधाओं की आलोचना भी शुरू हो गई है। कैदियों को दी जा रही इतनी सुविधाओं के मुखर आलोचकों में सिद्धू मूसेवाला की माँ चरण कौर भी शामिल हैं। इस हत्याकांड के एक अभियुक्त दीपक टीनू के जेल से फरार होने के बाद उन्होंने कहा, पंजाब सरकार गैंगस्टर्स को जेलों में सुविधाएँ मुहैया करा रही हैं।
दीपक मूसेवाला मर्डर केस के अभियुक्त गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई का नज़दीकी साथी था। चरण कौर ने जेलों में बंद कैदियों की मुलाकात के दौरान बिस्तर के इंतजाम की ओर उंगली उठाई थी। लेकिन कैदियों और उनके परिवारों में पंजाब सरकार के इस नए कदम से खुशी का माहौल है।
इस सुविधा को सबसे पहले हासिल करने वाले गुरजीत सिंह ने कहा कि इस तरह इसे न सिर्फ पंजाब की सभी जेलों, बल्कि दूसरे राज्यों की जेलों में भी बहाल करना चाहिए। ये जेलों में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। (bbc.com/hindi)