यूरोपीय संघ के आपात सम्मेलन में फ्रांस की परमाणु छतरी छायी है. कई यूरोपीय देशों ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति के इस प्रस्ताव का स्वागत किया है.
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पोलैंड के प्रधानमंत्री डॉनल्ड टुस्क ने फ्रांस के परमाणु हथियारों को यूरोपीय संघ की सुरक्षा छतरी के तौर पर इस्तेमाल करने वाले प्रस्ताव का समर्थन किया है. 2014 से 2019 तक यूरोपीय आयोग के प्रेसीडेंट रहे टुस्क ने यह बात यूरोपीय संघ के शीर्ष नेताओं के सम्मलेन के दौरान कही. गुरुवार को यूरोपीय संघ के मुख्यालय ब्रसेल्स में ईयू के नेताओं का आपात सम्मेलन हुआ. रूस के सामने यूक्रेन को अकेला छोड़ने के अमेरिकी फैसले के बाद यूरोपीय संघ के शीर्ष नेता मिल रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के फैसलों के कारण यूरोप को अब अपने सदाबहार दोस्त अमेरिका पर भरोसा नहीं रह गया है.
यूरोप की सुरक्षा के लिए फ्रांस की परमाणु छतरी
यूरोपीय संघ में शामिल सभी 27 देशों में सिर्फ फ्रांस के पास ही परमाणु हथियार हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों, अपने परमाणु हथियारों को यूरोपीय संघ की सुरक्षा में तैनात करने का विचार पेश कर चुके हैं. माक्रों के मुताबिक इन हथियारों का इस्तेमाल महाद्वीप को रूसी खतरे से बचाने के लिए किया जा सकता है, लेकिन इनका नियंत्रण सिर्फ फ्रांस के राष्ट्रपति के हाथ में होगा.
इस प्रस्ताव पर उम्मीद जताते हुए टुस्क ने कहा, "हमें इस प्रस्ताव को बेहद गंभीरता से लेना चाहिए."
पोलैंड के प्रधानमंत्री ने यूरोप से अपनी सैन्य तैयारियां मुस्तैद करने की अपील भी, "यूरोप को इस चुनौती को स्वीकार करना ही होगा, हथियारों की इस होड़ को, और इसे जीतना भी होगा."
बाल्टिक देशों ने भी इस मसले पर बातचीत के लिए माक्रों के प्रस्ताव का स्वागत किया है. लिथुएनिया के राष्ट्रपति गितानोस नौसेदा ने माक्रों के प्रस्ताव के बेहद दिलचस्प बताते हुए ब्रसेल्स में कहा, "हमें ऊंची उम्मीदें हैं क्योंकि परमाणु छतरी रूस के खिलाफ वाकई कारगर प्रतिरोधक का काम करेगी."
लातविया की प्रधानमंत्री एविका सिलिना ने भी सम्मेलन को फ्रांसीसी प्रस्ताव पर चर्चा करने का एक अवसर बताया.
जल्द ही जर्मनी के चांसलर बनने जा रहे फ्रीडरिष मैर्त्स ने हाल की में माक्रों को टेलीफोन कर सबसे पहले परमाणु छतरी से सुरक्षा दायर बढ़ाने की बात कही थी. 23 फरवरी 2025 को जर्मन चुनावों में जीत हासिल करने वाले मैर्त्स साफ कह चुके हैं कि वह फ्रांस और ब्रिटेन के साथ "न्यूक्लियर शेयरिंग" पर बातचीत करना चाहते हैं.
ब्रसेल्स के सम्मेलन के दौरान यूरोप का माहौल
यूरोपीय संघ की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लायन ने मौजूदा वक्त को यूरोप और यूक्रेन के लिए एक "ऐतिहासिक लम्हा" करार दिया. ब्रसेल्स में पत्रकारों से बात करते हुए फोन डेय लायन ने कहा, "यूरोप एक स्पष्ट और मौजूदा संकट का सामना कर रहा है, और इसीलिए यूरोप को खुद की हिफाजत करने लायक होना चाहिए, हमें यूक्रेन को ऐसी स्थिति में लाना होगा कि वह अपनी रक्षा कर सके और हमें दीर्घकालीन शांति की कोशिशें करनी होंगी."
इस सम्मेलन में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की भी शामिल हो रहे हैं. जेलेंस्की हाल ही में अमेरिका से लौटे हैं. उस यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और उप राष्ट्रपति जेडी वेंस से हुई. बातचीत में जेलेंस्की को अमेरिकी नेताओं की लताड़ सुननी पड़ी. तल्ख वार्ता और उसके बाद आए अमेरिकी बयानों का स्पष्ट संकेत यही है कि अमेरिका, यूक्रेन की अब और मदद नहीं देगा. वॉशिंगटन ने साफ कहा है कि अब कीव को शांति के लिए रूस के साथ बातचीत की मेज पर बैठना ही होगा.
मीडिया के सामने जेलेंस्की के साथ हुए ऐसे व्यवहार की यूरोप के राजनीतिक गलियारों में आलोचना हो चुकी है. साझेदार देशों की सारी चिंताओं को नजरअंदाज करते हुए अकेले रूस की तरफ दोस्ती हाथ बढ़ाते ट्रंप ने रुख ने यूरोप को भी अपनी सुरक्षा के बारे में चिंतन मनन पर मजबूर कर दिया है.
सम्मेलन के फोकस में अमेरिका, यूक्रेन और रूस
हालांकि यूरोपीय नेता अब भी अमेरिका को सीधे तौर पर नाराज करने से बच रहे हैं. सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ब्रसेल्स पहुंचने के फौरन बाद ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस ने कहा, "यह अहम है कि हम अगले ही दिन यूक्रेन को सुरक्षा की गारंटी दे सकें और सुरक्षा गारंटी की इस योजना में अमेरिका को हिस्सा लेना चाहिए."
जल्द ही कुर्सी छोड़ने जा रहे जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने इस मौके पर कहा, "यह बहुत ही जरूरी है कि यूक्रेन, थोपी हुई शांति को स्वीकार न करे, लेकिन आगे एक निष्पक्ष और बस ऐसी शांति होगी जो यूक्रेन की संप्रभुता और आजादी को पक्का करेगी."
शॉल्त्स फ्रांसीसी परमाणु हथियारों से यूरोप की सुरक्षा के प्रस्ताव को लेकर थोड़ा संशय में हैं. उनके मुताबिक फिलहाल यूरोपीय संघ के ज्यादातर देशों को नाटो की सुरक्षा मिली हुई है और इस पर कायम रहा जा सकता है. नाटो के परमाणु हथियारों में सबसे बड़ा जखीरा अमेरिका के पास है.
रूस ने कहा, यूरोप की चिताएं बेवजह
रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने यूरोपीय संघ के नेताओं के नजरिए को खारिज किया है. गुरुवार को ब्रसेल्स सम्मेलन से छनकर आ रहे बयानों पर जब उनकी प्रतिक्रिया पूछी गई तो लावरोव ने कहा, रूस को यूरोप की सुरक्षा के लिए खतरा बताने वाले बयान "बेवकूफाना हैं."
लावरोव ने कड़े शब्दों में फ्रांसीसी राष्ट्रपति के उस बयान की निंदा की, जिसमें माक्रों ने रूस को यूरोप के लिए खतरा करार दिया था. लावरोव ने कहा, "यह रूस के लिए एक खतरा है."
यूरोप पर रूसी हमले के खतरे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "किसी भी कम या ज्यादा समझदार इंसान के लिए यह बात साफ है कि रूस को इस सब की जरूरत नहीं है."
ओएसजे/आरपी (एफपी, डीपीए, रॉयटर्स)