पाकिस्तान के संयुक्त विपक्ष का कहना है कि प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने देश और संविधान के ख़िलाफ़ खुलेआम विद्रोह किया है, जिसकी सज़ा संविधान के अनुच्छेद 6 में निहित है.
एक संयुक्त बयान में विपक्ष ने कहा है कि विपक्ष स्पीकर समेत सरकार के सभी सदस्यों के रवैये की कड़ी निंदा करता है और उन्हें असंवैधानिक बताता है.
बयान में कहा गया है कि एकजुट विपक्ष ने सदन में अपना स्पष्ट बहुमत साबित कर दिया है.
विपक्ष ने स्थिति का संज्ञान लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के कदम की सराहना की और कहा है कि उम्मीद है कि फ़ैसला संविधान के अनुसार लिया जाएगा.
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की प्रतिक्रिया से मैं हैरान हूं: इमरान ख़ान
इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने एक ट्वीट में कहा है कि आम चुनाव की हमारी घोषणा पर पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) की प्रतिक्रिया से वो "आश्चर्यचकित" हैं.
इमरान ख़ान का कहना है, "उन्होंने (पीडीएम) ने आसमान सर पर उठाकर रखा था कि हमारी सरकार नाकाम हो गई और लोगों के बीच अपना समर्थन खो चुकी है तो फिर वो अब चुनाव से क्यों डरते हैं? डेमोक्रेट हमेशा समर्थन के लिए लोगों की ओर रुख करते हैं."
उन्होंने कहा कि क्या पीडीएम के लिए ये बेहतर नहीं है कि वो सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए एक विदेशी साजिश में मदद करने की बजाय चुनाव स्वीकार कर लें.
ट्विटर पर उन्होंने लिखा, "इमरान ख़ान, जो देश के सामने अपने अहंकार को आगे रखता है और इस साजिश में शामिल सभी साजिश में शामिल सभी लोग गंभीर देशद्रोह के दोषी हैं, जिन पर आर्टिकल 6 लागू होता है."
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान के दुरुपयोग और संविधान की अपमान को ध्यान में रखा जाएगा."
अविश्वास प्रस्ताव के पीछे विदेशी हस्तक्षेप था: इमरान ख़ान
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली को भंग कर दिया गया है. इसके बाद अब इमरान ख़ान ने पार्टी नेताओं से बातचीत में कहा है कि पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने ये साफ कर दिया है कि अविश्वास प्रस्ताव में विदेशी हस्तक्षेप शामिल था.
उन्होंने कहा, "मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि जब मैं शाम को आया तो मुझे आप सभी से कहना था कि आप सब घबराएं नहीं, विपक्ष अब भी समझ नहीं पा रहा है कि क्या हुआ है."
उन्होंने कहा, "सभी सुरक्षा प्रमुख बैठे थे और उनके साथ कई लोग बैठे हुए थे, सामने एक पूरा संदेश था. पाकिस्तान के राजदूत और अमेरिका के प्रतिनिधि डोनाल्ड लो के बीच हुई बैठक पर ध्यान दें."
उन्होंने कहा, "बातचीत का जो ब्योरा जारी किया, उससे ये पुष्टि होती है कि पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप की योजना देश के बाहर से बनाई गई थी. वो दूतावास के लोगों से मिल रहे थे, उनसे ऐसा क्या काम था."
इमरान ख़ान ने कहा, "कभी-कभी राजनीतिक दलों के नेताओं से देश की स्थिति के बारे में जानने के लिए मुलाक़ात की जाती है लेकिन उनसे मिलने का क्या मतलब था?"
इमरान ख़ान ने कहा, "मैं कल आपको ये नहीं बता सका था क्योंकि मुझे डर था कि उसकी वजह से विपक्ष आज घबराता नहीं."
बता दें कि इमरान ख़ान ने 2 अप्रैल को देश को संबोधित किया था और लोगों के सवालों के जवाब दिए थे.
इस मौके पर उन्होंने ये कहा था कि विपक्ष के साथ मिलकर अमेरिका ने उनके ख़िलाफ़ साजिश रची है.
पाकिस्तान के पंजाब सूबे में भी सियासी संकट
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने रविवार को पंजाब प्रांत के गवर्नर चौधरी सरवर को बर्ख़ास्त कर दिया और मुख्यमंत्री के चुनाव को टाल दिया गया है.
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, नेशनल असेंबली के रास्ते पर चलते हुए पंजाब विधानसभा के डिप्टी स्पीकर सरदार दोस्त मुहम्मद मजारी ने भी इमरान ख़ान की सरकार गिराने को लेकर विदेशी साजिश का हवाला दिया है और मुख्यमंत्री का चुनाव कराने से इनकार कर दिया. अब सत्र 6 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया है.
बाद में स्पीकर के कार्यालय की तरफ़ से बयान सामने आया कि सदन में हंगामे के कारण कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी.
बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री के चुनाव में मुक़ाबला पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ़ गठबंधन के चौधरी परवेज इलाही और संयुक्त विपक्ष के हमज़ा शहबाज़ के बीच है. हमज़ा, पीएमएल-एन अध्यक्ष और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज़ शरीफ़ के बेटे हैं.
इससे पहले, रविवार की सुबह प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने पंजाब के गवर्नर सरवर को हटाकर उनकी जगह उमर सरफ़राज़ चीमा को नियुक्त कर दिया था.
वहीं सरवर ने लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन में इमरान खान की सरकार पर उन पर असंवैधानिक और अवैध काम करने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है.चौधरी सरवर ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से प्रधानमंत्री के सहयोगी उन्हें दो अप्रैल को विधानसभा की बैठक बुलाने और सरकार समर्थित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की हार पर विधानसभा को भंग करने के लिए दबाव डाल रहे थे.
नेशनल असेंबली भंग करने के इमरान ख़ान के फ़ैसले पर सेना ने क्या कहा
पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग के प्रमुख मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने नेशनल असेंबली में एक सवाल के जवाब में कहा है कि आज जो कुछ हुआ है उसका संगठन से कोई लेना-देना नहीं है. सेना का कहना है कि असेंबली भंग होने में सेना की कोई भूमिका नहीं है.
बता दें कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री इमरान खान के प्रस्ताव पर नेशनल असेंबली भंग करने की मंजूरी दे दी है.
इससे ठीक पहले शनिवार शाम को इमरान ख़ान ने देश को एक बार फिर संबोधित किया था और लोगों के सवालों के जवाब दिए थे. इस दौरान सेना पर किए गए एक सवाल को लेकर उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार को सेना से कोई दिक्कत नहीं है और वो सेना के तटस्थ रहने के फ़ैसले का सम्मान करते हैं.
इमरान ख़ान ने कहा था कि मौजूदा वक्त में पाकिस्तान को सेना और पाकिस्तान तहरीक़ ए इंसाफ़ पार्टी ही इकट्ठा रखे हुए है और पाकिस्तान को एक मजबूत सेना की ज़रूरत है. उन्होंने कहा, ''जो फौज़ को बुरा भला कहते हैं वो फौज़ का नहीं पाकिस्तान का बुरा कर रहे हैं. हमें ऐसी कोई चीज़ नहीं करनी चाहिए जो सेना को नुकसान पहुंचाए.''
नेशनल असेंबली का 'प्रतीकात्मक सत्र' समाप्त, अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 197 वोट
नेशनल असेंबली में मौजूद बीबीसी संवाददाता फरहत जावेद का कहना है कि नेशनल असेंबली में प्रतीकात्मक सत्र अब समाप्त हो गया है.
प्रतीकात्मक सत्र की अगुवाई कर रहे विपक्षी नेता अयाज सादिक ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 197 वोट डाले गए हैं.
उधर, सुप्रीम कोर्ट के बाहर मौजूद बीबीसी संवाददाता शहज़ाद मलिक ने बताया है कि अदालत के कर्मचारी अब धीरे-धीरे आ रहे हैं और इमरान ख़ान हुकूमत के फ़ैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई शुरू होने की संभावना है.
अदालत के बाहर स्पेशल ब्रांच के सुरक्षाकर्मी तैनात हैं जो आमतौर पर अदालत में तब तैनात होते हैं जब सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को आना होता है.
शहजाद मलिक के मुताबिक पीपीपी महासचिव नैय्यर बुखारी के वकील इस समय कोर्ट के बाहर उनकी तरफ से एक याचिका लेकर पहुंचे हैं.
ये मुल्क से गद्दारी है: बिलावल भुट्टो
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने कहा है कि पाकिस्तान नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष, अध्यक्ष, राष्ट्रपति और जिसने भी उन्हें अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान करने से रोका, उन्होंने देशद्रोह का अपराध किया है और ये असंवैधानिक कदम था.
पाकिस्तान के एक प्राइवेट टेलीविज़न चैनल जियो न्यूज़ से बात करते हुए उन्होंने कहा कि डिप्टी स्पीकर ने आज जो किया वह असंवैधानिक और गंभीर देशद्रोह की श्रेणी में आता है.
इस संबंध में हमारे वकील सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट तुरंत जवाब देगा. उन्होंने आगे कहा कि इस संबंध में नय्यर बुखारी, लतीफ खोसा पीपीपी की ओर से एक याचिका तैयार कर रहे हैं.
बिलावल भुट्टो ने कहा कि इमरान खान हार गए हैं लेकिन वह अपनी हार नहीं मान रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट संविधान की सर्वोच्चता पर काम करेगा. हम पाकिस्तान को इमरान खान के जंगल के कानून का पालन नहीं करने देंगे.
पाकिस्तान राजनीतिक संकट की ओर, नेशनल असेंबली भंग, विपक्ष का रुख हमलावर
पाकिस्तान के पूर्व कानून मंत्री खालिद रांझा ने मौजूदा राजनीतिक हालात के बारे में कहा है कि इमरान ख़ान की सरकार का ये कदम अवैध है. खालिद रांझा ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान का नेशनल असेंबली भंग करने का सुझाव भी असंवैधानिक है.
उधर, बीबीसी संवाददाता हुमैरा कंवल ने नेशनल असेंबली के भीतर के हालात पर बताया है कि वहां सदन में एक प्रतीकात्मक सत्र हो रहा है जिसकी अध्यक्षता विपक्षी नेता अयाज सादिक़ कर रहे हैं. हालांकि सदन में सदस्यों की कुर्सी के पास लगी माइक बंद है और पांचवीं मंजिल पर नेशनल असेंबली के सभी कर्मचारी मौजूद हैं.
इस बीच पंजाब के पूर्व राज्यपाल चौधरी मुहम्मद सरवर को आज इमरान ख़ान हुकूमत ने बर्खास्त कर दिया. चौधरी मुहम्मद सरवर ने लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन में इमरान खान की सरकार पर उन पर असंवैधानिक और अवैध काम करने के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है.
चौधरी सरवर ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से प्रधानमंत्री के सहयोगी उन्हें दो अप्रैल को विधानसभा की बैठक बुलाने और सरकार समर्थित मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की हार पर विधानसभा को भंग करने के लिए दबाव डाल रहे थे.
चौधरी मुहम्मद सरवर ने दावा किया कि उनसे कहा गया था, "परवेज इलाही हार रहे हैं. आपको विधानसभा सत्र स्थगित कर देना चाहिए. अगर उन्हें 186 वोट नहीं मिले तो विधानसभा भंग कर दें."
राष्ट्रपति ने नेशनल असेंबली भंग करने की मंज़ूरी दी
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री इमरान खान के प्रस्ताव पर नेशनल असेंबली भंग करने की मंजूरी दे दी है.
राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने नेशनल असेंबली को भंग करने की प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की सिफ़ारिश संविधान के अनुच्छेद 58 (1) के तहत मंज़ूर कर लिया है.
इमरान ख़ान ने की संसद भंग करने की सिफ़ारिश
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को देश के नाम संबोधन में कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति आरिफ़ अल्वी से असेंबली भंग करने की सिफ़ारिश की है और जनता अब चुनाव की तैयारी करे.
ये एलान उन्होंने नेशनल असेंबली में अपने ख़िलाफ़ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के ख़ारिज होने के बाद सोशल मीडिया पर किया है.
रविवार को प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले सदन के डिप्टी स्पीकर क़ासिम सूरी, ने इसे असंवैधानिक बताते हुए ख़ारिज कर दिया. उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद 5 का उल्लंघन किया.
इसके बाद प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने देश को संबोधित करते हुए कहा है कि "देश की जनता चुनाव की तैयारी करे. किसी और को इस देश का भविष्य तय करने का अधिकार नहीं, बल्कि यहां के लोग इसे तय करेंगे."
"आज स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को ख़ारिज किया है, उसके लिए मैं पूरी कौम को मुबारकबाद देता हूं. कल से सब परेशान थे, मुझसे पूछ रहे थे, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि घबराना नहीं है."
"आज स्पीकर ने जिस तरह अपनी संवैधानिक शक्ति का इस्तेमाल कर फ़ैसला लिया है, उसके बाद मैंने राष्ट्रपति को फ़ैसला सौंप दिया है कि वो संसद को भंग कर दें."
प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की सरकार के ख़िलाफ़ वोटिंग से पहले ही नेशनल असेंबली डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को ही असंवैधानिक बताते हुए ख़ारिज कर दिया. असेंबली का सत्र के डिप्टी स्पीकर क़ासिम ख़ान सूरी की अध्यक्षता में चल रहा था.
इसके तुरंत बाद, इमरान ख़ान सरकार में सूचना मंत्री फव्वाद चौधरी ने ट्वीट किया कि नेशनल असेंबली को भंग करने की प्रधानमंत्री की सलाह संविधान के अनुच्छेद 58 के तहत राष्ट्रपति डॉ. आरिफ़ अल्वी को भेज दी गई है.
पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 58 के अनुसार अगर प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को नेशनल असेंबली भंग करने की सलाह देता है तो राष्ट्रपति को उसे भंग करना होगा. राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री की ओर से सलाह दिए जाने के 48 घंटे बाद संसद ख़ुद-ब-ख़ुद भंग मानी जाएगी.
सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है: बिलावल भुट्टो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने अविश्वास प्रस्ताव को रद्द कर देने और इसके बाद, प्रधानमंत्री इमरान खान की तरफ से नेशनल असेंबली को भंग करने के प्रस्ताव के बाद कहा है कि सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है."संयुक्त विपक्ष संसद से नहीं जायेगा। हमारे वकील सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। हम सभी संस्थानों से, पाकिस्तान के संविधान की पवित्रता को बनाए रखने और इसकी रक्षा और बचाव करने की अपील करते हैं. (bbc.com)