बेंगलुरु, 14 जनवरी । बेंगलुरु में छह साल की मासूम बच्ची की कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि यह घटना राममूर्ति नगर थाना क्षेत्र में सोमवार शाम करीब 7.30 बजे घटी। पीड़िता के माता-पिता निर्माण कार्य के लिए बाहर गए थे और वह घर पर अकेली थी। आरोपी ने इसका फायदा उठाया और वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी पहचान बिहार निवासी अभिषेक कुमार (25) के रूप में हुई है। आरोपी अभिषेक कुमार राजमिस्त्री का काम भी करता था। उसने पीड़िता को अकेला पाया, तो वह उसे बहला-फुसलाकर घर से सुनसान जगह पर ले गया। इसके बाद उसने कथित तौर पर उसका रेप किया।
हालांकि, सूत्रों ने बताया कि यौन उत्पीड़न के दौरान लड़की की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। अधिक जानकारी अभी सामने नहीं आई है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। गौरतलब है कि 10 जुलाई 2024 को कोडागु जिले में कर्नाटक-केरल सीमा पर पांच लोगों के एक गिरोह ने दो नाबालिग लड़कियों का अपहरण कर उनमें से एक के साथ दुष्कर्म किया था। दूसरी लड़की भाग में सफल हो गई थी। इस संबंध में जानकारी मिलने के बाद कर्नाटक पुलिस ने सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। वहीं, 19 जुलाई को कर्नाटक के यादगीर जिले में नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था। लड़की के साथ दो आरोपियों ने उस समय बलात्कार किया, जब वह शौच के लिए गई थी। (आईएएनएस)
गोरखपुर, 13 जनवरी । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय मनीषा मानती है कि ‘शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्', अर्थात धर्म की साधना के लिए शरीर ही माध्यम है। धर्म के सभी साधन स्वस्थ शरीर से ही संभव हो सकते हैं। धर्मपरक जीवन से ही अर्थ, कामनाओं की सिद्धि और फिर मोक्ष प्राप्ति संभव है। इस परिप्रेक्ष्य में धर्म साधना से जुड़े जीवन को लेकर आयुर्वेद, योग और नाथपंथ की मान्यता समान है। सीएम योगी सोमवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम के गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) की तरफ से आयुर्वेद, योग और नाथपंथ के पारस्परिक अंतर संबंधों को समझने के लिए आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दूसरे दिन विशेष व्याख्यान दिया।
मुख्यमंत्री योगी इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में ‘आयुर्वेद, योग और नाथपंथ का मानवता के प्रति योगदान’ विषय पर केंद्रित अपने व्याख्यान में उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की मान्यता है कि चराचर जगत पंचभूतों से बना है। इन्हीं पंचभूतों से हमारा शरीर भी बना है। महायोगी गुरु गोरखनाथ ने भी कहा है कि पिंड में ही ब्रह्मांड समाया है, जो तत्व ब्रह्मांड में है, वही हमारे शरीर में भी हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय मनीषा में हर व्यक्ति के जीवन का एक अभीष्ट होता है, धर्म के पथ पर चलते हुए मोक्ष की प्राप्ति करना। धर्म की साधना के लिए स्वस्थ शरीर की अपरिहार्यता हमारे ऋषियों, मुनियों ने बताई है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद, योग और नाथपंथ, तीनों नियम-संयम पर जोर देते हैं।
आयुर्वेद में जहां व्याधियों को दूर करने के लिए औषधियों और पंचकर्म की पद्धतियां हैं तो वही योग में भी हठयोग, राजयोग, ज्ञानयोग, लययोग और क्रियायोग की विशिष्ट विधियां हैं। इसी क्रम में शरीर की आरोग्यता के लिए नाथपंथ का हठयोगी योग को खट्कर्म से जोड़ता है। आयुर्वेद, योग और नाथपंथ की पद्धतियां, तीनों ही वात, पित्त और कफ से जनित रोगों के निदान के लिए एक मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती हैं और वह मार्ग है नियम-संयम। सीएम योगी ने कहा कि आयुर्वेद, योग और नाथपंथ तीनों ही व्यवहारिकता के स्तर पर एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। तीनों ने ही शरीर को पंचभौतिक माना है। नियम-संयम का जीवन में बड़ा महत्व है। योग ने उसी को जोड़ा है। अंतःकरण की शुद्धि नियम-संयम से ही हो सकती है। नाथ योगियों ने क्रियात्मक योग के माध्यम से नियम-संयम की विशिष्ट विधा दी है। कौन सी क्रिया का लाभ कब प्राप्त होगा, नाथ योगियों ने इसे विस्तार से समझाया है। योग के कई आसनों के नाम नाथ योगियों के नाम पर हैं, जैसे गोरखआसन, मत्स्येंद्रआसान, गोमुखआसन आदि। सीएम योगी ने कहा कि नाथ परंपरा में हर नाथ योगी जनेऊ धारण करता है, जो उसे शरीर की नाड़ियों से अवगत कराता है। नाथ जनेऊ की उपयोगिता उसे योगी की दीक्षा के समय बताई जाती है। योग हर नाथ योगी के जीवन का अभिन्न हिस्सा होता है।
गुरु गोरखनाथ ने चेतना के उच्च आयाम तक पहुंचाने का मार्ग दिखाया है। उन्होंने चेतन मन के साथ ही अवचेतन और अचेतन मन को साधने की क्रिया भी सिखाई है। मानव मन, बिना साधना के जितना चेतन होता है, वह संपूर्ण चेतना का बहुत छोटा भाग है। योग के माध्यम से साधना की चरम सीमा पर जाकर हम अवचेतन और अचेतन मन के रहस्यों को उद्घाटित कर सकते हैं। नाथ योगियों की साधना का उद्देश्य भी यही रहा है। उन्होंने कहा कि शरीर की यही साधना अष्ट सिद्धियों और नौ निधियों को प्राप्त करने का माध्यम भी है। जिस प्रकार जीवन के लिए प्राण आवश्यक है, उसी प्रकार मन की वृत्तियों और शरीर के बीच तारतम्य स्थापित करने के लिए प्राणायाम भी आवश्यक है। अपने प्राचीन ज्ञान के धरोहरों से हमने दूरी बनानी प्रारंभ की तो एक समय ऐसा भी आ गया कि भारतीय हीन भावना का विषय बन गए। अपने दिव्यज्ञान के स्रोत से वंचित होते गए। हमारी प्राचीन आयुर्वेद की दवाओं को बाहरी लोगों ने पेटेंट करना शुरू कर दिया। आज यह सुखद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत की प्राचीन ज्ञान धारा, आयुर्वेद और योग को फिर से प्राचीन गौरव प्राप्त हो रहा है। पूरी दुनिया एक बार फिर आयुर्वेद और योग के प्रति केंद्रित होकर भारत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत की सभ्यता और संस्कृति अति प्राचीन है।
सृष्टि के कालखंड की सबसे प्राचीन संस्कृति भारतीय संस्कृति को माना जाता है। अलग-अलग कालखंड में ऋषियों, मुनियों ने अपनी ज्ञान की धारा के अनुभव से इसे नया आयाम प्रदान किया। पहले ज्ञान की परंपरा गुरु-शिष्य के माध्यम से श्रवण परंपरा थी। उसे लिपिबद्ध करने का कार्य महर्षि वेदव्यास ने चार संहिताओं के माध्यम से किया। महर्षि वेदव्यास ने न केवल चार वेदों ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद की रचना की, बल्कि, उन्होंने श्रीमद्भागवत पुराण समेत 18 पुराणों की रचना को भी ज्ञान से जोड़कर भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाया। महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित श्रीमद्भागवत पुराण आज भी भारतवासियों को धर्म का सही मार्ग दिखाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोक्ष या मुक्ति सिर्फ मरण से नहीं मिलती है बल्कि श्रीमद्भागवत के अनुसार धर्म के पथ पर चलते हुए सफलता के चरम पर पहुंचना ही मोक्ष है। महर्षि वेदव्यास ने भागवत पुराण के माध्यम से यह शिक्षा दी है कि सभी लोग धर्म के मार्ग का अनुसरण करें। धर्म के मार्ग का अनुसरण करने पर अर्थ और कामनाओं की भी सिद्धि हो सकती है। भारतीय मनीषा ने धर्म को उपासना तक सीमित नहीं माना है। धर्म का स्वरूप विराट परिप्रेक्ष्य में निर्धारित किया गया है। कर्तव्य, सदाचार और नैतिक मूल्य के विशिष्ट जीवन पद्धति को समग्र रूप में भारतीय मनीषा धर्म के रूप में स्थापित करती है।
उन्होंने यह भी कहा कि धर्म के मार्ग से अर्थ और कामनाओं की सिद्धि से मोक्ष अपने आप प्राप्त होता है। हिंदू कहलाने के लिए मंदिर जाना या धार्मिक ग्रंथों का पढ़ना आवश्यक नहीं है। हमारी सनातन परंपरा में धर्म को एक व्यापक दृष्टि से देखा और समझा गया है। एक विश्वविद्यालय या शिक्षा संस्थान रचनात्मक कार्यों से वर्तमान पीढ़ी को नवीन ज्ञान से ओतप्रोत करता है। हमारे वैदिक संस्कृति का सूत्र भी यही है, ‘आनो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः।’ अर्थात ज्ञान के लिए सभी दरवाजे खुले रखो। ऐसे में इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के माध्यम से ज्ञान के प्रति जड़ता तोड़ने और उसे नवीनता से परिपूर्ण करने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। -- (आईएएनएस)
महाकुंभ नगर, 13 जनवरी । महाकुंभ के पहले पौष पूर्णिमा स्नान पर्व को लेकर सोमवार को संगम तट पर उमड़ी भीड़ में पीएम मोदी और सीएम योगी की तस्वीरों संग सेल्फी लेने और फोटो खिंचाने की होड़ दिखाई दी। नंदी द्वार पर लगे कटआउट के साथ तस्वीरें खिंचाने और सेल्फी लेने के लिए लोगों की भीड़ जमा दिखाई दी। भीड़ में महिलाओं और युवकों की भी संख्या सेल्फी और फोटो की होड़ में दिखी। मध्य प्रदेश के उज्जैन से आए ब्रजेश शर्मा ने कहा कि वे पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ दोनों के प्रशंसक हैं। इस तस्वीर ने उन्हें आकर्षित किया। पूरे परिवार ने सेल्फी ली और फोटो खिंचवाई है। यहां महाकुंभ मेले में अच्छी व्यवस्थाएं की गई हैं।
महाराष्ट्र के पूना से महाकुंभ मेला में स्नान करने आईं सुगंमा ढिप्पो ने कहा कि यहां महाकुंभ मेले में काफी अच्छी व्यवस्थाएं हैं। नंदी द्वार पर हमने पीएम मोदी और सीएम योगी की काफी आकर्षक तस्वीर देखी तो उनके संग सेल्फी ली। हमारा पूरा परिवार इन दोनों नेताओं का फैन है। दिल्ली से आई सुनीता स्वामी ने कहा कि हमें किस्मत से ये दोनों नेता मिले हैं। महाकुंभ मेले में हमें इन नेताओं की इतनी आकर्षक तस्वीर दिखाई दी तो हमने इनके साथ सेल्फी ली। हमारा पूरा परिवार इन नेताओं की कार्यशैली का मुरीद है। उत्तर प्रदेश के कौशांबी से आए मनोज कुमार सिंह ने दोनों नेताओं के कटआउट के साथ सेल्फी ली। मनोज ने मेले और स्नान की व्यवस्थाओं की तारीफ की। मनोज ने कहा कि योगी जी और मोदी जी ने महाकुंभ की काफी अच्छी व्यवस्था की है। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 जनवरी । आम आदमी पार्टी के नेता सुशील गुप्ता ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच अरविंद केजरीवाल की तारीफ की और भाजपा पर जोरदार निशाना साधा। उन्होंने आईएएनएस से खास बातचीत के दौरान कहा कि आज जाट समाज का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने पहुंचा और उन्हें दिल्ली सरकार द्वारा जाट समाज की समस्याओं के समाधान के लिए आभार व्यक्त किया। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने जाट समाज की आवाज़ को समझा और उनके मुद्दों को उठाने का वादा किया। ‘आप’ नेता ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में दिल्ली के जाट समाज के बच्चों को आरक्षण के आधार पर प्रवेश नहीं मिल सकता, जबकि राजस्थान के जाट समाज के छात्रों को यह लाभ प्राप्त है। इस मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल ने अपनी सहमति जताई और कहा कि वह इस मुद्दे को उठाएंगे और समाधान का प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा, “जाट समाज के प्रतिनिधियों ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने जाट समाज के आरक्षण को लेकर किए गए वादों से मुंह मोड़ लिया है।” उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों में कई ऐसे वादे हुए थे, जो पूरे नहीं किए गए और जाट समाज की समस्याओं को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर भी अपनी बत रखी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी इस महीने दिल्ली के सीलमपुर में एक चुनावी रैली करेंगे। वहीं, दिल्ली में कांग्रेस का प्रदर्शन लगातार कमजोर हो रहा है। पिछले दो चुनावों में कांग्रेस दिल्ली विधानसभा में कोई सीट नहीं जीत पाई है और इस बार भी उनका खाता खुलने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाने का काम करती है, लेकिन आज तक एक भी आरोप साबित नहीं हो पाए हैं। सभी आरोप बेबुनियाद साबित हुए हैं। देश की जनता अब इन लोगों को समझ चुकी है। -(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 जनवरी । भारत के पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह ने रोहित शर्मा, विराट कोहली की फॉर्म, इंडियन प्रीमियर लीग और महिला क्रिकेट जैसे मुद्दों पर आईएएनएस से खास बातचीत की। योगराज सिंह भारतीय टीम के पूर्व बाएं हाथ के बल्लेबाज युवराज सिंह के पिता भी हैं। योगराज सिंह ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "मेरे विचार में जब से आईपीएल आया है भारत में क्रिकेट में बहुत सुधार आया है। बहुत सारे क्रिकेटरों को मौका मिला, बहुत सारे क्रिकेटरों के करियर बने। सबसे अच्छी बात ये हुई कि क्रिकेटर्स के लिए पैसा बहुत आया है। कई क्रिकेटरों की जिंदगी बन गई है। पहले इतना पैसा होता नहीं था। जबकि लोग खून पसीना बहाते थे।
मुझे लगता है आईपीएल ने इस देश के लिए बहुत काम किया है। मैं इसके लिए बीसीसीआई को बधाई देता हूं। आज आईपीएल बहुत महत्वपूर्ण टूर्नामेंट बन चुका है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड भी बहुत खर्च कर रहा है और अब नए बच्चों को बहुत पैसे मिल रहे हैं। इसके लिए बीसीसीआई बधाई का पात्र है और आईपीएल देश के लिए वरदान बन चुका है।" योगराज सिंह ने महिला प्रीमियर लीग पर भी बात की जो क्रिकेट को महिला-पुरुषों के लिए समान प्लेटफॉर्म बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने अपनी बेटी अमरजोत कौर को याद करते हुए कहा कि मुझे खुशी है महिला प्रीमियर लीग फरवरी में शुरू होने जा रही है। मेरे विचार से चाहे महिला हों या पुरुष, दोनों को एक ही दर्जा देना चाहिए। योगराज सिंह ने आगे कहा कि भारत को अभी रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे सीनियर खिलाड़ियों की बहुत जरूरत है। कम से कम 3-4 साल और इन खिलाड़ियों को खेलना होगा। यही बात बुमराह के लिए है। क्योंकि जब युवराज सिंह जैसे युवा कभी टीम में आए थे जब 10 दिग्गज खिलाड़ी मौजूद थे, जो सीनियर थे। सीनियरों का मार्गदर्शन जरूरी होता है।
बीसीसीआई जो भी टीम चुने, उसको बनाए रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "साल 2011 से टीम को तोड़ने का सिलसिला चल पड़ा है। एक ही व्यक्ति के हाथ में सारी ताकत देने से यह सब हुआ। लेकिन इसका परिणाम भुगतना पड़ा क्योंकि हम कई विश्व कप हारे, कई टेस्ट सीरीज में हार मिली। लगातार तीन-चार टेस्ट सीरीज हम हारते गए। जब हम अपने घर को बनाते हैं तो हम सबसे पहले दरार भरने का काम करना चाहिए। हार-जीत लगी रहती है लेकिन सबको साथ लेकर चलना चाहिए।" योगराज सिंह ने यह भी कहा कि भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1-3 की हार के बाद काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है। लेकिन लोग यह भूल जाते हैं कि इसी टीम ने इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में दो बार बैक टू बैक टेस्ट सीरीज जीती थी। शायद वेस्टइंडीज के अलावा कोई और टीम ऐसा नहीं कर सकी है। --(आईएएनएस)
श्रीनगर, 13 जनवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों से किए गए वादे निभाएंगे और सही समय पर सही चीजें होंगी।
मोदी यहां रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन करने के बाद एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उनकी यह टिप्पणी मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा समारोह में अपने भाषण के दौरान जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग के तुरंत बाद आई।
प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग का जिक्र किए बगैर कहा, “आपको विश्वास करना होगा कि यह मोदी है और वह अपने वादे पूरे करता है। हर चीज के लिए एक सही समय होता है और सही चीजें सही समय पर ही होंगी।”
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर देश का ताज है और वह चाहते हैं कि यह सुंदर और समृद्ध बने। उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर में शांति का माहौल है और हमने इसका पर्यटन पर असर देखा है। कश्मीर आज विकास की नयी गाथा लिख रहा है।”
उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी जल्द ही रेलगाड़ी से जुड़ जाएगी और इसे लेकर लोगों में उत्साह है।
मोदी ने पिछले वर्ष अक्टूबर में यहां जेड-मोड़ सुरंग के पास हुए आतंकवादी हमले में मारे गए सात लोगों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
जेड-मोड़ सुरंग के निर्माण पर 2,716.90 करोड़ रुपये की लागत आई है। सुरंग का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री इसके अंदर गए और परियोजना से जुड़े अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने उन निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की, जिन्होंने सुरंग का निर्माण पूरा करने के लिए कठिन परिस्थितियों में काम किया।
उद्घाटन के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।
पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनावों के बाद मोदी की यह पहली जम्मू-कश्मीर यात्रा है।
मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में गगनगीर और सोनमर्ग के बीच बनाई गई 6.5 किलोमीटर लंबी दो लेन वाली सुरंग में आपात स्थिति के लिए समानांतर 7.5 मीटर चौड़ा निकासी मार्ग भी है। यह सुरंग दो दिशाओं के यातायात के लिए होगी।
समुद्र तल से 8,650 फुट की ऊंचाई पर स्थित यह सुरंग भूस्खलन और हिमस्खलन वाले मार्गों से अलग लेह के रास्ते श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सभी मौसम में संपर्क को बढ़ाएगी।
यह सोनमर्ग से वर्ष भर संपर्क सुनिश्चित करके पर्यटन को भी बढ़ावा देगी। (भाषा)
कोलकाता, 13 जनवरी कलकत्ता उच्च न्यायालय पश्चिम बंगाल के एक सरकारी अस्पताल में प्रसव बाद कथित तौर पर ‘एक्सपायर’ दवा चढ़ाए जाने से एक महिला की मौत के मामले की सीबीआई जांच के अनुरोध वाली जनहित याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा।
याचिकाकर्ता ने मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ के समक्ष मामले का उल्लेख करते हुए पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ‘एक्सपायर’ हो चुके ‘इंट्रावीनस फ्लूइड’ के कथित इस्तेमाल की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का अनुरोध किया है।
याचिकाकर्ता के वकील फिरोज एदुलजी ने अदालत को सूचित किया कि ‘इंट्रावीनस फ्लूइड’ (नसों के जरिये चढ़ाई जाने वाली दवा) की आपूर्ति करने वाली कंपनी को मार्च 2024 में एक अन्य राज्य सरकार ने चेतावनी दी थी और उसे तीन साल के लिए उत्पाद की आपूर्ति करने से प्रतिबंधित कर दिया था।
एदुलजी ने अदालत से आग्रह किया कि जांच में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इस मामले को पश्चिम बंगाल पुलिस से लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया जाए।
खंडपीठ ने कहा कि याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई की जाएगी। उसने सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए एदुलजी को राज्य महाधिवक्ता कार्यालय को सूचित करने का निर्देश दिया।
मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एमएमसीएच) में पांच महिलाओं को प्रसव के बाद जो ‘इंट्रावीनस फ्लूइड’ चढ़ाया गया था, वह कथित तौर पर ‘एक्सपायर’ (इस्तेमाल करने की अवधि समाप्त हो गई थी) हो चुका था।
इनमें से एक महिला की मौत हो गई थी, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से बीमार पड़ गई थीं। स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच के लिए 13 सदस्यीय समिति का गठन किया है।
कथित तौर पर ‘एक्सपायर’ दवा चढ़ाए जाने से गंभीर रूप से बीमार पड़ी तीन महिलाओं की तबीयत रविवार को और बिगड़ गई, जिसके चलते उन्हें कोलकाता स्थित एसएसकेएम सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।
वहीं, मृतक महिला के परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि अस्पताल के प्राधिकारी उसकी मौत के लिए जिम्मेदार हैं। (भाषा)
नयी दिल्ली, 13 जनवरी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली की एक अदालत को सोमवार को सूचित किया कि उसने आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए जरूरी मंजूरी हासिल कर ली है।
सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश जितेंद्र सिंह के समक्ष यह जानकारी दी, जिन्होंने मामले पर सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की।
न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि मामले में जैन के खिलाफ चार जनवरी को पूरक आरोपपत्र दायर किया गया था।
सीबीआई का आरोप है कि सिंह ने 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 के बीच एक लोक सेवक के रूप में काम करते हुए अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से लगभग 1.62 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की। (भाषा)
नयी दिल्ली, 13 जनवरी उचचतम न्यायालय बुधवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश की उस रिट याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने के लिए चुनाव संचालन नियम में बदलाव किए जाने को चुनौती दी गई है।
उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर अपलोड की गई सूची के अनुसार, यह मामला 15 जनवरी को भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आएगा।
रमेश ने पिछले महीने रिट याचिका दायर की थी।
सरकार ने सीसीटीवी कैमरे और वेबकास्टिंग फुटेज के साथ-साथ उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने के लिए चुनाव से संबंधित नियम में बदलाव किया है, ताकि उनका दुरुपयोग रोका जा सके।
निर्वाचन आयोग (ईसी) की सिफारिश के आधार पर, केंद्रीय कानून मंत्रालय ने सार्वजनिक निरीक्षण के लिए रखे जाने वाले ‘कागजात’ या दस्तावेजों के प्रकार को प्रतिबंधित करने के लिए चुनाव संचालन नियमावली, 1961 के नियम 93 में संशोधन किया है। (भाषा)
कोलकाता, 13 जनवरी पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले से सोमवार को पांच बांग्लादेशियों को अवैध तरीके से भारत में प्रवेश करने, अपनी पहचान छिपाकर एक स्थानीय कपड़ा मिल में काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी सोनारपुर में एक किराए के मकान में साथ रहते थे और उन्होंने नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया।
अधिकारी ने बताया कि गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए सोनारपुर थाने के अधिकारियों ने बांग्लादेशी नागरिकों के समूह पर नजर रखनी शुरू कर दी और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि आरोपी अपने पड़ोसियों से कभी बातचीत नहीं करते थे।
अधिकारी ने बताया, ‘‘ये पांचों करीब एक साल पहले अवैध तरीके से भारत में घुसे। उन्होंने अपनी पहचान छिपाई और एक कपड़ा मिल में काम करने लगे। हम उनकी गतिविधियों के बारे में और जानने के लिए उनके पड़ोसियों से जानकारी जुटा रहे हैं। उन्हें आज दोपहर एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया।’’ (भाषा)
महाकुंभ नगर, 13 जनवरी महाकुंभ-2025 की शुरुआत सोमवार को पौष पूर्णिमा के साथ हुई, जिसने प्रयागराज के संगम को आस्था, संस्कृति और मानवता के जीवंत केंद्र में बदल दिया।
पवित्र जल में डुबकी लगाने वाले लाखों तीर्थयात्रियों में विदेश से आए श्रद्धालु भी शामिल थे, जिन्होंने इस दिव्य आयोजन के चमत्कार का अनुभव किया।
अमेरिकी सेना का हिस्सा रह चुके माइकल, जो अब बाबा मोक्षपुरी के नाम से जाने जाते हैं, ने जूना अखाड़े से जुड़ने की अपनी यात्रा साझा की। उन्होंने कहा, “मैं एक साधारण व्यक्ति था, जिसका अपना परिवार और करियर था। लेकिन मुझे एहसास हुआ कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है और मैं मोक्ष की तलाश में निकल पड़ा। मैंने अपना जीवन सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित कर दिया।”
माइकल ने कहा, “प्रयागराज में यह मेरा पहला महाकुंभ है। यहां का आध्यात्मिक अहसास असाधारण और बेजोड़ है।”
महाकुंभ ने विदेशियों के एक विविध समूह को भी आकर्षित किया है, जिसमें इस धार्मिक आयोजन को फिल्माने वाले दक्षिण कोरियाई यूट्यूबर से लेकर परंपराओं की गहरी समझ हासिल करने की ललक रखने वाले जापानी पर्यटक तक शामिल हैं।
स्पेन की क्रिस्टीना ने इस आयोजन की भव्यता पर विस्मय व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह एक अद्भुत पल है। मैं पहली बार इतने भव्य और अलौकिक आयोजन की गवाह बन रही हूं।”
एक अन्य विदेशी आगंतुक जूली ने संगम में डुबकी लगाकर एक अजब-सा आध्यात्मिक सुकून मिलने की बात कही। उन्होंने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, “मैं पवित्र जल में डुबकी लगाने का अवसर पाकर कृतज्ञ महसूस कर रही हूं। मुझमें पूर्णता का जो भाव जगा है, उसे मैं शब्दों में नहीं बयां कर सकती।”
इटली से आने वाली वेलेरिया ने महाकुंभ के आध्यात्मिक वातावरण को “अद्भुत और रोमांचक” करार दिया। हालांकि, उन्होंने और उनके पति मिखाइल ने ठंडे मौसम के कारण पवित्र जल में डुबकी नहीं लगाई।
मिखाइल ने मजाकिया लहजे में कहा, “मेरी पत्नी ने मुझे धमकी दी कि अगर मैंने संगम में डुबकी लगाई, तो वह मुझे छोड़ देगी, क्योंकि पानी बहुत ठंडा है!” दंपति ने कहा कि ठंड कम होने पर वे एक बार फिर महाकुंभ में आने की कोशिश करेंगे।
पहली बार महाकुंभ में पहुंचे ब्राजील के योग साधक शिकू ने ‘मोक्ष’ की खोज को अपनी यात्रा का मकसद बताया। उन्होंने कहा, “भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय है और इस बार 144 वर्षों बाद बना ग्रहों का दुर्लभ संयोग महाकुंभ को और भी खास बनाता है। मैं यहां आकर बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। जय श्रीराम।”
फ्रांसीसी पत्रकार मेलानी में इस आयोजन ने एक अप्रत्याशित रोमांच पैदा किया।
मेलोनी ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, “जब मैंने भारत की यात्रा की योजना बनाई थी, तब मुझे महाकुंभ के बारे में नहीं पता था। लेकिन एक बार जब मुझे इसके बारे में पता चला, तो मुझे लगा कि मुझे यहां आना ही होगा। साधुओं से मिलना और इस जीवंत मेले को देखना जीवन में एक बार मिलने वाला अनुभव है।”
उत्तर प्रदेश सरकार को महाकुंभ में विदेशी आगंतुकों सहित कुल 40 से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 13 जनवरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद बांसुरी स्वराज ने सोमवार को कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) नेता सत्येंद्र जैन द्वारा दिल्ली की एक अदालत में उनके विरुद्ध दर्ज करायी गयी मानहानि की शिकायत ‘राजनीति से प्रेरित’ है।
स्वराज के वकील ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल के समक्ष दलील दी कि इस मामले के तथ्य सार्वजनिक हैं और इसे मानहानि के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता।
वकील ने कहा, ‘‘इस मामले में समय का बड़ा महत्व है, क्योंकि शिकायतकर्ता चुनाव लड़ रहा है। यह याचिका राजनीति से प्रेरित है और इसे राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के लिए दायर किया गया है।’’
जैन के वकील ने इन दलीलों का विरोध किया और कहा कि स्वराज के बयान ‘तथ्यों के विपरीत हैं।’’
अदालत ने मामले को 22 जनवरी के लिए स्थगित कर दिया।
जैन ने आरोप लगाया कि स्वराज ने पांच अक्टूबर, 2023 को एक समाचार चैनल पर साक्षात्कार के दौरान उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की, जिसे लाखों लोगों ने देखा।
उनकी शिकायत के अनुसार, स्वराज ने जैन के घर से 1.8 किलोग्राम सोने और सोने के 133 सिक्कों के अलावा तीन करोड़ रुपये नकद मिलने के ‘झूठे दावे’ किये।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि स्वराज ने उन्हें ‘भ्रष्ट और धोखेबाज’ बताते हुए अनुचित राजनीतिक लाभ लेने और बदनाम करने के लिए झूठे बयान दिए। (भाषा)
कोलकाता, 13 जनवरी । पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर जिले के मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित तौर पर एक्सपायर हो चुकी रिंगर लैक्टेटेड (आरएल) सलाइन दिए जाने से एक गर्भवती महिला की मौत को लेकर सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ में दो जनहित याचिकाएं (पीआईएल) दायर की गईं। कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणम और न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने दोनों याचिकाओं को स्वीकार कर लिया है। जनहित याचिकाओं पर पहली सुनवाई 16 जनवरी को होगी। दो जनहित याचिकाओं में से एक कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता फिरोज एडुलजी ने दायर की है।
याचिका के अनुसार जिस संगठन के सलाइन के कारण कर्नाटक में मौतें हुईं, इसके बाद उस संस्था को राज्य सरकार ने काली सूची में डाल दिया। इसी संस्था ने ही पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल में भी सलाइन की आपूर्ति की, जिसके कारण मौतें हुईं। पिछले सप्ताह, पांच गर्भवती महिलाओं को कथित तौर पर एक्सपायर सलाइन दिए जाने के बाद मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनमें से एक मामोनी रुइदास (25) की शुक्रवार को ही मौत हो गई थी। शेष चार का उसी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनमें से हालत बिगड़ने के बाद तीन को रविवार रात दक्षिण कोलकाता में सरकारी एस.एस.के.एम. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।
इस घटना ने गंभीर चिंता पैदा कर दी है। एक्सपायर हो चुकी आरएल सलाइन पास्कल बैंग फार्मास्युटिकल लिमिटेड से आई थी, जो पहले कर्नाटक सरकार और बाद में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रतिबंधित की गई कंपनी थी। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इस बात की जांच के लिए 13 सदस्यीय जांच समिति बनाई है। समिति यह जांच करेगी कि मरीजों को एक्सपायर हो चुकी सलाइन कैसे दी गई। जांच समिति सोमवार को इस मामले पर रिपोर्ट पेश करेगी और उसी दिन इसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने रखा जाएगा। इस घटना ने राज्य की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में इसी तरह के मामलों को लेकर चिंता फिर से जगा दी है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के एक मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर निजी वित्तीय लाभ के लिए मरीजों पर एक्सपायर और अप्रभावी दवाओं के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया था। -(आईएएनएस)
रांची, 13 जनवरी । झारखंड के बोकारो, सरायकेला-खरसावां और साहिबगंज में सोमवार को अलग-अलग घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। पहली वारदात बोकारो जिले की है, जहां कसमार प्रखंड के मधुकरपुर गांव में अपने घर में सो रहे हजारीबाग जिला ट्रेजरी के स्टाफ पिंटू कुमार नायक की हत्या अपराधियों ने उनके घर में घुसकर कर दी। उन्हें दो गोलियां मारी गई हैं। बताया गया कि रविवार को साप्ताहिक अवकाश होने की वजह से पिंटू अपने गांव आए थे। वे अपने कमरे में सो रहे थे, तब अचानक फायरिंग की आवाज आई। उनके पिता सुकुल नायक नींद से जागे तो उन्होंने दो लोगों को भागते हुए देखा।
पिंटू बिस्तर पर खून से लथपथ पड़े थे। उन्हें तत्काल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हत्या किन लोगों ने की और इसकी वजह क्या है, इसका पता नहीं चल पाया है। वारदात की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। मामले की तहकीकात चल रही है। दूसरी घटना सरायकेला-खरसावां जिले के चांडिल कस्बे की है, जहां एक स्टूडियो संचालक दिलीप गोराई की गोली मारकर हत्या कर दी गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दिलीप रोज की तरह दिन के करीब 10 बजे चांडिल बाजार स्थित अपने स्टूडियो को खोलने पहुंचे थे। उसी वक्त बाइक पर सवार होकर आए दो अपराधियों ने स्टूडियो के अंदर घुसकर उन्हें गोली मार दी।
उन्हें स्थानीय लोगों ने टाटा मेन हॉस्पिटल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। चांडिल थाने की पुलिस घटनास्थल का सीसीटीवी फुटेज निकालकर हत्यारों का सुराग पाने की कोशिश में जुटी है। कई स्थानीय लोगों से पूछताछ की गई है। इसी तरह की वारदात साहिबगंज जिले के मिर्जा चौकी थाना क्षेत्र में हुई है। यहां महादेव वरण ग्राम पंचायत के प्रधान होली कोड़ा को एक व्यक्ति ने सोमवार को गोली मार दी। वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उन्होंने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि गांव की एक जमीन को लेकर चल रहे विवाद को लेकर उन पर फायरिंग की गई है। फिलहाल उन्हें इलाज के लिए भागलपुर ले जाया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। -(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 जनवरी । भारत ने 2019 की तुलना में 2020 में ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन में 7.93 प्रतिशत की कमी हासिल की है, जो एक सस्टेनेबल भविष्य के लिए प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। हाल ही में सरकार द्वारा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को लेकर यह जानकारी दी गई। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि देश ने 2021 में पार्टियों के 26वें सम्मेलन (सीओपी 26) में 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने का संकल्प लिया है। भारत की चौथी द्विवार्षिक अपडेट रिपोर्ट ने 2019 की तुलना में 2020 में जीएचजी उत्सर्जन में 7.93 प्रतिशत की कमी को उजागर किया। देश ने 30 दिसंबर, 2024 को जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) को बीयूआर-4 पेश किया। रिपोर्ट में जानकारी दी गई है, "लैंड-यूज, लैंड-यूज चेंज एंड फोरेस्ट्री (एलयूएलयूसीएफ) को छोड़कर, भारत का उत्सर्जन 2,959 मिलियन टन सीओटूई था।"
एलयूएलयूसीएफ सहित, शुद्ध उत्सर्जन 2,437 मिलियन टन सीओटूई था। ऊर्जा क्षेत्र सबसे बड़ा योगदानकर्ता था, जो उत्सर्जन का 75.66 प्रतिशत था, अन्य भूमि उपयोग के साथ, लगभग 522 मिलियन टन सीओटूई को अलग किया, जो देश के कुल उत्सर्जन के 22 प्रतिशत को कम करने के बराबर था। मंत्रालय ने जोर देकर कहा, "ये प्रयास समानता और पेरिस समझौते के सिद्धांतों के आधार पर अपनी राष्ट्रीय परिस्थितियों को संबोधित करते हुए जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।" भारत, वैश्विक तापमान में न्यूनतम योगदान देने के बावजूद, अपनी बड़ी आबादी और विकास संबंधी जरूरतों के कारण महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहा है।
देश अपनी अनूठी परिस्थितियों को संबोधित करते हुए कम कार्बन विकास और जलवायु लचीलापन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। 1850 और 2019 के बीच दुनिया की आबादी का लगभग 17 प्रतिशत होने के बावजूद, संचयी वैश्विक जीएचजी उत्सर्जन में भारत का ऐतिहासिक हिस्सा सालाना 4 प्रतिशत है। रिपोर्ट के अनुसार, "2019 में भारत की प्रति व्यक्ति वार्षिक प्राथमिक ऊर्जा खपत 28.7 गीगाजूल (जीजे) थी, जो विकसित और विकासशील दोनों देशों की तुलना में काफी कम है।" देश ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक स्थायी मार्ग तैयार करने के लिए दीर्घकालिक कम ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन विकास रणनीति (एलटी-एलईडीएस) तैयार की है। मंत्रालय ने कहा, "भारत अपनी दीर्घकालिक कम उत्सर्जन विकास रणनीति और महाकुंभ 2025 में मियावाकी वृक्षारोपण जैसी प्रमुख पहलों को लागू कर रहा है। ये प्रयास संतुलित विकास और पर्यावरणीय जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हैं, जिससे जलवायु-अनुकूल भविष्य का मार्ग प्रशस्त होता है।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 जनवरी । पौष पूर्णिमा पर संगम नगरी प्रयागराज में पूरी भव्यता के साथ महाकुंभ का आगाज हो चुका है। भारत समेत पूरी दुनिया के लोग संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने महाकुंभ की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मेरे प्यारे देशवासियों, आज विश्व की प्राचीनतम संस्कृति संगम, तीर्थराज प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। यह भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का महापर्व है। इस पावन आयोजन के अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से मैं सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।" "लाखों करोड़ों की संख्या में अगले डेढ़ महीने तक चलने वाले त्रिवेणी संगम के इस पारंपरिक महोत्सव में पधारे सभी साधु, संत, पंथ, समुदाय और जनता जनार्दन, एकजुट होकर जाति, वर्ण, और वर्ग के भेदभाव मिटाकर भारत की महान संस्कृति का परिचय पूरे विश्व को देंगे।
छुआछूत, ऊंच-नीच, भेदभाव और अंधविश्वास को छोड़कर हम सभी इस देश की विविधता में एकता के शाश्वत मूल्यों को अपनाकर सौहार्द, सद्भाव, भाईचारे व आपसी प्रेम का संदेश देंगे।" उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा, "पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने डिस्कवरी ऑफ इंडिया में महाकुंभ मेले का वर्णन करते हुए लिखा है- "मैं इलाहाबाद या हरिद्वार में महान स्नान उत्सव, कुंभ मेले में जाता था और देखता था कि लाखों लोग आते हैं, जैसे उनके पूर्वज हजारों सालों से पूरे भारत से गंगा में स्नान करने आते थे। मुझे तेरह सौ साल पहले चीनी तीर्थयात्रियों और अन्य लोगों द्वारा लिखे गए इन त्योहारों के विवरण याद हैं और तब भी ये मेले प्राचीन थे और अज्ञात पुरातनता में खो गए थे। मुझे आश्चर्य हुआ कि वह कौन सी आस्था थी, जिसने अनगिनत पीढ़ियों से हमारे लोगों को भारत की इस प्रसिद्ध नदी की ओर खींचा है?" खड़गे ने आगे लिखा, "अध्यात्म, भक्ति, आस्था व श्रद्धा के इस ऐतिहासिक विहंगम दर्शन महाकुंभ का आयोजन सफल रहे, समानता और एकजुटता का प्रतीक बने, हमारी यही कामना है।" (आईएएनएस)
समस्तीपुर, 13 जनवरी । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को अपनी 'प्रगति यात्रा' के क्रम में समस्तीपुर पहुंचे। यहां उन्होंने 500 करोड़ रुपए की विकास योजनाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से मुलाकात की और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की। मुख्यमंत्री ने उजियारपुर प्रखंड के रायपुर ग्राम में जिला इमरजेंसी रिस्पॉन्स फैसिलिटी कम ट्रेनिंग सेंटर और 100 बेड वाले छात्रावास तथा अन्य विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कल्याणपुर के मुक्तापुर मोइन के जीर्णोद्धार कार्यों को देखा। शेखोपुर गांव में मुख्यमंत्री ने 'जल जीवन हरियाली योजना' के तहत विकसित तालाब का जायजा लिया।
इस यात्रा के दौरान उन्होंने कई योजनाओं की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि मुक्तापुर मोइन को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा तथा समस्तीपुर-दरभंगा पथ पर मुक्तापुर में रेलवे क्रॉसिंग पर आरओबी का भी निर्माण कराया जाएगा। इसके अलावा समस्तीपुर शहर के लिए छोटी बेझाडीह से मुक्तापुर में प्रस्तावित आरओबी तक बाइपास सड़क का निर्माण और गंडक नदी पर मगरदही घाट के पास पुराने जर्जर पुल के स्थान पर आरसीसी पुल का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि सरायरंजन में मेडिकल कॉलेज के लिए बाइपास का निर्माण कराया जाएगा। मुख्यमंत्री के साथ यात्रा में शामिल बिहार सरकार के मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि राज्य में 18 साल के शासनकाल में बहुत विकास हुआ है, लेकिन अभी भी कुछ कार्य शेष रह गए हैं। उन्होंने कहा, "इस 'प्रगति यात्रा' के माध्यम से शेष कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री खुद सुनिश्चित करने के लिए हर जिले में जा रहे हैं कि काम कहां तक हुआ है और बाकी कार्यों की स्थिति क्या है, उसे देख रहे हैं।" मंत्री विजय चौधरी ने बताया कि 'प्रगति यात्रा' का उद्देश्य उन इलाकों पर विशेष ध्यान देना है, जहां विकास की रफ्तार धीमी रही है। विकास कार्यों को देखना और उस कार्य को पूरा करना 'प्रगति यात्रा' का उद्देश्य है। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 जनवरी । एक अध्ययन के अनुसार, ऐसी कॉग्निटिव समस्याएं जिनमें ध्यान केंद्रित करने में अधिक दिक्कत होती है, लेकिन अच्छी तात्कालिक स्मरण शक्ति और याददाश्त होती है, लेवी बॉडी डिमेंशिया की पहचान में मदद कर सकती हैं। लेवी बॉडी डिमेंशिया (डीएलबी) अल्जाइमर रोग के बाद सबसे आम न्यूरोडीजेनेरेटिव डिमेंशिया है। लेकिन इसे अक्सर गलत डायग्नोज किया जाता है, जिससे मरीज को सही इलाज समय से नहीं मिल पाता। बीमारी का जल्दी पता लगाने में सहायता करने और बेहतर परिणाम के लिए कोलोराडो विश्वविद्यालय के अंशुट्ज मेडिकल कैंपस के शोधकर्ताओं ने उपलब्ध अध्ययनों से जानकारी एकत्र की और एक कॉग्निटिव प्रोफाइल बनाई।
यह प्रोफाइल लेवी बॉडी डिमेंशिया और अल्जाइमर को उनके डिमेंशिया चरण से पहले ही अलग पहचानने में मदद कर सकता है। विश्वविद्यालय में न्यूरोलॉजी के सहायक प्रोफेसर और प्रमुख लेखक ईस बेयरम ने कहा कि इससे इन बीमारियों से पीड़ित लोगों की देखभाल की दिशा को बेहतर ढंग से सूचित करने में मदद मिल सकती है। अल्जाइमर और डिमेंशिया जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में, प्री-डिमेंशिया स्टेज डायग्नोसिस के मेटा-विश्लेषण में, डीएलबी वाले लोगों में अल्जाइमर रोगियों की तुलना में कॉग्निटिव लक्षणों में समानताएं पाई गईं। प्री-डिमेंशिया चरण में, डीएलबी से ग्रस्त लोगों में ध्यान देने की क्षमता, सोचने की गति और निर्णय लेने की क्षमता में अधिक कमी देखी गई, जबकि उनकी याददाश्त और तुरंत बातों को याद रखने की क्षमता अल्जाइमर के मरीजों की तुलना में बेहतर रही।
टीम ने ये भी पाया कि डीएलबी से पीड़ित लोग उन दवाओं के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं जो आमतौर पर साइकोसिस के इलाज के लिए दी जाती हैं, जैसे हैलोपेरीडोल, ये दवाएं उनकी स्थिति को और बिगाड़ सकती हैं। बेयरम ने कहा, "कॉग्निटिव प्रोफाइल की पहचान करने से हमें दिशा-निर्देश का सुझाव देने के लिए आवश्यक परिणाम मिले, जिससे चिकित्सकों को देखभाल के बेहतर प्लान को आसानी से तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया जा सके।" शोधकर्ताओं का कहना है कि डिमेंशिया के प्रकार की जल्द पहचान करने से डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्ति और उनके देखभाल करने वाले साथी दोनों को भविष्य का प्लान बनाने में आसानी हो सकती है। साथ ही, सही लक्षणों के इलाज से बीमारी को नियंत्रित करना आसान हो जाता है।(आईएएनएस)
पटना, 13 जनवरी । बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान सोमवार को उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के मकर संक्रांति के एक दिन पूर्व आयोजित दही-चूड़ा भोज में सम्मिलित हुए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह प्रयागराज महाकुंभ में भी जा रहे हैं। दरअसल, उप मुख्यमंत्री सिन्हा सोमवार के आवास पर स्वामी विवेकानंद जयंती पखवाड़ा (राष्ट्रीय युवा दिवस) एवं मकर संक्रांति की पूर्व संध्या पर दही-चूड़ा भोज एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बिहार राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए और चूड़ा, दही, तिलकुट खाया। इस मौके पर राज्यपाल ने बिहार वासियों और देशवासियों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने कहा, "आप सभी को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं। मकर संक्रांति हमारे देश का महत्वपूर्ण पर्व है। इस पर्व की आप सभी को शुभकामना देते हैं।
प्रार्थना है कि हमारे देश के लिए, प्रदेश के लिए आने वाला समय बहुत प्रगति लाए, उन्नति लाए, विकास लाए और खुशियां लाए।" राज्यपाल से पत्रकारों ने महाकुंभ जाने के संबंध में पूछा तो उन्होंने कहा, "मैं तो जा ही रहा हूं। एक बड़े संत महाकुंभ में आमंत्रित किए हैं, वहां मैं तीन दिनों के लिए जा रहा हूं।" उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा के आवास पर आयोजित इस भोज में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री विजय चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल सहित एनडीए के तमाम नेता मौजूद रहे। उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया और अपने हाथों से सभी को चूड़ा-दही परोसा। मकर संक्रांति के दिन यानी 14 जनवरी को भाजपा प्रदेश कार्यालय में भी दही चूड़ा भोज का आयोजन किया गया है। अन्य कई नेताओं द्वारा भी दही-चूड़ा भोज का आयोजन किया जा रहा है। - (आईएएनएस)
महाकुंभ नगर, 13 जनवरी । महाकुंभ नगर भारत ही नहीं, विश्व की आस्था का केंद्र बन गया है। यहां देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही अमेरिका, रूस, जर्मनी, इटली, इक्वाडोर समेत तमाम देशों के लोग सनातन संस्कृति से अभिभूत नजर आए। सभी ने संगम में डुबकी लगाई और माथे पर तिलक लगाकर संगम की रेती पर निकल पड़े। इस दौरान स्पेनिश, जर्मन, रशियन और फ्रेंच समेत कई विदेशी भाषाओं में 'जय श्री राम' और 'हर-हर गंगे' के जयकारों से संगम का वातावरण गूंज उठा। महाकुंभ का संगम घाट इस बार दुनिया के लिए बड़ा आकर्षण का केंद्र बन गया है। देश के साथ ही विदेशी श्रद्धालुओं ने भी इसे आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र बताया है।
जर्मनी की रहने वाली क्रिस्टीना ने बताया कि यहां आकर आत्मा को शांति मिलती है। मैंने महाकुंभ के बारे में सुना जरूर था, लेकिन यहां आकर ऐसा लगा कि यह अनुभव अविस्मरणीय है। क्रिस्टीना का जन्म इक्वाडोर में हुआ था। बाद में उनके माता-पिता जर्मनी में बस गए। इक्वाडोर के निवासी उनके साथी भी भारत की आध्यात्मिकता से अभिभूत नजर आए। उनका कहना था कि गंगा में डुबकी लगाकर ऐसा महसूस हुआ, जैसे सभी पाप धुल गए हों। न्यूयॉर्क से आए फैशन डिजाइनर कॉबी हेल्परिन ने कहा कि भारत की संस्कृति और परंपराओं को इतने भव्य रूप में देखना मेरे लिए एक नया अनुभव है। महाकुंभ ने मुझे भारतीय संस्कृति को गहराई से समझने का अवसर दिया। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी प्रेरणादायक है। यहां आकर उन्हें गौरव का अहसास हो रहा है। रूस से आए मिखाइल और उनके दोस्तों ने संगम घाट पर गंगा स्नान कर 'हर-हर गंगे' के जयकारे लगाए। उन्होंने कहा, ''मैंने महाकुंभ के बारे में पढ़ा था, लेकिन यहां आकर इसकी विशालता और दिव्यता को महसूस करना मेरे जीवन का सबसे खूबसूरत अनुभव है। यह हम सभी के लिए कभी न भूलने वाला क्षण है।'' इटली से आए पाउलो ने अपने 12 सदस्यीय दल के साथ महाकुंभ में संगम स्नान कर पावन पुण्य कमाया।
उन्होंने योगी सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि दुनिया में इतना बड़ा सांस्कृतिक आयोजन कहीं और संभव नहीं है। यह भारत की महानता को दर्शाता है। उत्तर प्रदेश में यह आयोजन हो रहा है, इसके लिए यहां के शासक (सीएम योगी) भी बधाई के पात्र हैं। इसी तरह, ऑस्ट्रेलिया से आए एलेक्स ने बताया कि जर्मनी में उनके दोस्तों ने उन्हें महाकुंभ के बारे में बताया था। भारत आकर उन्होंने इस अद्वितीय आयोजन का अनुभव किया और इसे अपने जीवन का सबसे यादगार पल बताया। महाकुंभ इस बार न केवल भारतीय श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि विदेशी पर्यटकों और भक्तों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण बन गया है। विभिन्न देशों से आए श्रद्धालु भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और गंगा के महत्व को समझने और अनुभव करने के लिए उमड़ पड़े। यह आयोजन न केवल भारतीय परंपराओं का प्रतीक है, बल्कि विश्व एकता और आध्यात्मिकता का संगम भी है। महाकुंभ एक ऐसा आयोजन है, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान भारत की ओर खींचा है। --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 जनवरी । दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को नामांकन दाखिल करने से पहले रोड शो निकाला। रैली में मुख्यमंत्री आतिशी और ‘आप’ के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया भी शामिल हुए। इस मौके पर दोनों ने आईएएनएस से खास बातचीत की। सीएम आतिशी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि दिल्ली के लोगों के दिल में आम आदमी पार्टी और केजरीवाल जी बसते हैं। हमने पिछले पांच साल में जो काम किए हैं, लोग हमें उसी के आधार पर वोट देंगे। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके पास दिल्लीवालों के लिए करने के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने आज तक कोई काम नहीं किया है। वहीं, रैली में शामिल मनीष सिसोदिया ने भी आईएएनएस से बातचीत की।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में आम आदमी पार्टी के पक्ष में भारी जनसमर्थन है और यह जनसमर्थन हमें काम के आधार पर मिला है, क्योंकि अरविंद केजरीवाल जी काम भी करते हैं और जो काम रोकता है, उससे लड़ते भी हैं। उनके पास एक ऐसी टीम है, जो किसी भी कीमत पर नहीं टूटती है, बल्कि हर परिस्थिति में लड़ती है। इस बीच, उन्होंने अपने विरोधियों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि उनके पास गाली देने के अलावा कुछ भी नहीं है, लेकिन हम गाली नहीं देते हैं, बल्कि हमने जनता के लिए कई काम किए हैं और आज की तारीख में हमारे पास काम गिनाने के लिए बहुत कुछ है। हमने हर क्षेत्र में काम किए हैं।
हमने शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्रों में दिल्ली की जनता के हितों को देखते हुए कई काम किए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा को दिल्ली वालों ने महज एक ही काम दिया था कि आप लोग कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी देख लो, लेकिन ये लोग इस काम को भी ढंग से नहीं कर पाए। इससे पहले आतिशी ने कालकाजी मंदिर में पूजा कर मां कालका का आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि "आज मैं अपना नामांकन दाखिल करने जा रही हूं और नामांकन दाखिल करने से पहले मैं कालकाजी माई का आशीर्वाद लेने कालकाजी मंदिर आई हूं। कालकाजी माई का आशीर्वाद आप और कालकाजी समेत दिल्ली की जनता पर बना रहे। कालकाजी जी के लोगों ने मुझे बहुत प्यार दिया है, जिसके प्रति मैं अपना आभार प्रकट करती हूं।" --(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 जनवरी । दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिहाज से शाहदरा विधानसभा एक हाईप्रोफाइल सीट है। जहां मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच माना जा रहा है। वर्तमान में यहां से आप के रामनिवास गोयल विधायक हैं। उन्होंने दो बार इस सीट से जीत दर्ज की। वहीं, इस बार 'आप' ने इस सीट से जितेंद्र सिंह शंटी को टिकट थमाया है, जिन्होंने हाल ही में भाजपा से 'आप' का दामन थामा है। दरअसल, रामनिवास गोयल ने अपनी बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए इस बार चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया। उन्होंने इस संबंध में 'आप' संयोजक अरविंद केजरीवाल को पत्र भी लिखा था। वहीं, शाहदरा इलाके की बात करें, तो इसे मुगलकाल में बसाया गया था, जो मौजूदा समय में एक जिले का रूप ले चुका है।
शाहदरा जिले में आवासीय क्षेत्र भी शामिल हैं और यह सेंट्रल दिल्ली के चांदनी चौक और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के करीब है। जीटी रोड टोल के पास के क्षेत्र को शाहदरा बॉर्डर कहा जाता है। 2025 के विधानसभा चुनाव में यहां मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच माना जा रहा है। वहीं, राजनीतिक प्रेक्षक इस बात को स्वीकार करते हैं कि कांग्रेस यहां तीसरे पक्ष के रूप में एक बड़ी भूमिका निभा सकती है। इस बार आम आदमी पार्टी ने यहां जीतेंद्र सिंह शंटी को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा और कांग्रेस ने अभी तक इस सीट पर अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। उधर, 2020 के विधानसभा चुनाव की बात करें, तो यहां आम आदमी पार्टी के नेता राम निवास गोयल ने जीत का परचम लहराया था। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के नेता संजय गोयल को पराजित कर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस के प्रत्याशी नरेंद्र नाथ तीसरे नंबर पर रहे थे। इस सीट पर कुल आठ प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे। रामनिवास गोयल ने बीजेपी प्रत्याशी संजय गोयल को 5294 वोटों से हराया था। इससे पहले 2015 के चुनाव में गोयल ने 58 हजार 523 मतों से जीत दर्ज की थी।
साल 2013 के चुनाव में शाहदरा सीट पर भाजपा के जीतेंद्र सिंह शंटी को जीत मिली थी। गत विधानसभा चुनाव में यहां राम निवास गोयल को 62,103 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के संजय गोयल को 56,809 मत मिले थे। इस सीट पर पिछले चुनाव में कुल 189407 वोटर्स थे, जिसमें 66 फीसद से अधिक यानी 125383 ने वोट डाले थे। साल 1993 में राम निवास गोयल ने बीजेपी के टिकट से जीत हासिल की थी। इसके बाद 1998 में कांग्रेस ने बीजेपी से यह सीट झटक ली और नरेंद्र नाथ विधायक बने। नरेंद्र नाथ ने इस सीट पर अपना जलवा बरकरार रखा। उन्होंने 2003 और 2008 के चुनाव में भी जीत का परचम लहराया। लेकिन, 2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की एंट्री हो गई। इसकी वजह से यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो गया। चुनाव में नरेंद्र नाथ को हार का मुंह देखना पड़ा।
उधर, अगर 2015 के विधानसभा चुनाव की बात करें, तो यहां से राम निवास गोयल आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे थे। उन्होंने इस चुनाव में भाजपा के शंटी को परास्त किया था। कांग्रेस के नरेंद्र नाथ तीसरे पायदान पर रहे। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी गोयल ने जीत हासिल की थी। उन्होंने इस सीट पर कांग्रेस के नरेंद्र नाथ को पराजित किया था। चुनाव आयोग के मुताबिक, शाहदरा विधानसभा सीट में पुरुष मतदाता 103325, महिला मतदाता 97072, थर्ड जेंडर 7 समेत कुल मतदाताओं की संख्या 200404 है। बता दें कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में पांच फरवरी को मतदान होंगे, जबकि नतीजों की घोषणा आठ फरवरी को होगी। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 13 जनवरी । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को कैग (सीएजी) रिपोर्ट के मुद्दे पर आम आदी पार्टी को घेरा। सुधांशु त्रिवेदी ने भाजपा मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में मुख्यमंत्री हैं भी और नहीं भी हैं। दिल्ली में अस्थायी मुख्यमंत्री और वास्तविक मुख्यमंत्री के बीच द्वंद है, इसे लेकर जनता के मन में कई प्रश्न तो उठ ही रहे थे। अब यह प्रश्न केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि संवैधानिक व्यवस्थाओं और कानूनी दृष्टिकोण से भी उठने लगे हैं। उन्होंने कहा कि 'आप' रोज एक सवाल खड़ी कर रही है, लेकिन दिल्ली सरकार सीएजी की रिपोर्ट को सदन के पटल पर क्यों नहीं रख रही है? हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद भी आप सरकार सीएजी की रिपोर्ट को सदन में नहीं रख रही है। दिल्ली सरकार ने 11 जनवरी 2025 को कहा कि सीएजी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की जरूरत नहीं है।
इससे यह साफ है कि ये आर्थिक राजनीति के साथ-साथ संवैधानिक आपदा भी है। आप सरकार अपने आय व्यय की समीक्षा को सार्वजनिक भी नहीं करना चाहती है। कांग्रेस के साथ गए, अब साथ नहीं है लेकिन उनका वायरस तो लेकर आए हैं। दिवंगत पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा था कि 100 जवाबों से बेहतर है मेरी एक खामोशी, उसी तरह केजरीवाल शायद ये कहने का प्रयास कर रहे हैं कि 100 जवाबों से अच्छा है मेरा ये बवाल। रोज आकर कुछ ना कुछ बोलना शुरू कर देते हैं।
उन्होंने आगे तंज कसते हुए कहा कि '100 जवाबों से अच्छा है मेरा ये बवाल, ताकि आर्थिक घोटाले के हर पहलू से बचते रहें केजरीवाल'। इसलिए हम उनसे पूछना चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी जवाब दे कि उसने सीएजी की रिपोर्ट क्यों सदन के पटल पर नहीं रखी। उनके सेक्रेटेरिएट ने लिख कर दिया है इसका कोई फायदा नहीं है, तो वो आकर साफ़ स्पष्ट करे कि संवैधानिक अपरिहार्यता को पूरा करने के पीछे नो यूज कहना, क्या अपने को संविधान से ऊपर समझते हैं या नहीं। -(आईएएनएस)
महाकुंभ नगर, 13 जनवरी । महाकुंभ में भारत समेत पूरी दुनिया के लोग संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। इस महाकुंभ में अनेकता में एकता के साथ-साथ कारोबार और परोपकार का अनूठा संगम भी देखने को मिल रहा है। महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर एक तरफ, जहां अखाड़ों और विभिन्न संस्थाओं ने लोगों के बीच निशुल्क चाय वितरित की, नाश्ता और भोजन कराया जा रहा है तो वहीं, व्यापार भी फल फूल रहा है। मेला प्रशासन द्वारा अलॉट स्टॉल्स के साथ-साथ बड़ी संख्या में ठेले-रेहड़ी वालों के लिए भी यह आय का साधन बन गया है।
ठेले-रेहड़ी वाले प्रयागराज के साथ-साथ प्रदेश भर से यहां पहुंच रहे हैं। इनमें कोई चाय बेच रहा है, तो कोई खाने का अन्य सामान। इसके साथ ही पूजा के सामानों और श्रृंगार के सामानों की भी खूब बिक्री हो रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में प्रयागराज विजिट के दौरान कहा था कि यह महाकुंभ प्रयागराज के साथ ही पूरे प्रदेश की इकॉनमी को मजबूती देने वाला होगा। इसके माध्यम से इकॉनमी में दो लाख करोड़ रुपए की वृद्धि संभावित है। महाकुंभ के पहले ही दिन भारी संख्या में श्रद्धालु संस्थाओं के भंडारों के साथ-साथ इन दुकानदारों पर भी खरीदारी करते रहे। खान-पान से लेकर पूजा सामग्री की सबसे ज्यादा खरीद हुई। खाने-पीने का सामान बेचने वाले हरदोई के रामकुमार ने बताया कि दो हफ्ते पहले ही महाकुंभ में आए हैं। यहां श्रद्धालुओं का पेट भरने के साथ ही पुण्य कमाने का भी अवसर है। किसी तरह का कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लिया जा रहा है। कोई हमें यहां परेशान भी नहीं कर रहा।
इसी तरह, भदोही से आए सुनील यहां लोगों को चाय पिला रहे हैं। सुनील ने बताया कि 45 दिन तक महाकुंभ में आय के लिए आए हैं। पहले दिन श्रद्धालुओं को सर्दी में चाय वितरित कर रहे हैं। किसी तरह का एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लिया जा रहा। एक तरफ, व्यापार है तो दूसरी तरफ परोपकार भी है। पहले ही दिन बड़ी संख्या में मेला क्षेत्र में विभिन्न संस्थाओं ने भंडारे का आयोजन किया और चाय भी वितरित की। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को बुला-बुलाकर भोजन कराया गया। कोई संस्था खिचड़ी खिला रही है तो कोई पूड़ी-सब्जी। वहीं, चाय पिलाने वालों की भी कोई कमी नहीं। सतुआ बाबा समेत कई साधु-संतों ने अपने शिविरों में श्रद्धालुओं के ठहरने की भी व्यवस्था की है और यहां भी भंडारे का आयोजन किया गया है। -- (आईएएनएस)
रांची, 13 जनवरी । झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में नगर निकायों के चुनाव नहीं कराए जाने पर गहरी नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने इसे अवमानना का मामला करार देते हुए कहा कि राज्य की सरकार नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया के नाम पर चुनाव नहीं रोक सकती। कोर्ट ने इस मामले में भारत के निर्वाचन आयोग को भी नोटिस जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी को तय की गई है। झारखंड हाईकोर्ट ने इस संबंध में रांची नगर निगम की निवर्तमान पार्षद रोशनी खलखो एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए करीब एक साल पहले 4 जनवरी, 2024 को नगर निकाय के चुनाव की तारीखें तीन हफ्ते के भीतर घोषित करने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी चुनावों को लटकाए रखना संवैधानिक और स्थानिक ब्रेकडाउन है।
कोर्ट के इस फैसले का अनुपालन नहीं होने पर रोशनी खलखो ने अवमानना याचिका दाखिल की है। सोमवार को जस्टिस आनंद सेन की बेंच में इस पर सुनवाई हुई। राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि नगर निकायों में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण प्रतिशत तय करने के लिए ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया जारी है। इसके पूरे होने के बाद चुनाव करा लिए जाएंगे। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ट्रिपल टेस्ट की आड़ में चुनाव रोकना गलत है। सुनवाई के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता ने बताया कि भारत के निर्वाचन आयोग ने आग्रह के बावजूद नया वोटर लिस्ट अब तक उपलब्ध नहीं कराया है। राज्य सरकार भी इसमें सहयोग नहीं कर रही है।
इस पर कोर्ट ने भारत के निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। उल्लेखनीय है कि झारखंड में सभी नगर निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 में ही समाप्त हो गया है। नए कार्यकाल के लिए चुनाव 27 अप्रैल, 2023 तक करा लिए जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया है। इसके पीछे की वजह यह है कि राज्य सरकार ने नगर निकायों का नया चुनाव कराने के पहले ओबीसी आरक्षण का प्रतिशत तय करने के लिए राज्य में ट्रिपल टेस्ट कराने का फैसला लिया है और इसकी प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हुई है। (आईएएनएस)