काबुल, 6 नवंबर | राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम बनाने के लिए अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) आने वाले दिनों में 25 खिलाड़ियों को केंद्रीय अनुबंध देगा। बोर्ड ने एक बयान में कहा है कि उसने 40 खिलाड़ियों का एक शिविर आयोजित किया था जिसमें से 25 खिलाड़ियों को शॉर्टलिस्ट किया है जिन्हें वो जल्द ही केंद्रीय अनुबंध देगा।
बोर्ड ने बताया, "शिविर के दौरान, जो 17 अक्टूबर को लगाया गया था, उसमें खिलाड़ियों ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग का अभ्यास किया है और अपनी फिटनेस पर भी काम किया।"
एसीबी ने हाल ही में राहमतुल्लाह कुरैशी को अपना नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनाया है।
कुरैशी ने कहा, "हमारा लक्ष्य देश में क्रिकेट जैसे खेल को बढ़ावा देना है क्योंकि यह देश में खुशी लेकर आता है और हमारे देशवासियों को उम्मीद देता है।" (आईएएनएस)
सैन फ्रांसिस्को, 6 नवंबर | फेसबुक ने शुक्रवार को कहा कि वह प्रमुख मीडिया आउटलेट्स द्वारा पुष्टि करने के बाद ही अपने मुख्य ऐप और इंस्टाग्राम पर चल रहे नोटिफिकेशन को अमेरिकी चुनाव के अनुमानित विजेता के साथ अपडेट करेगा। सोशल नेटवर्क मतदान सूचना केंद्र के लिंक के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के पोस्ट को भी लेबल करेगा।
फेसबुक ने एक ट्वीट में कहा, "चूंकि कई राज्यों में वोटों की गिनती जारी है, हम विश्वसनीय जानकारी के आधार पर ही राष्ट्रपति पद के अनुमानित विजेता के बारे में जानकारी देंगे।"
इसने कहा कि एक बार जब प्रमुख मीडिया आउटलेट्स में स्वतंत्र निर्णय से बहुमत के एक विजेता को प्रोजेक्ट किया जाता है, "हम चुनाव के अनुमानित विजेता के साथ फेसबुक और इंस्टाग्राम के टॉप पर चल रहे नोटिफिकेशन को अपडेट करेंगे।"
फेसबुक ने 3 नवंबर के चुनाव से पहले अपने प्लेटफार्मो पर गलत सूचना के प्रसार को कम करने के लिए कई उपायों की घोषणा की।(आईएएनएस)
मध्य अमेरिकी देश ग्वाटेमाला में तूफ़ान एटा की वजह से हुई मूसलाधार बारिश और तेज़ हवाओं के बाद भूस्खलन हुए. जिसमें कम-से-कम 50 लोगों की मौत हो गई है.
ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति ने कहा कि इनमें से लगभग आधे लोगों की मौत एक ही क़स्बे में हुईं हैं, जहां एक पहाड़ी ढहने से लगभग 20 घर कीचड़ में दब गए.
एटा तूफ़ान की वजह से मंगलवार को पड़ोसी निकारागुआ में भी भूस्खलन हुआ था.
ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आधे दिन में इतनी बारिश हुई है, जितनी पूरे महीने में होती है.
लगातार हो रही बारिश की वजह से बचावकर्मी सबसे बुरी तरह प्रभावित हुए इलाक़ों में नहीं पहुंच पा रहे हैं. ऐसे इलाक़ों में सैन क्रिस्टोबल वेरापज़ शहर भी शामिल है, जहां आधी मौते हुई हैं.
Major flash flooding in #Guatemala from former #HurricaneEta #Eta https://t.co/nO9WXaVEkt
— Sam Shamburger (@shamnadoes) November 6, 2020
राष्ट्रपति ने कहा, “अभी हम वहां पैदल ही पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि कोई और तरीक़ा नहीं हैं.”
एटा तूफ़ान पहले निकारागुआ से टकराया था. वहां वो श्रेणी चार के तूफ़ान के रूप में पहुंचा. 225 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं और भारी बारिश हो रही थी.
इसके बाद ये तूफ़ान कमज़ोर पड़ गया और पड़ोसी होंडुरास और बाद में ग्वाटेमाला में पहुंच गया.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, माना जा रहा है पूरे मध्य अमेरिकी क्षेत्र में एटा तूफ़ान की वजह से 70 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.
रॉयटर्स के मुताबिक़, होंडुरास में जलस्तर बढ़ना जारी है, घरों में पानी घुस गया है. बचने के लिए घरों की छतों पर चढ़ गए क़रीब 500 लोगों को सरकार ने निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.
Terribles afectaciones por la tormenta #Eta ????
— Geól. Sergio Almazán (@chematierra) November 6, 2020
Desoladoras imágenes
Deslizamiento de ladera deja al menos 15 viviendas soterradas en San Cristóbal Verapaz #Guatemala ???????? cuerpos de emergencia trabajan junto a habitantes de la localidad.
Vía @desastresgt pic.twitter.com/nI57LXIqqF
होंडुरास और ग्वाटेमाला के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की तस्वीरों में देखा जा सकता है कि लोग पानी से भरी सड़कों से किस तरह निकल रहे हैं. घर और गाड़ियां बाढ़ के पानी में डूब गए हैं.
अमेरिका के नेशनल हरिकेन सेंटर ने कहा है कि एटा तूफ़ान अब भी मध्य अमेरिका में भारी बारिश और जानलेवा बाढ़ का कारण बना हुआ है.
तूफ़ान अब उत्तर-पूर्व में क्यूबा और अमेरिका के फ्लोरिडा प्रदेश की ओर बढ़ रहा है. इस इस सप्ताहांत तूफान के फिर से भयानक रूप लेने की आशंका है.
न्यूयॉर्क, 6 नवंबर | अमेरिका में मतदान के दो दिन बाद, सभी की निगाहें फिर से पेन्सिलवेनिया पर टिक गई हैं, जहां 20 इलेक्टोरल वोट हैं। अगर बाइडेन यह राज्य जीत जाते हैं, तो हम कह सकते हैं कि वो अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव जीत गए हैं। यदि ट्रंप दूसरे राज्यों के साथ इस राज्य को जीतते हैं तो ये उनकी अमेरिकी चुनाव में एक सनसनीखेज वापसी होगी।
फिलहाल बाइडेन इलेक्टोरल वोट में 253-214 से ट्रंप से आगे चल रहे हैं।
बाइडेन का आत्मविश्वास बढ़ रहा है। डेलावेयर के विल्मिंगटन में मंच सज कर तैयार है। उनकी ओर से एक बड़ी घोषणा का इंतजार है।
ट्रंप इस बीच गुस्से में है और ये उनके ट्वीट में दिख रहा है। बार बार जीत के दावे किए जा रहे हैं।
इस समय, पेन्सिलवेनिया में मतों की गिनती लगातार जारी है और ट्रंप पीछे घिसकते जा रहे हैं। बाइडेन 50 से 70 प्रतिशत की दर से मतपत्रों की गिनती में आगे हैं और अपने और ट्रंप के बीच की दूरी को बढ़ा रहे हैं।
अमेरिकी समय के मुताबिक, शाम 5 बजे से रात 9 बजे के बीच ट्रंप की बढ़त 90,000 वोटों से सिकुड़कर केवल 50,000 तक रह गई और अभी भी 3 लाख से अधिक वोटों की गिनती बाकी है।
देर से हो रही गिनती में बाइडेन आगे चल रहे हैं। ये वो मतपत्र हैं जिन्हें राज्य के कानून के आधार पर चुनाव के दिन तक नहीं गिना गया था।
ट्रंप ने यह दावा किया था कि मेल से मतदान करने से धोखाधड़ी होगी। उन्होंने गुरुवार को पूरा दिन अवैध मेल मतपत्रों के खिलाफ बयान दिए।
ट्रंप ने 2016 में पेंसिल्वेनिया को एक प्रतिशत से भी कम अंक से जीता था।
ट्रंप को दूसरा कार्यकाल जीतने के लिए एरिजोना जीतने की जरूरत है जिसे पहले से ही बाइडेन के पक्ष में माना जा रहा है। ट्रंप ने एरिजोना के फैसले की आलोचना की है, जहां दोनों के बीच अंतर लगातार कम हो रहा है।
इसी तरह की स्थिति साल 2000 में देखने को मिली थी, जब फ्लोरिडा में अल गोर जीत गए थे लेकिन फिर जॉर्ज डब्ल्यू बुश की जीत का ऐलान किया गया। और मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया।(आईएएनएस)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से बिना किसी प्रमाण के दावा किया है कि "वैध मतों" की गिनती के हिसाब से राष्ट्रपति चुनाव में वही विजेता निकलेंगे.
दो दिन की चुप्पी के बाद उन्होंने फिर से ये शिकायत ऐसे समय की है जब दो महत्वपूर्ण राज्यों - जॉर्जिया और पेन्सिल्वेनिया - में पोस्टल मतों की जारी गिनती के साथ उनकी बढ़त घटती जा रही है.
राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ़्रेंस में एक बार फिर अपनी जीत का दावा करते हुए ये शिकायत की किअवैध मतों से उनके पक्ष में आए चुनाव परिणाम को "चुराने" की कोशिश की की जा रही है.
हालाँकि विश्लेषकों के अनुसार उनके इस दावे का कोई जायज़ आधार नहीं है. राष्ट्रपति ट्रंप जिन पोस्टल मतों की गिनती की ओर इशारा कर रहे हैं, वो अवैध नहीं हैं. उनकी गिनती बाद में इसलिए हो रही है क्योंकि अमेरिका के कई राज्यों में यही प्रावधान है.
अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों ने अमेरिका में हो रहे चुनाव को अच्छी तरह संपन्न हो रहा चुनाव बताया है.
मतगणना जारी
रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन दोनों ने ही अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में एक दूसरे से बढ़त हासिल करने का दावा किया है. चुनावों के आख़िरी नतीजे आना अभी बाक़ी हैं और दोनों पक्ष क़ानूनी लड़ाई में उलझने की तैयारी में जुटे हैं.
इलेक्टोरल कॉलेज की संख्या के लिहाज़ से कई अहम राज्यों में अभी भी मतों की गिनती का काम जारी है. यही राज्य चुनाव नतीजे तय करेंगे.
बीबीसी का अनुमान है कि मिशिगन और विस्कॉन्सिन में जो बाइडन, ट्रंप से आगे चल रहे हैं. पेन्सिल्वेनिया के नतीजे अब तक नहीं आए हैं. विस्कॉन्सिन, मिशिगन और पेन्सिल्वेनिया राज्यों के नतीजे जो बाइडन की जीत सुनिश्चित कर सकते हैं.
ट्रंप के अभियान का कहना है कि नेवाडा, विस्कॉन्सिन, जॉर्जिया, पेन्सिल्वेनिया और मिशिगन में दोबारा मतों की गिनती कराई जाए. राष्ट्रपति ट्रंप का आरोप है कि चुनावों में फ्रॉड किया गया है.
नेवाडा और एरिज़ोना में फिलहाल जो बाइडन आगे चल रहे हैं. वहीं जॉर्जिया में मतों की गिनती का काम जारी है और यहां दोनों उम्मीदवारों के बीच मतों का फ़र्क कम होता जा रहा है.
पहले ही कहा था, पोस्टल बैलट विनाशकारी होंगे - ट्रंप
राष्ट्रपति ट्रंप ने व्हाइट हाउस में अपने ताज़ा संवाददाता सम्मेलन में कहा कि "अगर वैध वोटों की गिनती की जाए तो चुनाव मैं जीतूंगा."
उन्होंने क हा कि चुनाव को लेकर अदालतों तक मामले पहुंचे क्योंकि "ये प्रक्रिया अनुचित थी. हम इस तरह चुनावों में धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं कर सकते. मेल-इन बैलट के बारे में मैं पहले ही कह चुका हूं ये विनाशकारी साबित हो सकते हैं."
राष्ट्रपति चुनावों को लेकर कई राज्यों में वोटों की गिनती दोबारा कराने की गुज़ारिश लेकर ट्रंप के चुनाव अभियान से जुड़े अधिकारी अदालतों के दरवाज़े तक पहुंचे हैं. पेन्सिल्वेनिया की फ़िलाडेल्फिया की अदालत में एक मामले की सुनवाई होनी अभी बाक़ी है.
ट्रंप ने कहा कि एरिज़ोना में वो आगे चल रहे हैं. एरिज़ोना में अब तक 88 फीसदी मतों की गितनी पूरी हो गई है, यहां अब तक बाइडन आगे बढ़ते दिख रहे हैं.
उन्होंने कहा, "चुनावों की पवित्रता की रक्षा करना हमारा लक्ष्य है और हम भ्रष्टाचार के कारण इतने महत्वपूर्ण चुनाव में कोई धोखेबाज़ी नहीं होने देंगे."
ट्रंप ने कहा कि "मुझे लगता है कि चुनावों की पवित्रता को लेकर हम समझौता नहीं कर सकते. चुनाव के नतीजों के लिए शायद हमें क़ानूनी प्रक्रिया से गुज़रना हो. मुझे उम्मीद है कि नतीजे जल्दी आएंगे. इस मामले में फ़ैसला जजों को लेना होगा."
पेन्सिल्वेनिया में बाइडन को और कितने वोट मिल सकते हैं?
अब तक हमें जो कुछ पता है उसके अनुसार पेन्सिल्वेनिया में अभी क़रीब 326,000 पोस्टल वोट गिने जाने बाक़ी हैं. बीबीसी के पॉल डैनहर कहते हैं कि अब तक जो पोस्टल वोट गिने गए हैं उनमें से 75 फीसदी बाइडन के नाम पर थे क्योंकि उन्होंने इसके लिए वोटरों को प्ररित किया था.
वहीं जब ट्रंप ने अपने अभियान की शुरूआत की तो उन्होंने ये आरोप किया कि पोस्टल वोट में फ्रॉड हो सकता है.
डैनहर के अनुसार जिन पोस्टल वोटों की गिनती अभी होनी है अगर उनमें से 75 फीसदी बाइडन के खाते में जाएं तो उन्हें क़रीब 2,50,000 वोट मिलेंगे. इस के साथ ही उन्हें इस राज्य के सभी 20 इलेक्टोरल कॉलेज वोट मिल सकते हैं और उनका आगे का रास्ता साफ हो सकता है.
पेन्सिल्वेनिया में शुक्रवार तक होगी मतों की गिनती
ताज़ा ख़बरों के अनुसार यहां अब तक ट्रंप आगे चल रहे थे लेकिन अब जो बाइडन उनसे आगे बढ़ते दिख रहे हैं.
स्थानीय समयानुसार दोपहर बारह बजे तक ट्रंप 1,32611 मतों के फ़र्क से आगे थे, लेकिन शाम के साढ़े पांच बजे तक ये फ़र्क 90,542 वोट का रह गया है. इसका मतलब ये है कि बीते छह घंटों के भीतर बाइडन करीब 40,000 वोटों के मार्जिन से ट्रंप से आगे हो गए हैं.
पेन्सिल्वेनिया की चुनाव अधिकारी कैथी बुकेवर ने कहा है कि वोटर फ्रॉड के आरोपों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
उन्होंने कहा यहां अभी भी कई हज़ार मतों की गिनती होनी बाकी है इसलिए विजेता के नाम की घोषणा के लिए इंतज़ार करना होगा. अधिकतर वोटों की गिनती शुक्रवार तक हो जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि देर से पहुंचने वाले बेलट की संख्या काफी कम है.
धैर्य रखें, जल्द आएगा नतीजा - बाइडन
जो बाइडन ने अमरीकियों से धैर्य बनाए रखने और नतीजों के आने का इंतज़ार करने की अपील की है. उन्होंने लोगों से गणतांत्रिक प्रक्रिया का सम्मान करने के लिए कहा है.
बाइडन ने कहा, "वोट करना एक पवित्र काम की तरह है, इसके ज़रिए एक देश के वोटर अपनी राय बताते हैं. ये वोटर ही हैं जो देश का राष्ट्रपति चुनते हैं, ये काम कोई और नहीं कर सकता. इसलिए हर एक वोट गिना जाएगा और ऐसा ही होना चाहिए."
"मुझे और सीनेटर कमला हैरिस को पूरा यकीन है कि जब मतों की गिनती पूरी होगी हमें विजेता घोषित किया जाएगा. मैं लोगों से अपील करता हूं कि वो शांत रहें और चुनाव की पूरी प्रक्रिया को संपन्न होने दें. मतों की गिनती जारी है."
इधर रिपब्लिकन पार्टी से उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने पेन्सिल्वेनिया में मतों की गिनती को लेकर कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है. उनके कैंपेन अधिकारियों का दावा है कि फ़िलाडेल्फिया में जहां मतों की गिनती की जा रही थी वहां उनके प्रतिनिधि को जाने नहीं दिया गया.
फ़िलाडेल्फिया की फेडेरल जज ने मामले की आपात सुनवाई के लिए गुरुवार रात का वक्त मुकर्रर किया है.
बज़फीड की रिपोर्टर ज़ो टिलमैन ने याचिका की कॉपी सोशल मीडिया पर पोस्ट की है. याचिका में मतों की गिनती तुरंत रोकने की दर्ख्वास्त की गई है.
नवंबर की चार तारीख को ट्रंप के अभियान से जुड़े अधिकारी ने कहा कि वो मतों की गिनती रुकवाने के लिए कोर्ट की रुख़ करेंगे. अनौपचारिक तौर पर यहां उस वक्त तक स्थानीय चुनाव अधिकारियों ने यहां 96 फीसदी मतों की गिनती पूरी कर ली थी.
ट्रंप की टीम का कहना है कि वो हर एब्सेन्टी काउंटिंग बोर्ड पर अपने एक कार्यकर्ता को रखना करना चाहते हैं और जिन वोटों की गिनती की जा चुकी है उनका रीव्यू करना चाहते हैं.
इस संबंध में ट्रंप के अभियान की याचिका को मिशिगन की एक कोर्ट ने खारिज कर दिया है. फर्स्ट डिस्ट्रिक्ट अपील्स कोर्ट की जज सिंथिया स्टीफन्स ने पोस्टल वोटों की गिनती रोकने की ट्रंप की दर्खवास्त को खारिज कर दिया है.
जज ने कहा कि याचिक दायर करने में काफी देर हो गई है, मतों की गिनती लगभग पूरी हो गई है और अभियान ने जिस व्यक्ति के ख़िलाफ़ (सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट) याचिका दायर की वो सही व्यक्ति नहीं हैं.
जज ने कहा कि वोटों की गिनती स्थानीय स्तर पर होती है और इस पर याचिका में बताए गए अधिकारी का कोई नियंत्रण नहीं है.
यहां विवाद पोस्ट के ज़रिए मिले वोटों को लेकर है. राज्य के चुनाव अधिकारियों का फ़ैसला है कि चुनाव के दिन के तीन दिन बाद तक मिले वोटों की गिनती की जाएगी. इस पर ट्रंप के अभियान के अधिकारियों ने कोर्ट का रुख़ किया है.
अधिकारियों ने चुनाव अधिकारियों पर ग़ैरकानूनी तरीके से पोस्टल वोट समय से पहले गिनने और वोट रीजेक्ट होने की सूरत में वोटर को दोबारा वोट करने देने का आरोप लगाया है और उनके ख़िलाफ़ क़ानूनी कदम उठाया है.
राष्ट्रपति के अभियान से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि मंगलवार को "मतों की गिनती में अनियमितताएं देखी गई हैं", इसलिए मतों की गिनती दोबारा कराई जानी चाहिए.
लेकिन ये मामला अब तक कोर्ट नहीं पहुंचा है. राज्य के क़ानून के अनुसार अगर दोनों उम्मीदवारों के बीच फ़र्क एक फ़ीसदी से भी कम पॉइंट का है और कोई भी उम्मीदवार मतों की दोबारा गिनती की मांग कर सकता है.
मतों की दोबारा गिनती कब तक होगी इसे लेकर अब तक स्पष्ट जानकारी नहीं है. हालांकि आम तौर पर काउंटी के चुनाव अधिकारियों के वोटों के रिव्यू के बाद ही ये संभव हो सकता है. राज्य के पास इसके लिए 17 नवंबर तक का वक्त है.
जानकारों के अनुसार इससे अधिक असर नहीं पड़ता क्योंकि मतों की दोबारा गिनती से केवल कुछ सौ वोटों का फर्क पड़ता है.
अब तक किसे मिले कितने वोट
यूएस इलेक्शन प्रोजेक्ट के अनुमान के अनुसार मंगलवार को हुए मतदान में 66.9 फीसदी लोगों ने हिस्सा लिया जो बीते 120 सालों में सबसे अधिक है.
जो बाइडन को 7.05 करोड़ समर्थकों के वोट मिले हैं जो अब तक किसी राष्ट्रपति को मिले वोटों के हिसाब से सबसे अधिक हैं. वहीं डोनाल्ड ट्रंप को 6.72 करोड़ वोट मिले हैं जो साल 2016 में उन्हें मिले वोट से 40 लाख अधिक हैं.
बाइडन को अब तक 253 इलेक्टोरल कॉलेज के वोट मिले हैं और वो ट्रंप के मुक़ाबले 270 के आंकड़े को छूने के अधिक क़रीब हैं. वहीं ट्रंप को अब तक 214 इलेक्टोरल कॉलेज के वोट मिले हैं.
अमरीका में वोटर राज्य स्तरीय चुनावों में मतदान करते हैं. जनसंख्या के आधार पर हर राज्य के अपने इलेक्टोरल कॉलेज होते हैं जिनके वोट निर्णायक होते हैं.
महामारी के दौर में हुए चुनाव
इस बार होने वाले चुनाव कोरोना वायरस महामारी दौर में संपन्न कराए गए हैं, जिससे सबसे अधिक अमरीका प्रभावित हैं.
जॉन्स हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी के डैशबोर्ड के अनुसार अब तक यहां कोरोना संक्रमण के 95.37 लाख मामले दर्ज किए जा चुके हैं जबकि 2,34,225 लोगों की मौत हो चुकी है. तोविड ट्ररैकिंग प्रोजेक्ट के अनुसार बुधवार को अमरीका में संक्रमण के 1,03,000 नए मामले दर्ज किए गए हैं.
इसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है और एक्ज़िट पोल्स से इस बात का अंदाज़ा भी मिला था कि वोटरों को प्रभावित करने वाला ये सबसे बड़ा मुद्दा था.(bbc)
निखिला नटराजन
न्यूयॉर्क, 5 नवंबर| अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव बेहद दिलचस्प मोड़ पर है और डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बाइडन और उपराष्ट्रपति उम्मीदवार भारतीय मूल की कमला हैरिस इतिहास रचने के बेहद करीब हैं। व्हाइट हाउस और उनके बीच महज 17 इलेक्टोरल वोट ही हैं।
आसान शब्दों में कहें तो उनके खाते में 264 इलेक्टोरल वोट आ चुके हैं और उन्हें सिर्फ छह वोटों की दरकार है, क्योंकि व्हाइट हाउस तक पहुंचने के लिए 270 का जादुई आंकड़ा छूना है। इस तरह से जो बाइडन को अब व्हाइट हाउस पहुंचने के लिए महज एक राज्य जीतने की जरूरत है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर ने बुधवार का दिन विशेष रणनीति बनाने में ही गुजारा। उन्होंने ट्रंप की 'वोटिंग रोकने' वाली रणनीति पर और आगे काम करना शुरू कर दिया है। वह वर्ष 2000 में राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के फ्लोरिडा में रिकाउंटिंग वाले मामले की तरह ही ट्रंप को वकीलों की ओर से सहारा देने की जुगत में लगे हैं।
गुरुवार सुबह 10 बजे (ईएसटी) ट्रंप के पसंदीदा नेटवर्क फॉक्स न्यूज और द एसोसिएटेड प्रेस में बाइडन 264 और ट्रंप के 214 वोट दिखाए गए। यह ट्रंप खेमे के लिए एक झटका है, क्योंकि वह व्हाइट हाउस की दौड़ में पिछड़ गए हैं।
एपी ने रात 2.50 बजे (ईएसटी) अपने निष्कर्ष में ट्रंप को दौड़ से बाहर दिखाया। रिपोर्ट में कहा गया कि अगर एरिजोना को भी काफी करीब मान लिया जाए, तब भी बाइडन और ट्रंप के बीच क्रमश 253-214 का फासला रहेगा।
गुरुवार को पूरे दिन सभी की जॉर्जिया, नेवादा, एरिजोना और पेन्सिलवेनिया के नतीजों पर नजर बनी रही।
राज्यवार पेंसिल्वेनिया में 89 प्रतिशत वोटों की गिनती की गई है। एरिजोना में 86 प्रतिशत वोटों की गिनती हुई है, जिनमें बाइडन 68,000 से अधिक मतों से आगे हैं। नए गिने जा रहे वोटों की गिनती में ट्रंप काफी पीछे रह गए हैं।
पॉपुलर वोट के मामले में भी बाइडन बेहतर स्थिति में हैं। मिशिगन और विस्कॉन्सिन की नीली दीवार (बाइडन के वोटों के लिए निर्धारित नीला रंग) जो चार साल पहले गिर गई थी, वह अब बाइडन के समर्थन में फिर से खड़ी दिखाई दे रही है।
वहीं दूसरी ओर डोनाल्ड ट्रंप अब भी वोटों की गिनती रोकने की मांग पर अड़े हुए हैं। उन्होंने ट्वीट किया करते हुए कहा है कि गिनती को रोका जाए। ट्रंप खेमे की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि डेमोक्रेटिक खेमे ने चुनाव में धांधली की है। (आईएएनएस)
एक अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक मिशन का कहना है कि अमेरिकी चुनाव 'क़ानूनी अनिश्चितता और लोगों के विश्वास को कम करने के प्रयासों से दूषित' थे.
ऑर्गेनाइजेशन फ़ॉर सिक्युरिटी ऐंड कोऑपरेशन इन यूरोप (OSCE) ने कहा कि कोविड-19 की चुनौतियों के बावजूद चुनाव 'प्रतिस्पर्धी और व्यवस्थित' था. लेकिन साथ ही यह भी कहा गया कि, "इसके साथ ही यह पूरा अभियान गहरे राजनीतिक ध्रुवीकरण से घिरा था और अक्सर इसमें व्यापक नीतिगत बहसों की कमी दिखी लेकिन इसमें व्यवस्थित धोखाधड़ी के आधारहीन आरोप शामिल रहे."
मंगलवार के मतदान से पहले, पोस्टल बैलट और अर्ली वोट को लेकर कई मुक़दमे किए गए जो मतपत्रों को पोस्ट करने और उनके प्राप्त होने की समय सीमा और उस पर गवाह के हस्ताक्षर जैसे मुद्दों पर आधारित थे.
रिपब्लिकन पार्टी के राज्यों का कहना है कि मतों की धोखाधड़ी को रोकने के लिए प्रतिबंधों की ज़रूरत थी. वहीं डेमोक्रैटिक पार्टी का कहना है कि यह लोगों को उनके मताधिकार के प्रयोग को रोकने जैसा प्रयास था.
चुनाव की रात अपने भाषण में डोनाल्ड ट्रंप ने ऐसे वोटों को 'अमेरिकी जनता के साथ धोका' बताया था. ट्रंप का प्रचार दल पेन्सिलवेनिया, विस्कॉन्सिन, जॉर्जिया और मिशिगन में इन मतों की गिनती को इस दावे के साथ रोकना चाहता है कि यह मतों की धोखाधड़ी है. हालांकि उसके पास इसके कोई सबूत नहीं हैं.(bbc)
अमेरिकी चुनाव में डेमोक्रैटिक पार्टी की ओर से भारतीय मूल के चार नेताओं ने एक बार फिर से अपनी जीत दर्ज कर ली है. इन चार नेताओं के नाम हैं- डॉक्टर एमी बेरा, रो खन्ना, प्रमिला जयपाल और राजा कृष्णमूर्ति.
वहीं मुंबई में जन्मीं 52 साल की डॉक्टर हीरल तिपिर्नेनी और रिपब्लिकन उम्मीदवार डेबी सेल्को के बीच एरिज़ोना में कांटे की टक्कर चल रही है. अभी यहाँ गिनती जारी है. अगर वो चुनाव जीत जाती हैं तो वो प्रमिला जयपाल के बाद दूसरी भारतीय-अमेरिकी महिला होंगी जो हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेंटेटिव यानी अमरीकी संसद के निचले सदन के लिए चुनी जाएंगी. इससे पहले प्रमिला जयपाल 2016 में पहली भारतीय महिला बनी थीं जिन्हें हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेंटेटिव के लिए चुना गया था.
अमेरिका में 6 नंवबर, 2018 को कुछ सीटों के लिए मध्यावधि चुनाव हुए थे. उस वक़्त भी एरिज़ोना प्रांत में हीरल तिपिर्नेनी डिस्ट्रिक्ट आठ से डेमोक्रैटिक पार्टी की उम्मीदवार थीं और रिपब्लिकन पार्टी की मौजूदा सांसद डेबी सेल्को को कड़ी टक्कर दे रही थीं लेकिन वो चुनाव हार गई थीं.
इससे पहले भारतीय मूल के रिकॉर्ड पाँच नेताओं ने अमेरिकी कांग्रेस (जिसमें सीनेट और हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेंटेटिव दोनों शामिल है) में सदस्य के तौर पर जनवरी 2017 में शपथ ग्रहण किया था. उस वक़्त इन चार के अलावा कमला हैरिस सीनेट के सदस्य के तौर पर चुनी गईं थीं जबकि बाक़ी के चारों ने हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेंटेटिव के सदस्य के तौर पर शपथ ग्रहण किया था. इस बार भी ये चारों हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेंटेटिव के लिए ही चुने गए हैं.
राजा कृष्णमूर्ति ने इन पाँच सदस्यों के दल को अनौपचारिक रूप से ‘समोसा कॉकस’ का नाम दिया हुआ है.
अमेरिकी संसद में हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेंटेटिव को निचला सदन कहते हैं और सीनेट ऊपरी सदन होता है.
कमला हैरिस इस बार उप-राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं. वो भारतीय-अफ्रीकी मूल की पहली ऐसी शख़्स हैं जो उप-राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनी हैं.
इस बार के चुनाव में भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं की अहम भूमिका मानी जा रही थी. चुनाव प्रचार के दौरान डेमोक्रैट्स और रिपब्लिकन दोनों ही भारतीय मतदाताओं को अपनी ओर करने में लगे हुए थे. हालांकि परंपरागत रूप से भारतीय-अमेरिकी डेमोक्रैट्स को ही समर्थन देते आए हैं. 2016 में केवल 16 फ़ीसद भारतीय अमेरिकियों ने ही ट्रंप को वोट दिया था.
भारतीय मूल के क़रीब 45 लाख लोग अमेरिका में रहते हैं. दलीप सिंह सौंध साठ साल अमेरिका में सांसद निर्वाचित होने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी थे. आइए अब जानते हैं इस बार फिर से जीते गए भारतीय-अमेरिकी मूल के इन चार हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेंटेटिव के सदस्यों के व्यक्तिगत-राजनीतिक जीवन और उनके चुनावी प्रदर्शन के बारे में.
डॉक्टर एमी बेरा – 55 साल के एमी बेरा ने कैलिफ़ोर्निया के सातवें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट से रिकॉर्ड पाँचवी बार जीत दर्ज की है.
भारतीय सांसदों में वो सबसे सीनियर हैं. इस बार उन्होंने रिपब्लिकन उम्मीदवार बज़ पैटर्सन को हराया है. इस बार उन्हें कुल मतों का 61 फ़ीसद मत प्राप्त हुआ है.
2016 में उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार स्कॉट जोंस को हराया था.
जब उन्होंने तीसरी बार जीत दर्ज की थी तब उन्होंने दलीप सिंह सौंध के रिकॉर्ड की बराबरी की थी.
एमी बेरा पेशे से एक डॉक्टर हैं. 2012 में उन्होंने पहली बार चुनाव जीता था.
राजा कृष्णमूर्ति - 47 साल के राजा कृष्णमूर्ति ने इस बार के चुनाव में लिबरटेरियन पार्टी के प्रिस्टन नील्सन को इलिनोय में आसानी से हरा दिया है. उन्हें कुल मतों का क़रीब 71 फ़ीसद प्राप्त हुआ है.
2016 में उन्होंने रिपब्लिक पार्टी के उम्मीदवार पीटर डिकिनानी को हराया था.
पिछली बार जब वो चुनाव जीते थे तो उन्होंने गीता की शपथ लेकर अमेरिकी संसद की सदस्यता ग्रहण की थी. वो तुलसी गबार्ड के बाद गीता की शपथ लेने वाले दूसरे सांसद हैं. तुलसी गबार्ड अमेरिका में सांसद बनने वाली पहली हिंदू हैं.
1973 में दिल्ली में जन्मे राज कृष्णमूर्ति के माता-पिता तब न्यूयार्क में जाकर बस गए थे, जब राज महज़ तीन महीने के थे.
रो खन्ना – 44 साल के रो खन्ना ने कैलिफ़ोर्निया के सत्रहवें कांग्रेसनल डिस्ट्रिक्ट से लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है. उन्होंने एक दूसरे भारतीय-अमेरिकी 48 साल के रितेश टंडन को आसनी से मात दी है. उन्हें क़रीब 74 फ़ीसद मत प्राप्त हुए हैं.
उन्होंने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में आठ बार अमरीकी सांसद रह चुके माइक होंडा को हराया था. माइक होंडा ने 15 सालों से ज्यादा वक़्त तक कैलिफ़ोर्निया का प्रतिनिधित्व किया है.
2018 में हुए मध्यावधि चुनाव में उन्होंने रिपब्लिकन उम्मीदवार रॉन कोहेन को हराया था.
रो खन्ना के माता-पिता पंजाब से अमेरिका के फ़िलाडेलफ़िया पहुँचे. रो खन्ना स्टैंडफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर हैं. वे ओबामा प्रशासन में अधिकारी रहे हैं.
प्रमिला जयपाल - 55 साल की प्रमिला जयपाल ने रिपब्लिकन उम्मीदवार क्रैग केलर को वाशिंगटन में बड़े अंतर से हराया है. उन्हें कुल मत का 84 फ़ीसद प्राप्त हुआ है. उन्होंने 2016 के चुनाव में रिपब्किलन पार्टी की उम्मीदवार ब्रैडी वाल्किनशॉ को हराया था.
वो पहली भारतीय-अमरीकी महिला हैं जिन्होंने अमेरिकी संसद में जगह बनाई थी. पिछली बार उनकी 78 साल की मां ख़ास तौर पर शपथ ग्रहण देखने के लिए भारत से अमेरिका पहुंची थीं.
प्रमिला का जन्म चेन्नई में हुआ है और वे 16 साल की उम्र में अपनी पढ़ाई करने के लिए अमेरिका पंहुची थीं. साल 2000 में उन्होंने अमेरिकी नागरिकता हासिल की. उन्होंने एक अमेरिकी स्टीव विलियमसन से शादी की है.
इस बार इनके अलावा कुछ और भी भारतीय हैं जिनके जीतने की उम्मीद थी और ‘समोसा कॉकस’ की संख्या में इज़ाफ़ा होने की संभावना थी लेकिन वो चुनाव हार गए हैं.
इनमें एक प्रमुख नाम 42 साल के श्री प्रेस्टन कुलकर्णी का है. उनका पूरा नाम श्रीनिवास राव प्रेस्टन कुलकर्णी हैं. वो पूर्व राजनयिक रहे हैं लेकिन वो टेक्सस से दूसरी बार चुनाव हार गए हैं. इस बार उन्हें रिपब्लिकन पार्टी के ट्रॉय नेहल्स ने हराया है जबकि 2018 के मध्यावधि चुनाव में वो पीट ओल्सन के हाथों बहुत क़रीबी मुक़ाबले में हार गए थे.
इस बार उन्हें 44 फ़ीसद वोट मिले हैं जबकि उनके प्रतिद्वंदी ट्रॉय नेहल्स को 52 फ़ीसद वोट हासिल हुए हैं. टेक्सस को रिपब्लिकन का गढ़ माना जाता है.
इसके अलावा भारतीय मूल की 48 साल की सारा गिडन भी अमेरिकी प्रांत मेन में रिपब्लिकन उम्मीदवार सुसान कोलींस के हाथों चुनाव हार गई हैं.
अमेरिका चुनाव: ट्रंप ने पोस्टल वोट पर किया सवाल, क्या बदल सकती है इनसे तस्वीर?
अमेरिका चुनाव: लंबा हो सकता है नतीजों का इंतज़ार (bbc)
सैन फ्रांसिस्को, 5 नवंबर| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ट्विटर की नीतियों को चुनौती देते हुए वक्त से पहले ही मंच पर अपनी जीत की घोषणा कर दी। ऐसे में ट्विटर को इन्हें दोबारा फ्लैग करने में अपना अच्छा खास वक्त देना पड़ा। बुधवार को इन ट्वीट्स को पोस्ट किए जाने के तुरंत बाद ही ट्विटर ने इन्हीं आपत्तिजनक ट्विट्स पर लेबल लगाना शुरू कर दिया।
ट्रंप ने बुधवार को ट्वीट करते हुए लिखा, "हमने पेन्सिलवेनिया, जॉर्जिया और नॉर्थ कैरोलाइना में दावा किया है, जहां बढ़त मिल रही है। इनके अलावा, हम मिशिगन पर भी दावा कर रहे है, जहां गुप्त रूप से बड़ी संख्या में मतपत्रों के होने की जानकारी मिली थी।"
द वर्ज की रिपोर्ट के मुताबिक, वक्त से पहले ही चुनावी दौड़ में आगे रहने की ट्रंप की इस घोषणा के बाद लोगों ने पेन्सिलवेनिया में उनके आगे रहने की बात को 'झूठा' करार दिया।
ट्रंप द्वारा पेन्सिलवेनिया के संदर्भ में समय से पहले ही अपनी जीत को लेकर किए गए इस ट्वीट को पोस्ट करने के महज दस मिनट के अंदर ही उनके बेटे एरिक ट्रंप, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कायले मैकनी और ट्रम्प रीलेक्शन कैम्पेन के ट्विटर अकाउंट पर भी इसे साझा किया गया।
ट्रंप के चुनावी अभियान के निदेशक बिल स्टीफन ने भी पत्रकारों को बताया कि पेन्सिलवेनिया में वे जीत हासिल कर रहे हैं।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बीच तनाव का दौर जारी है क्योंकि ट्विटर ने इससे पहले भी उनके एक विवादास्पद ट्वीट पर प्रतिबंध लगाया है और साथ में फेसबुक पर भी राष्ट्रपति के कई पोस्ट को लेबल किया गया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर वोट चुराने की बात कही है। (आईएएनएस)
अमेरिकी चुनावों में नतीजा अभी भी सामने नहीं आया है, हालांकि जो बाइडेन ने बढ़त बना ली है और ट्रंप की जीत का रास्ता और संकरा हो गया है. दूसरी तरफ डॉनल्ड ट्रंप ने कई राज्यों में चुनाव के नतीजों को अदालत में चुनौती दे दी है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
बाइडेन ने कई अहम राज्यों में जीत हासिल कर ली है, जिनमें मिशिगन और विस्कॉन्सिन शामिल हैं. पेंसिल्वेनिया, नॉर्थ कैरोलाइना, एरिजोना जैसे राज्यों में अभी भी दोनों प्रतिद्वंदियों के बीच काफी करीब की टक्कर चल रही है. अमेरिकी मीडिया में कई रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि बाइडेन जीत के काफी करीब हैं.
जीत के लिए इलेक्टोरल कॉलेज के 270 वोट चाहिए होते हैं और सीएनएन के अनुसार बाइडेन 253 मत हासिल कर चुके हैं जबकि ट्रंप 213 पर हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार भी बाइडेन के पास 253 मत हैं और ट्रंप के पास 214. ट्रंप ने बुधवार को समय से पहले अपनी जीत का दावा करने के बाद दूसरा कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है.
बाइडेन ने कहा है कि वो और उनकी पार्टी जीत की तरफ बढ़ रही है लेकिन जब तक आखिरी मत तक गिनती पूरी नहीं हो जाती मतगणना तब तक चलती रहेगी. ट्रंप ने बुधवार को यह भी कहा था कि चुनावों में धांधली हो रही है और वो इसके खिलाफ अदालत में जाएंगे.
कई पूर्वानुमान गलत
अपनी घोषणा के अनुसार ही उन्होंने कम से कम दो राज्यों में नतीजों के खिलाफ अदालतों में मामले दायर कर दिए थे और कई और राज्यों में अदालत के दरवाजे खटखटाने की मंशा जाहिर कर दी. पेंसिल्वेनिया को लेकर ट्रंप की टीम ने सुप्रीम कोर्ट तक जाने की बात की.
बाइडेन की टीम ने मतगणना की प्रक्रिया की निष्पक्षता में अपना विश्वास जताया है और कहा है कि वो हर प्रकार की कानूनी चुनौती के लिए भी तैयार हैं. हालांकि ट्रंप ने कई राज्यों में अच्छा प्रदर्शन किया है और चुनावों के नतीजों के अनुमान लगाने वाले कई समीक्षकों को गलत ठहराया है.
ओहायो, आयोवा, फ्लोरिडा जैसे कई राज्यों में ट्रंप के हारने का अनुमान लगाया गया था लेकिन उन सभी राज्यों में वो जीत चुके हैं. इसका मतलब है कि अमेरिकी मतदाताओं के बीच अभी भी ट्रंप को भारी समर्थन प्राप्त है और चाहे वो जीतें या हारें वो देश की राजनीति में एक सक्रिय ताकत बने रहेंगे.
सैन फ्रांसिस्को, 5 नवंबर| गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब ने उस वीडियो को ब्लॉक करने से इनकार कर दिया है, जिसमें ट्रंप के चुनाव जीतने का दावा किया जा रहा है। यूट्यूब ने कहा है कि यह वीडियो उनके चुनाव को लेकर गलत सूचना फैलाने की नीतियों का उल्लंघन नहीं है। ट्रंप समर्थित समूह ने एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसका शीर्षक 'ट्रम्प वन, एमएसएम होप्स यू डोन्ट बिलीव योर आईज' (ट्रंप जीते, एमएसएम को उम्मीद है कि आपको अपनी आंखों पर विश्वास नहीं होगा) था।
सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यूट्यूब ने कहा कि यह वीडियो उसके विज्ञापन दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है, लेकिन कंटेन्ट की नीतियों का उल्लंघन नहीं करता है।
इस वीडियो को 3 लाख से अधिक लोगों ने देखा है। वीडियो में डेमोक्रेट्स के खिलाफ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने का निराधार दावा किया गया है। हालांकि, यूट्यूब ने कहा कि उसने इस वीडियो पर विज्ञापन बंद कर दिए हैं।
कंपनी ने कहा, "'हम उस कंटेन्ट पर विज्ञापन चलाने की अनुमति नहीं देते हैं जो चुनाव से जुड़ी गलत जानकारियां देते हैं।"
वीडियो में एक ओएएनएन एंकर ने कहा कि ट्रंप ने एक और कार्यकाल जीता क्योंकि वे कई स्विंग स्टेट्स जीतेंगे। साथ ही इसमें नीचे यह भी लिखा था कि 'चुनावी नतीजे अंतिम नहीं हो सकते हैं।' (आईएएनएस)
सुमी खान
ढाका, 5 नवंबर (आईएएनएस)| बांग्लादेश हिंदू बौद्ध क्रिश्चियन ओइक्या परिषद (बीएचबीसीयूसी) ने देश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रही हिंसा के विरोध में शनिवार को देशव्यापी रैलियां और धरने करने की घोषणा की है। इसकी जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।
इस साल कोविड-19 महामारी के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा में अल्पसंख्यक समुदायों के कम से कम 17 लोग मारे गए हैं। बीएचबीसीयूसी के महासचिव राणा दासगुप्ता ने आईएएनएस को बताया, "अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही संगठित कट्टरपंथी हिंसा को तुरंत रोका जाना चाहिए। बांग्लादेश की इन ताकतों द्वारा हो रहे जातीय सफाई के खिलाफ एकजुट होने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।"
उन्होंने कहा कि रैलियां और धरने के कार्यक्रम सुबह 10 बजे से रात 12 बजे तक होंगे। ढाका में विरोध प्रदर्शन शाहबाग में किया जाएगा, जबकि चटगांव शहर में न्यू मार्केट चौराहे पर होगा।
बीएचबीसीयूसी के अनुसार, इस साल अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं। 17 मौतों के अलावा 10 लोगों की हत्या का प्रयास किया गया है और 11 लोगों को जान से मारने की धमकियां मिलीं। इसके अलावा अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं के साथ दुष्कर्म और अपहरण की कई घटनाएं भी हुईं।
दुर्गा मूर्तियों की तोड़फोड़, मंदिरों पर हमले, लोगों को देश छोड़ने की धमकी देने जैसी अन्य घटनाएं भी सामने आई हैं।
दासगुप्ता ने आगे कहा, "यह बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों के लिए बहुत दुर्भाग्य की बात है। 1971 में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के महान नेतृत्व में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए सभी अल्पसंख्यक लड़े। उन्हें उम्मीद थी कि यहां एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक देश की स्थापना होगी, जो शोषण, भेदभाव उत्पीड़न से मुक्त होगा।"
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में जो भी उम्मीदवार जीतता है वो जनवरी में व्हाइट हाउस पहुंचने की तैयारी से पहले अपनी एक ट्रांज़िशन टीम का गठन करता है.
जैसा कि हम जानते हैं कि चुनाव में अभी तक कोई विजेता नहीं है लेकिन दोनों उम्मीदवारों को भरोसा है कि वे जीतेंगे. दोनों इस तह का नज़रिया पेश कर रहे हैं ताकि पद की दौड़ में वे आगे दिखें.
अब जो बाइडन ने ‘बिल्ड बैक बेटर’ नाम से ट्रांज़िशन वेबसाइट शुरू की है.
इसमें लिखा है, 'देश जिस तरह के संकट से गुज़र रहा है उनमें महामारी से लेकर आर्थिक मंदी और जलवायु परिवर्तन से लेकर नस्लीय अन्याय जैसे गंभीर मुद्दे शामिल हैं. ट्रांज़िशन टीम पूरी तेज़ी के साथ तैयारी करेगी जिससे बाइडन-हैरिस प्रशासन पहले दिन से काम शुरू कर सके.'
बुधवार को बाइडन ने दोहराया था कि उनके राष्ट्रपति बनने के पहले दिन ही पेरिस जलवायु समझौते में अमेरिका दोबारा शामिल होगा.
बुधवार को अमेरिका आधिकारिक तौर पर इस समझौते से निकल गया था. 2016 में उन्होंने इसका वायदा किया था.
काठमांडू, 5 नवंबर। तीन दिवसीय यात्रा पर नेपाल पहुंचने के बाद भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने काठमांडू घाटी में सांस्कृतिक स्थलों का दौरा किया। अपने नेपाली समकक्ष जनरल पूर्ण चंद्र थापा के निमंत्रण पर बुधवार को काठमांडू पहुंचे जनरल नरवणे, सीमा विवाद के कारण पड़ोसी देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के न्यूनतम स्तर पर पहुंचने के बाद नेपाल का दौरा करने वाले सर्वोच्च भारतीय अधिकारी हैं।
काठमांडू पहुंचने के बाद जनरल नरवणे और उनके प्रतिनिधिमंडल ने देवी कुमारी या जीवित देवी की पूजा करने के लिए बसंतपुर दरबार स्क्वायर क्षेत्र का दौरा किया, जो अपनी क्लासिक वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
उन्होंने पारंपरिक नेपाली टोपी को भी पहना, जिसे ढाका टोपी के नाम से जाना जाता है।
प्रतिनिधिमंडल ने प्रतिष्ठित हिंदू मंदिर पशुपतिनाथ मंदिर का भी दौरा किया।
नेपाल सेना के अनुसार, नरवणे को गुरुवार को नेपाल सेना के जनरल पद की मानद रैंक से सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी द्वारा उन्हें राष्ट्रपति कार्यालय में एक समारोह के दौरान यह सम्मान प्रदान किया जाएगा।
नेपाल और भारत के बीच साल 1950 से एक दूसरे के सेना प्रमुख को मानद उपाधि देने की ऐतिहासिक परंपरा रही है।
वह इस उपाधि से सम्मानित होने वाले 18वें भारतीय सेना प्रमुख होंगे।
साथ ही गुरुवार को दोनों सेना प्रमुख प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगे, इस दौरान वे विभिन्न द्विपक्षीय, सैन्य और सुरक्षा मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
वहीं जनरल नरवाणे शुक्रवार सुबह नेपाल सेना के शिवपुरी स्टाफ कॉलेज जाएंगे।
वह अपनी यात्रा को पूरा करने से पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मिलेंगे। (आईएएनएस)
गिनती जारी, बहुमत के करीब पहुंचे बिडेन
अमेरिकी चुनाव के नतीजे आने जारी हैं। डोनाल्ड ट्रंप और जो बिडेन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। हालांकि,जो बिडेन ने नतीजों में बढ़त बना ली है। अब तक के रुझानों के मुताबिक, ट्रंप ने 23 राज्यों जबकि बिडेन ने 20 राज्यों पर कब्जा जमाया है।
वोटों की गिनती के बीच कमला हैरिस ने ट्वीट कर कहा, “अमेरिकी लोगों को वोटिंग प्रक्रिया में विश्वास रखना चाहिए और संविधान के हिसाब से सभी बैलेट गिने जाने चाहिए।”
बिडेन का बड़ा ऐलान- कहा, हमारी सरकार बनते ही अमेरिका पेरिस एग्रीमेंट से वापस जुड़ जाएगा
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटों की गिनती के बीच रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों में बयानबाजी जारी है। राष्ट्रपति चुनाव में जीत के करीब पहुंचे जो बिडेन एक बड़ा ऐलान किया है। जो बिडेन ने ट्वीट कर कह, “आज ट्रंप प्रशासन ने आधिकारिक रूप से पेरिस क्लाइमेट एग्रीमेंट छोड़ दिया है। लेकिन ठीक 77 दिनों में बिडेन प्रशासन इसे दोबारा से ज्वाइन करेगा।”
अमेरिकी उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस की चुनावी सफलता की कामना करते हुए उनके पैतृक गाव थुलेसेंद्रपुरम, तमिलनाडु में उनके पोस्टर लगाए गए। हैरिस चुनाव में अमेरिकी डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार 'जो बाइडन' की साथी हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने जारी हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जो बिडेन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। हालांकि, जो बिडेन ने नतीजों में बढ़त बना ली है। अब तक के रुझानों के मुताबिक, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 23 राज्यों जबकि जो बिडेन ने 20 राज्यों पर कब्जा जमाया है। अब तक के रुझानों में मौजूदा राष्ट्रपति ट्रंप इलेक्टरोल वोटों में जो बिडेन से पीछे चल रहे हैं। उन्हें 214 जबकि बिडेन को 264 वोट मिले हैं।
उधर, डोनाल्ड ट्रंप कई राज्यों में वोटिंग में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कुछ विषयों को लेकर अदालत का रुख कर चुके हैं । इनमें विस्कॉन्सिन में रिकाउंटिंग की मांग की गई है। ट्रंप ने आरोप लगाया है कि पहले वो आगे चल रहे थे, लेकिन अचानक सारे वोट जो बिडेन के पक्ष में चले गए। ट्रंप का कहना है कि सारे लोग मिलकर उन्हें हराने में लगे हुए हैं। (AGENCIES)
वाशिंगटन, 5 नवंबर | अमेरिका औपचारिक रूप से पेरिस जलवायु समझौते से हट गया है। करीब 200 हस्ताक्षरकतार्ओं के बीच यह एकमात्र राष्ट्र है, जिसने जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए इस वैश्विक एजेंडे से खुद को अलग कर लिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जून 2017 में घोषणा की थी कि उनका देश पेरिस समझौते से हट जाएगा।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, समझौते के अनुसार इसके हस्ताक्षरकर्ता प्रभाव के तीन साल बाद ही औपचारिक रूप से समझौता छोड़ने का अनुरोध कर सकते हैं, जो 4 नवंबर, 2019 को पड़ता है और वापसी नोटिफिकेशन के वितरण से एक साल तक प्रभावी होगा, जिसका अर्थ है कि अमेरिका औपचारिक रूप से समझौते से 4 नवंबर को बाहर हो चुका है।
ट्रंप ने पदभार संभालते ही अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए इसे खतरा बताते हुए इससे हटने की घोषणा की थी।(आईएएनएस)
-अरुल लुइस
न्यूयॉर्क, 4 नवंबर| संयुक्त राज्य अमेरिका के लोगों की बुधवार को अनिश्चितता के एक कोहरे के साथ नींद खुली, क्योंकि उन्हें देश के राष्ट्रपति चुनाव के अंतिम परिणाम का इंतजार था, जो कि अभी तक पूरा नहीं हो सका है। अभी तक यह सुनिश्चित नहीं हो सका है कि दुनिया के सबसे ताकतवर देश का नेतृत्व कौन करेगा। अमेरिका के लोगों के साथ ही दुनिया भर के तमाम देशों को अनिश्चितता के इस कोहरे के छंटने का इंतजार है, क्योंकि अभी तक लाखों वोटों की गिनती नहीं हुई है।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए सभी वोटों की गिनती नहीं हुई है और रिपबल्किन पार्टी के उम्मीदवार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन के बीच कांटे की टक्कर है।
मतगणना में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन अब भी आगे चल रहे हैं, लेकिन अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके बीच फासला बुहत कम रह गया है। कुल 538 इलेक्टोरल कॉलेज सीट में से बाइडन 238 और ट्रंप 213 पर जीत दर्ज कर चुके हैं, जबकि 87 सीटों के नजीजे आने अभी बाकी हैं।
राष्ट्रपति पद तक पहुंचने के लिए 278 इलेक्टोरल कॉलेज वोटों की जरूरत है।
एनबीसी के अनुसार, 6.86 करोड़ वोट बाइडन के लिए और 6.6 करोड़ वोट ट्रंप के लिए पड़े हैं। ट्रंप अपने प्रतिद्वंदी बाइडन से 26 लाख वोटों से पीछे हैं। अभी 2.31 करोड़ वोटों की गिनती होना बाकी है। इसलिए अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है कि ऊंट किस करवट बैठेगा। यानी राष्ट्रपति चुनाव में कोई भी बाजी मार सकता है।
राष्ट्रपति के पद पर कौन संभालेगा, इसका फैसला अब लगभग छह राज्यों - एरिजोना, मिशिगन, नेवादा, उत्तरी कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन के परिणामों पर टिका हुआ है, जहां 83 इलेक्टोरल कॉलेज सीटों पर वोटों की गिनती होनी है। इन चार राज्यों में ट्रंप चार में जबकि बाइडन दो में बढ़त बनाए हुए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव एक इलेक्टोरल कॉलेज पर आधारित होता है, जिसमें राज्य प्रतिनिधियों का आनुपातिक प्रतिनिधित्व होता है, जो किसी उम्मीदवार को कम लोकप्रिय वोटों से जीतने में सक्षम बनाता है अगर इलेक्टोरल कॉलेज के वोट अधिक हों।
ट्रंप ने 2016 में हिलेरी क्लिंटन को इलेक्टोरल कॉलेज में हराया था, हालांकि उन्हें हिलेरी के मुकाबले 28 लाख कम पॉपुलर (लोकप्रिय) वोट हासिल हुए थे।
ट्रंप ने कहा है कि वोटों की गिनती में कई जगह धोखाधड़ी हुई है। ट्रंप ने देश के साथ बड़ी धोखाधड़ी का दावा करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख करने की बात कही है।
डोनाल्ड ट्रंप ने वोटों की गिनती के बीच देश को संबोधित किया और दावा किया है कि वह चुनाव जीत रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव के नतीजे आश्चर्यजनक होंगे और हम जैसी उम्मीद कर रहे हैं, जीत वैसी ही होगी। ट्रंप ने कहा, हमने टेक्सस, नॉर्थ कैरोलिना और जॉर्जिया में जीत दर्ज की है। हमें जीत का पूरा भरोसा है।
वहीं बाइडन ने कहा, भरोसा रखिए, हम चुनाव जीतने जा रहे हैं।
सीनेट रिपब्लिकन पार्टी के नियंत्रण में बने रहने के लिए तैयार दिखाई दे रही है और डेमोक्रेटिक पार्टी प्रतिनिधि सभा में अपना बहुमत बढ़ाने में मुश्किल में नजर आ रही है।
एनबीसी के अनुसार, रिपब्लिकन ने 100 सदस्यीय सीनेट में 47 जबकि डेमोक्रेट ने 46 सीटें जीती हैं।
इस चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी ने कोरोनावायरस को भी बड़ा मुद्दा बनाया था। विपक्षी पार्टी ने ट्रंप प्रशासन पर कोरोना संक्रमण से ढंग से नहीं निपट पाने को लेकर आरोप लगाए हैं।
इस बार के अमेरिकी चुनावों को एतिहासिक करार दिया जा रहा है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि इस बार चुनावी परिणाम आने में अधिक देरी भी हो सकती है।
(आईएएनएस)
अमेरिका,04 नवम्बर | अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के अब तक नतीजों के मुताबिक़ डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन में से कौन जीत की ओर बढ़ रहा है.
अमेरिका में अगला राष्ट्रपति कौन बनने जा रहा है?
इन सवालों का सबसे सही जवाब फ़िलहाल यही होगा कि यह हमें नहीं पता, क्योंकि अब तक डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन की जीत का फ़ैसला करने के लिए पर्याप्त वोट नहीं गिने गए हैं.
वास्तव में, महामारी के दौरान हुए इस चुनाव में पोस्टल बैलटों की संख्या बहुत अधिक है जिसकी गिनती करने में कुछ दिनों का समय लग सकता है. और अगर नतीजों को लेकर कुछ क़ानूनी चुनौतियां आती हैं तो इसमें कुछ हफ़्ते लग सकते हैं. यह मुश्किल भरा हो सकता है.
अब तक क्या संकेत हैं?
राष्ट्रपति बनने के लिए, ट्रंप या बाइडन को पॉपुलर वोट जीतने की आवश्यकता नहीं है. बल्कि, प्रत्याशियों को राष्ट्रपति बनने के लिए इलेक्टोरल कॉलेज में जीत हासिल करना ज़रूरी होता है.
प्रत्येक राज्य से इलेक्टर्स की संख्या मोटे तौर पर उस राज्य की आबादी के अनुपात में होती है. तो अगर आप उन राज्यों को जीतते हैं तो आप उसके (नेब्रास्का और माइन को छोड़कर क्योंकि उनकी प्रक्रिया थोड़ी जटिल है) वोट भी जीतते हैं.
कुल इलेक्टर्स की संख्या 538 है. लिहाज़ा इलेक्टोरल कॉलेज के 270 वोट जो जीतेगा वो ही राष्ट्रपति बनेगा. कैलिफ़ोर्निया में सबसे ज़्यादा 55 इलेक्टर्स हैं. जबकि व्योमिंग, अलास्का और नॉर्थ डेकोटा जैसे कुछ राज्यों में इन इलेक्टर्स की संख्या न्यूनतम तीन है.
तो रिकॉर्ड मतदान के बावजूद, केवल कुछ ही राज्य इस चुनाव में बेहद महत्वपूर्ण हैं जो नतीजे का फ़ैसला करेंगे. इन राज्यों को स्विंग स्टेट या बैटलग्राउंड स्टेट कहा जाता है.
अमरीका में कुल 50 राज्य हैं और 40 से ज़्यादा राज्यों के बारे में पहले से लोगों को लगभग अंदाज़ा होता है कि किस राज्य में किस उम्मीदवार की जीत होगी.
बाक़ी 8-10 राज्यों में हर चुनाव में स्थिति बदल जाती है, कभी यह डेमोक्रैट उम्मीदवार का समर्थन करते हैं तो कभी रिपब्लिकन उम्मीदवार को जीता देते है.
अब तक क्या हुआ?
अनुमान है कि बाइडन और ट्रंप उन राज्यों को जीत लेंगे जहां उनके आराम से जीतने की उम्मीद पहले से लगाई जा रही थी.
कुछ महत्वपूर्ण राज्यों में दोनों के बीच कांटे की टक्कर की स्थिति अब भी बरक़रार है.
हालांकि जिन राज्यों में दोनों के बीच नज़दीकी मामला चल रहा है वहां पोस्टल बैलटों की गिनती अभी शुरू नहीं हुई है. यह गिनती स्थिति को पूरी तरह बदल सकती है.
ये कौन से राज्य हैं?
चलिए एक-एक कर उन राज्यों पर एक नज़र डालें.
फ़्लोरिडा: यहां डोनाल्ड ट्रंप को बढ़त मिलने का अनुमान लगाया गया है. कई जानकार यहां की मियामी-डेड काउंटी में क्यूबाई-अमेरिकी वोटरों का ट्रंप को समर्थन की ओर इशारा कर रहे हैं.
एरिज़ोनाः इस राज्य ने 1996 से डेमोक्रैट उम्मीदवार के पक्ष में मतदान नहीं किया है लेकिन यहां बाइडन के लिए एक संभावित लाभ जैसी स्थिति दिख रही है. चुनाव प्रचार के दौरान इस बार बाइडन की नज़रें यहां रहने वाले प्रगतिशील युवा लैटिनवासियों पर थीं.
विस्कॉन्सिन और पेंसिलवेनियाः इन राज्यों ने अभी पोस्टल बैलटों की गिनती शुरू तक नहीं की है और इसमें कुछ दिन लग सकते हैं.
क्या है ताज़ा हाल?
डोनाल्ड ट्रंप उम्मीद से बेहतर कर रहे हैं और बाइडन उन महत्वपूर्ण राज्यों को जीतने में नाकाम रहे हैं जहां वोटों की जल्द गिनती होती है. मतलब अभी अनिश्चितता की स्थिति है क्योंकि हम कुछ प्रमुख राज्यों के नतीजों का इंतज़ार कर रहे हैं.
ट्रंप और बाइडन ने अब तक के नतीजों पर क्या कहा?
जो बाइडन ने अपने समर्थकों से कहा, "हम यह जीतने जा रहे हैं." साथ ही उन्होंने धैर्य बनाए रखने का आग्रह किया.
कुछ ही मिनटों बाद डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया, "हम काफ़ी आगे हैं लेकिन वे चुनाव नतीजे हमसे चुराना चाहते हैं." ट्वीटर ने इस ट्वीट को भ्रामक बताया है. ट्रंप के चुनाव प्रचार अभियान ने इसे सेंसरशिप बताया.
क्या हमें अभी इंतज़ार करना होगा?
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के साथ ही संसद के ऊपरी सदन सीनेट की एक तिहाई सीटों के लिए भी चुनाव हो रहा है. अब तक के नतीजों में कुछ बड़े मौक़े आए लेकिन सीनेट में जीत किसकी होगी इस पर अब भी संशय बरक़रार है.
साउथ कैरोलाइना में ट्रंप के सहयोगी सीनेटर लिंडसे ग्राहम की अपने डेमोक्रैटिक प्रतिद्वंद्वी जेमी हैरिसन पर जीत का अनुमान है, जहां एक वक़्त लग रहा था कि वो हार सकते हैं.
क्विनॉन कॉन्सपिरेसी थ्योरी का खुल कर समर्थन करने वाली पहली रिपब्लिकन नेता मारजोरी टेलर ग्रीन ने सीनेट की सीट जीत ली है.
सीनेट में बहुमत के लिहाज़ से ज़रूरी अलबामा में डेमोक्रेट्स की हार हो गई है लेकिन कोलोराडो को उसने रिपब्लिकन से छीन लिया है.
एरिज़ोना और न्यू जर्सी ने व्यक्तिगत उपयोग के लिए मारिजुआना को वैध बनाने के पक्ष में वोट दिया.
अमेरिका के चुनावी इतिहास में पहली बार एक ट्रांसजेंडर सांसद का निर्वाचन हुआ है. डेलावेयर से एक ट्रांसजेंडर प्रत्याशी सारा मैकब्राइड को सीनेटर चुना गया है.
सारा मैकब्राइड अमेरिका में सबसे ऊंची रैंकिंग पर चुने जाने वाली पहली ट्रांसजेंडर हैं.
With her victory in today's election, @SarahEMcBride has become the nation's first openly transgender State Senator! https://t.co/RPz4hhlLKB pic.twitter.com/wYNgabMP9L
— LGBTQ Victory Fund (@VictoryFund) November 4, 2020
अब क्या होगा?
शायद आने वाले कई दिनों तक हमें नतीजे नहीं पता हों. फ़िलहाल यही सबसे संभावित परिदृश्य दिख रहा है क्योंकि यह अब पोस्टल बैलटों की गिनती पर निर्भर करेगा. मिशिगन, विस्कॉन्सिन और पेंसिलवेनिया जैसे राज्यों में इन मतों की गिनती अभी बाकी हैं.
आने वाले वक़्त में इसमें वकील भी शामिल हो सकते हैं. डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि अगर चुनाव के नतीजे बेहद क़रीबी रहे तो वो सुप्रीम कोर्ट का रुख़ करेंगे. मतलब साफ़ है कि इसमें कई हफ़्ते लग सकते हैं.
तो क्या अनिश्चितता से अमेरिका में अशांति पैदा होगी? निश्चित रूप से वहां एक अनिश्चितता होने जा रही है, लेकिन कई अमेरिकियों ने अपनी चिंताओं को लेकर बात की है लिहाज़ा यह कहना ज़ल्दबाजी होगी कि वहां काफ़ी बड़ी अशांति होगी.(https://www.bbc.com/hindi)
न्यूयॉर्क, 4 नवंबर | भारतीय मूल के चार अमेरिकियों ने एक बार फिर से हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (प्रतिनिधि सभा) का चुनाव जीत लिया है।
भारतीय मूल के इन अमेरिकियों के समूह को 'समोसा कॉकस' का नाम दिया है और अब चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद यह भी सुनिश्चित हो गया है कि वह एक बार फिर से कांग्रेस प्रतिनिधि के तौर पर चाय की चुस्कियां लेंगे।
चार डेमोक्रेट्स ने मंगलवार को हुए चुनाव में जीत दर्ज कर ली है, जबकि एक अन्य नेता अपने निर्वाचन क्षेत्र में अग्रणी चल रहे हैं और उनके जीतने की संभावना भी बनी हुई है। उनके निर्वाचन क्षेत्र के लिए गिनती अभी भी जारी है।
राजा कृष्णमूर्ति को इतना जबरदस्त उम्मीदवार माना जाता है कि रिपब्लिकन पार्टी ने इलिनोइस में उनके खिलाफ उम्मीदवार ही नहीं उतारा। उन्होंने लिबर्टेरियन पार्टी के उम्मीदवार को 41.8 प्रतिशत से हराया।
भारत की एक कठोर आलोचक प्रमिला जयपाल ने वाशिंगटन राज्य से अपने रिपब्लिकन पार्टी के प्रतिद्वंद्वी को 69.6 प्रतिशत के बड़े अंतर से हराया।
रो खन्ना ने भी कैलिफोर्निया निर्वाचन क्षेत्र से बड़ी जीत दर्ज की। उन्होंने 74.6 प्रतिशत वोट प्राप्त किए और रिपब्लिकन रितेश टंडन को बुरी तरह हरा दिया। टंडन को केवल 25.4 प्रतिशत वोट ही मिल सके।
कैलिफोर्निया से एक और नेता अमरी बेरा ने अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी से 22.8 प्रतिशत के अंतर से जीत दर्ज की।
हालांकि कैलिफोर्निया से एक भारतीय मूल की नेता को हार का सामना करना पड़ा जो रिपब्लिकन पार्टी की ओर से चुनाव मैदान में थीं। सदन पहुंचने की दौड़ में शामिल निशा शर्मा डेमोक्रेट उम्मीदवार मार्क डिसौलनियर ने 50.6 प्रतिशत से हराया।
एरिजोना से एक और भारतीय-अमेरिकी हिरल टिपिरनेनी ने बुधवार को अलसुबह तीन बजे तक गिने गए मतों के साथ बढ़त बनाई हुई हैं। वह 29 प्रतिशत मतों के साथ अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डेविड श्वेकिर्ट से 3.4 प्रतिशत की बढ़त बनाई हुई हैं।
भारतीय धर्मनिरपेक्षतावादियों, डेमोक्रेटिक पार्टी के उदारवादियों और इस्लामवादियों के एक अभियान के बाद टेक्सास में एक मजबूत उम्मीदवार माने जाने वाले श्री प्रेस्टन कुलकर्णी 7.3 प्रतिशत से हार गए, क्योंकि उन पर आरोप लगाया गया था कि उनका हिंदुत्ववादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबंध है।
पूर्व अमेरिकी राजनयिक ने पिछले साल ह्यूस्टन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मोदी की 'हाउडी मोदी' रैली में भाग लिया था और उनके चुनाव अभियान में योगदान दिया था।
रिपब्लिकन मंगा अनंतमुला को डेमोक्रेट उम्मीदवार गैरी कोनोली से वर्जीनिया में 43.4 प्रतिशत की करारी हार का सामना करना पड़ा।
तुलसी गाबार्ड, जो भारतीय मूल की नहीं हैं, लेकिन सदन के लिए चुनी गईं पहली हिंदू हैं, वह डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के नामांकन के लिए असफल होने के बाद फिर से चुनाव में नहीं उतरीं।
रिपब्लिकन रितकिन मेहता को सीनेट की दौड़ को कोरी बुकर से 22.7 प्रतिशत से हार का सामना करना पड़ा।
राज्य स्तर पर, नीरज अंटानी ओहियो राज्य सीनेट के लिए चुने गए। वह तीन बार से राज्य प्रतिनिधि सभा के सदस्य रहे हैं। उन्होंने पहली बार तब जीत दर्ज की थी, जब वह केवल 23 वर्ष के थे और उस समय वे देश के सबसे युवा प्रतिनिधि में से एक बने थे।
न्यूयॉर्क में केविन थॉमस को एक बार फिर से राज्य सीनेटर के तौर पर चुना गया।
फिल्म निर्माता मीरा नायर के बेटे जोहरण मामदानी ने न्यूयॉर्क राज्य की सीट पर जीत दर्ज की।
बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के साथ ही हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स का चुनाव भी होता है, जिसमें भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों ने फिर से जीत दर्ज की है। यह अमेरिकी संसद का निचला सदन है।
--आईएएनएस
हमजा अमीर
कराची, 4 नवंबर| पाकिस्तान में कट्टरपंथियों की भीड़ द्वारा एक और हिंदू मंदिर को निशाना बनाने की घटना सामने आई है। हालांकि इस बार बचाव करने वाले लोग मुस्लिम पड़ोसी ही थे।
अब तक ऐसे ज्यादातर मामले पाकिस्तान में सिंध प्रांत के दूरदराज के इलाकों में हुए थे, लेकिन इस बार हमला सिंध प्रांत की राजधानी कराची में हुआ। मंगलवार को यह हमला किया गया था। हिंदू मंदिर पर यह हमला कराची के ऐसे इलाके में हुआ जहां 300 से अधिक हिंदू परिवार रहते हैं। कराची के पुराने शहर इलाके में स्थित सीतल दास कंपाउंड में अब भी दहशत का माहौल है।
हिंदू समुदाय के निवासियों ने बताया कि मंगलवार की रात 9 बजे ल्यार इलाके में ली बाजार के पास स्थित कंपाउंड के बाहर गुस्साई भीड़ ने कंपाउंड पर हमला करने का प्रयास किया।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, "भीड़ में से कई लोगों का इरादा हिंदू परिवारों पर हमला करने का था।" क्षेत्र के एक अन्य निवासी ने कहा, "कुछ गुस्साए लोग मंदिर तक पहुंच गए और उन्होंने इसे तोड़ने की कोशिश की।" डर के कारण रो रहे एक निवासी ने कहा, "मैंने ऐसा डर और दहशत कभी महसूस नहीं की।"
हालांकि इसी परिसर में रहने वाले बहादुर मुसलमान गेट तक पहुंचे और भीड़ को हिंदू परिवारों में प्रवेश करने और हमला करने से रोका।
हिंदू समुदाय के एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, "भले ही हमें हमारे मुस्लिम पड़ोसियों ने बचा लिया लेकिन तब तक भीड़ विभाजन से पहले की तीन मूर्तियों को नष्ट कर चुकी थी।"
एक पुलिस अधिकारी ने भी यह पुष्टि की कि उस इलाके के मुस्लिम परिवारों के कारण ही भीड़ हिंदू समुदाय पर हमला करने में विफल रही। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "अगर मुस्लिम परिवार बचाव नहीं करते तो इस हमले को नाकाम करना बहुत मुश्किल होता।"
इलाके के हिंदू समुदाय के बीच भय बना हुआ है, 60 से अधिक हिंदू परिवार तो शहर के अन्य क्षेत्रों में स्थानांतरित भी हो गए हैं।
इसी परिसर में पूरी जिंदगी बिताने वाले हिंदू समुदाय के एक बुजुर्ग ने कहा कि पहले कभी भी इस तरह का हमला नहीं हुआ। (आईएएनएस)
वाशिंगटन, 4 नवंबर (आईएएनएस)| हाल के महीनों में किए गए अध्ययन में पता चला है कि खांसी होने पर कफ की एक बूंद हवा में 2 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से 6.6 मीटर तक की यात्रा कर सकती है। बल्कि हवा सूखी होने पर इससे भी ज्यादा दूरी तक यात्रा कर सकती है। सिंगापुर के शोधकर्ताओं ने वायरल ट्रांसमिशन को समझने के लिए द्रव भौतिकी के महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया। 'फिजिक्स ऑफ फ्लुइड्स' नाम के जर्नल में प्रकाशित पेपर में छोटी सी बूंद के फैलाव पर सिमुलेशन के जरिए अध्ययन किया।
अध्ययन के लेखक फोंग येव लियोंग ने कहा, "मास्क पहनने के अलावा, हमने सोशल डिस्टेंसिंग को प्रभावी पाया है क्योंकि खांसी के दौरान व्यक्ति के मुंह से निकली छोटी बूंद का असर कम से कम एक मीटर की दूरी पर खड़े व्यक्ति पर कम होता है।"
एक बार के खांसने पर बड़ी सीमा में हजारों बूंदों का उत्सर्जन होता है। वैज्ञानिकों को गुरुत्वाकर्षण बल के कारण जमीन पर बड़ी-बड़ी बूंदें पड़ी मिलीं, लेकिन खांसने पर बिना हवा के भी बूंदें एक मीटर तक गईं। दरअसल, मध्यम आकार की बूंदें छोटी बूंदों में वाष्पित हो सकती हैं, जो हल्की होने के कारण आसानी से और आगे की यात्रा करती हैं।
लेखक ने आगे कहा, "वाष्पीकृत होने वाली छोटी बूंद में गैर-वाष्पशील वायरल सामग्री होती है इससे वायरल के फैलने का खतरा प्रभावी रूप से बढ़ जाता है। यह वाष्पित बूंदें एरोसोल बन जाती हैं और वे फेफड़ों में गहराई से प्रवेश करने को लेकर अधिक संवेदनशील होती हैं।"
अमेरिका में रात काफ़ी गहरी हो चली है और राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना जारी है लेकिन इस बीच राजधानी वॉशिंगटन डीसी की सड़कों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो रहे हैं.
कैपिटल से मार्च करते हुए सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने ट्रैफ़िक रोका और पटाख़े छोड़े. कुछ लोगों ने नारे लगाए, 'अगर हमें न्याय नहीं मिलता है तो उन्हें भी शांति नहीं मिलेगी.'
ऐसे अधिकतर प्रदर्शन शांतिपूर्ण हैं लेकिन कई रिपोर्ट में व्हाइट हाउस के बाहर झड़प और टकराव की ख़बरें हैं. एनबीसी वॉशिंगटन के अनुसार, झड़पों के बाद तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
सीबीएस न्यूज़ की रिपोर्टर क्रिस्टीना रफ़िनी ने ट्वीट किया है कि ऐसा लगता है कि ‘किसी तरह के धुएँ बम’का इस्तेमाल किया गया है.
वहीं, कैलिफ़ॉर्निया, नॉर्थ कैरोलाइना, पोर्टलैंड, ऑरेगन और न्यूयॉर्क सिटी में भी विरोध प्रदर्शनों की ख़बरें हैं.
चुनावों को देखते हुए अमेरिका के कई शहरों में दुकानों के दरवाज़ों और खिड़कियों को ढंक दिया गया है क्योंकि परिणाम के बाद अशांति की आशंका है.
ट्रंप ने लगाया, चुनाव में धोखेबाज़ी का आरोप
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के आ रहे परिणामों के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस से एक संबोधन में कहा है कि ‘हम चुनाव जीते हैं.’
ट्रंप ने अपने परिवार और करोड़ों समर्थकों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “हम बड़े जश्न के लिए तैयार थे. हम सब कुछ जीत रहे थे.”
ट्रंप ने कहा है कि ये एक धोखा है बहुत बड़ा धोखा, लोगों से उनका मताधिकार छीना जा रहे और वो ऐसा नहीं होने देंगे.
उन्होंने कहा, 'हम एक बड़े जश्न की तैयारी कर रहे थे और अचानक कुछ ऐसी बातें सुनने को मिल रही हैं जिससे लग रहा है कि कुछ बहुत दुखी लोगों का एक समूह है जो लोगों के मताधिकार के साथ खिलवाड़ कर रहा है. टेक्सस, फ़्लोरिडा, ओहायो में हम चुनाव जीत गए हैं, उन्हें पता है कि वे जीत नहीं सकते इसलिए वे मामले को कोर्ट में ले जाना चाहते हैं ये मैं पहले से जानता था और कह भी चुका हूँ.'
'नॉर्थ कैरोलाइना में हम जीत चुके हैं. ये एक फ्रॉड है, शर्मनाक है, हमारे देश के साथ ये धोखा है. हम चुनाव जीत गए हैं. हमारा लक्ष्य इसे लागू कराना है. हम अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में जाएँगे. वोटिंग ख़त्म होने के बाद वोट डालने नहीं दिया जा सकता.' (bbc.com/hindi)
लास वेगस, 4 नवंबर| अमेरिकी राज्य नेवाडा में गोलीबारी में कम से कम चार लोग मारे गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि पीड़ितों में से एक संभावित संदिग्ध भी था। एनबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, लास वेगस से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित हेंडरसन में मंगलवार को गोलीबारी हुई।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए, शहर के एक पुलिस अधिकारी कैप्टन जेसन कुजिक ने कहा कि एक पांचवें घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसकी स्थिति के बारे में तुरंत पता नहीं चल पाया है।
कुजिक के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने ऐसे दो लोगों को पाया जिसको गोली लगी थी। फायरिंग की आवाज सुनने के बाद आपातकालीन कॉल किया गया।
मरने वालों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 4 नवंबर| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को अपने ट्वीट में पोल की गलत वर्तनी लिख दी, जिसके बाद वह सोशल मीडिया पर यूजर्स द्वारा शब्द को लेकर ट्रोल होने लगे। राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, "हम आगे हैं, लेकिन वे चुनाव चोरी करने की कोशिश कर रहे हैं। हम उन्हें कभी ऐसा नहीं करने देंगे। पोल (गलत अंग्रेजी वर्तनी के साथ) बंद होने के बाद वोट नहीं डाले जा सकते।"
ट्विटर ने तुरंत इस ट्वीट को फ्लैग करते हुए कहा, "इस ट्वीट में साझा की गई कुछ या सभी सामग्री विवादित है और यह चुनाव या अन्य सिविक प्रक्रिया को लेकर भ्रामक हो सकती है।"
अपनी गलती महसूस करते हुए कि ट्रंप ने ट्वीट को हटा दिया और एक ताजा पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने 'पोल' की सही वर्तनी लिखी और साथ ही एक और कारण दिया कि, आखिर क्यों ट्विटर को अब जल्द से जल्द 'एडिट' बटन विकल्प शुरू करने की आवश्यकता है।
हालांकि उनका नुकसान पहले ही हो गया था, क्योंकि उनके फॉलोवर्स को लगा कि पोल्स का प्रयोग पोलिश लोगों के लिए किया गया है और यह उनका एक नया गैफ-अप है।
एक यूजर ने ट्रंप को लिखा, "हाहा। इसे डिलिट कर दो। हम समझ चुके हैं।"
अन्य ने लिखा, "आप ट्वीट एडिट नहीं कर सकते हैं। इसे हटाना पड़ेगा।"
एक अन्य ने कमेंट किया, "एक आदमी के लिए जो कोविड से ठीक होने के बाद एक बार नहीं रुका है, मैं कहूंगा कि एक गलत वर्तनी वाला शब्द एक पास है।"
कुछ यूजर्स ट्वीट को फ्लैग करने के लिए ट्विटर पर भी बरस पड़े और कहा, "यह वही हैं जो यह कर रहे हैं, हमारे राष्ट्रपति को नीचे ले जा रहे हैं। यूएस मार्शलों को ट्विटर पर जाने और उनके कंप्यूटर को जब्त करने की आवश्यकता है।"
ट्रंप ट्विटर पर गलत वर्तनी साझा करने के लिए लोकप्रिय हैं। इससे पहले भी उन्होंने शब्दों की गलत वर्तनी साझा की है। (आईएएनएस)
अरुल लुईस
न्यूयॉर्क, 4 नवंबर| अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में नतीजे आने शुरू होने के साथ डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडन ने जीत का दावा किया है। उन्होंने घोषणा की है कि "हम यह चुनाव जीतने की राह पर हैं।" वहीं रिपब्लिकन उम्मीदवार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर डेमोक्रेट पर 'चुनावी नतीजे चुराने की कोशिश करने' का आरोप लगाया है।
बाइडन द्वारा देर रात 1 बजे के ठीक पहले अपने गृह राज्य डेलावेयर में अपने समर्थकों की एक रैली में जीत का दावा करने के बाद ट्रंप ने जोर देकर कहा कि उनकी (ट्रंप) 'बड़ी जीत' होगी।
उन्होंने आरोप लगाते हुए एक और ट्वीट किया, "हम आगे हैं, लेकिन वे चुनाव नतीजे चोरी करने की कोशिश कर रहे हैं। हम उन्हें ऐसा कभी नहीं करने देंगे। चुनाव खत्म होने के बाद वोट नहीं डाले जा सकते।"
वहीं, बाइडन ने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, "मैं आज रात आपको बता रहा हूं कि हमें विश्वास है कि हम इस चुनाव को जीतने की राह पर हैं। मैं इस परिणाम के बारे में आशावादी हूं।"
लेकिन उन्होंने कहा कि "यह मत तब तक खत्म नहीं होता, जब तक कि हर मतपत्र की गिनती नहीं हो जाती।"
ट्विटर ने ट्रंप के बयान को विवादित ट्वीट के रूप में लेबल किया है। जिसमें लिखा है, "इस ट्वीट में शेयर की गई सभी या कुछ सामग्री विवादित है और इसमें चुनाव या किसी अन्य नागरिक प्रक्रिया में भाग लेने के बारे में भ्रामक जानाकरी हो सकती है।"
ट्रंप ने फ्लोरिडा जैसे अहम राज्य को जीत लिया है, लेकिन एरिजोना में हारते मालूम पड़ रहे हैं।
देर रात 1.30 बजे से कुछ समय पहले, एनबीसी न्यूज नेटवर्क ने बाइडन के 210 इलेक्टोरल वोट के मुकाबले 213 इलेक्टोरल वोटों के साथ ट्रंप को आगे दिखाया। जीत के लिए 270 इलेक्टोरल वोटों के जादुई आंकड़े की जरूरत है।
कई महत्वपूर्ण राज्यों जैसे पेन्सिवलेनिया में परिणाम घोषित होना अभी बाकी है, दोनों प्रतिद्वंद्वियों के बीच कांटे की टक्कर होने के कारण फिलहाल यह कहना मुश्किल है कि जीत किसकी होगी। (आईएएनएस)