राष्ट्रीय
कोच्चि, 4 मार्च| केरल हाई कोर्ट ने गुरुवार को अर्ध-सरकारी और अन्य ऐसे ही निकायों में 10 साल पूरे कर चुके सभी लोगों की नियक्तियों और नियमितीकरण पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह हस्तक्षेप 6 पिटीशन दर्ज होने के बाद किया है, जिनमें पिनाराई विजयन सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले पीछे के दरवाजे से नियुक्तियां करने की खबरों का हवाला दिया गया था। अदालत ने कहा कि यह नया निर्देश उन सभी लोगों पर लागू नहीं होगा, जिनकी जॉब पोस्टिंग हो गई हैं और वे गुरुवार तक अपना काम शुरू कर चुके थे। यह नियम वर्तमान में चल रही पोस्टिंग प्रक्रियाओं पर लागू होगा।
अदालत ने इस मामले पर सुनवाई के लिए 12 मार्च की तारीख दी है।
कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष और दूसरी ओर भाजपा राज्य भर में इस बात का विरोध कर रही है कि विजयन सरकार अर्ध-सरकारी और राज्य के सार्वजनिक क्षेत्र में 10 साल पूरे कर चुके अस्थायी कर्मचारियों को नियमित कर रही है। जबकि केरल लोक सेवा आयोग द्वारा नई नियुक्तियां नहीं की जा रही हैं, जो कि सभी सरकारी पदों पर नियुक्तियां करता है।
पिछले एक महीने से राज्य में वे लोग लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, जो इन सरकारी नौकरियों के लिए योग्य हैं लेकिन उनकी नियुक्तियां नहीं की जा रही हैं। इन लोगों ने विजयन सरकार पर अपने समर्थकों को नौकरी देने का आरोप लगाया है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 4 मार्च | केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायत राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को कहा कि कृषि और ग्रामीण क्षेत्र की मजबूती व प्रगति पर भारत सरकार का पूरा फोकस है और इस दिशा में अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं व कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जो छोटे छोटे किसानों के लिए काफी लाभकारी हैं। केंद्रीय मंत्री 24 देशों का संघ एशिया पैसिफिक रूरल एंड एग्रीकल्चर क्रेडिट एसोसिएशन (अप्राका) और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण बैंक (नाबार्ड) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 'क्षेत्रीय नीति फोरम' की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि व गांव आधारित है, जिसकी तरक्की के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है।
कृषि मंत्री तोमर ने कहा, "हम भली-भांति जानते हैं कि जब तक गांवों में रोजगार व पैसा नहीं होगा, तब तक कृषि आगे नहीं बढ़ेगी। दूरदर्शी प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने इसी कड़ी में जन-धन खातों की स्कीम प्रारंभ की औक करोड़ों लोगों को बैंकिंग से जोड़ा। नए सिस्टम में पारदर्शिता है, बिचौलिए खत्म हुए हैं और लीकेज बचत में बदल गई है।"
उन्होंने भारत सहित एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों द्वारा महामारी से निपटने के लिए की गई पहलों, विशेष रूप से ग्रामीण गरीबों पर महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए उठाए गए उपायों की सराहना की। तोमर ने फोरम को सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है और 6,865 करोड़ रूपए खर्च कर 10 हजार नए एफपीओ बनाए जा रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम- किसान) योजना के तहत करीब 10.75 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 1.15 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि जमा कराई गई है। उन्होंने कहा कि कानूनी सुधार के माध्यम से भी कृषि क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे क्रांतिकारी बदलाव की उम्मीद है।
अप्राका 24 देशों का संघ है,जिसमें इन देशों के केंद्रीय बैंक, नियामक प्राधिकरण, एआरडीबी, सहकारी बैंक महासंघ, वाणिज्यिक बैंक, कृषि वित्त से जुड़ी सरकारी एजेंसियां आदि 87 संस्थाएं सदस्य है।
भारत, अप्राका के 16 संस्थापक सदस्य देशों में शामिल है और जी.वी.के.राव, तत्कालीन कृषि सचिव अप्राका के पहले अध्यक्ष थे व नाबार्ड के पूर्व अध्यक्ष डॉ. वाई.सी. नंदा 1999 से 2001 तक अप्राका अध्यक्ष रहे। नाबार्ड के अध्यक्ष डॉ. जी.आर. चिंतला अब अप्राका के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण करेंगे। इससे जाहिर है कि भारत के लिए इस फोरम का कितना महत्व है।
केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने गुरुवार को 'क्षेत्रीय नीति फोरम' की बैठक का उद्घाटन किया। इस बैठक में अप्राका के अध्यक्ष व बैंक ऑफ सिलोन, श्रीलंका के सीईओ डी.पी.के. गुणशेखर, नाबार्ड के अध्यक्ष व अप्राका के उपाध्यक्ष डॉ. जी.आर. चिंतला, अप्राका के महासचिव डॉ. प्रसून कुमार दास, नेशनल रेनफेड एरिया अथॉरिटी के सीईओ व कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अशोक दलवई, कृषि सचिव संजय अग्रवाल, वित्तीय सेवाएं सचिव देबाशीष पंडा ने भी अपने विचार रखे। (आईएएनएस)
लखनऊ, 4 मार्च| उत्तर प्रदेश में हाल ही में लागू हुए धर्मातरण विरोधी कानून के तहत पुरुष पर महिला को लालच देकर शादी करने का आरोप लगने के बाद इस नवविवाहित जोड़े ने जान देने की कोशिश की। जोड़े ने आत्महत्या करने के लिए नींद की ढेर सारी गोलियां खा लीं थीं। खबरों के मुताबिक, जानकीपुरम में रहने वाली एक महिला मंगलवार को लापता हो गई थी और उसके पिता ने दूसरे समुदाय के एक व्यक्ति के खिलाफ धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज कराया था।
जानकीपुरम के एसएचओ बृजेश सिंह ने कहा, "जानकीपुरम निवासी विजय प्रकाश ने 26 साल के युवक शाहरुख के खिलाफ शिकायत की है कि उसने उसकी 24 साल की बेटी दीप्ति को बहला कर शादी करने और धर्म बदलने के लिए मजबूर किया। प्रकाश ने कहा है कि उसकी बेटी मंगलवार की रात से लापता है। हमने आरोपी शाहरुख के खिलाफ शादी के लिए मजबूर करने और धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत महिला का अपहरण या उत्पीड़न करने का मामला दर्ज किया कर लिया।"
इसके बाद पुलिस ने इस जोड़े का पता लगाने के लिए छापेमारी शुरू की। इस दौरान शाहरुख के परिवार ने कहा कि वे उन दोनों को खोजने में मदद करेंगे। बुधवार शाम को आरोपी के परिवार ने अधिकारियों को फोन करके कहा कि वे दंपत्ति को पुलिस स्टेशन ला रहे हैं।
सिंह ने आगे बताया, "पूछताछ के दौरान शाहरुख और दीप्ति ने कहा कि वे बालिग हैं और एक-दूसरे से शादी करना चाहते हैं। हमने देखा कि उन दोनों की हालत ठीक नहीं थी और वे बेहोशी की हालत में थे। हमने उनकी जांच की तो शाहरुख की जेब में एक सुसाइड नोट मिला।"
उन दोनों ने नींद की कई गोलियां खाईं हुईं थीं, इसके बाद पुलिस ने उन्हें बलरामपुर अस्पताल पहुंचाया। बाद में दीप्ति के पास भी वैसा ही सुसाइट नोट मिला। अब दोनों की हालत स्थिर है और खतरे से बाहर है।
पुलिस अधिकारी ने कहा है, "उन दोनों के ठीक होते ही हम उनसे पूछताछ करेंगे।" (आईएएनएस)
बिहार में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने देश में संभवत: पहली बार अपनी तरह एक ऐसा फैसला सुनाया है जिसमें कानून की जगह मानवीय तथा सामाजिक पहलू का ख्याल रखा गया है.
डॉयचे वैले पर मनीष कुमार की रिपोर्ट-
न्याय के साथ मानवीय हित को भी सर्वोपरि मानते हुए बिहारशरीफ किशोर न्यायालय परिषद ने एक ऐसा फैसला दिया है, जिसकी प्रशंसा भी हो रही है, किंतु इसने एक नई बहस को जन्म दिया है. अपने एक फैसले में अदालत ने 18 साल से कम उम्र की नाबालिग लड़की को शादी की नीयत से भगाकर ले जाने और बलात्कार करने जैसे अपराध से एक किशोर को दोषमुक्त कर दिया. साथ ही उत्पन्न परिस्थिति के मद्देनजर सामाजिक व मानवीय हित में नाबालिग की शादी को भी जायज करार दिया. ऐसे मामले में तीन से दस साल तक की सजा का प्रावधान है. हालांकि इससे पहले भी देश की विभिन्न अदालतों में मानवीय या अन्य कारणों से सजा कम करने के फैसले दिए गए हैं.
नाबालिग ने भागकर की थी शादी
मामला अप्रैल 2019 का है. नूरसराय थाना क्षेत्र में 17 साल के एक किशोर तथा 16 साल की एक नाबालिग लड़की ने भागकर शादी कर ली. यह एक अंतरजातीय विवाह था. इस मामले में किशोरी के पिता ने किशोर के अलावा उसके माता-पिता और दो बहनों का आरोपित करते हुए नूरसराय में एफआइआर दर्ज कराई. इस केस के इन्वेस्टिगेटिंग आफिसर (आइओ) ने माता-पिता व बहन को निर्दोष बताते हुए केवल किशोर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.
मामला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) में भेजा गया. लड़की 23 अगस्त 2019 को किशोर न्याय परिषद में पेश हुई और बयान दर्ज कराते हुए कहा कि वह अपने प्रेमी के साथ स्वेच्छा से भागी थी. उसने यह भी बताया कि दोनों ने शादी भी कर ली है. लड़की ने यह भी कहा कि उसकी जान को उसके माता-पिता से खतरा है और वह अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती है.
उसी दिन आरोपित किशोर भी कोर्ट में उपस्थित हुआ. अंतरजातीय विवाह को कारण बताते हुए किशोरी के माता-पिता ने भी उसे अपनाने से इंकार कर दिया. इस मामले में जेजेबी के प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्रा तथा बोर्ड के सदस्य धर्मेंद्र कुमार व ऊषा कुमारी ने सभी अभिलेखों का अध्ययन किया.
बीते शुक्रवार को जेजेबी ने नाबालिग दंपति व उनके परिजनों की मौजूदगी में घंटों की गई सुनवाई के बाद अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया. लड़की अपनी चार माह की बच्ची के साथ पेश हुई थी. उसने रो-रोकर कोर्ट को बताया कि उसके मां-बाप उसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं और अगर उसके पति को सजा दी जाती है, तो उसकी तथा उसकी बच्ची की जान संकट में पड़ जाएगी. लड़की ने ऑनर किलिंग का अंदेशा भी जताया. वर्तमान में लडके की उम्र 19 व लड़की की 18 साल है.
हर अपराध के लिए सजा देना न्याय नहीं
प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्रा ने अपने फैसले में सुबूत रहते हुए भी नाबालिग बालिका को भगाकर शादी करने तथा शारीरिक संबंध बनाने के आरोप से किशोर को बरी करते हुए दोनों को साथ रहने का आदेश दिया. उन्होंने अपने फैसले में यह भी कहा कि इस जजमेंट को नजीर बनाकर कोई अन्य पक्षकार खुद को निर्दोष साबित करने का प्रयास नहीं कर सकेगा.
किशोर के माता-पिता को भी आदेश दिया गया कि वे दंपती के वयस्क होने तक उनकी तथा उनकी बच्ची की देखभाल व सुरक्षा करेंगे. कोर्ट ने स्थानीय बाल संरक्षण पदाधिकारी को भी किशोर, उसकी नाबालिग पत्नी व बच्चे की सतत निगरानी का निर्देश देते हुए कहा कि वे दो वर्ष तक प्रत्येक छह माह में उनके हालात की विस्तृत रिपोर्ट किशोर न्याय परिषद को देंगे.
फैसला सुनाते हुए प्रधान दंडाधिकारी ने कहा कि हर अपराध के लिए सजा देना न्याय नहीं है. यह बात सही है कि किशोर नाबालिग लड़की को भगा कर ले गया और उससे अवैध संबंध बनाया जिससे बच्ची पैदा हुई. यह वास्तव में अपराध है, किंतु अब जब बच्ची जन्म ले चुकी है और उसकी मां यानी नाबालिग लड़की को उसके मां-बाप अपनाने को तैयार नहीं हैं, तो ऐसे में आरोपित किशोर को दंडित कर तीन नाबालिगों की जान खतरे में नहीं डाली जा सकती है. ऐसे में तीन जिंदगियां बर्बाद हो जाएंगी. उन्होंने कहा, लड़का पत्नी व बच्चे को स्वीकार करते हुए उनकी देखभाल कर रहा है और आगे भी उनकी देखभाल करने का वचन कोर्ट को दिया है, ऐसे में यहां पर न्याय के साथ तीन लोगों का हित भी देखना जरूरी है.
तीन जिंदगियों का था सवाल
किशोर न्याय परिषद के इस ऐतिहासिक फैसले को कानून के जरिए अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं. अधिवक्ता रोहित शेखर कहते हैं, ‘‘अगर नाबालिग दंपति को सजा दे दी जाती तो एक शिशु का जीवन तो प्रभावित होता ही, साथ ही तीन लोगों की जिंदगी भी प्रभावित हो जाती. अदालत की आशंका जायज थी कि लड़की की ऑनर किलिंग हो सकती थी और इससे बच्ची का जीवन भी संकट में पड़ सकता था. आखिर नाबालिग मां-बाप के गुनाहों की सजा चार माह की मासूम क्यों भुगते.''
वहीं अधिवक्ता राजेश सिंह इस फैसले से इत्तफाक नहीं रखते. वे कहते हैं, ‘‘यह सही है कि बच्ची के वेलफेयर को देखते हुए यह फैसला दिया गया है. ऑनर किलिंग की आशंका भी जायज है लेकिन जिस समय लड़की ने बयान दिया उस समय वह नाबालिग थी इसलिए उसके बयान का कोई मायने नहीं था. इस तरह से अगर फैसला दिया जाएगा, जिसके लिए 366-ए के तहत सजा का प्रावधान है, तो ऐसे कृत्यों को एक हद तक बढ़ावा ही मिलेगा. इसलिए ऐसे फैसले से बचना चाहिए था. सामाजिक नजरिए से यह फैसला जायज नहीं है. इसके लिए दूसरा तरीका भी अपनाया जा सकता था.''
परिस्थितियों के मद्देनजर पहले भी सुनाया है फैसला
ऐसा नहीं है कि किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र ने पहली बार लीक से हटकर फैसला सुनाया है. पिछले साल ही उन्होंने बिहारशरीफ के इस्लामपुर थाने के कांड संख्या 122/20 व जेजेबी 146/20 मामले में ऐसा फैसला सुनाया था, जो मानवीय संवेदनाओं के साथ-साथ पूरी व्यवस्था को झकझोरने के लिए पर्याप्त थी.
इस मामले में उन्होंने चोरी के आरोपित किशोर को न केवल बरी कर दिया, बल्कि उसकी विपन्नता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन को उसके परिवार को तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ मुहैया कराने का निर्देश भी पारित किया. दरअसल, इस मामले में 16 वर्षीय एक दिव्यांग किशोर पर एक कपड़े की दुकान में एक महिला का पर्स चुराने का आरोप लगाया गया था. पकड़े जाने पर उसने कुबूल किया कि पर्स उसने ही चुराया था लेकिन उसमें कुछ नहीं मिलने पर पर्स को कहीं फेंक दिया था.
कोर्ट में पेश किए जाने पर उसने बताया कि उसके पिता की कई साल पहले मौत हो गई थी. इस सदमे में उसकी मां की मानसिक स्थिति बिगड़ गई. उसका एक छोटा भाई भी है. इन सभी की जिम्मेदारी उसके कंधों पर ही है. ऐसी स्थिति में अभावग्रस्त होने के कारण उसने लाचार होकर चोरी की. अनुसंधान के दौरान जेजेबी के निर्देश पर उसकी सोशल बैकग्राउंड रिपोर्ट (सीबीआर) की जांच करने टीम जब उसके घर पहुंची, तो उसके घर की हालत देख चौंक गई.
उसकी मां के तन पर इतने कपड़े भी नहीं थे कि उसकी एक फोटो ली जा सकती. कपड़े के नाम पर आधी फटी हुई साड़ी थी. उसे न तो विधवा पेंशन मिलता था और न ही किसी अन्य योजनाओं का लाभ. बिना दरवाजे का फूस का घर और बर्तन के नाम पर मात्र एक पतीला था. जज मिश्रा ने स्थानीय बीडीओ को उक्त किशोर को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का निर्देश देते हुए उसे खाद्य सामग्री, वस्त्र व उसकी मां के लिए साड़ी भी दी.
इसी तरह नूरसराय थाने में एक छह वर्षीया बच्ची के साथ दुष्कर्म और अप्राकृतिक यौनाचार का मामला सामने आया था जिसमें महज नौ तिथियों पर सुनवाई के बाद फैसला देकर उन्होंने त्वरित न्याय देने की नजीर पेश की. इससे पहले मध्यप्रदेश के कटनी में किसी मामले में सात तिथियों पर सुनवाई कर फैसला दिया गया था.
यातनागृह से कम नहीं रिमांड होम
दरअसल, नाबालिगों के मामले में अधिकतर अपराधों की जननी आवेश या गरीबी ही होती है. पत्रकार रवि शेखर कहते हैं, ‘‘सवाल यह है कि ऐसे गरीब परिवारों तक केंद्र या राज्य सरकार की योजनाएं क्यों नहीं पहुंच पातीं हैं. यह देखना जरूरी है कि ऐसे लोग किसी साजिश का तो शिकार होकर सरकारी सुविधाओं से वंचित नहीं हो जाते हैं.''
वहीं रिमांड होम या महिला आवास गृहों की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है. सभी भली-भांति जानते हैं कि वहां सुधार की बजाय आपराधिक प्रवृति के विकसित होने की गुंजाइश ही अधिक है. शायद इसलिए भावावेश या फिर मजबूरी में किए गए अपराध के लिए उन्हें सजा देकर वहां भेजना समस्या का समाधान नहीं है. वैसे भी इन केंद्रों की स्थिति गाहे-बगाहे समाचार पत्रों की सुर्खियां बनती ही रहती हैं.
मुजफ्फरपुर बालिका गृह में हो रहे कुकृत्य ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था जहां रह रही 42 बच्चियों में 34 से बलात्कार किया गया था. हाल ही में सीबीआई ने भागलपुर के रेशमनगर मोहल्ले में चल रहे बाल सुधार गृह में यौन शोषण व यातना के मामले में जो सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है, वह किसी का भी दिल दहला देने को काफी है.
पूछताछ में रिमांड होम में रह रहे एक बच्चे ने सीबीआई को बताया था कि एक बार उसका हाथ कट गया तो वहां की संचालिका रूपम मैडम ने कटने की जगह पर दूसरे बच्चों से नमक-मिर्च लगवा दिया. वहां वार्डेन के रूप में रह रहा प्रवेश दास नाम का व्यक्ति चार बच्चों के साथ रात में अप्राकृतिक यौनाचार करता था और जो उसकी बात नहीं मानता था उससे वह थूक चटवाता था. देवचंद्र सिंह नाम का एक व्यक्ति तो गुस्सा होने पर बच्चों की जांघ पर खड़ा हो जाता था. खाना मांगने पर रूपम द्वारा बच्चों को पीटा जाना तो आम बात थी.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की रिपोर्ट के बाद प्राथमिकी दर्ज होने पर छह अगस्त 2018 को इस रिमांड होम के संचालन का एग्रीमेंट राज्य सरकार ने रद कर दिया था. वहीं सीबीआई की जांच अभी जारी है. शायद इन्हीं वजहों से ऐसे फैसले सामने आते हैं जिनमें अपराध के बिंदु से अलग हटकर सामाजिक या मानवीय पहलू को तवज्जो दी जाती है. (dw.com)
अमरावती, 3 मार्च| राज्यसभा सांसद व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने बुधवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पूर्ववर्ती सरकारों की तुलना में अधिक काम किया है। राव ने कहा कि आंध्र प्रदेश में विकास के जो भी कार्य दिखाई दे रहे हैं, वह केंद्र सरकार की बदौलत है।
तेलुगू की एक कहावत को उद्धृत करते हुए कि - एक मां भी अपने बच्चों को बिना मांगे नहीं खिलाती - उन्होंने दावा किया कि केंद्र ने स्मार्ट सिटी और अमृत योजनाओं के तहत दक्षिणी राज्य को 'हजारों करोड़ रुपये' दिए।
भाजपा नेता ने दावा किया कि प्रदेश व अन्य कई जगहों पर मोदी सरकार ने लाखों की संख्या में लोगों को घर आवंटित किया।
राव ने राजनीतिक विरोधियों पर पलटवार करते हुए सवाल किया कि यह कहना कैसे उचित है कि केंद्र ने राज्य के लिए कुछ भी नहीं किया, जबकि केंद्र ने राज्य को पहली प्राथमिकता दी है और विकास के कई कार्य किए हैं।
उन्होंने श्ांका करने वाले ऐसे लोगों को आत्मनिरीक्षण करने की सलाह दी। हाल के केंद्रीय बजट के बाद राज्यसभा सांसद वी. विजयसाई रेड्डी सहित सत्तारूढ़ युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के नेताओं ने कहा कि राज्य को कोई बड़ा आवंटन नहीं मिला है।
उनका कहना है कि आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद आंध्र को विशेष दर्जा देने, रेलवे जोन बनाने एवं अन्य रियायतें देने का जो वादा किया गया था, उन्हें क्रियान्वित किया जाए।
गौरतलब है कि हाल ही में राव ने विशाखापत्तनम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि भाजपा का अगला पड़ाव आंध्र प्रदेश है।
इस जनसभा में उत्तर प्रदेश और बिहार के हजारों प्रवासी शामिल हुए। राव ने कहा, "मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि हम हमेशा सभी आवश्यक मदद देने के लिए उपलब्ध रहेंगे। इस अवसर पर कुछ प्रवासी लोग भाजपा में शामिल हुए।"
भाजपा नेता ने विशाखापत्तनम और विजयनगरम में आगामी नागरिक निकाय चुनावों के लिए भी प्रचार किया। (आईएएनएस)
पटना, 3 मार्च| बिहार की राजधानी पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) में एक एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्र की मौत हो गई, जबकि अन्य आठ से 10 छात्र कोरोना संक्रमित बताए जा रहे हैं। मृतक छात्र कोरोना टीका का पहला डोज ले चुका था।
एनएमसीएच प्रबंधन ने बताया कि एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्र शुभेंदु शेखर की मौत उनके गांव बेगूसराय के दहिया में हुई है। एमबीबीएस 2016 सत्र के छात्र शुभेंदु कॉलेज के हॉस्टल में रहते थे।
प्राचार्य डॉ. हीरा लाल महतो ने बताया कि शुभेंदु शेखर ने पिछले महीने 24 तारीख को सर्दी-खांसी से पीड़ित होने के बाद अपना आरटीपीसीआर सैंपल दिया था। उसके बाद वे अपने गांव चले गए। रविवार को उनकी रिपोर्ट पजिटिव आई। सोमवार की रात उनकी मौत की खबर यहां आई। उन्होंने बताया कि इसके बाद उनके संपर्क में आए अन्य छात्रों की जांच करवाई गई।
एनएमसीएच के एक वरीय चिकित्सक ने बताया कि, "यहां के आठ से 10 छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।"
इधर, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बुधवार छात्र की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने कहा, "कोई भी मौत दुखद होती है। किसी चिकित्सक या चिकित्सकर्मी की मौत होती है तो इससे समाज को काफी नुकसान होता है। कुछ अन्य मेडिकल छात्रों के भी कोरोना संक्रमित होने की बात कही गई है। विभाग इस पर नजर रखे हुए है।"
उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को कोरोना से जागरूक करने के लिए भी लगातार काम किया जा रहा है।
इधर, कोरोना वैक्सीन को लेकर विपक्ष द्वारा उठाए गए सवाल पर उन्होंने कहा कि यह राजनीति के अलावा कुछ भी नहीं है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 2 मार्च | समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाथरस में हुई घटना को लेकर योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा है कि यहां हाथरस जैसी वारदातें हो रही हैं। मुख्यमंत्री बंगाल घूम रहे हैं। अखिलेश यादव आज यहां पत्रकारों से बातचीत में बोले कि यूपी में हाथरस जैसी वारदातें हो रही हैं और सीएम बंगाल घूम रहे हैं। रामराज की बात करने वालों की सरकार में बेटियां, महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हाथरस की पीड़ित बेटी से मिलने सपा का एक प्रतिनिधिमंडल भेजा जाएगा। मैं खुद उस बेटी से मिलने जाऊंगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता सपा की तरफ देख रही है। यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार ने सारी व्यवस्था खराब कर दी। हमने मंडियां बनाईं, सरकार उन मंडियों को समाप्त कर रही है। किसान को सिर्फ बाजार के भरोसे नहीं छोड़ सकते हैं।
सपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा को बहुमत का घमंड हो गया है, हाथरस की घटना पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि, "हाथरस जैसी घटनाएं हो रहीं और सरकार को किसी की परवाह नहीं हैं। मुख्यमंत्री कहते हैं ठोंक दो, भाजपा को बहुमत का घमंड है। हाथरस में एक और लड़की पर अत्याचार हुआ है। रामराज्य लाने वालों के राज्य में ऐसा हो रहा है।"
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि, "कस्टोडियल एनकाउंटर हो रहे हैं। सरकार लोगों को डरा रही है। सरकार सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स से डरा रही है। हाथरस के मामले पर शर्म से सिर झुक गया है। किसान आंदोलन के समय मुकदमे दर्ज हुए हैं। 10 हजार सपा कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज हुए हैं।"
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूर्व विधायक राम कृपाल कोल, कामता सिंह बघेल, देवेंद्र प्रताप सिंह, भाजपा के संतोष कुमार, भाजपा के संजीव वर्मा, बसपा के परवेज उमर अहमद को सपा की सदस्यता दिलाई।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में हाथरस के नौजरपुर गांव में बेटी से छेड़छाड़ की शिकायत करने वाले पिता की सोमवार शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि आरोपी छेड़छाड़ का केस वापस लेने के लिए पीड़ित परिवार पर दबाव बना रहा था। मृतक की बेटी ने 6 लोगों पर केस दर्ज कराया है। इनमें से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि देर रात एक आरोपित ललित शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य की तलाश जारी है। इधर घटना के बाद देर रात आईजी अलीगढ़ रेंज पीयूष मोर्डिया सासनी कोतवाली पहुंच गए थे। वह पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। घटना में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रासुका लगाने के निर्देश दिए हैं। (आईएएनएस)
चेन्नई, 2 मार्च | विधानसभा चुनाव से पहले तमिलनाडु में सीट बंटवारे को लेकर सत्तारूढ़ एआईएडीएमके और डीएमडीके के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। लोकप्रिय अभिनेता विजयकांत के नेतृत्व वाली पार्टी डीएमडीके का राज्य के विभिन्न हिस्सों में एक ठोस आधार है। पिछले विधानसभा चुनाव में उसका वोट प्रतिशत लगभग 6 प्रतिशत था। हालांकि, कुछ आंतरिक दरार और विजयकांत की निष्क्रियता के बाद पार्टी की लोकप्रियता में कमी आई है।
शुरुआत में एआईएडीएमके और भाजपा ने डीएमडीके के साथ गठबंधन की मांग की थी, लेकिन बाद में राज्य के तत्कालीन राजनीतिक परिदृश्य में यह परवान न चढ़ सका।
हालांकि डीएमडीके ने 20 सीटों की मांग की थी, लेकिन दूसरी ओर एआईएडीएमके 11 सीट देना चाहती थी, जिसे डीएमडीके ने खारिज कर दी। नतीजतन, दोनों दलों के बीच बड़ी दरार पैदा हो गई।
20 सीटों के आवंटन की मांग पूरी नहीं होने पर डीएमडीके ने अब एआईएडीएमके को अकेले चुनाव लड़ने की धमकी दी है।
डीएमडीके के कोषाध्यक्ष और विजयकांत की पत्नी प्रेमलता विजयकांत ने एआईएडीएमके नेतृत्व से पीएमके के समान ही पार्टी को सीटें आवंटित करने का आह्वान किया है।
एआईएडीएमके (अन्नाद्रमुक) ने पीएमके को 23 सीटें दी थीं और सबसे पिछड़े वर्ग के लिए कोटा के तहत सरकारी क्षेत्रों में वन्नियार समुदाय के लिए नौकरियों में 10.5 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी, जिसका पहले डीएमडीके विरोध कर रहा था।
विजयकांत के बहनोई एल.जी. सुधीश ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो हम अकेले ही चुनाव लड़ेंगे। 20 सीटें कोई बड़ी मांग नहीं है और हमने 2009 के लोकसभा चुनाव में स्वतंत्र रूप से 10.09 प्रतिशत वोट प्राप्त किया था। हम उम्मीद कर रहे हैं कि एआईएडीएमके नेतृत्व जमीनी हकीकत को समझेगा और हमें आवश्यक सीटें आवंटित करेगा, ताकि सभी के लिए जीत की स्थिति बने।"
सूत्रों के अनुसार, पार्टी 15 से 16 सीटों के लिए समझौता कर सकती है, क्योंकि नेतृत्व ने यह भांप लिया है कि 2021 की स्थिति 2009 से काफी अलग है और यह अभी उतनी शक्तिशाली नहीं है जितनी कि 2009 में थी।
साल 2006 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने 8.38 फीसदी वोट हासिल किए थे, जबकि 2011 में उसने 7.9 फीसदी वोट हासिल किए थे, जिसमें से 41 सीटों पर उसने जीत दर्ज की थी। लेकिन 2016 के चुनावों में डीएमडीके ने खराब प्रदर्शन किया और उसे केवल 2.6 प्रतिशत वोट मिले और यही कारण है कि एआईएडीएमके नेतृत्व डीएमडीके नेतृत्व के साथ कड़ी सौदेबाजी कर रहा है।
234 सदस्यीय तमिलनाडु विधानसभा के लिए 6 अप्रैल को एक चरण में चुनाव होगा। परिणाम 2 मई को घोषित किए जाएंगे। (आईएएनएस)
बेंगलुरु, 2 मार्च | बेंगलुरु के छात्रों की टीम ने एक ऐसी पोर्टेबल मशीन बनाई है, जो प्लास्टिक के थैलों को बड़ी कुशलता से इकट्ठा कर लेती है। कमाल की बात यह है कि यह मशीन बहुत कम लागत से बनाई गई है। हाल ही में सामने आए फिक्की के अनुमानों के अनुसार, भारत में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक की खपत 2017 में 11 किलो प्रति वर्ष थी, जो 2022 तक बढ़कर 20 किलो प्रति वर्ष तक हो जाएगी। जाहिर है प्लास्टिक का यह बढ़ता कचरा जमीन, नदी और समुद्री जीवन को खतरे में डालता है।
तमिलनाडु के सेलम में सोना कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी के अंतिम वर्ष के 6 इंजीनियरिंग छात्रों ने यह मशीन बनाई है। इसका अभी नगरपालिका सीमा के अंदर की सड़कों पर परीक्षण चल रहा है।
इस प्रोजेक्ट के लीडर टी.वी.किशोर कुमार ने आईएएनएस को बताया, "प्लास्टिक कचरा एकत्रित करने वाला यह उपकरण सड़कों पर पड़े प्लास्टिक को सेंसर्स के जरिए पहचानने और उसे अपनी ओर खींचने में सक्षम है। इसका उपयोग इमारतों में होलो ब्लॉक्स, पॉवर ब्लॉक्स आदि से प्लास्टिक कचरा इकट्ठा करने में भी हो सकता है।"
इस प्रोजेक्ट में कुमार के साथ उनके सहपाठी एन जिवेथ खान, आर आकाश, एस लोकेश्वर, आर दिनेश बाबू और आर इलवरसन ने काम किया। इन सभी ने भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के अभियान में अपना योगदान देने के लिए यह मशीन बनाई है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 2 मार्च | सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सीबीआई, एनआईए, ईडी और अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों के कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के मामले में अपने पैर पीछे खींचने और अधिक समय मांगने के लिए केंद्र को फटकार लगाई। शीर्ष अदालत ने 2 दिसंबर को केंद्र को जांच एजेंसियों राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), डीआरआई आदि के कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे और रिकॉर्डिग उपकरण स्थापित करने का निर्देश दिया था। ये एजेंसियां देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसियों में शुमार हैं, जिनके पास गिरफ्तारी और पूछताछ करने की शक्ति है।
आदेश के अनुपालन के संबंध में मंगलवार को सुनवाई हुई। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले में स्थगन की मांग की।
इस पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन ने केंद्र के वकील से कहा कि यह एक धारणा स्थापित कर रहा है कि केंद्र इस मामले में अपने पैर खींच रहा है। मेहता ने जवाब दिया कि स्थगन की मांग की गई है, क्योंकि इस मामले में जटिलता हो सकती है।
पीठ उनके जवाब से सहमत नहीं हुई और अदालत ने कहा कि यह फैसला नागरिकों के मौलिक अधिकारों से संबंधित है और अदालत नागरिकों के मौलिक अधिकारों को लेकर चिंतित है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह केंद्र के सुनवाई टालने के बहाने को मंजूर नहीं कर रहा है।
शीर्ष अदालत ने केंद्रीय जांच एजेंसियों में सीसीटीवी लगाने के लिए धन के आवंटन के पहलू पर भी मेहता से सवाल पूछे।
मेहता ने खंडपीठ से आग्रह किया कि वह स्थगन की मांग करने वाले नोट की अनदेखी करें और मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिए कुछ और समय दें। शीर्ष अदालत ने केंद्र को सीसीटीवी कैमरों के आवंटन और स्थापना के लिए समय-सीमा के लिए वित्तीय परिव्यय का हवाला देते हुए हलफनामा दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया।
पीठ ने अदालत के आदेश के बाद विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा समय मांगे जाने के संबंध में न्याय-मित्र (एमिकस क्यूरी) वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे द्वारा पेश चार्ट की भी जांच की।
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों को पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी लगाने के लिए 5 महीने का समय दिया है।
शीर्ष अदालत पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी को इस साल दिसंबर के अंत तक पुलिस थानों में सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया, जहां विधानसभा चुनाव होने हैं।
पीठ ने सीसीटीवी कैमरों की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश को 9 महीने और मध्य प्रदेश के लिए 8 महीने का समय दिया। शीर्ष अदालत ने मामले को होली की छुट्टी के बाद आगे की सुनवाई के लिए निर्धारित किया है।
शीर्ष अदालत ने कहा था कि जब भी पुलिस स्टेशनों पर बल प्रयोग की सूचना मिलती है, जिसके परिणामस्वरूप गंभीर चोट या हिरासत में मौतें होती हैं, तो यह आवश्यक है कि व्यक्ति उसके निवारण के लिए स्वतंत्र हो।
अदालत ने इस बात पर भी जोर दिया कि ऐसे सीसीटीवी सिस्टम को स्थापित किया जाना चाहिए, जो रात के समय कम रोशनी में (नाइट विजन) भी काम कर सके और इसमें वीडियो फुटेज के साथ-साथ ऑडियो भी दर्ज होनी चाहिए।
अदालत ने कहा, "सीसीटीवी कैमरों को इस तरह के रिकॉर्डिग सिस्टम के साथ इंस्टॉल किया जाना चाहिए, ताकि उसमें जमा होने वाले डेटा को 18 महीने तक संरक्षित रखा जा सके।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 2 मार्च | प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने केरल के एक अकाउंटेंट की 1.54 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। ईडी के एक अधिकारी ने यहां कहा कि वित्तीय जांच एजेंसी ने केरल में 1.54 करोड़ रुपये मूल्य की भूमि के रूप में सावधि जमा और अचल संपत्तियों को कुर्क किया है, जो कि एक अकाउंटेंट श्यामराज नादराजन का है, जिसने कतर के दोहा में काम करने के दौरान जिसने जाली दस्तावेजों की मदद से और ठगी करके 3 करोड़ रुपये से अधिक के बराबर रकम बनाई।
अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने नादराजन और अन्य के खिलाफ केरल पुलिस द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की।
अधिकारी ने कहा कि नादराजन दोहा में एक निजी लिमिटेड कंपनी में अकाउंटेंट के रूप में काम कर रहा था, जो कंपनी आयात माल के संबंध में कस्टम क्लीयरेंस एजेंसी के साथ काम करती थी।
अधिकारी ने कहा, "मनी लॉन्ड्रिंग जांच के दौरान, नादराजन के विभिन्न बैंक खातों के लेन-देन का ब्योरा एकत्र किया गया था, जिसमें इन खातों के माध्यम से लेनदेन की एक बड़ी मात्रा (विदेशी आवक प्रेषण सहित) शामिल है।"
अधिकारी ने कहा कि एक एफडी खाते में 60 लाख रुपये की राशि जमा की गई थी।
अधिकारी ने आगे कहा, "उसने एक संपत्ति की खरीद के लिए और उस संपत्ति पर घर बनाने के लिए आगे 90 लाख रुपये का इस्तेमाल किया।" (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 2 मार्च | भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान के खतरनाक मंसूबों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उजागर करते हुए कहा है कि पाकिस्तान आतंकवादियों को पेंशन प्रदान करता है और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों की सबसे ज्यादा संख्या भी इसी देश में है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के सत्र में भारत के हाथों एक बार फिर पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन)में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवन कुमार बाधे ने पाकिस्तान में आंतकवाद को पनाह देने और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का आरोप लगाया है।
पवन कुमार बाधे ने कहा कि यह भारत का अधिकार है कि वह मानवाधिकारों के उच्चायुक्त द्वारा यूएनएचआरसी में मौखिक अपडेट के तहत पाकिस्तान और ओआईसी द्वारा दिए गए बयानों का जवाब दे।
बाधे ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अपने दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए इस महत्वपूर्ण मंच का जानबूझकर दुरुपयोग किया है, जिसका उद्देश्य मानव अधिकारों के अपने गंभीर उल्लंघन से परिषद का ध्यान हटाना है पाकिस्तान की ओर से यही काम लगातार किया जा रहा है।
भारत ने एक बार फिर वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की पोल खोलकर रख दी और कहा कि इस्लामाबाद ने खूंखार और सूचीबद्ध आतंकवादियों को राज्य कोष से बाहर पेंशन प्रदान की है। भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी सबसे बड़ी संख्या में मौजूद हैं।
पवन कुमार बाधे ने आगे कहा, "पाकिस्तानी नेताओं ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि यह आतंकवादियों के उत्पादन का कारखाना बन गया है। पाकिस्तान ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया है कि आतंकवाद मानवाधिकारों के हनन का सबसे खराब रूप है और आतंकवाद के समर्थक मानव अधिकारों का सबसे बुरा हनन करते हैं।"
बाधे ने यह भी सुझाव दिया कि परिषद को पाकिस्तान से यह पूछना चाहिए कि उनके वहां ईसाई, हिंदू और सिख जैसे अल्पसंख्यक समुदायों की संख्या आजादी के बाद से क्यों कम हो गई है और वे क्यों और अन्य समुदाय जैसे अहमदिया, शिया, पश्तून, सिंधी और बलूच के अधीन हैं। ब्रैकनियन ईशनिंदा कानून, प्रणालीगत उत्पीड़न और जबरन धर्मातरण हो रहा है।
उन्होंने आगे बताया कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के पवित्र और प्राचीन स्थलों पर हमला किया जा रहा है।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से कहा कि सरकार के खिलाफ बोलने वाले लोगों की पाकिस्तान में असाधारण हत्या कर दी जाती है। निंदा कानून लगाकर उन्हें जेल में डाल दिया जाता है। पाकिस्तान में हिंदू, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न किया जा रहा है। इन सब मामलों में राज्य की सुरक्षा एजेंसियां भी इन सब मामलों में शामिल होती हैं।
यूएनएचआरसी के सम्मेलन में पाकिस्तान व इस्लामिक देशों के संगठनों के बयानों को भी पवन कुमार बाधे ने सिरे से खारिज कर दिया।
भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि भारत जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के संदर्भ ओआईसी के बयान को खारिज करता है और जम्मू-कश्मीर से संबंधित मामलों पर टिप्पणी करने का उसका कोई अधिकार नहीं है, जो भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है। (आईएएनएस)
चेन्नई, 2 मार्च | मक्कल नीधि मैय्यम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में दो निर्वाचन क्षेत्रों से लड़ने की संभावना है। पार्टी सूत्रों ने मंगलवार को यह बात कही। 234 सदस्यीय तमिलनाडु विधानसभा के लिए चुनाव 6 अप्रैल को होंगे और परिणाम 2 मई को घोषित किए जाएंगे।
अभिनेता से नेता बने हासन ने अखिल भारतीय समथुवा मक्कल काची (एआईएसएमके) के साथ गठबंधन किया है। यह पार्टी आर. सरथकुमार द्वारा नियंत्रित है। वह अन्नाद्रमुक के साथ गठबंधन में तेनकासी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं।
एमएनएम विजयकांत की डीएमडीके के साथ भी राजनीतिक गठबंधन करने को लेकर नजर रखे हुए हैं। अगर वह सीट-बंटवारे को लेकर एआईएडीएमके के साथ गठबंधन कर लेती है तो बात बन सकती है।
विजयकांत की पत्नी प्रेमलता विजयकांत और उनके भाई एल.जी. सुधेश ने मांग की गई सीटें आवंटित नहीं किए जाने पर अन्नाद्रमुक के नेतृत्व को दूरी बना लेने को लेकर चेतावनी भी दी है।
डीएमडीके ने कमल हासन के साथ सीट-साझाकरण चर्चा भी शुरू की है और अगर इस पर बात बन जाती है, तो फिर राज्य में एक शक्तिशाली तीसरे मोर्चे का उदय देखने को मिल सकता है।
इसके अलावा हासन आम आदमी पार्टी (आप) के साथ भी गठबंधन की योजना बना रहे हैं।
अभिनेता एवं राजनेता हासन ने पहले घोषणा की थी कि अगर उनकी पार्टी तमिलनाडु में सत्ता में आती है, तो सरकार द्वारा नियंत्रित टीएएसएमएसी और बाकी निजी दिग्गज कंपनियों के माध्यम से शराब की बिक्री का निजीकरण किया जाएगा। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 2 मार्च | कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पूर्व सांसद व दिल्ली कांग्रेस के पूर्व प्रमुख जेपी अग्रवाल को पश्चिम बंगाल के लिए संचालन समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया। राजस्थान के नेता महेश जोशी और महाराष्ट्र के नेता नसीम खान इस समिति के सदस्य होंगे। कांग्रेस के बंगाल प्रभारी जितिन प्रसाद, राज्य इकाई के प्रमुख अधीर रंजन चौधरी, सीएलपी अब्दुल मन्नान और सचिव बी.पी. सिंह को समिति के पदेन सदस्य के रूप में नामित किया गया है।
यह समिति बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों का एक पैनल बनाएंगे, जिसे सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा।
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस वाम दलों और भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा (आईएसएफ) के साथ गठबंधन करके 92 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने बंगाल में कांग्रेस-वाम-आईएसएफ गठबंधन पर आपत्ति जताई थी, जिसका बाद में चौधरी और प्रसाद ने भी समर्थन किया था। शर्मा ने कहा कि पार्टी की मूल विचारधारा से समझौता नहीं किया जा सकता।
नई दिल्ली, 2 मार्च | सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने दो संसद चैनलों- लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी का विलय कर दिया है, जिसे अब संसद टीवी कहा जाएगा।
सरकार ने यह भी कहा कि सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी रवि कपूर को एक साल की अवधि के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, तक पहला मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में नियुक्त किया गया है।
सरकार ने 1 मार्च को अपने आदेश में कहा, "सभापति, राज्यसभा और स्पीकर के संयुक्त निर्णय के परिणामस्वरूप, लोकसभा आरएसटीवी और एलव्एसटीवी का संसद टेलीविजन में विलय करेगी।"
इसमें आगे कहा गया कि रवि कपूर, आईएएस (1986: असम-मेघालय) (रिटायर्ड) को तत्काल प्रभाव से एक वर्ष की अवधि के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, के लिए अनुबंध के आधार पर सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 2 मार्च | हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट 2021 के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के अध्यक्ष मुकेश अंबानी 83 अरब डॉलर के साथ दुनिया के आठवें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं। एनर्जी-टू-टेलीकॉम दिग्गज आरआईएल के मूल्य में वृद्धि के मद्देनजर अंबानी की संपत्ति में साल-दर-साल के आधार पर 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट 2021 के बयान के मुताबिक, भारत का सबसे बड़ा निर्यातक रिलायंस देश के निर्यात का 8 प्रतिशत और सीमा शुल्क एवं उत्पाद शुल्क से प्राप्त होने वाले देश के कुल राजस्व का 5 प्रतिशत है। रिलायंस अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भी पदार्पण की योजना बना रहा है। साथ ही इसने इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में उछाल से पहले बैटरी बनाने के कारोबार में भी उतरने का फैसला किया है।
पिछली हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट में अंबानी नौवें स्थान पर थे। जहां तक देशों के रैंक की बात है तो भारत 177 अरबपतियों के साथ तीसरे स्थान पर पहुंच गया है जो पिछले साल की तुलना में 40 अधिक है।
बयान में कहा गया है कि मुंबई अरबपतियों की राजधानी बन गई है। यहां अरबपतियों की संख्या 61 तक पहुंच गई है। इसके बाद 40 अरबपतियों के साथ दिल्ली दूसरे स्थान पर है। इन अरबपतियों की औसत आयु 66 साल है। भारतीय मूल के 32 और अरबपति हैं, जो भारत से बाहर रहते हैं। इनमें लंदन स्थित आर्सेलर मित्तल के एल.एन. मित्तल भी शुमार हैं।
अन्य भारतीयों में गौतम अडानी और परिवार शीर्ष 100 अरबपतियों में 48वें स्थान पर रहे। अडानी ग्रीन एनर्जी के 20 अरब डॉलर के वैल्यूएशन के साथ ही अडानी की दौलत बढ़कर लगभग दोगुनी 32 अरब डॉलर हो गई है।
दुनिया में सबसे अमीर व्यक्ति टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलोन मस्क हैं जिनकी कुल संपत्ति 197 अरब डॉलर है। मस्क की संपत्ति 2020 में तीन गुना से अधिक हो गई।
अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस दूसरे स्थान पर हैं। 35 प्रतिशत की वृद्धि के साथ उनकी संपत्ति का कुल मूल्य 189 अरब डॉलर हो गया है। (आईएएनएस)
भोपाल, 2 मार्च | मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने शिवराज सिंह चौहान की सरकार द्वारा मंगलवार को विधानसभा में पेश किए गए वर्ष 2021-22 के आमबजट को झूठ का पुलिंदा करार दिया है। कमल नाथ ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि, "आज पेश मध्यप्रदेश सरकार का बजट झूठ का पुलिंदा, दिशाहीन, निराशाजनक व सिर्फ आंकड़ो का मायाजाल है। उम्मीद थी कि इस बजट में पेट्रोल-डीजल की कीमतों से जनता को राहत प्रदान करने के लिये वैट में सरकार कमी करेगी, पंजीयन शुल्क में कमी होगी, कांग्रेस सरकार की किसान कर्ज माफी योजना को आगे बढ़ाया जायेगा। रोजगार के नये अवसर को लेकर ठोस कार्ययोजना होगी, बदहाल शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में ठोस कार्ययोजना होगी। प्रदेश में बढ़ती बहन-बेटियों से दरिंदगी की घटनाओं को रोकने के लिये ठोस कार्ययोजना होगी, शासकीय कर्मचारियों के लिये डीए व डीआर देने की बात होगी, कोरोना काल में ध्वस्त अर्थव्यवस्था को देखते हुए उद्योग-व्यवसाय को राहत प्रदान करने के लिये कारगर उपाय होंगे। लेकिन सब कुछ नदारद?"
उन्होंने आगे कहा, "आश्चर्यजनक है कि 15 वर्ष सत्ता में रहने वाली भाजपा सरकार आज भी हर घर में नल से पानी देने की जल जीवन मिशन योजना की बात कर रही है। इंदौर- भोपाल मेट्रो ट्रेन के लिये अपर्याप्त राशि, एक तरफ सरकारी स्कूलों को बंद करने की तैयारी, वहीं 15 वर्ष बाद भी सर्व सुविधायुक्त स्कूल व स्कूलों के विकास के झूठे सपने, किसानी-खेती के लिये कुछ नहीं, युवाओं के लिये, रोजगार के लिये कुछ नहीं, एमएसएमई के लिये कुछ नहीं, प्रदेश में निवेश बढ़ाने को लेकर कोई कार्ययोजना नहीं, प्रति व्यक्ति घटी आय व विकास दर को बढ़ाने को लेकर कोई ठोस उपाय नहीं?"
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, पुरानी योजनाओं को ही वापस शामिल कर गुमराह करने का प्रयास इस बजट में किया गया है। इस बजट में नया कुछ नहीं है, जनता की उम्मीदों के विपरीत है यह बजट। (आईएएनएस)
पटना, 2 मार्च | बिहार में सक्रिय राजनीतिक दल पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनाव में भी अपना भाग्य आजमाएंगे। इसके लिए सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। सबसे मजेदार बात है कि बिहार में साथ रहने वाले दल भी वहां आमने-सामने नजर आएंगें। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर अब तक आए सर्वे के मुताबिक यह तय है कि चुनाव में मुख्य मुकाबला तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है। इस बीच बिहार में सक्रिय राजनीतिक दलों लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और जनता दल (युनाइटेड) ने चुनाव में उतरने की घोषणा कर दी है।
'हम' के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पश्चिम बंगाल का दौरा कर भी चुके हैं। राजद के नेता तेजस्वी यादव भी सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलकर उनकी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा कर चुके हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री से मिलने के बाद तेजस्वी ने एक बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार द्वारा निरंतर देश के संघीय ढांचे और संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार किया जा रहा है। देश एक महत्वपूर्ण चौराहे पर खड़ा है। केंद्र सरकार जन कल्याणकारी कामों को छोड़कर अपनी सहयोगी संस्थाओं के सहयोग से हर वक्त विभिन्न राज्यों में चुनाव लड़ने में अधिक व्यस्त रहती है।
उन्होंने कहा, "हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद जी का मानना है कि विपक्ष के लिए यह समय देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा, विचारधारा की प्रतिबद्धता तथा सिद्धांतों की स्थिर राजनीति का है।"
ऐसे में तय है कि पश्चिम बंगाल में बिहार के दल चुनावी समर में अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे। कहा जा रहा है कि ये दल तृणमूल कांग्रेस और भाजपा की राह में मुश्किलें पैदा करने और सियासी खेल बिगाड़ने की कोशिश में है।
वैसे, बिहार के जितने भी राजनीतिक दल हैं उनका अभी तक किसी भी तरह का किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं हुआ है।
लालू प्रसाद की पार्टी राजद ने समर्थन देने की जरूर घोषणा कर दी है। 'हम' ने 26 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा जरूर कर दी है। लोजपा ने अब तक सीटों की घोषणा नहीं की है। वैसे, कहा जा रहा है कि बिहार के छोटे दलों की पश्चिम बंगाल में बहुत ज्यादा पैठ नहीं है। हालांकि बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों के कुछ विधानसभा क्षेत्रों में यहां के दलों की पहचान है। (आईएएनएस)
कोलकाता, 2 मार्च | तृणमूल कांग्रेस नेता और प्रवक्ता कुणाल घोष मंगलवार को सारदा चिट फंड मामले की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुए। वित्तीय जांच एजेंसी ने उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया था। ईडी के एक अधिकारी ने कहा कि घोष का बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया जाएगा। वहीं ईडी के एक सूत्र ने बताया कि एजेंसी उन फंड्स के बारे में जांच कर रही थी जो घोष को कथित रूप से सारदा समूह से मिले थे। साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग एंगल से भी पूछताछ की जाएगी।
ईडी के अधिकारियों के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद घोष ने कथित रूप से अपनी मीडिया यूनिट चलाने के लिए सारदा समूह से पैसा लिया था। इस मामले में घोष से पहले भी जुलाई 2019 और अक्टूबर 2013 में पूछताछ की जा चुकी है।
बता दें कि अप्रैल 2013 में सारदा घोटाला सामने आया था और अनुमान है कि इसमें 10,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मामला दर्ज किया है।
विधानसभा चुनावों के चलते अभी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी जंग छिड़ी हुई है। इसमें जब-तब सारदा घोटाले का मुद्दा भी उठता रहता है। पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटों के लिए आठ चरणों- 27 मार्च, 1 अप्रैल, 6 अप्रैल, 10 अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को मतदान होना है। वहीं मतगणना 2 मई को होगी। (आईएएनएस)
भोपाल, 2 मार्च | मध्य प्रदेश विधानसभा में वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने वर्ष 2021-22 का बजट पेश कर दिया है। यह बजट दो लाख 41 हजार 27 करोड़ रुपए का है। इस बजट में न तो नया कर लगाया गया है और न ही किसी कर मे बढ़ोत्तरी की गई है। इस बजट को आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने की दिशा में उठाया हुआ कदम बताया जा रहा है। विधानसभा में मंगलवार को वित्त मंत्री देवड़ा ने बजट पेश करते हुए आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का जिक्र करते हुए कहा कि यह बजट सभी वर्गों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, चिकित्सा, सड़क, रोजगार, पेयजल आदि पर जोर दिया गया है। इस बजट में आगामी समय का रोडमेप सरकार की ओर से पेश किया गया है। यह बजट दो लाख 41 हजार 275 करोड़ का है।
देवड़ा ने बजट पेश करते हुए कहा कि इस बजट में न तो नया कर लगाया गया है और न ही कर में किसी तरह की बढ़ोत्तरी की जा रही है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 2 मार्च | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूरी दुनिया को भारत आने और समुद्री क्षेत्र के प्रति इसकी गंभीरता को देखते हुए इसके विकास पथ का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मैरीटाइम इंडिया समिट 2021 को संबोधित करते हुए, मोदी ने समुद्री क्षेत्र पर अपना ध्यान केंद्रित करने के साथ इसे दुनिया की अग्रणी ब्लू इकॉनमी के रूप में बदलने के लिए भारत के दृष्टिकोण को व्यक्त करते हुए स्पष्ट आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने समिट का उद्घाटन करने के बाद कहा, "इस मैरिटाइम इंडिया समिट के माध्यम से, मैं दुनिया को भारत आने के लिए और हमारे विकास पथ का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करना चाहता हूं। भारत समुद्री क्षेत्र में बढ़ने और दुनिया की अग्रणी ब्लू इकॉनमी के रूप में उभरने के बारे में बहुत गंभीर है।"
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि समिट समुद्री क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाएगा और भारत की समुद्री अर्थव्यवस्था के विकास को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाएगा। (आईएएनएस)
भूमिका राय
उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ में रहने वाले विनोद का लंबा-चौड़ा आम का बग़ीचा है. आम का सीज़न शुरू होने को है लेकिन उनकी चिंता है कि इस साल जिस तरह से फरवरी में मौसम बदल रहा है, आगे कैसा रहेगा इसका अंदाज़ा लगा पाना मुश्किल है. उनके आम के पेड़ों में बौर आ गए हैं लेकिन इनमें से कितने टिकोरे बनेंगे और कितने टिकोरे फल बनकर पकेंगे, उसे लेकर वो संशय में हैं.
दिल्ली में रहने वाली गरिमा की बेटी नौंवी में है. बीता एक साल घर पर ही रह कर क्लास लेने के बाद वो अब स्कूल जाने लगी है. लेकिन गरिमा की चिंता यह है कि जब फ़रवरी में उनकी बेटी स्कूल से पसीने में तर होकर लौट रही है तो मई में क्या हाल होगा. लेकिन यह चिंता सिर्फ़ विनोद या गरिमा तक सीमित नहीं है. तापमान में हो रहे बदलाव के परिणाम अब दिखने भी लगे हैं-
साल 2020 भारतीय इतिहास में आठवां सबसे गर्म साल था. इस साल तापमान सामान्य से 0.29 डिग्री सेल्सियस अधिक रिकॉर्ड किया गया.
एनओएए के नेशनल सेंटर्स फ़ॉर इनवायरमेंटल इनफ़ॉर्मेशन की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2021 इतिहास का सबसे गर्म जनवरी का महीना था.
साल 1990 में ग्लेशियर के पिघलने की दर 80,000 करोड़ टन प्रति वर्ष थी, साल 2017 में बढ़कर 130,000 करोड़ टन प्रति वर्ष हो गई है.
इस साल फरवरी महीने में पूर्वी ओडिशा का औसतन तापमान 3-4 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया, इसलिए प्रवासी पक्षी कुछ सप्ताह पहले ही वापस हो गए.
फ़रवरी
बीते एक सप्ताह से बढ़े हुए तापमान का कुछ असर तो आप भी महसूस कर रहे होंगे. एक सप्ताह पहले तक गर्म पानी से नहाने वाले अब ठंडे पानी से नहा रहे हैं, पंखा भी अब काम पर लौट आया है.
आमतौर पर फ़रवरी का महीना हल्की ठंड का होता है लेकिन साल 2021 की फ़रवरी कुछ अलग है. फ़रवरी महीने का औसत तापमान क़रीब 28 डिग्री सेल्सियस रहा लेकिन कुछ दिन ऐसे भी रहे जब दिल्ली समेत कुछ राज्यों में तापमान 30-31 डिग्री सेल्सियस तक भी पहुंच गया.
लेकिन भारत में फ़रवरी के महीने में बढ़ती गर्मी की वजह क्या है?
मौसम पूर्वानुमान केंद्र, नई दिल्ली के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव कहते हैं "आमतौर पर उत्तरी भारत में जो मौसम होता है उस पर वेस्टर्न डिस्टरबेंस का काफी प्रभाव होता है. जितनी वेस्टर्न डिस्टरबेंस आएगी, मौसम उसी के अनुसार होगा. आमतौर पर फ़रवरी के महीने में छह वेस्टर्न डिस्टरबेंस आती हैं लेकिन इस बार एक ही वेस्टर्न डिस्टरबेंस है."
कुलदीप श्रीवास्तव कहते हैं कि यह वेस्टर्न डिस्टरबेंस भी चार फ़रवरी को आया था. वो कहते हैं, "वेस्टर्न डिस्टरबेंस अपने साथ बारिश लेकर आती है और उसके साथ ही बादल भी बनते हैं. चूंकि वेस्टर्न डिस्टरबेंस नहीं है, तो बादल भी नहीं हैं और इस वजह से सूरज की रोशनी पूरी-पूरी आ रही है. और जब सूरज की रोशनी पूरी मिलेगी तो तापमान तो बढ़ेगा ही."
वो कहते हैं, "चूंकि एक ही वेस्टर्न डिस्टरबेंस है, इसके चलते सूरज की रोशनी से तापमान बढ़ा है. इसके अलावा हवा की धीमी गति भी एक प्रभावी कारण है."
तापमान बढ़ना सामान्य होता जा रहा है
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ ट्रॉपिकल मेटियोरोलॉजी के क्लाइमेट साइंटिस्ट डॉ. रॉक्सी मैथ्यू के मुताबिक़, "जिस समय में हम जी रहे हैं वहां तापमान का बढ़ना सामान्य है. लगभग हर साल और हर महीना पहले वाले साल और महीने की तुलना में कुछ अधिक गर्म होता है."
"पूर्वी प्रशांत महासागर में ला नीना के होने के बावजूद साल 2020 सबसे गर्म सालों में से एक था. आमतौर पर ला नीना के कारण तापमान में कमी आती है लेकिन ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते प्रभाव के कारण ये भी बेअसर रही. यही कारण है कि अब ला नीना वाले साल, पहले के एल नीनो वाले सालों की तुलना में अधिक गर्म हैं.
ला नीना और एल नीनो प्रशांत महासागर से जुड़ी प्रक्रियाएं हैं. यह मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर में होने वाली घटनाएं है जो बड़े पैमाने पर वैश्विक जलवायु को प्रभावित करती हैं. एल नीनो के कारण जहां गर्म हवाएं चलती हैं और तापमान दो-चार डिग्री बढ़ जाता है, वहीं ला नीना के कारण पूर्वी प्रशांत महासागर में सर्द हवाएं चलती हैं, यहां तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक कम हो जाता है और इससे वैश्विक तापमान में कमी आती है.
वैश्विक तापमान की बात करें तो क्लाइमेट साइंटिस्ट डॉ. रॉक्सी मैथ्यू भी मानते हैं कि प्रशांत महासागर में ला नीना की स्थिति धीरे-धीरे मंद पड़ रही है और वैश्विक एजेंसियों का अनुमान है कि तापमान पहले न्यूट्रल होगा और उसके बाद आने वाले महीनों में गर्म हो जाएगा. इसलिए आने वाले महीनों में वैश्विक तापमान भी बढ़ सकता है.
तो क्या आने वाले महीनों में भी तापमान तुलनात्मक रूप से बढ़ा रहेगा?
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ़ अर्थ साइंसेस) के भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, आगामी गर्मियों में उत्तर, उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व भारत के अधिकांश इलाक़ों और मध्य भारत के पूर्व और पश्चिमी भाग के कुछ हिस्सों और उत्तर प्रायद्वीप के कुछ तटीय इलाक़ों में सामान्य से अधिक अधिकतम तापमान रहने की संभावना है.
इसके अलावा हिमालय की तलहटी के साथ-साथ उत्तर भारत, उत्तर-पूर्व बारत, मध्य भारत के पश्चिमी भाग और प्रायद्वीप भारत के दक्षिणी भाग के अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से अधिक न्यूनतम तापमान की संभावना है.
मौजूदा समय में भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में मध्यम ला नीना की स्थिति बनी हुई है. मॉनसून मिशन कपल्ड फ़ेरकास्टिंग सिस्टम के अनुमान के अनुसार, आगे भी ला नीना की यही स्थिति बने रहने की संभावना है.
कुलदीप श्रीवास्तव भी मानते हैं कि "आने वाले महीनों में तापमान तो बढ़ेगा ही और हीट-वेव (गर्म हवाएं) आएंगी ही. ऐसे में तापमान तो बढ़ना ही है."
धरती के तापमान का लगातार बढ़ना कितनी गंभीर समस्या
वैज्ञानिक डॉ. रॉक्सी मैथ्यू कहते हैं कि "धरती का तापमान लगातार बढ़ रहा है. तापमान में मामूली बढ़ोत्तरी के भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं."
वो उदाहरण देते हुए समझाते, "भारत के हालिया जलवायु परिवर्तन मूल्यांकन रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत के औसत तापमान में 0.7 डिग्री से. का परिवर्तन देखा गया है. स्थानीय और वैश्विक तापमान में हुई इस वृद्धि का सीधा असर हमें विभिन्न मौसमी घटनाओं में आए तीव्र बदलाव तौर पर देखने को मिल रहा है. बारिश का पैटर्न बदल गया है. अरब सागर में तेज़ चक्रवातों की आवृत्ति बढ़ गई है. हिमालय के ग्लेशियर तेज़ी से पिघल रहे हैं और महासागर गर्म हो रहे हैं. हिंद महासागर का जल-स्तर बढ़ रहा है. "
डॉ. रॉक्सी मैथ्यू के अनुसार हमें आने वाले समय में इन चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा.
पर्यावरण के मुद्दे पर काम करने वले संगठन आईफ़ॉरेस्ट सीईओ चंद्र भूषण मानते हैं कि सबसे पहले तो ये समझना ज़रूरी है कि जो मौसम में बदलाव हो रहा है वो कुछ दशकों से हो रहा है. ऐसा नहीं है कि ये बदलाव एकाएक होने लगे. या उनका असर एकाएक देखने को मिल रहा है.
वो कहते हैं, "पिछले 20-25 सालों से बारतीय महाद्वीप में हम ये सीज़नल चेंज देख रहे हैं. जिसमें स्प्रिंग सीज़न (बसंत ऋतु) छोटा होता जा रहा है. और हम सर्दियों से सीधे गर्मियों में चले जा रहे हैं. इसका मतलब ये है कि तापमान बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है."
"तापमान तेज़ी से बढ़ता है तो बहुत सी चीज़ों पर असर पड़ता है. क्योंकि जो नेचर का जो रिदम है वो बिगड़ता है. इसमें बदलाव आया तो जीव-जन्तु पर असर पड़ता है. चाहे वो ब्रीडिंग सीज़न हुआ या फिर माइग्रेशन सीज़न हुआ या फिर पेड़-पौधों पर फल-फूल लगना हो. सब कुछ बदल जाता है."
वो कहते हैं, "चूंकि ये सीज़न का बदलाव बहुत तेज़ी से हो रहा है तो जीव-जन्तुओं और पादप वर्ग (प्लांट टैक्सोनॉमी) को उसके अनुसार ढलना पड़ता है. उसमें कई बार ऐसा भी हो सकता है कि कुछ जीव विलुप्त हो जाएं या कुछ पादप विलुप्त हो जाएं."
चंद्रभूषण कहते हैं कि "बसंत ऋतु के अंत में हम गेंहूं की फसल काटते हैं. लेकिन जिस तरह से तापमान बढ़ रहा है उससे रात के समय भी तापमान अधिक ही रह रहा है तो गेंहू की जो उत्पादकता है, उस पर असर पड़ सकता है."
वो कहते हैं, "क्लाइमेट-चेंज को लेकर कई प्रयास किये जा रहे हैं. लेकिन ये समझना ज़रूरी है कि अगर सीज़न का रिदम बदलेगा तो, ज़िंदगियों पर भी असर होगा ही." (bbc.com/hindi)
नाबालिग से बलात्कार के आरोपी ने सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग की थी. सरकारी कर्मचारी पर आरोप है कि उसने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया जब वह नाबालिग थी. कोर्ट ने सवाल किया कि वह पीड़िता से शादी करेगा?
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
सुप्रीम कोर्ट ने एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के 23 साल के आरोपी से सोमवार को पूछा कि क्या वह बलात्कार पीड़िता से शादी करने के लिए तैयार है. चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच ने याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता आनंद दिलीप लेंगडे से पूछा, "क्या आप उनसे शादी करेंगे?"
इस पर आनंद ने जवाब दिया कि उन्हें अपने मुवक्किल से निर्देश लेने की जरूरत है और इसके लिए मोहलत मांगी. लेकिन अदालत ऐसा करने की इच्छुक नहीं थी. बहस के दौरान आनंद ने पीठ को दलील दी कि उनका मुवक्किल एक सरकारी कर्मचारी है और मामले में गिरफ्तारी के कारण उसे निलंबन का सामना करना पड़ेगा. चीफ जस्टिस ने इसके जवाब कहा, "आपको उस नाबालिग लड़की के साथ छेड़खानी और बलात्कार करने से पहले सोचना चाहिए था."
चीफ जस्टिस ने कहा कि सरकारी कर्मचारी होने के नाते याचिकाकर्ता को अपने कुकृत्यों के नतीजों के बारे में सोचना चाहिए था. हालांकि चीफ जस्टिस ने जोर देकर कहा कि अदालत याचिकाकर्ता को लड़की से शादी करने के लिए मजबूर नहीं कर रही है. बेंच ने कहा, "हम आपको शादी करने के लिए मजबूर नहीं कर रहे हैं, नहीं तो आप कहेंगे कि हम शादी करने के लिए मजबूर कर रहे हैं." बाद में मामले में जब दोबारा सुनवाई हुई तो आरोपी के वकील ने कोर्ट को बताया कि वह लड़की से शादी नहीं कर सकता है, क्योंकि वह शादीशुदा है.
मामले में एक संक्षिप्त सुनवाई के बाद बेंच ने याचिकाकर्ता की जमानत की मांग पर विचार करने से इनकार कर दिया और उसे नियमित जमानत लेने की छूट दी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को चार सप्ताह तक गिरफ्तारी से भी सुरक्षा प्रदान की.
क्या है मामला?
पीड़ित लड़की ने आरोप लगाया था कि जब वह 16 साल की थी, तब आरोपी, जो कि उसका दूर का रिश्तेदार है, ने उसका बलात्कार किया था. लड़की ने आरोप लगाया कि शुरू में आरोपी की मां ने शादी के लिए सहमति दी थी. लेकिन याचिकाकर्ता की मां ने बाद में शादी से इनकार कर दिया.
लड़की ने 2019 में याचिकाकर्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 417, 506 और यौन अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) की धारा 4 और धारा 12 के तहत मामला दर्ज कराया. इसी साल 5 फरवरी को बॉम्बे हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दी गई अग्रिम जमानत रद्द कर दी थी. इस आदेश को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. (dw.com)
चीन से होने वाले साइबर हमलों का दायरा बढ़ता रहा है और इसका ताजा असर भारत के बिजली क्षेत्र पर पड़ने की भारत सरकार ने पुष्टि कर दी है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत खुद को इन हमलों से सुरक्षित रखने में सक्षम है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
सोमवार एक मार्च को अमेरिकी अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स ने एक रिपोर्ट में दावा किया कि अक्टूबर 2020 में मुंबई में बड़े पैमाने पर बिजली की सप्लाई में जो खराबी आई थी उसके पीछे चीन से हुआ एक साइबर हमला था. अखबार ने यह दावा एक अमेरिकी रिसर्च कंपनी की रिपोर्ट के आधार पर किया था. खबर छपने के बाद महाराष्ट्र सरकार में गृह मंत्री अनिल देशमुख ने एक समाचार वार्ता में बताया कि इसकी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता और मुंबई पुलिस ने इस बारे में जांच शुरू कर दी है.
अब केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने भी एक तरह से इस तरह के हमले की पुष्टि कर दी है. मंत्रालय ने न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट पर तो कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन इस बात को माना कि चीनी सरकार से समर्थन प्राप्त कुछ हैकरों ने भारत में कई ऊर्जा केंद्रों को निशाना बनाया था. लेकिन मंत्रालय ने अपने बयान में मुंबई की पावर आउटेज का जिक्र नहीं किया और दावा किया कि उन हमलों को कोई असर नहीं हुआ क्योंकि भारतीय एजेंसियों ने उन्हें नाकाम कर दिया था.
मंत्रालय के बयान के मुताबिक नेशनल टेक्निकल रिसर्च आर्गेनाईजेशन (एनटीआरओ) के नेशनल क्रिटिकल इन्फॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (एनसीआइआइपीसी) ने मंत्रालय को 12 फरवरी, 2021 को बताया कि चीनी सरकार से समर्थन प्राप्त "रेड एको" नाम के एक चीनी समूह ने "शैडो पैड" नाम के मैलवेयर से भारतीय ऊर्जा क्षेत्र के रीजनल लोड डिस्पैच केंद्रों (आरएलडीसी) और स्टेट लोड डिस्पैच केंद्रों (एसएलडीसी) को निशाना बनाने की कोशिश की थी. मंत्रालय का दावा है कि कई तरह के कदम उठा कर इस खतरे को नाकाम कर दिया गया.
देशमुख ने पत्रकारों को बताया कि इस हमले पर एक प्राथमिक रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जा चुकी है और उस रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई के बिजली सिस्टम में 14 "ट्रोजन हॉर्स" प्रोग्राम पाए गए थे. जिस तारीख की बात की जा रही है उस दिन मुंबई में अचानक बिजली चले जाने से करोड़ों लोगों तक बिजली सप्लाई बंद हो गई थी, लोकल ट्रेनें ठप हो गई थीं, कॉलेजों की ऑनलाइन परीक्षाएं रुक गई थीं और मोबाइल टेलीफोन सेवाएं भी बाधित हुई थीं. ग्रिड फेलियर का असर 12 घंटों तक रहा था.
उस समय स्थानीय अधिकारियों ने कहा था कि ऐसा कुछ तकनीकी कारणों से हुआ था, लेकिन जांच के आदेश दे दिए गए थे. भारत और चीन के बीच सीमा पर सैन्य गतिरोध के बाद अब यह पूरा मामला भी भारत और चीन के बीच कूटनीतिक झगड़े का रूप ले रहा है. आरोपों पर आपत्ति जाहिर करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि चीन साइबर सुरक्षा का एक प्रबल समर्थक है और हर तरह के साइबर हमलों का विरोध करता है.
प्रवक्ता ने कहा कि बिना किसी सबूत के किसी पर इस तरह के आरोप लगाना बेहद "गैर-जिम्मेदाराना है." भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर अभी तक अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन जानकार कह रहे हैं कि इस घटना से चीन से होने वाले साइबर हमलों का एक नया मोर्चा खुल गया है और भारत को अब इस मोर्चे पर भी बेहद सजग रहने की जरूरत है. (dw.com)
लंबे समय से थे बीमार, दिल्ली के मेदांता में चल रहा था इलाज
नई दिल्ली, 2 मार्च। मध्य प्रदेश के खंडवा से सांसद नंद कुमार सिंह का निधन हो गया. सांसद काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज दिल्ली के मेदांता अस्पताल में चल रहा था. वह कोरोना पॉजिटिव भी हो गए थे, उसका भी इलाज चल रहा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के कई बड़े नेताओं ने उनके निधन पर दुख जाहिर किया है.
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, 'खंडवा से लोकसभा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन से दुखी हूं. उन्हें संसदीय कार्यवाही में योगदान, मध्य प्रदेश में भाजपा को मजबूत करने के लिए संगठनात्मक कौशल और प्रयासों के लिए याद किया जाएगा. उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं.'
पीएम मोदी के अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उनके निधन पर दुख जाहिर किया है. उन्होंने लिखा है, 'नंदू भैया हमें छोड़कर चले गए. भाजपा ने एक आदर्श कार्यकर्ता, योग्य संगठनकर्ता और समर्पित नेता को खो दिया है. यह मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है.'
चौहान के परिवार में उनकी पत्नी, एक पुत्र एवं दो पुत्रियां हैं. भाजपा के नेता रहे चौहान ने अपना राजनीतिक जीवन वर्ष 1978 में शाहपुर नगर परिषद से शुरू किया था. उसके बाद वह मध्य प्रदेश विधानसभा में विधायक निर्वाचित हुए तथा वर्ष 1985 से 1996 तक विधायक रहे. वर्ष 1996 में चौहान पहली बार लोकसभा सदस्य के तौर पर निर्वाचित हुए. इसके बाद वह वर्ष 1998, 1999, 2004, और 2014 में भी लोकसभा के लिये निर्वाचित हुए. (भाषा)