राष्ट्रीय
लखनऊ, 11 अप्रैल | लखनऊ पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच ने अलग-अलग मामलों में ऑनलाइन धोखाधड़ी के चार स्थानीय पीड़ितों को 2,34,000 रुपये लौटाए हैं। पहले मामले में, राम देव वर्मा को एक टेक्स्ट भेजा गया था, जिसमें उनसे अपने क्रेडिट कार्ड की जानकारी अपडेट करने के लिए कहा गया था। वह मैसेज के झांसे में आ गया और उसने दिए गए सभी निर्देशों का पालन किया। वर्मा ने एक रिमोट एप्लिकेशन भी डाउनलोड किया और ओटीपी साझा किया। इसके बाद उनके खाते से 99,470 रुपये डेबिट हो गए।
साइबर क्राइम सेल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, जब उन्होंने साइबर अपराध यूनिट में शिकायत दर्ज कराई, तो खाता फ्रीज कर दिया गया और पीड़ित को पैसे वापस कर दिए गए।
इसी तरह के दो अन्य मामलों में, धर्मेंद्र कुमार सिंह और दिलीप कुमार मिश्रा से क्रमश: 84,000 रुपये और 70,000 रुपये की ठगी की गई।
उन्हें 'अपने क्रेडिट कार्ड की जानकारी अपडेट' करने के लिए कहा गया था।
साइबर क्राइम टीम द्वारा उनके खाते को फ्रीज करने के बाद, धर्मेंद्र को 44,498 रुपये की राशि वापस कर दी गई, जबकि 64,000 रुपये दिलीप को वापस स्थानांतरित कर दिए गए।
एक अन्य मामले में, शहर निवासी अभिषेक मिश्रा को घर से काम करने का झांसा देकर 27,000 रुपये की ठगी की गई। जालसाज उसके पास टेलीग्राम के जरिए पहुंचा और उसकी बैंक डिटेल मांगी। उसे पैसा वापस कर दिया गया है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 11 अप्रैल | आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी कोटा प्रदान करने के लिए यूपी राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट से पता चलता है कि राज्य के शहरी हिस्सों में ओबीसी की संख्या 37 प्रतिशत से 41 प्रतिशत के बीच है। उत्तर प्रदेश की शहरी आबादी 4.78 करोड़ आंकी गई है।
505 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि 1.76 करोड़ ओबीसी (कुल 37 प्रतिशत), सामान्य वर्ग के 2.4 करोड़ सदस्य हैं, जिनमें मुस्लिम (49 प्रतिशत), 65 लाख एससी (14 प्रतिशत) और 1.03 लाख एसटी हैं।
आयोग ने कहा कि ओबीसी की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है और समुदाय को सामाजिक और शैक्षिक दोनों बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है और उसने 27 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े शहरों में ओबीसी की आबादी कम है, लेकिन छोटे शहरों में ज्यादा है।
17 नगर निगमों में, ओबीसी की हिस्सेदारी 25.58 प्रतिशत है, जबकि 200 नगर पालिकाओं (नगर परिषदों) और 545 नगर पंचायतों (नगर परिषदों) में, उनका अनुपात उच्च स्तर पर है क्योंकि समुदाय के सदस्य क्रमश 42.29 प्रतिशत और 49.55 प्रतिशत हैं।
जिन सात राजनीतिक दलों को अपने सुझाव देने के लिए आमंत्रित किया गया था, उनमें से आयोग को भाजपा, सपा और रालोद से प्रतिक्रियाएं मिलीं।
बसपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सहित अन्य दलों ने सर्वेक्षण में भाग नहीं लिया।
दिलचस्प बात यह है कि जब ओबीसी को आरक्षण देने की बात आई तो तीन राजनीतिक दल एक साथ थे और समुदाय के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग में एकमत थे, जैसा कि पिछले चुनावों में हुआ था।
आयोग ने कहा कि 2017 और 2022 में शहरी विकास विभाग द्वारा किए गए ट्रिपल टेस्ट सर्वेक्षण संतोषजनक थे।
हालांकि, आयोग के पांच सदस्य महापौरों और अध्यक्षों के पदों के लिए सीटें आरक्षित करते समय विभाग द्वारा रोटेशन प्रक्रिया के दौरान पालन की जाने वाली प्रक्रिया के बारे में चिंतित थे।
महाराजगंज का उदाहरण देते हुए आयोग ने कहा कि नगर पालिका अध्यक्ष की सीट लगातार अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थी, हालांकि ओबीसी की आबादी 51 प्रतिशत है।
हरदोई और बिजनौर में नगर पालिकाओं में अध्यक्ष पद के लिए अपनाई जा रही रोटेशन प्रक्रिया में भी इसी तरह की गड़बड़ी देखी गई।
आयोग ने नोट किया कि जनता की प्राथमिक शिकायत सीटों के रोटेशन के तरीके के साथ थी और सुझाव दिया कि आगामी चुनावों में एक व्यापक जनसंख्या आधार को ध्यान में रखा जाना चाहिए, एक बदलाव जिसे राज्य सरकार ने पहले ही अधिसूचित कर दिया है।
यूएलबी चुनाव 4 मई और 11 मई को होंगे।
आयोग का गठन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर किया गया था। (आईएएनएस)
न्यूयॉर्क, 11 अप्रैल | छह भारतीय-अमेरिकी 48 क्षेत्रों के 171 वैज्ञानिकों, लेखकों, विद्वानों और कलाकारों की उस सूची में शामिल हैं, जिन्हें 2023 गुगेनहाइम फैलोशिप के लिए लगभग 2,500 आवेदकों में से चुना गया है। स्कॉलरशिप अनिमाश्री आनंदकुमार, वेंकटेशन गुरुस्वामी, अब्राहम वर्गीस, प्रोजित बिहारी मुखर्जी, प्रिन्हा नारंग और लीला प्रसाद को पूर्व उपलब्धि के आधार पर चुना गया।
शोधकर्ताओं के नए वर्ग ने हमारे जीवन को बेहतर बनाने, अधिक मानवीय ज्ञान और गहरी समझ प्रदान करने के लिए उनके आह्वान का पालन किया है। हम भाग्यशाली हैं कि हम भविष्य के लिए उनकी ओर देख रहे हैं।
मैसूर में जन्मी अनिमाश्री आनंदकुमार कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में कंप्यूटिंग के प्रोफेसर हैं।
उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास से बीटेक और कॉर्नेल विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने अपना पोस्टडॉक्टोरल शोध एमआईटी में किया और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया इरविन में सहायक प्रोफेसर की उपाधि प्राप्त की।
वेंकटेशन गुरुस्वामी ईईसीएस विभाग में प्रोफेसर हैं, कंप्यूटिंग के सिद्धांत के लिए सिमन्स संस्थान में वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं, और यूसी बर्कले में गणित के प्रोफेसर हैं। उनके शोध में सैद्धांतिक कंप्यूटर विज्ञान और संबंधित गणित के कई क्षेत्र शामिल हैं, जिनमें त्रुटि-सुधार, अनुमानित अनुकूलन, कंप्यूटिंग में अनियमितता और कम्प्यूटेशनल जटिलता शामिल है।
अब्राहम वर्गीज प्रोफेसर और लिंडा आर. मायर और जोन एफ. लेन प्रोवोस्टियल प्रोफेसर हैं, और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ मेडिसिन में थ्योरी एंड प्रैक्टिस ऑफ मेडिसिन के वाइस चेयरमैन हैं। उन्हें 2014 में हेंज पुरस्कार मिला और 2015 में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रीय मानविकी पदक से सम्मानित किया गया।
प्रोजित बिहारी मुखर्जी पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के विज्ञान के इतिहास और समाजशास्त्र विभाग में प्रोफेसर हैं। वर्तमान में, वह 20वीं सदी के दक्षिण एशिया में मानव अंतर और नस्ल के इतिहास पर काम कर रहे हैं।
प्रिन्हा नारंग कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजिल्स में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर और हॉवर्ड रीस चेयर हैं। वह विज्ञान में विविधता और समावेशन की प्रबल समर्थक हैं और इन मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए समर्पित कई समितियों में कार्य करती हैं।
लीला प्रसाद ड्यूक विश्वविद्यालय में धार्मिक अध्ययन और फेमिनिस्ट स्टडीज की प्रोफेसर हैं। दक्षिण एशिया, लिंग, कथा, उपनिवेशवाद, शिक्षाशास्त्र और गांधी, और धर्म और आधुनिकता पर फोकस के साथ उनकी प्राथमिक रुचि मनुष्य जाति पर है।
इस वर्ष के शोधकर्ता वर्ग की आयु 31 से 85 साल के बीच है।
जॉन साइमन गुगेनहाइम मेमोरियल फाउंडेशन ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि करीब 50 शोधकर्ताओं के पास कोई वर्तमान पूर्णकालिक कॉलेज या विश्वविद्यालय संबद्धता नहीं है। (आईएएनएस)
कोलंबो, 11 अप्रैल | श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने अन्य देशों से कहा है कि द्वीप राष्ट्र में स्थिरता को देखते हुए अपने ट्रैवल एडवायजरी की फिर से समीक्षा करें। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, साबरी ने कोलंबो स्थित राजनयिक कोर के लिए श्रीलंका की वर्तमान स्थिति पर एक बैठक बुलाई थी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संकटग्रस्त राष्ट्र को अपनी आर्थिक सुधार की दिशा में विस्तारित समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और राजनयिकों को इस संबंध में की गई प्रगति के बारे में जानकारी दी।
मंत्री ने दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 में राष्ट्रपति द्वारा सर्वदलीय सम्मेलन बुलाने और सुलह पर कैबिनेट उप-समिति की नियुक्ति सहित सरकार द्वारा की गई पहलों पर प्रकाश डाला।
राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ सागला रत्नायका ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक के कार्यक्रमों के संबंध में सरकार के संरचनात्मक सुधार में विकास के बारे में बात की।
उन्होंने देश की ऋण स्थिरता, राजकोषीय निरीक्षण, कमजोर वर्गों के लिए सामाजिक सुरक्षा, सुशासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों पर प्रकाश डाला।
देश के केंद्रीय बैंक के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, चल रहे आर्थिक संकट के बीच, श्रीलंका ने 2023 के पहले तीन महीनों में पर्यटन से लगभग 530 मिलियन डॉलर प्राप्त किए।
आंकड़ों से पता चलता है कि श्रीलंका ने मार्च में 198.1 मिलियन डॉलर कमाए, जिससे पहली तिमाही में पर्यटन आय 529.8 मिलियन डॉलर हो गई।
2022 के पहले तीन महीनों में, श्रीलंका ने पर्यटन से 482.3 मिलियन डॉलर कमाए थे।
एक पर्यटन अधिकारी ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि श्रीलंका का पर्यटन उद्योग 2023 में 2 मिलियन विजिटर्स को आकर्षित करने का लक्ष्य बना रहा है, जबकि पिछला लक्ष्य 1.5 मिलियन था।
श्रीलंका के प्रमुख विदेशी मुद्रा अर्जक में से एक पर्यटन को कोविड-19 महामारी के साथ-साथ देश में आर्थिक और राजनीतिक संकट के कारण झटका लगा है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 11 अप्रैल | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत क्रिप्टोकरेंसी पर चर्चा एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने वाशिंगटन में 'लॉन्ग-टर्म के लिए निवेश के अवसर: भारत उदय पर' विषय पर एक गोलमेज बैठक में भाग लेते हुए कहा, "क्रिप्टोकरंसीज में इतने सारे पतन और झटकों को देखते हुए हम इस मामले से निपटने के लिए सभी देशों के लिए एक साझा ढांचा विकसित करना चाहते हैं।"
बैठक की मेजबानी उद्योग निकाय सीआईआई, यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल और यूएस चैंबर ने की थी।
गोलमेज सम्मेलन में वरिष्ठ अधिकारियों, निजी क्षेत्र के बिजनेस लीडर्स, उद्यम पूंजीपतियों, संस्थागत निवेशकों और पेंशन और बंदोबस्ती निधियों के प्रतिनिधियों सहित निवेशकों के एक विविध समूह ने भाग लिया।
सीतारमण ने भारत के सचेत नीति विकल्पों और संरचनात्मक और शासन सुधारों के बारे में समूह को बताया और कहा कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को अपनी पूरी क्षमता से विकास करने का मौका मिला है।
उन्होंने कहा, "मुक्त व्यापार समझौतों पर आजकल बहुत तेजी से हस्ताक्षर किए जा रहे हैं। हमने अभी-अभी ऑस्ट्रेलिया के साथ एक समझौता किया है। इससे पहले हमने संयुक्त अरब अमीरात, मॉरीशस और आसियान के साथ किया था। हमने कम से कम विकसित देशों को कोटा-मुक्त और शुल्क-मुक्त व्यवस्था का विस्तार किया है।"
वित्त मंत्री ने भारत के मजबूत डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) और अकाउंट एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म पर भी प्रकाश डाला, जिसने छोटे उद्यमियों को क्रेडिट और अन्य डिजिटल सेवाओं तक पहुंचने में सक्षम बनाया है।
महामारी के बाद की चुनौतियों से भरी दुनिया में, उन्होंने कहा कि भारत नीतिगत निश्चितता, कुशल जनशक्ति, उच्च डिजिटल तकनीक अनुकूलन दर प्रदान करता है जिसके चलते निवेश के कई अवसर मिलते हैं।
सीतारमण ने प्रतिभागियों से अधिक समृद्धि, अपने नागरिकों के लिए बेहतर जीवन स्तर और निवेशकों के लिए उच्च रिटर्न की दिशा में भारत की रोमांचक परिवर्तनकारी यात्रा का हिस्सा बनने का आह्वान किया। (आईएएनएस)
कन्नौज (उत्तर प्रदेश), 11 अप्रैल | दहेज के एक मामले में समझौता करने से मना करने पर अपनी पत्नी की अश्लील तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। घटना कन्नौज जिले के तिर्वा कोतवाली थाना क्षेत्र की है। महिला की तहरीर के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। महिला की आरोपी से 25 नवंबर 2020 को शादी हुई थी। उसने आरोप लगाया कि शादी के तुरंत बाद ही उसके ससुराल वाले दो लाख रुपये और सोने की चेन की मांग करने लगे।
24 दिसंबर, 2021 को उसे घर से निकाल दिया गया और 18 मार्च, 2022 को उसके पति समेत सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
उसने कहा कि जब उसने शिकायत वापस लेने से इनकार कर दिया, तो उसके पति ने उसकी तस्वीरों से छेड़छाड़ की और उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अप्रैल | राइड-हेलिंग प्रमुख उबर ने अपने सुपर ऐप व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए करीम में 400 मिलियन डॉलर की अपनी हिस्सेदारी बेची है। उबर ने 2019 में मिडिल ईस्ट में राइड-हेलिंग कंपनी करीम को खरीदा था। करीम अपने सुपर ऐप बिजनेस को बढ़ाने के लिए इस पैसे का इस्तेमाल करेगा।
करीम के सीईओ और सह-संस्थापक मुदस्सिर शेखा के अनुसार, करीम को दो कंपनियों, केरीम राइड्स और केरीम टेक्नोलॉजीज में विभाजित किया जाएगा।
शेखा ने एक ब्लॉगपोस्ट में कहा, "मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमने वैश्विक प्रौद्योगिकी और निवेश समूह ईएंड से 400 मिलियन डॉलर का निवेश प्राप्त किया है। यह निवेश हमारे सुपर ऐप विजन को टर्बो-चार्ज करेगा और हमारे क्षेत्र के प्रमुख प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म के निर्माण के लिए हमारी उद्यमशीलता की यात्रा को फिर से शुरू करेगा।"
करीम राइड्स एक मूलभूत राइड-हेलिंग सेवा संचालित करेगी और इसका पूर्ण स्वामित्व उबर के पास बना रहेगा।
शेखा ने घोषणा की है कि लगभग 260 सहकर्मी जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से करीम राइड्स का समर्थन करते हैं, आशीष लबरू के तहत करीम राइड्स में काम करेंगे, जो उबर के राइड्स नेतृत्व में रिपोर्ट करना शुरू करेंगे।
करीम टेक्नोलॉजीज अन्य सभी वर्टिकल और एनेबलर्स के साथ सुपर ऐप का संचालन करेगी।
इसका स्वामित्व ईएंड, उबर, तीन सह-संस्थापकों (जो ईएंड के साथ निवेश कर रहे हैं) और सहयोगियों के संयुक्त रूप से होगा।
शेखा ने कहा, "केरीम टेक्नोलॉजीज में शामिल होने के लिए लगभग 1,400 सहयोगियों को आमंत्रित किया जाएगा, जिसका मैं सीईओ के रूप में नेतृत्व करूंगा। हम सुपर ऐप को स्केल करने और अपने सभी प्रमुख बाजारों में श्रेणी-अग्रणी वर्टिकल बनाने के लिए अपने नए पार्टनर (ई एंड) के साथ नई फंडिंग और तालमेल का उपयोग करेंगे।"
करीम टेक्नोलॉजीज में कुछ सहयोगी जो साझा बुनियादी ढांचे पर काम करते हैं, वे करीम राइड्स का समर्थन करना जारी रखेंगे।
करीम की स्थापना 2012 में उबर के राइड-हेलिंग प्रतिद्वंद्वी के रूप में हुई थी, जिसने 2019 में केरीम को 3.1 अरब डॉलर में अधिग्रहित किया था। (आईएएनएस)
कोलकाता, 11 अप्रैल | उत्तर बंगाल में न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के पास नई दिल्ली जा रही नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस में गोली लगने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। सूत्रों ने मंगलवार को ये जानकारी दी। यात्रियों के अनुसार, असम के कामाख्या से शुरू हुई ट्रेन सोमवार रात न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पहुंचने वाली थी, तभी उन्होंने एक डिब्बे से गोली चलने की आवाज सुनी।
ट्रेन के स्टेशन में प्रवेश करते ही यात्री अपने-अपने डिब्बों से बाहर निकल आए। उनमें से कुछ को घबराहट में इधर-उधर भागते देखा गया।
रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) और गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) के कर्मियों ने तुरंत ट्रेन पर नियंत्रण कर लिया और अनारक्षित डिब्बों में से एक में खून से लथपथ एक व्यक्ति को बरामद किया। शव के पास से एक पिस्टल भी बरामद की।
मृतक की शिनाख्त की जा रही है। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह आत्महत्या का मामला है या हत्या का।
मामले में जांच शुरू कर दी गई है। डिब्बे के अलग होने के बाद ट्रेन स्टेशन से चली गई। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 10 अप्रैल | अडाणी समूह ने फाइनेंशियल टाइम्स में छपे एक लेख पर प्रतिक्रिया देते हुए अखबार को भेजा गया एक पत्र सोमवार को मीडिया के साथ साझा किया, जिसमें अडाणी समूह की पूर्व में सार्वजनिक की गई सूचनाओं को समझने में हुई गलतियों और रिपोर्ट के गलत तथ्यों के बारे में कहा गया है। अडाणी समूह ने कहा कि इंडियन डाटा रिवील्स अडाणी इंपायर्स रिलायंस ऑन ऑफशोर फंडिंग शीर्षक वाला यह लेख अडानी परिवार और अडानी समूह की छवि यथासंभव धूमिल करने के लिए झूठ पर आधारित जानबूझ कर किया गया प्रयास है।
पत्र में कहा गया है, ऐसा करने के क्रम में सार्वजनिक रूप से उपलब्ध तथ्यों के उपयोग में चयनात्मकता होने की इच्छा और कंपनी द्वारा दी सूचनाओं को समझने में आलस्य दिख रहा है, और ऐसे आक्षेप लगाए गए हैं जो झूठे और हानिकारक हैं।
हम समझते हैं कि अडाणी को खत्म करने की प्रतिस्पर्धी दौड़ आकर्षक हो सकती है। लेकिन हम प्रतिभूति कानूनों का पूरी तरह से अनुपालन कर रहे हैं और प्रवर्तकों के स्वामित्व तथा वित्तपोषण को छिपाने का प्रयास नहीं कर रहे हैं।
वास्तव में, जैसा कि 18 जनवरी 2021 और 23 जनवरी 2021 को सार्वजनिक रूप से सूचना दी गई थी, अडाणी समूह के प्रवर्तकों ने अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी फ्रांस की टोटल एनर्जीज (तब टोटल रिन्यूएबल्स एसएएस) को बेचकर दो अरब डॉलर जुटाए। उस समय फाइनेंशियल टाइम्स ने भी इसे छापा था, लेकिन 22 मार्च 2023 की खबर में पूरी तरह से अनदेखा कर दिया।
इसके अलावा, अक्टूबर 2019 में, प्रवर्तकों ने अडाणी टोटल गैस लिमिटेड में 37.4 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के माध्यम से 70 करोड़ डॉलर जुटाए थे। यह तथ्य अडाणी की प्रेस विज्ञप्ति में प्रकाशित किया गया था। फाइनेंशियल टाइम्स ने इस तथ्य को भी अनदेखा कर दिया जबकि अखबार ने उस समय समाचार प्रकाशित किया था।
इस प्रकार जुटाई गई पूंजी का नए व्यवसाय के विकास और अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड, अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अडाणी पावर लिमिटेड जैसी पोर्टफोलियो कंपनियों के विकास के लिए प्रवर्तक संस्थाओं ने पुनर्निवेश किया।
प्रवर्तक संस्थाओं की अडाणी कंपनियों में पर्याप्त हिस्सेदारी है, जो समय के साथ बढ़ी है। इक्विटी की बिक्री के माध्यम से प्राप्त धन कर समय पर उपयोग कर इन संस्थाओं ने अपना निवेश बढ़ाया है।
पत्र में कहा गया है, ध्यान दें, अडाणी परिवार ने सेकेंडरी सेल से मिले पैसे को एजीईएल के अतिरिक्त शेयर खरीदने में और शेयरहोल्डर लोन तथा अन्य सिक्युरिटी के माध्यम से एजीईएल को सहायता प्रदान करने में लगाया। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 10 अप्रैल (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि दो दवाओं रेमेडिसविरऔर फेविपिरविर का इस्तेमाल बिना मंजूरी के कोविड- 19 के इलाज के लिए किया जा रहा है। साथ ही, वैध लाइसेंस के बिना इन दवाओं को बेचने के लिए 10 भारतीय दवा कंपनियों के खिलाफ सीबीआई जांच की भी मांग की गई। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और जे.बी. परदीवाला की पीठ ने कहा कि इन मुद्दों की अदालत द्वारा जांच नहीं की जा सकती है और अधिवक्ता एम.एल. शर्मा द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया।
अक्टूबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा, जिसमें आरोप लगाया गया कि बिना मंजूरी के कोविड-19 के इलाज के लिए रेमेडिसविरऔर फेविपिरविर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया था और चार सप्ताह में जवाब मांगा।
शर्मा ने तब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट का हवाला दिया था और तर्क दिया था कि कहीं भी इन दवाओं को आधिकारिक तौर पर कोरोनावायरस के लिए दवाओं के रूप में नामित नहीं किया गया है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट ने संकेत दिया कि रेमडेसिविर, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, लोपिनवीर/रिटनवीर और इंटरफेरॉन रेजिमेंस का कोविड-19 के इलाज में बहुत कम या कोई प्रभाव नहीं दिखाई दिया।
शीर्ष अदालत ने सितंबर 2020 में कहा था कि कोविड-19 के इलाज के लिए दवा के रूप में रेमेडिसविर और फेविपिरविर के उपयोग पर केंद्र द्वारा मंजूरी दी गई थी।
शर्मा ने कथित तौर पर वैध लाइसेंस के बिना कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए इन दो दवाओं के निर्माण और बिक्री के लिए 10 भारतीय दवा कंपनियों के खिलाफ सीबीआई द्वारा एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की।
याचिका में, उन्होंने तर्क दिया था कि रेमेडिसविर और फेविपिरविर एंटीवायरल दवाएं हैं और कोविड मरीजों के इलाज में उनकी प्रभावकारिता पर अभी भी बहस चल रही है।
चेन्नई, 10 अप्रैल | तमिलनाडु के विल्लुपुरम में सोमवार को सवर्ण हिंदुओं द्वारा दलित समुदाय के सदस्यों को मेलपाथी गांव में स्थानीय श्री धर्मराज द्रौपती अम्मन मंदिर में प्रवेश नहीं करने देने पर तनाव पैदा हो गया। दिलचस्प बात यह है कि मंदिर का नियंत्रण राज्य सरकार के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) विभाग द्वारा किया जाता है।
23 वर्षीय दलित युवक काथिरावन शुक्रवार को अपने दो भाई-बहनों के साथ मंदिर गया था और सवर्ण हिंदुओं ने उन पर हमला किया था, जिन्होंने उन्हें प्रवेश करने से रोक दिया था।
आईएएनएस से बात करते हुए काथिरावन ने कहा, "जाति हिंदुओं ने हमें श्री धर्मराज द्रौपदी अम्मन मंदिर में प्रवेश करने से रोका और यहां तक कि हमारे साथ मारपीट भी की। उन्होंने कहा कि हमें मूर्ति की तस्वीर लेने की भी अनुमति नहीं है, प्रवेश देना तो दूर की बात है।"
पिछले 70 वर्षों से, दलितों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं थी, लेकिन छह महीने पहले, जिला अधिकारियों ने धर्मराज की मूर्ति को फिर से स्थापित करने पर उन्हें प्रवेश की अनुमति दी थी। हालाँकि एक पर्दा लगा हुआ था जिससे दलितों को मूर्ति की एक झलक देखने से रोक दिया गया था।
मेलपाठी गांव अपने आप में दो क्षेत्रों में बंटा हुआ है- 'ऊर' जहां सवर्ण हिंदू रहते हैं जबकि 'चेरी' वह जगह है जहां दलित रहते हैं।
सवर्ण हिंदुओं द्वारा दलितों को अपशब्द कहने और गाली देने के बाद से इलाके में तनाव है। इलाके में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात है।
जिला कलक्टर और जिला पुलिस शनिवार को दलित नेतृत्व और सवर्ण हिंदुओं से एक दौर की बातचीत कर चुके थे, लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके।
तमिलनाडु पुलिस को किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए मेपाथी गांव और विल्लुपुरम जिले के आसपास के इलाकों में भारी पुलिस बल तैनात करने के कड़े निर्देश दिए गए हैं। (आईएएनएस)
नासिक, 10 अप्रैल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक योग्यता को लेकर विपक्ष के कुछ नेताओं द्वारा सवाल उठाए जाने के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि यह कोई राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है।
पवार ने रविवार को नासिक में संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब बेरोजगारी, महंगाई और कानून व्यवस्था की स्थिति जैसे अधिक महत्वपूर्ण मुद्दे मौजूद हैं, तो क्या देश में किसी की शैक्षणिक डिग्री राजनीतिक मुद्दा होनी चाहिए।’’
उन्होंने कहा, “धर्म और जाति के नाम पर मतभेद पैदा किए जा रहे हैं। महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश से फसलें बर्बाद हो गई हैं। इन मुद्दों पर चर्चा की जरूरत है।’’
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में प्रधानमंत्री की शैक्षणिक योग्यता का मुद्दा उठाया था और इस मामले में गुजरात उच्च न्यायालय ने मोदी की डिग्री पर आरटीआई (सूचना का अधिकार) याचिका के लिए 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया था।
यह पहला उदाहरण नहीं है जब पवार के विचार सरकार को निशाना बनाने के मामले में विपक्षी गुट से भिन्न दिखाई दिए।
अडाणी समूह के स्वामित्व वाले एनडीटीवी के साथ हाल ही में एक साक्षात्कार में, पवार ने अंतरराष्ट्रीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता और उद्देश्यों के बारे में सवाल उठाये।
पवार ने संसद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बहुमत को देखते हुए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग पर भी सवाल उठाया था।
उन्होंने दावा किया कि अडाणी समूह को निशाना बनाया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है। (भाषा)
सोनीपत, 10 अप्रैल हरियाणा के सोनीपत जिले में एक धर्मस्थल में घुसकर विशेष समुदाय के लोगों पर हमला करने का मामला सामने आया है। जिले के सांदल कलां गांव में रविवार देर रात रमजान की नमाज अदा कर रहे नमाजियों पर 15 से 20 हथियारबंद लोगों ने हमला कर दिया, जिसमें कम से कम सात लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कुछ घायलों का सोनीपत के सिविल अस्पताल में उपचार चल रहा है और उनमें से सभी की हालत खतरे से बाहर है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में पांच से छह लोगों को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
इस बीच, पुलिस आयुक्त बी सतीश बालन आज सुबह मौके पर पहुंचे। उन्होंने हालात का जायजा लिया और पीड़ित परिवारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि घटना के बाद गांव में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है और जब तक पीड़ित असुरक्षित महसूस करेंगे, गांव में पुलिस तैनाती रहेगी।
बालन ने कहा कि गांव के कुछ असामाजिक तत्वों ने बीती रात को मस्जिद में घुसकर नमाज पढ़ने वाले लोगों पर हमला किया। उन्होंने बताया कि उनका आपस में कोई मनमुटाव या तनाव भी नहीं था।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने 16 युवकों को पकड़ा है और उनसे पूछताछ की जा रही है। अधिकारी ने कहा कि बिना किसी उकसावे के धर्मस्थल में घुसकर इस प्रकार की घटना को अंजाम देने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस के मुताबिक, घटना में सात से आठ लोग घायल हुये हैं, जिनमें से कुछ का अस्पताल में उपचार चल रहा है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि सभी खतरे से बाहर हैं।
उन्होंने बताया कि इस मामले में 19 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिनमें से 10 लोगों को नामजद किया गया है।
उन्होंने कहा कि 5-6 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार युवक उसी गांव के रहने वाले हैं और उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत करने समेत भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बालन ने कहा कि गांव के लोगों से बातचीत हुई है, और आज तक इस प्रकार की कोई घटना नहीं हुई थी।
घायलों में से एक सलीम ने बताया कि करीब 15 से 20 लोग लाठी-डंडों से लैस होकर आए और मस्जिद में घुसकर नमाज पढ़ने के दौरान उन लोगों पर हमला कर दिया।
सोशल मीडिया पर कथित हमलावरों की तस्वीरें भी आई हैं, जिसमें ये युवक हाथों में लाठी-डंडे लेकर गांव की गलियों में घूमते नजर आ रहे हैं। इस वारदात के बाद गांव सांदल कलां में तनाव का माहौल है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विशेष समुदाय पर हमला करने वाले युवक गांव के ही रहने वाले हैं, हालांकि, वारदात के पीछे की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। (भाषा)
सीतापुर (उप्र), 10 अप्रैल उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के कमलापुर क्षेत्र में सोमवार को एक तेज रफ्तार रोडवेज बस डिवाइडर से टकराने के बाद बेकाबू होकर सड़क किनारे खरीदारी कर रहे लोगों को रौंद दिया, जिससे इस हादसे में एक महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गयी। पुलिस ने इसकी जानकारी दी।
पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि कमलापुर क्षेत्र में सीतापुर से लखनऊ जा रही एक तेज रफ्तार रोडवेज बस अचानक डिवाइडर से टकराकर बेकाबू हो गयी और सड़क के किनारे दुकानों से सामान खरीद रहे लोगों पर चढ़ गयी, जिससे इस हादसे में एक महिला समेत तीन लोगों की मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि मरने वाले दो लोगों की शिनाख्त पारस कुमार और राजू के तौर पर की गयी है। उन्होंने बताया कि महिला की पहचान करने की कोशिश की जा रही है, सभी शव पोस्टमार्टम के लिये भेज दिये गये हैं।
सूत्रों ने बताया कि दुर्घटना में गम्भीर रूप से घायल तीन अन्य लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। (भाषा)
नयी दिल्ली, 10 अप्रैल कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हालिया ब्रिटेन यात्रा के दौरान की गई टिप्पणी को लेकर उठे विवाद की ओर इशारा करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि विदेश यात्रा पर जाते समय लोगों को अपना ‘राजनीतिक चश्मा’ देश में छोड़ देना चाहिए।
विश्व होम्योपैथी दिवस पर आयोजित एक समारोह में धनखड़ ने कहा कि भारत 2047 में अपनी आजादी की शताब्दी की नींव रख रहा है, ऐसे में देश की गरिमा पर हमला करने की हर कोशिश को कुंद किया जाना चाहिए।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या आपने कभी इस महान लोकतंत्र की यात्रा पर आए किसी विदेशी गणमान्य व्यक्ति या विदेशी नागरिक को अपने देश की निंदा करते या उसकी आलोचना करते हुए देखा है? जवाब स्पष्ट तौर पर नहीं है। हम अपने वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य योद्धाओं पर गर्व क्यों नहीं कर सकते और हमारे नवाचार की सराहना क्यों नहीं कर सकते?’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब भी हम देश से बाहर जाते हैं, हमें अपना राजनीतिक चश्मा देश में ही छोड़ देना चाहिए। यह देश के साथ-साथ व्यक्ति विशेष के लिए भी फायदेमंद होगा।’’
उपराष्ट्रपति की यह टिप्पणी ब्रिटेन में राहुल गांधी की उस टिप्पणी के बाद आई है, जिसमें उन्होंने खेद जताया था कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस बात पर ध्यान देने में विफल रहे हैं कि भारत में ‘लोकतंत्र का एक बड़ा हिस्सा तबाह हो गया है’।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता की टिप्पणी की निंदा करते हुए उन पर विदेशी धरती पर भारत को बदनाम करने का आरोप लगाया था और उनसे माफी की मांग की थी।
राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर उठे विवाद ने संसद के हाल में संपन्न सत्र को भी प्रभावित किया। बजट सत्र का दूसरा चरण हंगामे की भेंट चढ़ गया।
उपराष्ट्रपति धनखड़ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणियों के आलोचक रहे हैं और पहले भी कई मौकों पर अपनी नाखुशी जाहिर कर चुके हैं।
होम्योपैथी चिकित्सकों को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि हर किसी को विदेश में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए और इसे बदनाम नहीं होने देना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपनी ऐतिहासिक उपलब्धियों पर गर्व करना चाहिए और भारतीय होने पर हमें गर्व होना चाहिए। भारत पांचवीं सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बन गया है और सभी वस्तुनिष्ठ मूल्यांकनों के अनुसार, दशक के अंत तक, यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। यह हमारे लोगों की प्रतिबद्धता और उनके अच्छे स्वास्थ्य के कारण है। अगर हम अच्छे स्वास्थ्य को लेकर आश्वस्त हों, तो हमें कोई नहीं रोक सकता है।’’
उपराष्ट्रपति ने व्यापारियों और उद्योगपतियों से आर्थिक राष्ट्रवाद के लिए प्रतिबद्ध रहने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक लाभ की कोई भी मात्रा आर्थिक राष्ट्रवाद से विचलन को सही नहीं ठहरा सकती है।’’
धनखड़ ने कहा कि उपचार के रूप में होम्योपैथी का दो शताब्दियों से अधिक का समृद्ध इतिहास रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश में, पिछले कुछ वर्षों में, इसका पोषण किया जा रहा है और यह हमारे स्वास्थ्य तंत्र और संबंधी ढांचे के लिए एक महत्वपूर्ण कारक बन गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन होम्योपैथी को दुनिया में चिकित्सा की दूसरी सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती प्रणाली के रूप में स्वीकार करता है और इसने 80 से अधिक देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।’’ (भाषा)
नई दिल्ली, 10 अप्रैल | केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भारत में सोमवार को बीते 24 घंटों में 5,880 नए कोविड मामले सामने आए हैं। मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, डेली पॉजिटिविटी रेट 6.91 प्रतिशत थी जबकि वीकली पॉजिटिविटी रेट 3.67 प्रतिशत थी।
वर्तमान में सक्रिय मामलों की संख्या 35,199 है। रिकवरी रेट 98.73 फीसदी है।
इसी अवधि में कुल 3,481 संक्रमित मरीज ठीक हुए हैं, जिससे महामारी से ठीक होने वालों की संख्या 4,41,96,318 हो गई है।
भारत ने राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 220.66 करोड़ टीके की खुराक (95.21 करोड़ दूसरी खुराक और 22.87 करोड़ एहतियाती खुराक) दी है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 10 अप्रैल | मुंबई की एक विशेष अदालत ने ऋण धोखाधड़ी मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) के पूर्व सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) और अन्य को तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने डीआर देशपांडे, तत्कालीन एजीएम, बीओएम, मुकेश एम. शाह, एसपीएल टेक्नोकेम लिमिटेड, मुंबई के निदेशक और श्रेयांश पी. शेठ, निदेशक, एसपीएल टेक्नोकेम लिमिटेड, मुंबई को तीन साल की जेल की सजा।
अदालत ने निजी फर्मों के पांच निदेशकों- धूमिल सेठ, विशाल सेठ, हसमुख सेठ, विनोद सेठ और मनोज बी शाह को तीन साल की जेल की सजा सुनाई और 50.5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
सीबीआई ने बीओएम के महाप्रबंधक की शिकायत पर 18 मार्च 2009 को मामला दर्ज किया था।
यह आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2007 के दौरान, इसके निदेशकों सहित, देशपांडे, तत्कालीन एजीएम, बीओएम की मिलीभगत से अभियुक्तों ने इन्वेंट्री और प्राप्तियों के ²ष्टिबंधन के एवज में 2.1 करोड़ रुपये की नकद क्रेडिट सीमा प्राप्त की और बीओएम, बांद्रा (ई) शाखा के साथ-साथ जाली दस्तावेजों से 5.4 करोड़ रुपये की एलसी-आयात सीमा का नुकसान पहुंचाया। इस प्रकार, आरोपी ने बैंक को 2,69,08,482 रुपये के साथ-साथ 1,04,25,069 रुपये के अप्रयुक्त ब्याज की राशि का धोखा दिया।
विवेचना के पश्चात अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया गया।
ट्रायल कोर्ट ने अभियुक्तों को कसूरवार पाया और उन्हें दोषी ठहराया। (आईएएनएस)
बेंगलुरु, 10 अप्रैल | कर्नाटक रक्षण वेदिके के सदस्यों ने राज्य में अमूल द्वारा दूध की सीधी बिक्री के विरोध में सोमवार को अमूल उत्पाद सड़कों पर फेंककर प्रदर्शन किया। वेदिके ने राज्य में अमूल उत्पादों की सीधी बिक्री के खिलाफ भी चेतावनी दी।
मैसुरू बैंक सर्किल के पास विरोध-प्रदर्शन किया गया। वेदिके कार्यकर्ताओं ने कर्नाटक में अमूल ब्रांड के दूध और दही की बिक्री और कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) को अमूल में मिलाने की साजिश की निंदा की।
वेदिके के अध्यक्ष टी.ए. नारायण गौड़ा ने विरोध का नेतृत्व किया। प्रदर्शनकारियों ने अमूल का पुतला जलाने का भी प्रयास किया। वेदिके उपाध्यक्ष डी.पी. अंजनप्पा ने कहा कि अमूल कन्नड़ लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह कन्नड़ लोगों द्वारा बनाए गए केएमएफ को नष्ट नहीं होने देंगे।
उन्होंने चेतावनी दी, केंद्र सरकार नंदिनी का अमूल में विलय करने की योजना बना रही है। अगर ऐसा होता है, तो स्थानीय लोग विद्रोह करेंगे।
वेदिके की युवा शाखा के अध्यक्ष धर्मराज गौड़ा टी.ए. ने कहा, अगर अमूल ने राज्य में दूध और दही की बिक्री जारी रखी, तो उसके सभी उत्पादों का बहिष्कार किया जाएगा। उसे आइसक्रीम से लेकर बिस्कुट तक कोई भी उत्पाद नहीं बेचने दिया जाएगा। अमूल को दूध और दही की बिक्री बंद करनी होगी।
जब कार्यकर्ताओं ने अमूल का पुतला जलाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसे लेकर पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच कहासुनी भी हुई। पुलिस ने बड़ी संख्या में आंदोलनकारियों को हिरासत में ले लिया।
वेदिके के महासचिव बी. सन्नेरप्पा ने कहा, सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने डरकर पुलिस से सैकड़ों कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने के लिए कहा है। पुलिस के अत्याचारों को एक चुनौती के रूप में लिया जाएगा। राज्य के हर हिस्से में आंदोलन होगा। उन्हें और पुलिस बल भेजने दो। (आईएएनएस)
मुंबई, 10 अप्रैल | एक्टर-डांसर राघव जुयाल, जो जल्द ही 'किसी का भाई किसी की जान' में नजर आएंगे, ने शेयर किया कि जब वह सलमान खान अभिनीत फिल्म की शूटिंग कर रहे थे, तब उन्होंने दो प्रोजेक्ट्स के लिए भी समय निकाला था। 'किसी का भाई किसी की जान', जिसका ट्रेलर सोमवार शाम को जारी किया जाएगा, 2023 में ईद पर रिलीज के लिए तैयार है।
एसकेएफ प्रोडक्शन पर काम करने के अलावा, राघव ऑस्कर विजेता गुनीत मोंगा की सिख एंटरटेनमेंट के साथ एक अघोषित फिल्म के लिए अपने शेड्यूल को मैनेज भी कर रहे थे।
अपने बिजी शेड्यूल के बारे में बताते हुए राघव ने कहा: मैं सलमान सर की फिल्म 'किसी का भाई किसी की जान' का हिस्सा बनकर रोमांचित हूं, जिसने मेरे 2023 की शानदार शुरूआत की। इसके अलावा, मैं उसी समय एक और अघोषित प्रोजेक्ट की शूटिंग भी कर रहा था, जिसका मतलब था कि शेड्यूल, किरदारों और सेट में बहुत फेरबदल करना था।
राघव ने बताया कि उन्हें काम में लगातार डूबे रहना पसंद है क्योंकि इससे उन्हें खुशी मिलती है।
उन्होंने कहा: मैंने इसके हर हिस्से को एन्जॉय किया है, क्योंकि काम मुझे खुश रखता है। मैं भाग्यशाली महसूस करता हूं कि मुझे अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए अच्छा काम और अवसर मिल रहे हैं। (आईएएनएस)
देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराधों के 67 हजार मामले लंबित हैं.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी की रिपोर्ट-
देश के सभी राज्यों में बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराधों के लंबित होने के मामले में उत्तर प्रदेश 67 हजार मामलों के साथ पहले स्थान पर है. यूपी में लंबित पॉक्सो यानी प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट के तहत दर्ज सभी मामलों का लगभग 28 फीसदी है.
लंबित मामलों में वृद्धि
यौन दुर्व्यवहार के पीड़ित बच्चे को आगे की अदालती कार्यवाही के उत्पीड़न से बचाने के लिए पॉक्सो अधिनियम में संशोधन में यह प्रावधान दिया गया है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट समयबद्ध तरीके से सभी मुकदमों का निपटारा करे. पॉक्सो के मामलों की सुनवाई के लिए देशभर में विशेष फास्ट ट्रैक स्थापित किए गए हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हर जिले में इस तरह की अदालतें हैं. लेकिन साल 2016 से अब तक लंबित मामलों में 170 फीसदी की वृद्धि हुई है.
हर जिले में कम से कम एक विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट के बावजूद साल 2016 में जहां लंबित मामले 90,205 थे वहीं जनवरी 2023 तक ये बढ़कर 2,43,237 हो गए.
हजारों लंबित मामले
यूपी के बाद महाराष्ट्र में 33,000 लंबित मामलों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है, इसके बाद 22,100 के साथ पश्चिम बंगाल है, बिहार में 16,000 मामले, ओडिशा में 12,000 मामले लंबित है. वहीं तेलंगाना और मध्य प्रदेश में 10,000 मामले लंबित हैं.
हाल ही में संसद में केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक सवाल के जवाब में कहा, "महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों से संबंधित मामलों का त्वरित निपटान सुनिश्चित करने के लिए आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 की धारा 173(1ए) और धारा 309 के माध्यम से जांच और परीक्षण के लिए प्रत्येक के लिए दो महीने की समय सीमा निर्धारित की गई है."
एनसीआरबी 2021 के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि बच्चों, विशेष रूप से लड़कियोंके खिलाफ यौन अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, क्योंकि बच्चों के खिलाफ हर तीन अपराधों में से एक पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज किया जाता है.
पॉक्सो और बलात्कार के मामलों से निपटने के लिए केंद्रीय की वित्तीय मदद से 764 विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित किए गए हैं, जिसमें पॉक्सो अधिनियम के मामलों के लिए विशेष रूप से समर्पित 411 विशेष कोर्ट शामिल हैं. ये अदालतें साल में 1.4 लाख मामलों का निपटारा कर रही हैं. (dw.com)
भारतीय स्टार्टअप्स में छंटनी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. 24,250 से अधिक कर्मचारी अब तक घरेलू स्टार्टअप्स इकोसिस्टम में अपनी नौकरी खो चुके हैं.
स्टार्टअप कवरेज पोर्टल इंक42 के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक 84 स्टार्टअप द्वारा 24,256 कर्मचारियों की छंटनी की जा चुकी है. कर्मचारियों को बर्खास्त करने वाले स्टार्टअप्स की सूची देश में बढ़ती ही जा रही है.
अग्रणी डिजिटल हेल्थकेयर प्लेटफॉर्म प्रैक्टो ने कंपनी के निरंतर प्रदर्शन प्रबंधन और नियोजन प्रक्रिया के हिस्से के रूप में 41 कर्मचारियों को निकाल दिया है, जिनमें ज्यादातर इंजीनियर हैं.
क्विक-ग्रॉसिरी डिलीवरी प्रोवाइडर डंजो ने नए फंडिंग राउंड में 7.5 करोड़ डॉलर जुटाए जाने के बाद कम से कम 30 प्रतिशत यानी लगभग 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेंगलुरु की जेस्टमनी अपने कर्मचारियों की 20 फीसदी छंटनी कर रही है, जिसका असर करीब 100 कर्मचारियों पर पड़ेगा.
नौकरी से निकालते घरेलू स्टार्टअप्स
मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि फैंटेसी ई-स्पोर्ट्स स्टार्टअप फैनक्लैश ने अपने लगभग 75 प्रतिशत कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है.
सूत्रों का हवाला देते हुए इंक42 ने बताया कि स्टार्टअप ने लगभग 100 कर्मचारियों को तीन राउंड में निकाल दिया, जिससे प्रभावित कर्मचारियों को दो महीने का वेतन पैकेज के रूप में मिला.
पिछले महीने के आखिर में अनएकेडमी के सह-संस्थापक और सीईओ गौरव मुंजाल ने घोषणा की कि 'वर्तमान वास्तविकताओं में हम जिन लक्ष्यों का सामना कर रहे हैं, उन्हें पूरा करने के लिए' टीम के आकार को 12 प्रतिशत या 350 से अधिक कर्मचारियों को कम करने की जरूरत है.
हर स्तर पर जा रही नौकरियां
लेऑफ टैली का नेतृत्व करने वाले स्टार्टअप्स में बायजूस , ओला, ओयो, मीशो, एमपीएल, लिवस्पेस इन्नोवेसर, उड़ान, अनएकेडमी और वेदांतु शामिल हैं.
यही हाल कुछ इंटीरियर और रिनोवेशन प्लेटफॉर्म लिवस्पेस ने हाल ही में लागत में कटौती के उपायों के तहत कम से कम 100 कर्मचारियों की छंटनी की.
ऑनलाइन स्टोर दुकान के लिए सास प्लेटफॉर्म ने अपने लगभग 30 प्रतिशत कार्यबल, या लगभग 60 कर्मचारियों को निकाल दिया- यह लगभग छह महीने में दूसरी छंटनी है.
हेल्थकेयर यूनिकॉर्न प्रिस्टिन केयर ने 350 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया. जबकि ऑनलाइन उच्च शिक्षा कंपनी अपग्रेड ने अपनी सहायक कंपनी 'कैंपस' में लगभग 30 प्रतिशत कार्यबल को निकाल दिया.
गुजरात से पूरे के पूरे परिवार बिना दस्तावेजों के, अवैध तरीकों से जान जोखिम में डालकर अमेरिका जा रहे हैं. क्या वजह है कि मेक्सिको के रेगिस्तान या कनाडा की बर्फ को पार कर अमेरिका पहुंचने की होड़ मची हुई है.
डॉयचे वैले पर मुरली कृष्णन की रिपोर्ट-
पिछले हफ्ते अधिकारियों ने इस बात का ऐलान किया कि अमेरिका-कनाडा सीमा पर अक्वेसासेन में सेंट लॉरेंस नदी से मिलीं चार लाशें भारत के गुजरात में मेहसाणा जिले के रहने वाले एक परिवार की थीं. 50 वर्षीय प्रवीण चौधरी, अपनी 45 वर्षीय पत्नी दीक्षा और 20 व 23 साल के बच्चों के साथ अमेरिका में घुसने की कोशिश करते वक्त मारे गए. पुलिस ने कहा कि वे नदी के रास्ते सीमा पार कर रहे थे जब नाव उलटने से उनकी मौत हुई.
मरने वालों में चार और लोग थे जो रोमानिया से आए थे. जांचकर्ताओं ने कहा कि इन लोगों के साथ एक और भारतीय परिवार था जो गुजरात के ही गांधीनगर में मनसा का रहने वाला था. गुजरात के पूर्व पुलिस निदेशक आशीष भाटिया कहते हैं कि ये लोग इमिग्रेशन रैकेट का शिकार हो रहे हैं.
तस्करी का शिकार होते लोग
डॉयचे वेले से बातचीत में भाटिया ने कहा, "ये तस्करी रैकेट लोगों को लुभाते हैं और उन्हें विदेश में बेहतर जिंदगी के सपने दिखाकर उनसे लाखों रुपये ऐंठते हैं. हमने ऐसे कई रैकेट पकड़े थे लेकिन ऐसे नए रैकेट उभरते रहते हैं.”
अमेरिका कनाडा सीमा पर चौधरी परिवार के साथ हुई त्रासदी बीते साल की ऐसी ही एक घटना की याद दिलाती है. पिछले साल जनवरी में दक्षिणी मनीतोबा से सीमा पार करने की कोशिश में एक भारतीय परिवार बर्फ के तूफान में फंस गया था. गांधीनगर के कल्लोल का रहने वाला चार सदस्यों का यह पटेल परिवार बर्फ में जमकर ही खत्म हो गया था और कई दिन बाद उनके शव मिले थे.
उस मामले में पुलिस ने दो एजेंटों को गिरफ्तार किया था. डीसीपी (क्राइम) चैतन्य मंडालिक कहते हैं, "पटेल मामले में हमने दो ट्रैवल एजेंट गिरफ्तार किए थे. उन्होंने 11 लोगों को अवैध तरीके से अमेरिका भेजा था. वहीं भारत उनके सारे इंतजाम के लिए जिम्मेदार थे और उन्होंने ही बताया था कि सीमा पर लोगों को किनसे मिलना है."
एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर डॉयचे वेले को बताया कि प्रशासन को इन गतिविधियों की पूरी जानकारी है. वह कहते हैं, "क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितने लोग सीमा पार करने में कामयाब हो रहे हैं? हमें सिर्फ उनके बारे में पता चलता है जो मारे जाते हैं या पकड़े जाते हैं. यह सबसे लुभावना व्यापार बन गया है और लोग खतरे उठाने को तैयार हैं."
गुजरात में इतना आकर्षण क्यों?
पिछले साल दिसंबर में भी गुजरात के रहने वाले ब्रिज कुमार यादव की मेक्सिको-अमेरिका सीमा पर दीवार फांदते वक्त गिरकर मौत हो गई थी. उनके साथ उनकी पत्नी और तीन साल का बच्चा भी थे. मेक्सिको पुलिस ने बताया कि यादव और उनका बच्चा मेक्सिको की सीमा में गिरे जबकि उनकी पत्नी अमेरिका की तरफ जा गिरी थी.
इन घटनाओं ने भारत से बढ़ती मानव तस्करी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला दिया है. अमेरिकी सेंसस ब्यूरो के मुताबिक अमेरिका में 5,87,000 भारतीय प्रवासी अवैध रूप से रह रहे हैं. तस्कर लोगों को सुनहरे भविष्य के वादे तो करते हैं लेकिन इसके खतरों के बारे में नहीं बताते हैं. मंडालिक कहते हैं, "गिरफ्तार किए गए एजेंटों से हुई पूछताछ में पता चला कि वे लोगों को विदेश भेजने के लिए 50-60 लाख रुपये तक लेते हैं. ये लोग या तो कनाडा के रास्ते अमेरिका भेजते हैं या फिर तुर्की होते हुए मेक्सिको के रास्ते."
अमेरिका पहुंचने के लिए गुजरात से हजारों की संख्या में पटेल समुदाय के लोग जंगलों, रेगिस्तानों और बर्फीले पहाड़ों को पार करने जैसे जोखिम उठा रहे हैं. अहमदाबाद स्थित गुजरात यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र पढ़ाने वाले गौरांग जानी कहते हैं, "विदेश चले जाने का आकर्षण बहुत ज्यादा है. लोग अमेरिका पहुंचने के लिए किसी भी हद तक पैसा खर्च करने को तैयार हैं. वहां विशाल पटेल समुदाय है जो उनकी देखभाल करता है. जब ये लोग अमेरिका पहुंच जाते हैं तो वहां समुदाय का विशाल ढांचा है जो इनकी देखरेख करता है. वहां इन लोगों को छोटे-मोटे काम मिलते हैं."
गुजरात से विदेश जाने की होड़ इतनी बढ़ गई है कि अब राज्य सरकार तस्करी के खिलाफ एक कानून लाने पर विचार कर रही है. हालांकि अधिकारी कहते हैं कि इसमें वक्त लगेगा. (dw.com)
मेरठ (उप्र), 10 अप्रैल मेरठ जिले के खरखौदा क्षेत्र में बच्चों के विवाद को लेकर दो पक्षों में हुए खूनी संघर्ष में एक महिला समेत दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) कमलेश बहादुर ने सोमवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि पिछले शुक्रवार को खरखौदा थाना क्षेत्र स्थित सलेमपुर गांव में बच्चों को लेकर मेहराज और इकबाल नामक व्यक्तियों के बीच विवाद हुआ था। उस समय ग्रामीणों ने बीच-बचाव कर मामला शांत करा दिया था।
उन्होंने बताया कि रविवार देर रात मेहराज गांव की मस्जिद में नमाज पढ़ने जा रहा था तभी दोनों पक्ष एक बार फिर आमने-सामने आ गए। इस दौरान चली गोली लगने से मेहराज (35) गंभीर रूप से घायल हो गया। इलाज के दौरान अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
बहादुर ने बताया कि इस घटना के बाद कुछ लोग इकबाल के घर पहुंचे और उसकी पत्नी अफ़रोज़ (45) को गोली मार दी। गंभीर अवस्था में उसे नजदीकी निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी भी मृत्यु हो गई।
उन्होंने बताया कि घटना के बाद से दोनों पक्षों के लोग घर से फरार हैं। पुलिस ने अपनी तरफ से दोनों पक्षों के छह-छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए हैं। गांव में एहतियातन पुलिस बल तैनात कर दिया गया है पुलिस ने मृतकों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिये हैं। (भाषा)
केलांग (हिमाचल प्रदेश), 10 अप्रैल हिमाचल प्रदेश में आदिवासी बहुल लाहौल और स्पीति जिले में केलांग पंचायत ने त्योहारों और शादियों में बीयर परोसे जाने पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पारित किया है ताकि ऐसे आयोजनों में फिजूलखर्ची पर अंकुश लगाया जा सके। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
पंचायत प्रमुख सोनम जांगपो ने बताया कि रविवार को हुई ग्राम सभा की बैठक में शादियों और अन्य त्योहारों पर बीयर परोसने पर रोक लगाने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया।
उन्होंने बताया कि बैठक में शादियों और अन्य समारोहों में "बाहरी संस्कृतियों" के मिश्रण पर अंकुश लगाने पर भी चर्चा हुई।
जिला परिषद सदस्य कुंगा बोध ने उम्मीद जताई कि इस संबंध में जल्द ही सर्वसम्मति से निर्णय लिया जाएगा क्योंकि युवा भी संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण के बारे में चिंतित हैं।
बैठक में केलांग बाजार में वाहनों की एकतरफा आवाजाही व्यवस्था शुरू करने, स्वच्छता बनाए रखने, पंचायत के सौंदर्यीकरण और पर्यटकों को अन्य गंतव्यों की ओर ले जाने पर भी चर्चा की गई। रोहतांग दर्रे के तहत अटल सुरंग के निर्माण के बाद केलांग में पर्यटकों की आमद कई गुना बढ़ गई है।
इससे पहले, किन्नौर जिले की हंगरंग घाटी की सुमरा पंचायत ने शादियों में आदिवासी रीति-रिवाजों का पालन करने और "बॉलीवुड जैसी शादियों" को रोकने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था। (भाषा)
भोपाल, 10 अप्रैल ‘‘गंदे कपड़े पहनकर बाहर निकलने वाली लड़कियों के शूर्पणखा लगने’’ संबंधी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बयान के विरोध में कांग्रेस ने भले ही आलोचना की हो, लेकिन मध्य प्रदेश कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह भाजपा नेता के समर्थन में सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ मायने में विजयवर्गीय का यह बयान सही है।
पांच बार लोकसभा सदस्य और तीन बार विधायक रहे लक्ष्मण सिंह कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के छोटे भाई हैं।
विजयवर्गीय ने पिछले बुधवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में एक धार्मिक समारोह में यह विवादास्पद टिप्पणी की थी।
कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई ने बाद में भोपाल और इंदौर में भाजपा नेता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और कहा था कि महिलाओं की तुलना शूर्पणखा से करना अत्यंत अशोभनीय, अनुचित, शर्मनाक और दूषित मानसिकता का परिचायक है।
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह ने रविवार रात को एक ट्वीट में विजयवर्गीय के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘‘कैलाश जी का ‘‘शूर्पणखा’’ वाला वक्तव्य सुना। कुछ मायने में सही है। इंदौर अहिल्या देवी की संस्कार वाली नगरी है। पहनावे पर ध्यान तो रखना चाहिए। परंतु कैलाश भाई आप इंदौर के बेताज बादशाह हो, फिर यह कैसे हो रहा है?’’
लक्ष्मण सिंह 2003 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे और 2009 में भाजपा छोड़ फिर वापस कांग्रेस में चले गये।
कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार रात कहा था, ‘‘मैं रात में जब (बाहर) निकलता हूं और पढ़े-लिखे नौजवानों और बच्चों को (नशे में) झूमते हुए देखता हूं, तो सच में ऐसी इच्छा होती है कि (गाड़ी से) उतरकर इनको पांच-सात लगाकर नशा उतार दूं। मैं भगवान की कसम खाकर कहता हूं। मैं हनुमान जयंती पर झूठ नहीं बोल रहा हूं।’’
उन्होंने कहा था, ‘‘हम महिलाओं को देवी बोलते हैं, लेकिन लड़कियां भी इतने गंदे कपड़े पहनकर निकलती हैं कि उनमें देवी का स्वरूप ही नहीं दिखता, बिल्कुल शूर्पणखा लगती हैं... सच में। भगवान ने इतना अच्छा और सुंदर शरीर दिया है... तुम जरा अच्छे कपड़े पहनो यार।’’
गौरतलब है कि भारत के पौराणिक ग्रंथ ‘‘रामायण’’ में शूर्पणखा को लंका के राजा रावण की बहन बताया गया है और कथा के मुताबिक शूर्पणखा के अमर्यादित आचरण को लेकर भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी थी। (भाषा)