राष्ट्रीय
देहरादून, 25 दिसंबर | उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारियों और नगर आयुक्तों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने जिलो और नगर क्षेत्रों में प्रमुख स्थलों पर अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करें। जरूरतमंदों को कम्बल और गर्म कपड़े उपलब्ध कराना भी सुनिश्चित करें। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल जी की जयंती और सुशासन दिवस से इस काम को अभियान की तरह लिया जाए। सीएम ने कहा कि बेघरों के सर्दी से बचाव की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कम्बल और गर्म कपड़ों का पर्याप्त प्रबंध किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों में एसडीएम और तहसीलदारों की जिम्मेदारी होगी। इस काम में आम जन का भी सहयोग लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों का भी अधिकारी निरीक्षण करें।
शनिवार देर शाम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून अस्पताल सहित देहरादून के विभिन्न स्थानों पर जरूरतमंदों को कम्बल वितरित किये। मुख्यमंत्री ने घंटाघर केपास स्थित रैन बसेरे व अन्य का भी औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने रैन बसेरों में रुके लोगों से मुलाकात की और उनका हाल-चाल जाना। मुख्यमंत्री ने रैन बसेरों की स्थिति की भी जानकारी ली।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को रैन बसेरों की स्थिति में और सुधार किये जाने के निर्देश दिये। साथ ही शहर में जगह-जगह अलाव जलाने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिया। (आईएएनएस)|
कुआलालंपुर, 25 दिसम्बर | पिछले सप्ताह मलेशिया में हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 31 पहुंच गई है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने दमकल और बचाव विभाग का हवाला देते हुए बताया कि लगभग 12 साल का एक लड़का सेलांगोर राज्य के एक लोकप्रिय कैंपसाइट से लगभग चार मीटर की दूरी पर पाया गया।
अधिकारियों ने पीड़ितों की एक सूची भी जारी की है, जिसमें कुछ शिक्षक और स्थानीय स्कूल के छात्र शामिल हैं।
सबसे कम उम्र की पीड़िता एक साल की थी, जबकि सबसे बुजुर्ग की उम्र 67 साल थी। पीड़ितों में से ग्यारह बच्चे थे।
भूस्खलन पिछले शुक्रवार को सेलांगोर राज्य में एक लोकप्रिय शिविर स्थल पर हुआ, जिसमें लगभग 100 लोग सो रहे थे। (आईएएनएस)|
कानपुर, 25 दिसम्बर | एक बुजुर्ग व्यवसायी को फिरौती के लिए अगवा करने और रुपये नहीं देने पर जान से मारने की धमकी देने के आरोप में एक पुलिस कांस्टेबल समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कांस्टेबल की पहचान फील खाना थाने में तैनात 37 वर्षीय मुकेश कुमार के रूप में हुई है। कांस्टेबल के सहयोगी किदवई नगर इलाके के एक चाय विक्रे ता 40 वर्षीय शालू नंदा को भी गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) प्रमोद कुमार ने कहा कि, "शालू को करीब दो साल पहले विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) के तौर पर नामित किया गया था। घटना में शामिल दो अन्य कोतवाली थाने में तैनात हेड कांस्टेबल अमित कुमार व उसका सहयोगी मोनू उर्फ बॉक्सर फरार है।"
पुलिस अधिकारी के अनुसार यह तब हुआ जब पीड़ित रघुवीर चंद्र कपूर गोविंद नगर में अपनी किराने की दुकान पर थे।
डीसीपी ने कहा कि, "खाकी रंग के दो व्यक्ति सिलवर कलर की कार में पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि वे स्पेशल टास्क फोर्स से थे और कपूर को जबरन कार में बिठाकर ले गए। इसके तुरंत बाद कपूर के भतीजे पंकज कपूर को मोनू से फिरौती का फोन आया, जिसे वह जानता था। उसने चाचा को छुड़ाने के लिए पंकज से 35 हजार रुपये मांगे।"
पंकज ने तुरंत पुलिस को सूचित किया और उन्हें फिरौती की कॉल के बारे में बताया।
डीसीपी ने कहा, "हमने कॉल का पता लगाया और कार में मौजूद दो कांस्टेबलों की पहचान स्थापित की। उनमें से एक मुकेश पर दो साल पहले इसी तरह के मामले में मामला दर्ज किया गया था। उसे पकड़ लिया गया था, लेकिन अमित कुमार फरार है। मुकेश के शामिल होने की बात कहने पर शालू को गिरफ्तार किया गया।"
डीसीपी ने कहा कि दोनों कांस्टेबलों की सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। (आईएएनएस)|
बहराइच (उत्तर प्रदेश), 25 दिसम्बर | बहराइच में चकिया वन परिक्षेत्र के पास एक बाघ ने 12 साल की एक बच्ची को मार डाला। जिगनिया गांव के तोताराम चौहान की बेटी अंजनी अन्य ग्रामीणों के साथ बकरियां चराने के लिए जंगल के पास सरयू नहर पर गई थी, तभी बाघ ने उस पर हमला कर दिया और जंगल में खींच ले गया। ग्राम प्रधान रईस खान ने कहा कि मोतीपुर पुलिस और वन विभाग को घटना की सूचना दे दी गई है। वन विभाग के अधिकारियों और पुलिस ने बाद में घटनास्थल से करीब 700 मीटर दूर क्षत-विक्षत शव को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
वन अधिकारी प्रदीप सिंह ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दी जाएगी। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 25 दिसम्बर | लखनऊ की एक अदालत ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की है। शहर के एक वकील नृपेंद्र पांडे ने अपनी अर्जी में कहा था कि भारत जोड़ो यात्र के दौरान राहुल गांधी ने सावरकर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की। न्यायाधीश अंबरीश कुमार श्रीवास्तव ने याचिका को स्वीकार करते हुए इसकी सुनवाई 9 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया।
पांडेय ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने 17 नवंबर को समाज में नफरत फैलाने की मंशा से विनायक दामोदर सावरकर को अंग्रेजों से पेंशन लेने की बात कही थी। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 25 दिसंबर | अकासा एयर रविवार से लखनऊ से अपनी हवाई सेवा शुरू कर रही है। इसने लखनऊ से दो उड़ानें शुरु की है, एक बेंगलुरु के लिए और दूसरी मुंबई के लिए। एयरलाइन के अधिकारियों ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और उन्हें पहला प्रतीकात्मक बोडिर्ंग पास सौंपा।
मुख्यमंत्री ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई उड़ान योजना से यूपी को व्यापक लाभ मिल रहा है। उन्होंने समाज के सबसे निचले तबके के लोगों को भी हवाई यात्रा करने का सपना देखने दिया है। यूपी में हवाई सेवाओं में सुधार इस बात का अहसास है।"
अकासा एयर का प्रतिनिधित्व इसके सीईओ विनय दुबे, सह-संस्थापक नीलू खत्री, सह-संस्थापक प्रवीण अय्यर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि, "मुंबई और बेंगलुरू से जुड़े लखनऊ के साथ वाराणसी को भी इन मार्गों से जोड़ा जाए। अभी प्रदेश में 9 हवाईअड्डे कार्यरत हैं और 75 गंतव्यों को सेवाएं दे रहे हैं। अन्य 10 हवाई अड्डे निमार्णाधीन हैं।"
उन्होंने कहा कि, "उत्तर प्रदेश में जल्द ही पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे होंगे - वाराणसी, कुशीनगर और लखनऊ परिचालन में हैं जबकि जेवर और अयोध्या प्रगति पर हैं।" (आईएएनएस)|
शंभु नाथ चौधरी
रांची, 25 दिसंबर | 2022 का यह गुजरता हुआ साल झारखंड में लव जिहाद की लगभग एक दर्जन घटनाओं का गवाह बना है। साहिबगंज की रेबिका पहाड़िन हत्याकांड से लेकर दुमका की अंकिता सिंह को जिंदा जला डालने और बोकारो में खुद को हिंदू बताकर नाबालिग लड़की से शादी करने पहुंचे असलम खान से लेकर गढ़वा के अफताब अंसारी द्वारा असली नाम-धर्म छिपाकर एक हिंदू लड़की से शादी रचा लेने जैसी घटनाएं यह सवाल उठा रही हैं कि क्या इन सबके पीछे सुनियोजित साजिश है? झारखंड के कई इलाके ऐसे हैं, जहां बांग्लादेशी घुसपैठियों के चलते डेमोग्राफी में आ रहे बदलाव को भी ऐसी घटनाओं की वजह के तौर पर देखा जा रहा है।
साहिबगंज जिले के बोरियो थाना क्षेत्र में बीते 16-17 दिसंबर को आदिम जनजाति की रेबिका पहाड़िन नामक युवती की हत्या के बाद उसके शव के 50 टुकड़े कर डालने की वारदात ने हर किसी को दहलाकर रख दिया। मात्र डेढ़ महीने पहले रेबिका से लव मैरिज करने वाले दिलदार अंसारी ने अपनी मां, मामा और रिश्तेदारों के साथ मिलकर उसे मौत के घाट उतारने और उसे ठिकाने लगाने के लिए दरिंदगी का ऐसा भयावह प्लॉट रचा कि उसकी हड्डियों और मांस के बचे-खुचे टुकड़ों का पोस्टमॉर्टम करते हुए डॉक्टर भी सिहर उठे। रेबिका के पिता और घरवालों का आरोप है कि उसपर धर्म बदलने का दबाव डाला जा रहा था। रेबिका का इनकार करना दिलदार अंसारी और उसके घरवालों को नागवार गुजरा। इस हत्याकांड की जांच शुरू ही हुई थी कि इसी जिले के मिर्जा चौकी थाना इलाके में आदिम जनजाति की एक युवती को ब्लैकमेल कर उसका रेप करने का मामला सामने आया। आरोपी मो. सद्दाम ने युवती के मोबाइल की रिपेयरिंग के नाम पर उसे अपने जाल में फंसाया और उसकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो बना ली। किसी को घटना की जानकारी देने पर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उससे दुष्कर्म किया। घटना की जानकारी किसी को देने पर जान से मारने की धमकी भी दी।
दिसंबर महीने में ही झारखंड के बोकारो में एक प्राइवेट स्कूल की छात्रा का वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते हुए उससे दुष्कर्म करने और इसके बाद वीडियो क्लिप स्कूल की ईमेल आईडी पर भेजने वाले मोहम्मद जियाउल नामक एक युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इसके पहले बोकारो में ही बीते सात दिसंबर को लव जिहाद का एक और मामला सामने आया था। असलम खान नामक एक शख्स खुद को हिंदू बताते हुए एक गरीब परिवार को बरगलाकर उसकी नाबालिग लड़की से शादी करने पहुंचा था, लेकिन वरमाला के बाद मंडप पर बैठने के पहले उसकी असली पहचान सामने आ गई। फिर लोगों ने उसकी जमकर फजीहत की। उसकी पिटाई भी हुई। उसे पुलिस को सौंपने की तैयारी हो रही थी, लेकिन वह अपनी स्कॉर्पियो से भाग खड़ा हुआ।
बीते 23 अगस्त को दुमका नगर थानाक्षेत्र में शाहरुख और नईम ने 12वीं की छात्रा अंकिता सिंह पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी थी। अपने जख्मों के साथ हॉस्पिटल में पांच दिनों तक संघर्ष के बाद अंकिता ने दम तोड़ दिया था। अंकिता का कसूर सिर्फ यह था कि शाहरुख उसपर बातचीत और दोस्ती का दबाव डालता था, लेकिन उसने इससे इनकार कर दिया था। दुमका जिले में बीते दो सितंबर को लव जिहाद की एक और भयावह वारदात सामने आई थी। दिग्घी ओपी क्षेत्र के श्रीअमड़ा में एक नाबालिग लड़की से रेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई और इसके बाद उसकी लाश एक पेड़ से लटका दी गई। आरोपी अरमान नामक युवक शादी का झांसा देकर कई महीनों से उसका यौन शोषण कर रहा था। सितंबर महीने में खूंटी जिले के कर्रा थाना क्षेत्र में आदिवासी समुदाय की नाबालिग लड़की के यौन शोषण के आरोप में फखरुद्दीन नामक शख्स को गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि आरोपी लड़की को झांसा देकर उसका यौन शोषण कर रहा था। लड़की के अनुसार मोबाइल चैटिंग के जरिए युवक से बातचीत शुरू हुई थी। प्यार-मोहब्बत का वास्ता देकर लड़के ने यौन शोषण किया। युवक ने खुद को हिंदू बताकर उससे दोस्ती की थी। इसी महीने लोहरदगा में भी एक घटना सामने आई। रब्बानी अंसारी ने पहचान छिपाकर एक लड़की का यौन शोषण किया। बाद में रब्बानी की पहचान सामने आई तो उसने लड़की को कुएं में धकेलकर पत्थर से कुचलने की कोशिश की थी। बाद में पुलिस ने रब्बानी अंसारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा।
सितंबर महीने में गढ़वा जिला अंतर्गत मेराल थाने में यूपी के सोनभद्र की रहनेवाली हिंदू युवती ने आफताब अंसारी नामक शख्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। युवती का आरोप है कि उसने खुद को पुष्पेंद्र सिंह बताकर उससे शादी की। युवती को चार साल बाद अपने पति के असली नाम और धर्म की जानकारी तब हुई, जब वह पहली बार उसके घर आई। बीते नवंबर महीने में सिमडेगा के बानो प्रखंड की एक नाबालिग आदिवासी लड़की को बरगलाकर उसका रेप करने और साजिशपूर्वक उसे मार डालने के आरोप मे चांद अंसारी नामक युवक को गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह अगस्त महीने में रांची के नरकोपी थाना क्षेत्र में एक जनजातीय नाबालिग लड़की से रेप के आरोप में शहरुद्दीन नामक शख्स को गिरफ्तार किया गया था। मार्च महीने में बोकारो जिले के पेटरवार में एक दलित नाबालिग युवती के साथ दुष्कर्म के मामले में इरफान और सलमान नामक दो युवकों की गिरफ्तारी हुई थी।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ऐसी घटनाओं को लव जिहाद की सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताते हैं। उनका कहना है कि राज्य सरकार की तुष्टिकरण की नीतियों के चलते ऐसे ज्यादातर मामलों में कार्रवाई नहीं होती। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे भी ऐसी घटनाओं को लेकर मुखर रहे हैं। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाल में ऐसी घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि क्या यूपी, एमपी और दिल्ली में ऐसी घटनाएं नहीं हो रहीं? हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा था कि अपराध की ऐसी जघन्य घटनाओं पर सरकार का रुख हमेशा सख्त रहा है। समाज के सभी वर्ग के लोगों के सहयोग से ही ऐसी घटनाएं रुकेंगी।
बहरहाल, लव जिहाद जैसी घटनाओं पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप को छोड़ दें, तो भी यह सच है कि बांग्लादेश की सीमा से करीब स्थित झारखंड के पांच जिलों की डेमोग्राफी तेजी से बदली है। पिछले तीन दशकों में बांग्लादेश से लाखों की तादाद में घुसपैठिए साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, गोड्डा और जामताड़ा जिलों के अलग-अलग इलाकों में आकर बस गये हैं। इन इलाकों में हो रहे जनसांख्यिकीय बदलाव को लेकर सरकारी विभागों ने केंद्र और राज्य सरकारों को समय-समय पर कई बार रिपोर्ट मिली है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर 1994 में साहिबगंज जिले में 17 हजार से अधिक बांग्लादेशियों की पहचान हुई थी। इन बांग्लादेशियों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए थे, मगर इन्हें वापस नहीं भेजा जा सका। आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि बांग्लादेश के करीब स्थित झारखंड के जिलों में मुस्लिम आबादी अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। मसलन, पाकुड़ में 2001 में मुस्लिम आबादी 33.11 प्रतिशत थी जो 2011 में 35.87 प्रतिशत हो गई।
वर्ष 2018 में झारखंड की पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में गृह विभाग ने बांग्लादेशी घुसपैठियों की वजह से इलाके की बदली हुई डेमोग्राफी के मद्देनजर पूरे राज्य में एनआरसी (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप) लागू कराने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। खुफिया एजेंसियों ने भी समय-समय पर सरकारों को ऐसी रिपोर्ट भेजी है, जिनमें बांग्लादेशियों के घुसपैठ के तौर-तरीकों के बारे में विस्तृत ब्योरा दर्ज है। गृह विभाग को भेजी ऐसी ही एक रिपोर्ट में बताया गया है कि संथाल परगना के साहिबगंज व पाकुड़ में चिह्न्ति अवैध प्रवासियों ने वोटर आईडी, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस तक बनवाए हैं। इन इलाकों में जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश व पापुलर फ्रंट आफ इंडिया और अंसार उल बांग्ला जैसे प्रतिबंधित संगठनों की पकड़ बढ़ रही है। ऐसे कई उदाहरण हैं कि बांग्लादेश से आये लोगों ने स्थानीय महिलाओं से शादी कर ली और यहीं बस गये। (आईएएनएस)|
लखनऊ, 25 दिसंबर | राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) प्रमुख जयंत चौधरी ने इस महीने की शुरूआत में खतौली उपचुनाव जीतने के बाद कहा था, हम पहले आठ थे और अब नौ हो गए हैं। यह भाग्यशाली है! रालोद धीरे-धीरे यूपी की राजनीति के केंद्र की ओर बढ़ रहा है।
पार्टी ने मार्च में हुए विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में आठ विधानसभा सीटें जीती थीं और अब उसने अपनी झोली में एक और सीट जोड़ ली है।
सूत्रों की मानें, तो साल 2023 में पश्चिमी यूपी में रालोद की ओर से एक और बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
जयंत चौधरी किसानों खासकर जाटों को अपने पक्ष में करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
एक स्थानीय किसान अरविंद त्यागी ने कहा, मई 2021 में जब से उनके पिता चौधरी अजीत सिंह का निधन हुआ है, तब से जयंत एक पल के लिए भी नहीं रुके हैं। वह महामारी के दौरान भी गांवों का दौरा कर रहे हैं, किसानों के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन के दौरान, उन्होंने उनके प्रति अपनी वफादारी साबित की और आज, उन्होंने अपने समुदाय और मतदाताओं के बीच सम्मान अर्जित किया है।
उन्होंने कहा कि जयंत की यूएसपी यह है कि राजनेता होने के बावजूद वह लोगों की बात सुनना चाहते हैं। त्यागी ने कहा, आम तौर पर राजनेता उपदेश देते हैं और चले जाते हैं, लेकिन जयंत एक अच्छे श्रोता हैं और लोगों के साथ बातचीत करना पसंद करते हैं।
पार्टी नेताओं को लग रहा है कि रालोद अब राज्य में मजबूत स्थिति में है।
रालोद के प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा, हम अपने आधार का विस्तार करने के लिए काम कर रहे हैं और हर कोई इस दिशा में काम कर रहा है।
पार्टी मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी अपने पैर फैलाने की योजना बना रही है।
जयंत चौधरी ने रामाशीष राय को प्रदेश पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया है। वह भूमिहार जाति से ताल्लुक रखते हैं और बीजेपी के पूर्व नेता हैं। वह अपने संगठनात्मक कौशल के लिए जाने जाते हैं।
रालोद प्रमुख इस तथ्य से भी अवगत हैं कि उनकी पार्टी को अपने दम पर हड़ताल करने से पहले एक बड़े राजनीतिक संगठन के समर्थन की आवश्यकता है।
उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखा है और अखिलेश और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर के बीच संबंध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, हम छोटे लेकिन निश्चित कदम उठा रहे हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो हम 2024 के चुनावों के बाद लोकसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे।
रालोद के पक्ष में काम करने वाला एक और प्रमुख कारक यह है कि इसका कोई भी नेता विवादों में नहीं पड़ता है। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 25 दिसंबर | भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 98वीं जन्म जयंती है। वहीं आज ही के दिन पं मदन मोहन मालवीय की भी जयंती देश में मनाई जा रही है। इस मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दोनों को नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। बता दें कि मोदी सरकार अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को हर साल सुशासन दिवस के तौर पर भी मनाती है। अमित शाह सुबह दिल्ली में अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि सदैव अटल पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। शाह ने इस मौके पर ट्वीट करते हुए कहा कि भारतीय राजनीति के शिखर स्तंभ अटल बिहारी वाजपेयी का जीवन देश को पुन: परम वैभव पर ले जाने में समर्पित रहा। उन्होंने विकास व सुशासन के नये युग की नींव रख अपने नेतृत्व से दुनिया को भारत के सामथ्र्य से परिचित कराया और जनता में राष्ट्रगौरव का भाव जगाया। आज उनकी जयंती पर उन्हें कोटिश: नमन।
वहीं दूसरी तरह आज ही पं मदन मोहन मालवीय की भी जयंती है। अमित शाह ने उन्हें भी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सनातन संस्कृति के संरक्षक व संवर्धक पं मदन मोहन मालवीय की जयंती पर उन्हें नमन। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के माध्यम से उन्होंने आधुनिक शिक्षा पद्धति को सनातन परंपराओं के साथ जोड़ने का भगीरथ कार्य किया। उनके विचार चिरकाल तक देश का मार्गदर्शन करते रहेंगे। (आईएएनएस)|
कायद नजमी
मुंबई, 25 दिसम्बर | देश-विदेश के कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित, बैंकिंग क्षेत्र की कभी चमकदार शख्सियत रहीं आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा डी. कोचर का सफर अर्श से फर्श तक पहुंचने का रहा। गौरतलब है कि कोचर को उनके पति दीपक कोचर के साथ ऋण धोखाधड़ी मामले में शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया था।
सात साल पहले 3,250 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी के मामले में कें्र दीय जांच ब्यूरो द्वारा कोचर दंपति के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसमें वीडियोकॉन समूह भी शामिल था।
सीबीआई ने चंदा कोचर पर 2009-2011 के बीच उद्योगपति वेणुगोपाल एन. धूत के वीडियोकॉन समूह को अवैध रूप से ऋण स्वीकृत करने का आरोप लगाया है।
सीबीआई ने इससे पहले 2019 में वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड, सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों के अलावा कोचर दंपति और धूत पर केस दर्ज किया था।
सीबीआई ने दावा किया कि वीडियोकॉन समूह को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये का ऋण मिलने के बाद धूत ने कथित तौर पर 64 करोड़ रुपये न्यू पावर रिन्यूएबल्स में स्थानांतरित कर दिए, जहां दीपक कोचर की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि कोचर के कारण आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप और अन्य को बैंक की नीतियों के खिलाफ ऋण स्वीकृत किया और बाद में इन्हें गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) घोषित कर दिया गया, जिससे बैंक को नुकसान हुआ और कर्ज लेने वालों को लाभ पहुंचा। जांच के बाद सीबीआई ने इसे धोखाधड़ी करार दिया।
बैंकिंग सूत्रों का कहना है कि आईसीआईसीआई बैंक ने चंदा के नेतृत्व के दौरान अधिकतम एनपीए की सूचना दी। आरटीआई के तहत पुणे के व्यवसायी प्रफुल्ल शारदा द्वारा मांगी गई जानकारी के मुताबिक 2021 तक यह लगभग 200,000 करोड़ रुपये हो गया था।
पिछले हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद को सूचित किया कि आईसीआईसीआई बैंक ने 42,164 करोड़ रुपये के ऋण को बट्टे खाते में डाल दिया है।
2018 की शुरुआत में चंदा छुट्टी पर चली गईं और फिर सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया, जिसे आईसीआईसीआई बैंक ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद कुछ अनियमितताएं सामने आईं।
शिकायतों और मीडिया खुलासों के बाद आईसीआईसीआई बैंक ने अप्रैल 2009 से मार्च 2018 तक चंदा के खिलाफ सभी आरोपों की जांच के लिए जून 2018 में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बी.एन. श्रीकृष्ण की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की।
रिपोर्ट में कोचेर को आईसीआईसीआई बैंक की आचार संहिता का उल्लंघन करने और बैंक की जरूरतों से उचित तरीके से न निपटने की बात कही गई।
इस रिपोर्ट के बाद आईसीआईसीआई बैंक ने चंदा के खिलाफ कार्रवाई का फैसला किया और बैंक से उनकी सेवानिवृत्ति को बर्खास्तगी घोषित कर बैंक से मिलने वाले सभी लाभों से वंचित कर दिया।
इससे आहत चंदा ने न केवल न्यायमूर्ति श्रीकृष्ण की रिपोर्ट पर सवाल उठाया बल्कि आईसीआईसीआई बैंक द्वारा बंबई उच्च न्यायालय और बाद में सर्वोच्च न्यायालय में उनकी बर्खास्तगी को चुनौती दी, लेकिन उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा।
इस फैसले के बाद जोधपुर में जन्मी और मुंबई में पढ़ी-लिखी भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की कभी चर्चित शख्सियत रहीं कोचर की प्रतिष्ठा पर गहरा धब्बा लग गया। वह 1984 में एक प्रशिक्षु के रूप में आईसीआईसीआई बैंक में शामिल हुईं और 2001 में कार्यकारी निदेशक बनीं।
चंदा ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किए। उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
सीबीआई द्वारा चंदा की गिरफ्तारी उनके शानदार बैंकिंग करियर का त्रासदपूर्ण अंत है। (आईएएनएस)|
सैय्यद मोजिज इमाम जैदी
नई दिल्ली, 25 दिसंबर | संसद के हाल ही में समाप्त हुए शीतकालीन सत्र में विपक्ष तमाम कोशिशों के बावजूद सरकार को चीनी अतिक्रमण के मुद्दे पर चर्चा के लिए राजी नहीं कर सका।
लोकसभा में नियमित स्थगन नोटिस को अध्यक्ष ने खारिज कर दिया और राज्यसभा में कार्य के निलंबन को भी अध्यक्ष ने स्वीकार नहीं किया। कांग्रेस सरकार को 'बेनकाब' करने के लिए इस मुद्दे पर चर्चा के लिए जोर दे रही है लेकिन सब व्यर्थ रहा।
इस बार उच्च सदन में नए सभापति के साथ विपक्ष कुछ मौकों को छोड़कर स्थगन के लिए दबाव नहीं डाल सका। इसी तरह का पैटर्न निचले सदन में भी दोहराया गया।
यह पहली बार नहीं है, लेकिन पूरे सत्र के दौरान विपक्ष कुछ मौकों को छोड़कर किसी भी मामले पर चर्चा शुरू करने के लिए सरकार पर दबाव नहीं बना सका। विपक्ष ने मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार को समझाने की कोशिश की लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
साल में कई बार विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए संयुक्त रणनीति अपनाई लेकिन अंत में ऐसा नहीं हो पाया। शशि थरूर ने शुक्रवार को कहा कि, बेरोजगारी, महंगाई जैसे कई अहम मुद्दों पर सदन में चर्चा नहीं हो सकी.. शीतकालीन सत्र छोटा कर दिया गया।
हालांकि शीतकालीन सत्र विवाद का नया कारण बन गया, क्योंकि विपक्ष अब आरोप लगा रहा है कि सरकार ने सत्र को छोटा कर दिया और इसे देर से शुरू किया गया, लेकिन सरकार ने कहा कि यह सर्वसम्मति के साथ किया गया था।
जबकि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, विपक्ष नकारात्मक आचरण प्रदर्शित कर रहा है।
सरकार ने उत्पादकता पर जोर दिया कि संसद अधिक काम कर रही है। विपक्ष ने जोर देकर कहा कि सरकारी काम उत्पादकता नहीं बल्कि लोगों के मुद्दों पर चर्चा करना उत्पादकता है।
मंत्री ने बताया कि सरकार और अध्यक्ष ने शुक्रवार को उत्पादकता को एक उपलब्धि के रूप में सूचीबद्ध किया। राज्यसभा की उत्पादकता 103 प्रतिशत थी, जबकि लोकसभा के लिए यह 97 प्रतिशत थी। सत्र के दौरान 17 दिनों की अवधि में 13 बैठकें हुईं।
शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर को शुरू हुआ और 23 दिसंबर, 2022 को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
जोशी ने आगे बताया कि सत्र के दौरान लोकसभा में नौ विधेयक पेश किए गए और सात विधेयक पारित किए गए।
राज्यसभा ने नौ विधेयक पारित किए। सत्र के दौरान दोनों सदनों द्वारा पारित कुल विधेयकों की संख्या नौ थी।
संसद का मानसून सत्र भी अपने निर्धारित समापन से चार दिन पहले समाप्त हो गया, लोकसभा और राज्यसभा दोनों को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। सत्र, जो 18 जुलाई को शुरू हुआ था, 12 अगस्त तक चलने वाला था, लेकिन 8 अगस्त को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने 17वीं लोकसभा के नौवें सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले कहा था कि सदन की बैठक 16 दिनों तक चली जिसमें सात विधेयक पारित हुए।
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने उच्च सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था, सत्र के दौरान कांग्रेस ईडी के खिलाफ लड़ रही थी।
कांग्रेस के मुख्य सचेतक के रूप में, जयराम रमेश ने कहा, परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, यह सही समय है कि दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारी विचार-विमर्श करें और सुनिश्चित करें कि इस तरह सांसदों के अपमान की पुनरावृत्ति नहीं हो।
लोकसभा में बजट सत्र की कार्यवाही निर्धारित समय से एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
सत्र में किए गए कार्यों के बारे में सदस्यों को जानकारी देते हुए अध्यक्ष ने कहा कि 17वीं लोकसभा के आठवें सत्र की कुल उत्पादकता 129 प्रतिशत रही। उन्होंने आगे कहा कि सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ और कुल 27 बैठकें हुई जो करीब 177 घंटे 50 मिनट तक चलीं। (आईएएनएस)|
हैदराबाद, 25 दिसंबर | वयोवृद्ध तेलुगु अभिनेता 78 वार्षीय तम्मारेड्डी चलपति राव का रविवार को हृदय गति रुकने से निधन हो गया। बंजारा हिल्स, एमएलए कॉलोनी स्थित अपने बेटे रवि बाबू के आवास पर तड़के उन्हें दिल का दौरा पड़ा।
अपनी कॉमिक और खलनायक भूमिकाओं के लिए जाने जाने वाले, उन्होंने पांच दशक से अधिक के करियर में शीर्ष सितारों की तीन पीढ़ियों के साथ अभिनय किया। उनके परिवार में दो बेटियां और एक बेटा है। रवि बाबू एक अभिनेता और फिल्म निर्माता हैं।
चलपति राव का निधन तीन दिनों में टॉलीवुड के लिए दूसरी बड़ी क्षति है। दिग्गज अभिनेता कैकला सत्यनारायण का 23 दिसंबर को निधन हो गया था और इससे पहले कि फिल्म उद्योग सदमे से उबर पाता, चलपति राव की मौत की खबर ने सबको उदास कर दिया।
चलपति राव के परिवार ने कहा कि अमेरिका से उनकी बेटी के आने के बाद 28 दिसंबर को अंतिम संस्कार किया जाएगा। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 25 दिसंबर | ट्विटर के सीईओ एलन मस्क ने इस बात से इनकार किया है कि माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने अपने उपयोगकर्ताओं के लिए आत्महत्या रोकथाम सुविधा वाले टूल को हटा दिया। मीडिया रिपोर्ट्स में पहले दावा किया गया था कि, ट्विटर ने आत्महत्या रोकथाम हॉटलाइन और अन्य सुरक्षा संसाधनों की सुविधा को हटा दिया है।
नए ट्विटर मालिक ने एक ट्वीट में कहा, "झूठ, यह अभी भी है।"
रिपोर्ट में ट्विटर के अधिकारियों के हवाले से दावा किया गया है कि इस फीचर को हटा दिया गया है और इसे नया रूप दिया जा रहा है।
मस्क ने एक यूजर को जवाब देते हुए कहा, "ट्विटर सुसाइड नहीं रोकता।"
उन्होंने कहा, "संदेश वास्तव में अभी भी बना हुआ है। यह फर्जी खबर है।"
मस्क के एक अन्य फॉलोअर ने पोस्ट किया, "फेक न्यूज और इसके प्रकाशकों को भी निश्चित समय के लिए ट्विटर पर ब्लॉक कर देना चाहिए।" (आईएएनएस)|
कायद नजमी
मुंबई, 25 दिसंबर | जब महाराष्ट्र में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार अपने कार्यकाल के आधे रास्ते पर आराम से चल रही थी, जून में एक झटके और विस्मयकारी विद्रोह ने इसे मुश्किल से आधे महीने के भीतर ही बेदखल कर दिया।
राज्य की राजनीति के लिए सबसे बड़े 'तख्तापलट' में, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में एक विद्रोही शिवसेना समूह का उदय हुआ, जिसने बाद में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी 'ऑटोरिक्शा' सरकार को हटाने के लिए तत्कालीन विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हाथ मिलाया।
एमवीए और सेना (यूबीटी) ने कई कानूनी चुनौतियों के साथ नई व्यवस्था पर पलटवार किया, जो सुप्रीम कोर्ट के सामने लंबित हैं।
वर्तमान संकेतकों के अनुसार, अदालती मामला लंबे समय तक खिंच सकता है, लेकिन अगर फैसला बीएसएस-बीजेपी के खिलाफ जाता है, तो यह राष्ट्रपति शासन के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकता है, जिसके बाद राज्य में मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं।
किसी भी संभावित परि²श्य में, बीएसएस-बीजेपी को जनता के बीच अपदस्थ एमवीए को मिलने वाली व्यापक सहानुभूति की तुलना में अपनी विश्वसनीयता स्थापित करने की आवश्यकता होगी, जो किसी भी चुनाव के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, विशेष रूप से मुंबई सहित कई प्रमुख निगमों के आगामी निकाय चुनावों के लिए।
लटकी हुई कानूनी तलवार के अलावा, शिंदे-फडणवीस सरकार को उस समय बड़ा झटका लगा जब कई बड़ी औद्योगिक परियोजनाएं अचानक राज्य छोड़कर गुजरात और कुछ अन्य राज्यों में चली गईं।
शिंदे-फडणवीस की ओर से अब तक कुछ 'अप्रभावी' वादे सामने आए हैं, जिन्हें 'प्रमुख उपलब्धियों' के रूप में पेश किया जा रहा है, लेकिन कुछ लोग इससे बच रहे हैं, जो चुनाव में विनाशकारी साबित होता हुआ देखा जा सकता है।
नवंबर के आसपास, लंबे समय से चल रहा महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा का मुद्दा क्षेत्रीय, राजनीतिक और भावनात्मक रूप से अचानक केंद्र में आ गया, लेकिन यहां लगता है महाराष्ट्र बैकफुट पर चला गया है।
इसके विपरीत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की निगाहें अपने राज्य में अगले विधानसभा चुनाव पर टिकी हुई हैं।
सौभाग्य से दोनों राज्यों के लिए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मुद्दे पर हस्तक्षेप किया और दोनों पक्षों से कहा कि वे संयम बनाए रखें, एक-दूसरे पर बड़े-बड़े दावे न करें या उच्चतम न्यायालय के फैसले तक माहौल को खराब न करें।
अप्रैल-मई में देखा गया कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने राज्य में मस्जिदों से लाउडस्पीकरों के जरिए 'अजान' को चुनौती देकर हनुमान चालीसा गाने की बात कह कर एक नए विवाद को जन्म दे दिया।
हालांकि आंदोलन की सफलता का दावा करने और शिंदे-फडणवीस की पीठ थपथपाने के बावजूद, राज ठाकरे अभी भी एक दर्जन से अधिक बड़े नगर निकायों के आगामी चुनावों के लिए बीएसएस-बीजेपी के साथ सीधे गठबंधन से कतरा रहे हैं।
एमवीए के पतन के बाद, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत शिंदे-फडणवीस सरकार के खिलाफ अपने सबसे जोरदार मुखर प्रदर्शन पर थे, और आखिरकार उन्होंने 1 अगस्त को एक कथित जमीन घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के रूप में इसकी कीमत चुकाई।
110 दिन जेल में बिताने के बाद राउत को नवंबर में जमानत मिल गई और एक अलग पार्टी के नाम, चुनाव चिन्ह और बची खुची सेना के साथ एक बदले हुए राजनीतिक परि²श्य में धीरे-धीरे अपनी आवाज फिर से हासिल कर रहे हैं।
नवंबर में, पालघर की एक महिला श्रद्धा वॉल्कर की उसके लिव-इन पार्टनर, आफताब पूनावाला द्वारा निर्मम हत्या से राज्य और राष्ट्र स्तब्ध था। यह मामला ठीक 10 साल पहले एक कॉपोर्रेट कार्यकारी शीना बोरा की क्रूर हत्या की तरह था।
'लव-जिहाद' के कानून को लागू करने के लिए यहां शोर मच गया और राज्य ने 'अंतर-धार्मिक' विवाहों की जांच करने और लड़कियों को फंसाने में मदद करने के लिए एक पैनल नियुक्त कर पहला कदम उठाया।
साल के अंत में, छत्रपति शिवाजी महाराज और अन्य आइकन पर राज्य के राज्यपाल के बयानों के कारण एक नया कोलाहल हुआ, विशेष रूप से कई भाजपा नेताओं ने भी इसी तरह के बयान दिए।
अधिकांश पार्टियां अब राज्यपाल को फिर से हटाने की मांग कर रही है। साथ ही, भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है, जिन पर दिग्गज हस्तियों को बदनाम करने का आरोप है।
2022 में उथल-पुथल के बाद, जनता को उम्मीद है कि मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, महिला सुरक्षा और किसानों के संकट जैसे वास्तविक मुद्दे 2023 में राजनीतिक दलों की प्राथमिकताओं पर वापस आ जाएंगे। (आईएएनएस)|
नेपाल, 24 दिसंबर । नेपाल के सुप्रीम कोर्ट की ओर से रिहाई के आदेश के बाद फ़्रांस के सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज जेल से बाहर आ गए हैं. इस बीच 'इंडियन एक्सप्रेस' ने एक इंटरव्यू प्रकाशित किया है. इंटरव्यू 2016 में लिया गया था.
इस इंटरव्यू में उन्होंने 2003 में नेपाल के एक कैसीनो से अपनी गिरफ्तारी के बारे में बात की और उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अज़हर के साथ अपनी मुलाकातों का ज़िक्र किया.
शोभराज ने कहा कि साल 2000 से 2003 के बीच उन्होंने पाकिस्तान की कई यात्राएं कीं और मसूद से मुलाकात की थी.
चार्ल्स शोभराज ने बताया, "देखिये, आप इसके बारे में पहले से ही जानती हैं... इंडियन एयरलाइंस अपहरण की घटना (1999 में) के बाद जब मसूद अज़हर की रिहाई हुई तो 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने उस समय भारत सरकार से मेरी भूमिका का ज़िक्र किया था."
शोभराज ने उस इंटरव्यू में बताया था, ''जसवंत सिंह (उस वक्त विदेश मंत्री) मेरे सीधे संपर्क में थे. सबसे पहले उन्होंने पेरिस में मुझसे मिलने के लिए एक दूत भेजा. इस मुलाकात और जसवंत सिंह से बातचीत के बाद मैंने मसूद की पार्टी हरकत उल अंसार के लोगों से संपर्क किया."
इंटरव्यू में शोभराज आगे कहते हैं, ''बेशक, उन्होंने यात्रियों को छोड़ने से इनकार कर दिया, लेकिन मैं उनसे ये वादा करवाने में सफल रहा कि 11 दिनों तक वे यात्रियों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. लेकिन इसके बाद वे उनकी हत्या कर देंगे."
उन्होंने कहा, ''मैंने जसवंत सिंह को फोन किया और कहा मेरी राय में 11 दिनों तक तो यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. इसलिए भारत के पास बातचीत के लिए 11 दिन हैं. दरअसल प्लेन कंधार में था और भारत सरकार के पास यात्रियों को बचाने के लिए मसूद अजहर की रिहाई के अलावा कोई चारा नहीं था."
उन्होंने आगे बताया, ''जसवंत सिंह को रिपोर्ट करने के कुछ दिनों बाद उन लोगों ने मुझे फोन किया और कहा कि वे मसूद के साथ बैठे हैं. उन्होंने मुझसे कहा कि मैं मसूद से बात करूं और उनसे कहूं के वे अपने लोगों को पैसेंजर्स को छोड़ने के लिए कहें. मैंने सीधा मना कर दिया."
''मैंने कहा कि मसूद नहीं मानेगा. इसके साथ ही मुझे ये भी लगता है कि 11 दिनों के बाद वे यात्रियों को मारना शुरू कर देंगे.'
शोभराज ने कहा, ''ये लोगों को पता नहीं है कि उस कॉल के बाद मेरी जसवंत सिंह से लंबी बातचीत हुई. मैंने उन्हें दूसरा उपाय सुझाया. इसके मुताबिक भारत सरकार आधिकारिक तौर पर पर ये वादा करे और संसद से सहमति ले कि मसूद को छह महीने में रिहा कर दिया जाए. मैं इस शर्त पर हरकत उल अंसार से बातचीत की पूरी कोशिश करूंगा. जसवंत सिंह ने कहा कि वो कैबिनेट से इस बारे में मशविरा करेंगे. लेकिन आखिर में उन्होंने मसूद को छोड़ने का विकल्प चुना. आप इस बात की पुष्टि के लिए जसवंत सिंह से पूछ सकते हैं.''
"मुझे अभी भी ये लगता है कि अगर सरकार ने उसे छह महीने मे रिहा करने वाला विकल्प मान लिया होता तो शायद मैंने हरकत उल अंसार को इसे मानने के लिए राज़ी कर लिया होता."
शोभराज ने उस इंटरव्यू में कहा था कि 2000 से 2003 के बीच वो कई बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुके थे. इस दौरान उनकी मुलाकात मसूद से हो चुकी थी.
शोभराज ने ये इंटरव्यू 15 अगस्त 2016 को ई-मेल के जरिये दिया था. इंटरव्यू इंडियन एक्सप्रेस की पत्रकार ऋतु सरीन ने लिया था. उस वक्त तक शोभराज को लगने लगा था कि उनकी रिहाई होने ही वाली है.
हालांकि उन्होंने ये शर्त रखी थी कि ये इंटरव्यू उनके काठमांडू जेल से रिहा होन के बाद प्रकाशित किया जाए. लेकिन इसके बाद भी उनकी रिहाई टलती ही रही. 2017 में उनकी हार्ट सर्जरी हुई थी और उसके बाद कोविड का दौर आ गया. (bbc.com/hindi)
चीन में कोविड की ताजा लहर के बीच बुखार की दवाओं की कमी हो गई है और ऐसे में चीन भारत की तरफ देख रहा है. भारत सरकार ने कहा है कि भारत दुनिया की फार्मेसी है और उसने हमेशा दूसरे देशों की मदद की है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
चीन ने जब हाल ही में कोविड-19 की रोकथाम से जुड़े कड़े प्रतिबंधों में ढील दी तो उसके बाद देश में बुखार की दवाओं और जांच किट की मांग में अचानक उछाल आ गया. इसकी वजह से दुकानों ने ग्राहकों द्वारा खरीद पर सीमाएं लगा दीं. दवा बनाने वाली कंपनियों ने उत्पादन भी बढ़ा दिया, लेकिन अभी भी मांग और आपूर्ति के बीच काफी अंतर है.
इस बीच खबरें आ रही हैं कि चीन में दवाओं के आयातक मदद के लिए भारत की तरफ देख रहे हैं. दुनिया में दवाएं बनाने वाले सबसे बड़े देशों में से एक होने के नाते भारत भी मदद के लिए तैयार नजर आ रहा है.
भारत से दवाओं का निर्यात करने वाली एक संस्था के अध्यक्ष ने कहा है कि भारत बुखार की दवाओं के निर्यात को बढ़ाने के लिए तैयार है.
मदद के लिए तैयार भारत
फार्मास्यूटिकल्स एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (फार्मेक्सिल) के अध्यक्ष साहिल मुंजाल ने रॉयटर्स को बताया, "दवा बनाने वाली कंपनियों के पास मार्केटिंग से जुड़े सवाल आ रहे हैं और इबुप्रोफेन और पैरासिटामोल के दाम मंगाए जा रहे हैं."
मुंजाल ने यह भी बताया, "चीन में इस समय इबुप्रोफेन और पैरासिटामोल की कमी हो गई है, उनकी मांग बढ़ गई है." नई दिल्ली में चीन के दूतावास ने इस बारे में ईमेल के जरिए किए गए टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया था."
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि देश चीन की मदद करने के लिए तैयार है. मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पत्रकारों को बताया, "हम चीन में कोविड की स्थिति पर नजर रख रहे हैं. दुनिया की फार्मेसी होने के नाते हमने हमेशा दूसरे देशों की मदद की है."
फार्मेक्सिल की ताजा वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने 2021/22 में जितना सामान निर्यात किया उसमें चीन को निर्यात की गई दवाओं की हिस्सेदारी सिर्फ 1.4 प्रतिशत थी. पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 की एक और लहर की आशंका की वजह से भारतीय दवा कंपनियों के शेयरों के दाम बढ़ गए हैं.
भारत में कोविड को लेकर चिंताएं
इस बीच चीन में कोविड की स्थिति को लेकर भारत में एकसंभावित नई लहरसे लड़ने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. भारत आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की हवाई अड्डे पर ही रैंडम टेस्टिंग की जा रही है. सरकार ने एक बार फिर मास्क पहनने और भीड़ भाड़ वाली जगहों से बचने जैसे कदमों को अपनाने की सलाह दी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि अगले सप्ताह पूरे देश में कई अस्पतालों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा, जिसमें अस्पतालों की तैयारी की समीक्षा की जाएगी. इस बीच एक नई वैक्सीन को भी स्वीकृति दे दी है.
भारत बायोटेक की इस वैक्सीन की बूंदों को नाक के जरिए लिया जा सकेगा. यह निजी अस्पतालों में उपलब्ध होगी लेकिन इसे लेने के लिए कोविन पर बुकिंग की जा सकेगी.
(रॉयटर्स से जानकारी के साथ)
भारत सरकार ने संसद में कहा है कि सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों से भी राम सेतु के होने के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं. सालों से राम सेतु के अस्तित्व पर चल रहे विवाद के बीच सरकार के इस बयान को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट-
एक मौखिक सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने राज्य सभा में कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच जहां राम सेतु के होने की बात की जाती है वहां के सैटेलाइट चित्रों के आधार पर सटीक रूप से यह कह पाना मुश्किल है कि वहां किस तरह का ढांचा था.
सिंह ने राज्य सभा को बताया कि इन चित्रों में उस इलाके में कुछ द्वीप और चूने के पत्थर के ढेर तो नजर आते हैं लेकिन इन्हें सटीक रूप से किसी पुल के अवशेष नहीं कहा जा सकता. सवाल बीजपी के संसद कार्तिकेय शर्मा ने पूछा था. शर्मा जानना चाह रहे थे कि क्या सरकार भारत के प्राचीन इतिहास के वैज्ञानिक आकलन की कोई कोशिश कर रही है या नहीं.
जवाब में सिंह ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार का अंतरिक्ष विभाग इन कोशिशों में लगा हुआ है, लेकिन जहां तक राम सेतु का सवाल है "उसकी खोज करने में हमारी कुछ सीमाएं हैं क्योंकि उसका इतिहास 18,000 साल से भी ज्यादा पुराना है."
मंत्री ने यह भी कहा कि सैटेलाइट चित्रों में नजर आता है कि जो ढांचा वहां है उसमें "थोड़ी निरंतरता जरूर है जिससे कुछ अंदाजा लगाया जा सकता है...कुछ न कुछ संकेत तो हैं, वो चाहे प्रत्यक्ष हों या परोक्ष हों, कि वहां वो ढांचे तो थे."
क्या है राम सेतु
राम सेतु दरअसल भारत और श्रीलंका के बीच एडम्स ब्रिज या आदम के सेतु नाम की चूने के पत्थरों की एक श्रृंखला है. यह एक प्राकृतिक ढांचा है और भूवैज्ञानिक सबूतों के आधार पर यह माना जाता है कि यहां कभी भारत और श्रीलंका को जोड़ता जमीन का एक टुकड़ा रहा होगा, जिसके ये अवशेष हैं.
यह ढांचा करीब 50 किलोमीटर लंबा है और यहां पानी की गहराई भी इतनी कम है कि जहाजों को यहां से गुजरने में दिक्कत होती है. कई दशकों से विचाराधीन सेतुसमुद्रम परियोजना की वजह से राम सेतु पर बहस छिड़ी हुई है.
इस परियोजना का उद्देश्य भारत के पूर्वी और पश्चिमी तटों के बीच एक नौपरिवहन मार्ग बनाना है जो भारत और श्रीलंका के बीच समुद्र से होकर गुजरेगा. अभी वहां पानी छिछला होने और आदम के सेतु के होने की वजह से जहाज उस इलाके से गुजर नहीं पाते हैं.
भारत के दोनों तटों के बीच आवाजाही करने वाले जहाज हो या अंतरराष्ट्रीय मार्ग पर निकले लिए हुए जहाज, सभी को श्रीलंका के इर्द-गिर्द घूम कर जाना पड़ता है. इस मार्ग के बन जाने से जहाजों का काफी समय और ईंधन बचेगा, लेकिन इस परियोजना के लिए छिछले पानी में काफी गहरी खुदाई करनी होगी जिसकी वजह से आदम के सेतु को नुकसान पहुंच सकता है.
करोड़ों रुपए खर्च
पर्यावरण प्रेमी इस इलाके की इकोलॉजी के संरक्षण को लेकर इस परियोजना का विरोध करते आए हैं. लेकिन हिंदूवादी संगठन इस परियोजना का इसलिए विरोध करते आए हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे भगवान राम से जुड़ी उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचेगी.
2007 में पुरातत्व विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि सेतु एक मानव-निर्मित ढांचा नहीं बल्कि प्राकृतिक उत्पत्ति है, लेकिन राजनीतिक विरोध के बाद उसने ये हलफनामा वापस ले लिया था. मामला सुप्रीम कोर्ट में एक दशक से भी ज्यादा से लंबित है और इस पर सुनवाई रुकी हुई है.
माना जाता है कि सालों तक सेतुसमुद्रम परियोजना पर काम होने और करोड़ों रुपयों के खर्च होने के बाद भारत सरकार ने अब इस परियोजना को बंद करने का फैसला कर लिया है. कुछ रिपोर्टों के अनुसार इस परियोजना पर अभी तक कम से कम 800 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं. (dw.com)
नई दिल्ली, 24 दिसम्बर | भारत जोड़ो यात्रा के शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने के साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उनकी नीतियां नफरत फैलाने की हैं, लेकिन आम लोग सद्भाव चाहते हैं। उन्होंने कहा, बीजेपी और आरएसएस की नीतियां डर और नफरत फैलाने की हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। मैंने नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोली है। शनिवार तड़के बदरपुर सीमा में प्रवेश करने वाली यात्रा सुबह 10.30 बजे आश्रम पहुंचेगी। वहां से एक छोटे से ब्रेक के बाद मेगा वॉकथॉन दोपहर 1.30 बजे फिर से शुरू होगी और हजरत निजामुद्दीन और इंडिया गेट से होते हुए लाल किला तक पहुंचेगी।
लाल किले पर पहुंचने के बाद राहुल गांधी राजघाट पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद यात्रा 3 जनवरी तक रुकेगी।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के मुताबिक नौ दिनों के ब्रेक के दौरान कंटेनरों की मरम्मत की जाएगी और इसे उत्तर में कड़ाके की सर्दी के लिए तैयार किया जाएगा।
उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था, इस दौरान कई भारत यात्री लगभग चार महीने के बाद अपने परिवार के साथ समय बिता पाएंगे।
यात्रा 3 जनवरी को गाजियाबाद से और फिर 6 जनवरी को पानीपत सीमा पर सनौली खुर्द से फिर शुरू होगी।
इस मौके पर अगले दिन पानीपत में एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 24 दिसम्बर (आईएएनएस)| राहुल गांधी ने शनिवार को बदरपुर बॉर्डर पर हरियाणा की अपनी यात्रा समाप्त करते हुए और दिल्ली की अपनी यात्रा प्रारंभ करते हुए बदरपुर बॉर्डर पर एक मंच से लोगों को संबोधित किया। राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा में अगर कोई चलते चलते गिरता है, तो उसको फौरन उठा लेते हैं। कल कोई गिरा था, उसको तुरंत उठा लिया। उससे यह नहीं पूछा कि तुम हिंदू हो ,मुसलमान ,सिख हो या ईसाई, इस यात्रा का यही मकसद है। सबको जोड़ना, प्यार बांटना ,प्यार फैलाना इस यात्रा का असली मकसद है। इस यात्रा के अंदर पूरा हिंदुस्तान है, प्यार है, मोहब्बत है यह यात्रा बेरोजगारी, महंगाई डर और नफरत के खिलाफ है। राहुल गांधी ने कहा कि पिछले सालों में आप इनकी पॉलिसीज देख लीजिए और यूपीए की पॉलिसीज देख लीजिए। मैं आपसे पूछता हूं, इन्होंने जीएसटी से आपका डर मिटाया क्या? इन्होंने कोविड-19 में आपका डर मिटाया क्या? जब किसानों की कर्ज माफी नहीं होती है, तो उनका डर मिटता है क्या? उन्होंने नोटबंदी से आपका डर मिटाया? बेरोजगारी से आपका डर मिटा क्या ? तो वर्तमान सरकार की सारी की सारी पॉलिसी डर बढ़ाने की हैं ,मिटाने की नहीं है। यह लोग चाहते हैं कि किसान, मजदूर, युवा सब के दिल में डर हो। क्योंकि यह लोग इस डर को ही नफरत में बदलते हैं।
अंत में राहुल गांधी ने कहा कि आप सोचो जब आपको डर लगता है, तभी आपके दिल में नफरत पैदा होती है। यही आरएसएस के लोग करते हैं। डर पैदा करते हैं, फिर नफरत फैलाते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि हम कन्याकुमारी से चलकर यहां तक आ गए, आप लोगों ने हमें शक्ति दी है। आप लोगों की वजह से आप लोगों के प्यार की वजह से हमें शक्ति मिली। मैं कहना चाहूंगा कि हर राज्य के हर जगह के लोगों ने मुझे खूब प्यार दिया और दिल्ली बॉर्डर आते ही आप लोगों का अपार समर्थन और प्यार मिला है। उसका भी मैं बहुत धन्यवाद करता हूं।
नई दिल्ली, 24 दिसम्बर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मोतिहारी में ईंट भट्टे पर हुए चिमनी हादसे पर दुख जताते हुए इस दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने इस घटना में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए मुआवजे की भी घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने मोतिहारी में ईंट भट्टे पर हुए चिमनी हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक मृतक के परिजन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपये और प्रत्येक घायल को पचास हजार रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी ट्वीट में हादसे पर दुख जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मोतिहारी में एक ईंट भट्ठे में हुए हादसे में लोगों की मौत से व्यथित हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना है।
प्रधानमंत्री की तरफ से मुआवजे की घोषणा करते हुए कहा गया है, हादसे में जान गंवाने वाले प्रत्येक मृतक के परिजन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो लाख रुपये और प्रत्येक घायल को पचास हजार रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। (आईएएनएस)|
सुजीत चक्रवर्ती
अगरतला, 24 दिसम्बर | भाजपा ने सात महीने पहले लोगों के बीच सकारात्मक छवि बनाने और सत्ता विरोधी लहर को दूर करने के लिए त्रिपुरा में मुख्यमंत्री बदल दिया। हालांकि अन्य विपक्षी दलों के साथ-साथ भगवा पार्टी को अब टिपरा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन (टीआईपीआरए) से सही मायने में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
टीआईपीआरए के उदय सहित 2022 में उत्पन्न कुछ प्रमुख मुद्दों और घटनाक्रमों के नए साल में आगे बढ़ने की उम्मीद है, जो चुनाव से जुड़े पूर्वोत्तर राज्य के राजनीतिक परि²श्य को बदल देगा।
पूर्व शाही वंशज प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन की अध्यक्षता वाली टीआईपीआरए आदिवासियों के लिए त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद को ग्रेटर टिपरालैंड राज्य में पदोन्नत करने की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रही है, जो राज्य की 40 लाख आबादी का एक तिहाई हिस्सा है।
टीआईपीआरए की अत्यधिक संवेदनशील ग्रेटर टिपरालैंड स्टेट की मांग, जिसे स्थानीय रूप से टिपरा मोथा के नाम से जाना जाता है, ने आदिवासियों की अप्रत्याशित संख्या को आश्वस्त कर दिया, जिससे विधानसभा से पहले भाजपा, माकपा, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के लिए एक प्रमुख चुनावी चिंता पैदा हो गई। फरवरी में चुनाव होने की उम्मीद है।
भाजपा के केंद्रीय नेताओं ने 14 मई को अचानक बिप्लब कुमार देब को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया और तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य माणिक साहा को उनका उत्तराधिकारी नियुक्त किया।
देब को शीर्ष पद से हटाने के पीछे के कारणों का अभी पार्टी के केंद्रीय और राज्य नेताओं ने खुलासा नहीं किया है।
भले ही सत्तारूढ़ भाजपा, विपक्षी सीपीआई-एम, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने टिपरा की ग्रेटर टिपरालैंड राज्य की मांग का कड़ा विरोध किया, लेकिन ये सभी दल गुप्त रूप से आदिवासी आधारित पार्टी के साथ गठबंधन करने की कोशिश कर रहे हैं। जनजातीय मतदाताओं का समर्थन प्राप्त करने के लिए, जो चुनावों में पूर्ण बहुमत हासिल करने के लिए निर्णायक कारक हैं।
त्रिपुरा में, 60 विधानसभा सीटों में से 20 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं और 10 अनुसूचित जाति समुदायों के लोगों के लिए आरक्षित हैं।
चूंकि भाजपा असम (2021) और मणिपुर (2022) में लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में लौटी है, पार्टी त्रिपुरा में उसी गति को बनाए रखने की इच्छुक है।
त्रिपुरा में आदिवासी-आधारित पार्टी इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के साथ गठबंधन में भाजपा 2018 के विधानसभा चुनावों में सीपीआई-एम के नेतृत्व वाले वामपंथी दलों को हराकर सत्ता में आई, जो पूर्वोत्तर राज्य में 35 वर्षों से दो चरणों (1978-1988 और 1993-2018) में सत्ता में थे। ।
राजनीतिक टिप्पणीकार शेखर दत्ता ने कहा कि भाजपा सरकार इतने अधिक सत्ता विरोधी कारकों का सामना कर रही है कि वे चुनावी चुनौती का सामना करने के लिए सहज स्थिति में नहीं हैं।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पहले ही राज्य का दौरा कर चुके हैं और चुनाव से पहले रोडमैप को अंतिम रूप देने के लिए राज्य के नेताओं के साथ कई बैठकें कर चुके हैं।
दत्ता ने आईएएनएस से कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा पहले ही राज्य का दौरा कर चुके हैं और चुनाव से पहले रोडमैप को अंतिम रूप देने के लिए राज्य के नेताओं के साथ कई बैठकें कर चुके हैं।
हालांकि पार्टी के केंद्रीय और राज्य के नेताओं ने 14 मई को बिप्लब कुमार देब को शीर्ष पद से हटाने के कारणों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यह त्रिपुरा में सत्ता विरोधी लहर और संगठन के भीतर किसी भी असंतोष का मुकाबला करने का एक स्पष्ट प्रयास था।
उत्तराखंड में चुनावों से पहले मुख्यमंत्री बदलने की रणनीति भाजपा के पक्ष में जा रही थी, भाजपा के शीर्ष नेताओं ने त्रिपुरा में इसी तरह के बदलाव का विकल्प चुना, जहां 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के पास दो प्रतिशत से कम वोट थे।
बीजेपी ने 2019 के बाद से पांच मुख्यमंत्रियों को बदला है, जिसमें गुजरात और कर्नाटक शामिल हैं।
त्रिपुरा ने बांग्लादेश, नेपाल, दुबई, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य देशों को नेचुअल रबर, अनानास, कटहल, नींबू और अन्य फलों का निर्यात किया, जिससे किसानों को ऐसे फलों की खेती का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
त्रिपुरा सरकार ने इसे ड्रग-मुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया, जबकि कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने दो हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जो नशीली दवाओं के व्यापार में शामिल थे और उन्हें जेल भेज दिया।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने दावा किया, चूंकि नशीली दवाओं से संबंधित गतिविधियों में कमी आई है, महिलाओं पर अत्याचार में 40 प्रतिशत और युवा लड़कियों के बलात्कार की 10 प्रतिशत घटनाओं में कमी आई है।
केरल के बाद त्रिपुरा देश का दूसरा सबसे बड़ा नेचुअल रबर उत्पादक राज्य बनने के बाद, वर्तमान में 89,264 हेक्टेयर भूमि पर नेचुअल रबर की खेती कर रहा है और सालाना 1691 करोड़ रुपये के 93,371 टन रबर का उत्पादन कर रहा है, राज्य सरकार ने राज्य में बड़े पैमाने पर बेशकीमती आगर के पेड़ की खेती करने की नीति अपनाई है।
राज्य में निजी क्षेत्र में 1.2 करोड़ से अधिक आगर के पेड़ हैं। (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 24 दिसम्बर | पश्चिमी दिल्ली के विकासपुरी इलाके में एक सुपरमार्केट में शनिवार को आग लग गई। इस घटना में किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। दिल्ली अग्निशमन सेवा के निदेशक अतुल गर्ग के अनुसार एच-ब्लॉक डीडीए बाजार स्थित स्टोर में आग लगने की सूचना सुबह 5.50 बजे मिली, जिसके बाद दमकल की 11 गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया।
उन्होंने बताया कि आग पर सुबह 10 बजे काबू पा लिया गया।
अधिकारी ने कहा, "आग ने इमारत की पहली और दूसरी मंजिल को अपनी चपेट में ले लिया था।" (आईएएनएस)|
नई दिल्ली, 24 दिसम्बर | केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भारत जोड़ो यात्रा के दिल्ली में प्रवेश करने के बाद कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा है कि राहुल गांधी और कांग्रेस के नेता कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उनके लिए देश हित और देश की लोगों की सुरक्षा की बजाय एक परिवार का हित और भ्रष्ट लोगों को जोड़ना ज्यादा जरूरी है। अनुराग ठाकुर ने पूछा कि जिन नेता के गले में वो हाथ डालकर चल रहे थे, जिनका हाथ पकड़ कर चल रहे थे, वो राज्य के मुख्यमंत्री ( हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ) कोविड पॉजिटिव पाए गए तो क्या उसके बाद राहुल गांधी ने अपनी जांच करवाई और क्या यात्रा में साथ चल रहे कांग्रेस के अन्य नेताओं ने अपनी जांच करवाई ?
केंद्रीय मंत्री ने राहुल गांधी से परिवार का हित छोड़ कर देश के हित के बारे में सोचने की अपील करते हुए कहा कि चीन, कोरिया और जापान में लाखों कोरोना केस सामने आ रहे हैं, अस्पतालों के बाहर लंबी कतारें लगी है और वहां शवों के ढेर लगे हैं। लेकिन संकट के इस काल में भी कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। उन्होंने कहा कि किसी के भी चुनाव लड़ने से कोई गुरेज नहीं है, लेकिन देश की जनता की जान को जोखिम में डालकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। यह कोविड प्रोटोकॉल को फॉलो करने का समय है और वे उम्मीद करते हैं कि राहुल गांधी इसे निभाएंगे।
राहुल गांधी द्वारा भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर किए गए हमले पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस को यह याद रखना चाहिए कि भारत का बंटवारा कांग्रेस की नीति के कारण ही हुआ था और आज भी उनकी इस यात्रा में टुकड़े-टुकड़े गैंग और उनके समर्थक ही चल रहे हैं। ठाकुर ने सवाल पूछा कि जो देश का नामों निशान मिटाने की बात सोचते हैं वो भारत जोड़ने की बात कैसे कर सकते हैं ? जिनकी यात्रा में नफरत का बीज बोने वाले लोग चल रहे हो वो मोहब्बत की दुकान खोलने की बात कैसे कर सकते हैं ? (आईएएनएस)|
हरेश झाला
गांधीनगर, 24 दिसम्बर | गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने समावेशी विकास और गुजरात की अर्थव्यवस्था को 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक ले जाने का वादा किया था।
इस दिशा में पहला कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए विभिन्न विभागों से अनुमति प्राप्त करने में उनके कार्य को आसान बनाने के लिए 'अभिनंदन डेस्क' शुरू करने का निर्णय लिया।
राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने घोषणा की कि कैबिनेट ने अगले तीन वर्षों में 50,000 युवाओं को नवीनतम कौशल में प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया है, जो उन्हें नौकरी दिला सकते हैं या कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ड्रोन प्रशिक्षण, क्लाउड कंप्यूटिंग, ब्लॉक चेन जैसे अपने स्वयं के व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं।
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता यमल व्यास ने आईएएनएस को बताया, गुजरात को वर्ष 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाना चाहिए और यह विकास संतुलित होगा और विभिन्न वर्गों के लोगों के बीच कम असमानता के साथ समावेशी होगा।
व्यास ने कहा कि सरकार का एकमात्र ध्यान कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सिंचाई सुविधाओं में वृद्धि के साथ सामाजिक बुनियादी ढांचे के विकास और समावेशी विकास और विकास पर होगा। इसी तरह जीआईएफटी सिटी की पीठ पर सेवा क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा मिलेगा जो राज्य की अर्थव्यवस्था को एक नई कक्षा में ले जाएगा। गुजरात एक ऐसा राज्य है जहां सभी क्षेत्रों में विकास संतुलित है।
राज्य के बजट के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अंत तक इसका सकल राज्य घरेलू उत्पाद 22,03,062 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। 2022 के मध्य तक, स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 44,930 मेगावाट थी, जिसमें निजी क्षेत्र का योगदान 29,204 मेगावाट है।
चालू वित्त वर्ष में, राज्य ने केवल पहले चार महीनों में 3,200 मिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया है।
गुजरात चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष प्रतीक पटवारी ने कहा कि राज्य के साथ-साथ केंद्र में सुशासन और निर्णायक नेतृत्व के कारण राज्य निजी निवेश को आकर्षित कर रहा है, जो राज्य के विकास और विकास को रीढ़ प्रदान करता है।
सुशासन का उदाहरण देते हुए पटवारी ने कहा कि युगों से उद्योगों को दोहरे कराधान की समस्या का सामना करना पड़ रहा था। यदि इकाई गुजरात औद्योगिक विकास निगम (जीआईडीसी) द्वारा स्थापित औद्योगिक एस्टेट में खोली गई थी, तो ग्राम पंचायत और जीआईडीसी दोनों ने कर लगाया था। पटेल सरकार ने इस व्यवस्था को खत्म कर दिया है, अब इकाइयों को एक ही कर देना होगा।
वर्तमान सरकार ने जीआईडीसी प्लॉट पुनर्विक्रय शुल्क को 3 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया है, जिसके कारण कई उद्योगपति न तो इसका उपयोग कर रहे थे और न ही बेच पा रहे थे। पटवारी ने कहा कि अब सड़क साफ होने से हजारों करोड़ की संपत्ति का उपयोग होगा.
प्रारंभिक वर्षों में गुजरात फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, इंजीनियरिंग, हीरे जैसे विनिर्माण क्षेत्रों में अग्रणी था। आज फार्मा उत्पादों में गुजरात की हिस्सेदारी 45 फीसदी से ज्यादा, प्लास्टिक और प्लास्टिक उत्पादों में 65 फीसदी से ज्यादा, केमिकल्स में 50 फीसदी और डायमंड कटिंग और पॉलिशिंग में 80 फीसदी है। अब यह सेमी कंडक्टर्स, मैन्युफैक्च रिंग डिफेंस प्रोडक्ट्स, रिन्यूएबल एनर्जी जैसे न्यू एज सेक्टर्स में एंट्री कर रहा है। (आईएएनएस)|
न्यूयॉर्क, 24 दिसम्बर | चंडीगढ़ में जन्मे वकील कुदरत दत्ता चौधरी सैन फ्रांसिस्को शहर और काउंटी के लिए अप्रवासी अधिकार आयोग के आयुक्त के रूप में शपथ लेने वाली भारतीय मूल की पहली अप्रवासी बन गई हैं। अप्रवासी अधिकार आयोग सैन फ्रांसिस्को में रहने या काम करने वाले अप्रवासियों के मुद्दों और नीतियों पर महापौर और पर्यवेक्षकों के बोर्ड का मार्गदर्शन करता है।
चौधरी ने अपने लिंक्डइन पोस्ट पर लिखा, मैं इस भूमिका को लेकर बहुत उत्साहित हूं और वास्तव में सैन फ्रांसिस्को में अपने समुदाय के लिए काम करने के लिए उत्सुक हूं।
चौधरी एक लिंग, मानवाधिकार, बाल अधिकार और संघर्ष समाधान विशेषज्ञ हैं।
अपनी भूमिका में वह आश्रय आवेदकों से निपटेंगी, जिन्होंने अपने देशों में लिंग आधारित हिंसा या उत्पीड़न का सामना किया है।
अपनी नई भूमिका से पहले चौधरी ने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, रॉबर्ट बी. जोबे के लॉ ऑफिस में एसाइलम लॉ क्लर्क: जेंडर स्पेशलिस्ट के रूप में काम किया।
पंजाब के आर्मी इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ से कानून स्नातक चौधरी ने हार्वर्ड लॉ स्कूल में नारीवाद, पितृसत्तात्मक हिंसा और अंतर्राष्ट्रीय कानून में लिंग पर गेस्ट लेक्चर भी दिया है।
साथ ही उनकी पहली पुस्तक, लाइजा: कभी-कभी अंत केवल एक शुरुआत है, मानव तस्करी और 2015 के भूकंप के बाद नेपाल में महिलाओं के यौन शोषण के बारे में है।
टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के द फ्लेचर स्कूल से एलएलएम करने वाले चौधरी को कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स में हार्वर्ड केनेडी स्कूल में सामाजिक प्रगति के लिए अग्रणी अहिंसक आंदोलनों के लिए चुना गया था।
2014 में उसने लंदन के किंग्स कॉलेज समर स्कूल में अपराध विज्ञान और आपराधिक न्याय का स्टडी करने के लिए पूरी छात्रवृत्ति जीती। (आईएएनएस)|