राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 12 अप्रैल (आईएएनएस)| एक सरकारी विशेषज्ञ पैनल ने भारत में रूसी निर्मित कोविड टीका, स्पुतनिक-वी के आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की मंजूरी देने के बाद, आईएएनएस को बताया, एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित कोविशील्ड और भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोवैक्सीन के बाद यह तीसरी वैक्सीन होगी।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के डॉ. एन.के. अरोड़ा ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "हालांकि, मुझे अभी इसकी मंजूरी के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है, लेकिन अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो यह भारत के लिए अच्छी खबर होगी।"
इस वैक्सीन की विशेषताओं के बारे में बताते हुए, अरोड़ा ने कहा, "स्पुतनिक दो डोज का टीका है। पहली खुराक की संरचना दूसरी खुराक से अलग होगी और पहली खुराक और दूसरी के बीच कम से कम तीन से चार सप्ताह का अंतर होना चाहिए। प्रकाशित आंकड़ों से पता चलता है कि इसमें 91 प्रतिशत प्रभावकारिता है। इस पर कुछ और स्पष्टता भी जल्द आएगी।"
मुंबई, 12 अप्रैल (भाषा)। भ्रष्टाचार और कार्यालय के दुरुपयोग के आरोपों की अपनी जांच में आगे बढ़ते हुए, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को 14 अप्रैल को पूछताछ के लिए बुलाया है। (19:42)
[Central Bureau of Investigation.] जांच से जुड़े सीबीआई अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "हमने देशमुख से 14 अप्रैल को हमारे कार्यालय में अपना बयान दर्ज करने के लिए कहा है।"
यह पहली बार है कि बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर भ्रष्टाचार और कार्यालय के दुरुपयोग के आरोपों में 6 अप्रैल को प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज करने के बाद सीबीआई ने देशमुख को पूछताछ के लिए बुलाया है।
जम्मू, 12 अप्रैल | जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में एक मिनी बस के खाई में गिरने से सोमवार को तीन लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि डोडा जिले के मछीपाल कहरा मार्ग पर पियाकुल दुनाडी गांव के पास चालक ने बस से अपना नियंत्रण खो दिया, और बस एक नाले में गिर गई।
सूत्रों ने बताया, "मिनी बस में सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है।"(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 12 अप्रैल | जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस), ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने फ्री इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ मोल्दोवा के साथ मिलकर 9-10 अप्रैल को 'मेंटल हेल्थ, वेल-बीइंग एंड लोनलीनेस ड्यूरिंग कोविड-19' विषय पर अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन का आयोजन किया। महामारी दुनिया भर में लोगों के जीवन को बाधित कर रही है, इस बीच सम्मेलन का उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों और सामान्य आबादी के मानसिक स्वास्थ्य पर होने वाले प्रभाव को कम करने के तरीकों पर चर्चा, विश्लेषण और सुझाव देता रहा है।
इस दौरान 300 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय शिक्षाविदों, वैज्ञानिकों, अनुसंधान विद्वानों, बहु-विषयक पेशेवरों, चिकित्सकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और दुनिया भर के छात्रों ने मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण के विभिन्न विषयों पर अपने अनुभवों और शोध परिणामों को साझा किया।
आभासी सत्र (वर्चुअल सेशन) के दौरान बोलते हुए जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस) के प्रधान निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) संजीव पी. साहनी ने विशेष रूप से वर्तमान वैश्विक मानसिक स्वास्थ्य संकट के दौरान रोजमर्रा की बातचीत में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को लाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, "एक ऐसी दुनिया में जहां महामारी ने हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन को पूरी तरह से तबाह कर दिया है, सम्मेलन का उद्देश्य कोविड-19 महामारी की वजह से चिंता, अवसाद, बर्नआउट, थकान, अकेलापन और निराशा की भावनाओं का मुकाबला करने के तरीके और टूल्स ढूंढना है।"
डॉ. साहनी ने कोविड-19 संकट और महामारी के दौरान इस प्रकार की दिक्कतों को कम करने के तरीकों के कारण लोगों के बीच व्यवहार के मनोवैज्ञानिक और सामाजिक पहलुओं में भारी बदलाव पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा, "मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती मांग को समझने की जरूरत है। महामारी से पहले, मानसिक स्वास्थ्य में पहले से ही तीव्र गिरावट थी, लेकिन अब स्थिति और भी बढ़ रही है।"
नव स्थापित जिंदल स्कूल ऑफ साइकोलॉजी एंड काउंसलिंग (जेएसपीसी) के वाइस डीन डॉ. डेरिक हॉल लिंडक्विस्ट ने सम्मेलन के दौरान आभासी स्वागत भाषण प्रस्तुत किया, जबकि फ्री इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ मोल्दोवा में मनोविज्ञान एवं शैक्षिक विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. नेली बालोड ने विशेष रूप से वैश्विक महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक विशेष सत्र का आयोजन किया। डॉ बालोड ने मानसिक स्वास्थ्य एवं सामाजिक मनोविज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर व्यावहारिक और प्रयोगात्मक अनुसंधान को लेकर जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज की भूमिका की प्रशंसा भी की।
2014 में स्थापित, जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जेआईबीएस) ओ. पी. जिंदल ग्लोबल का एक वैल्यू-बेस्ड अनुसंधान संस्थान है और संयुक्त राष्ट्र की अकादमिक परिषद का सदस्य है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली/सिलीगुड़ी, 12 अप्रैल | कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में चुनावों के अगले चार चरणों में अपने अभियान को तेज करने का फैसला किया है क्योंकि पार्टी को लगता है कि यहां उनकी पकड़ अच्छी है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां अल्पसंख्यकों की अधिकता है। अगले चरणों में जिन जिलों में मतदान होने वाले हैं, उनमें मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर दिनाजपुर और उत्तर बंगाल के अन्य भाग शामिल हैं, जहां पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को अच्छे परिणाम मिले थे। मुर्शिदाबाद और मालदा में पार्टी की पकड़ इसलिए मजबूत है क्योंकि यहां दिवंगत रेल मंत्री अब्दुल गनी खान चौधरी के परिवार का काफी प्रभाव है, हालांकि अब उनका परिवार टीएमसी और कांग्रेस पार्टी में बंट गया है।
राज्य में कांग्रेस के पर्यवेक्षक बी. के. हरिप्रसाद ने बागडोगरा से बात करते हुए कहा, "इलाके में हमारा ध्यान हमारे मतदानों को पार्टी के खेमे में वापस लाना है और आखिरी के चार चरण पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण है।"
राज्य में भाजपा और तृणमूल के बीच जारी जंग में कांग्रेस ने अपनी जगह बनाने और मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए कमर कस ली है।
पश्चिम बंगाल के कांग्रेस सचिव प्रभारी, बी.पी. सिंह ने सिलीगुड़ी से बोलते हुए कहा, "वाम दलों और आईएसएफ (भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा) के साथ हमारा गठबंधन मजबूत है और राहुल गांधीजी बुधवार को गोलपोखरा और नक्सलबाड़ी में पार्टी के लिए प्रचार करेंगे।"
टीएमसी और वाम-कांग्रेस गठबंधन के बीच वोटों के विभाजन से सावधान होकर पार्टी बड़ी ही चतुराई से खुद को चुनाव में पेश कर रही है, ताकि वह लड़ाई में बनी रही और पार्टी के नेता इस बात को सुनिश्चित करें कि कांग्रेस-वाम गठबंधन ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करें।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 12 अप्रैल | स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि 'टीका उत्सव' के पहले दिल लगभग 30 लाख लोगों को वैक्सीन दी गई, जिससे वैक्सीन प्राप्त करने वाले लोगों का आंकड़ा बढ़कर 10.45 करोड़ तक हो गया है। भारत में प्रति दिन औसतन 40,55,055 डोज दी जा रही है, जिससे इस मामले में देश वैश्विक स्तर पर शीर्ष पर बना हुआ है।
सोमवार को देशव्यापी टीका उत्सव का दूसरा दिन है। केंद्र ने कहा कि सुबह 7 बजे तक, कुल रूप से, 15,56,361 सत्रों में 10,45,28,565 वैक्सीन खुराक दी गई है। इनमें 90,13,289 हेल्थ केयर वर्कर्स (एचसीडब्ल्यू) शामिल हैं।
मंत्रालय ने कहा, "देशव्यापी टीका उत्सव के पहले दिन 63,800 कोविड टीकाकरण केंद्र (सीवीसी) संचालित देखे गए। इसके अलावा, टीका उत्सव का पहला दिन रविवार को होने के बावजूद लगभग 30 लाख टीकाकरण हो चुके हैं।"
सरकार ने कहा कि 10 राज्य महाराष्ट्र के साथ दैनिक नए मामलों में 81 प्रतिशत योगदान दे रहे हैं, जबकि 5 राज्यों में 70.16 प्रतिशत सक्रिय मामले केंद्रित है। पिछले 24 घंटों में देश में 1,68,912 नए मामले दर्ज किए गए हैं।
दस राज्यों महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में कोरोना के नए मामलों में वृद्धि हुई है। इन 10 राज्यों से 83.02 प्रतिशत नए मामले सामने आए हैं।
महाराष्ट्र में सबसे अधिक दैनिक नए मामले 63,294 दर्ज किए गए हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 15,276 जबकि दिल्ली में 10,774 नए मामले सामने आए। (आईएएनएस)
हिमालयी वनों में आग कोई असामान्य घटना नहीं है लेकिन जंगलों में हो रही विनाशकारी घटनाओं ने कई स्तर पर चिंता पैदा की है. जंगलों में लगने वाली अधिकांश आग मानवजनित है, लेकिन उस पर नियंत्रण का ढांचा चरमरा रहा है.
डॉयचे वैले पर हृदयेश जोशी की रिपोर्ट-
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में एक छोटा सा सरहदी कस्बा है मुनस्यारी, जहां से हिमालय की मशहूर पंचचूली रेंज का भव्य नजारा मिलता है. इस मौसम में यहां पर्यटकों का खूब जमावड़ा भी होता है लेकिन इन दिनों मुनस्यारी से पंचचूली नहीं दिख रही क्योंकि धधकते जंगलों से उठे धुएं ने पूरी पर्वत श्रृंखला पर परदा डाल दिया है. आज हाल यह है कि मुनस्यारी के पास सरहद पर गोरीगंगा बह रही है और उसके ऊपर पहाड़ों पर जंगल धधक रहे हैं.
उत्तराखंड में सैकड़ों हेक्टेयर वन जले
नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, देहरादून और पौड़ी समेत उत्तराखंड के कई जिलों में जंगल जल रहे हैं. राज्य सरकार के मुताबिक एक अप्रैल से 11 अप्रैल के बीच राज्य के जंगलों में 847 जगह आग लगी है जिसमें 1248 हेक्टेयर से अधिक जंगल प्रभावित हुआ है. इसमें से करीब दो-तिहाई क्षेत्रफल (804 हेक्टेयर) आरक्षित वन हैं जो काफी समृद्ध माने जाते हैं.
अब तक आग में 28.5 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ है और 10 पशुओं की मौत हो गई है. कुछ रिहायशी इलाकों में तक यह आग फैल गई है. आग को बुझाने के लिए राज्य सरकार ने पहले वायु सेना के दो हेलीकॉप्टरों की मदद ली लेकिन उससे कुछ खास हासिल नहीं हुआ. फिलहाल आग बुझाने में कोई बड़ी कामयाबी वन विभाग को नहीं मिली है और वह बरसात के भरोसे है.
देश के कई हिस्सों में आग
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के फायर इंफॉर्मेशन फॉर रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (फर्म्स) की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं जिसमें उत्तराखंड ही नहीं भारत के जंगलों में कई जगह आग लगी हुई है. नासा फर्म्स के मानचित्र को देखने से पता चलता है कि पूरी हिमालयी पट्टी पर पश्चिम से पूर्व तक आग की घटनाएं बिखरी हुई हैं.
जानकार कहते हैं कि देश के बाकी हिस्सों की तरह हिमालयी क्षेत्र में भी आग कोई नई या सामान्य घटना नहीं है लेकिन अब आग की घटनाओं का ग्राफ बदल रहा है. फरवरी से जंगलों में आग की घटनाएं शुरू हो जाती है लेकिन मॉनसून के बाद जंगलों की आग की कोई घटना नहीं होती लेकिन 2020 में उत्तराखंड के वनों में गर्मियों के मौसम में आग की जितनी घटनाएं हुई उससे अधिक घटनाएं जाड़ों में हो गई.
वनों की आग और जलवायु परिवर्तन
डाउन टु अर्थ पत्रिका ने राज्य के वन विभाग के आंकड़ों का हवाला देकर कहा है कि उत्तराखंड के जंगलों में पिछले 6 महीने से जंगलों में आग धधक रही है और इसके पीछे जलवायु परिवर्तन एक वजह है. वन कर्मियों और विशेषज्ञों का कहना है कि हर आग जंगल के लिए खराब नहीं होती लेकिन आग का अनियंत्रित होना और सर्दियों में लगना असामान्य जरूर है.
एक उच्च वन अधिकारी ने हिमालयी वनों के बारे में समझाते हुए कहा, "उत्तराखंड के जंगलों में चीड़ के वृक्ष अच्छी खासी संख्या में हैं. इस पेड़ की नुकीली पत्तियां साल में दो बार गिरती हैं. जंगलों की आग इन पत्तियों को न जलाए तो यही पत्तियां मिट्टी की अम्लता (एसिडिटी) को बढ़ा कर काफी नुकसान कर सकती है. अक्सर चीड़ की पत्तियों में लगी आग सतह पर रहती है और जल्दी बुझ जाती है लेकिन अगर यह अनियंत्रित होकर फैल जाए तो हानि का कारण बनती है.”
सरकार के मुताबिक भारत के 10 प्रतिशत जंगलों में आग की घटनाएं बार-बार होती हैं लेकिन हिमालय में अनियंत्रित आग इसलिए भी चिंता का विषय है कि यहां संवेदनशील ग्लेशियर हैं. क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क (साउथ एशिया) के निदेशक संजय वशिष्ठ कहते हैं कि आग की घटनाएं तो पहले भी होती रही हैं लेकिन अब उनका विकराल स्वरूप और बार-बार होना चिंताजनक है. वशिष्ठ ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में लगी आग का हवाला देते हुए कहते हैं कि धरती का तापमान बढ़ रहा है और जलवायु परिवर्तन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
वशिष्ठ के मुताबिक, "हिमालय भारत और पूरे विश्व के लिए विशेष महत्व रखता है. धरती के तीसरे ध्रुव (थर्ड पोल) के नाम से जाना जाने वाला क्षेत्र कई दुर्लभ वनस्पतियों, पक्षियों और जंतुओं का बसेरा है. यह जैव विविधता का भंडार है और यहां कई ऐसी प्रताजियां हैं जो इसी क्षेत्र में पाई जाती हैं, दुनिया में कहीं और नहीं होती. इन्हें एंडेमिक प्रजातियां कहा जाता है. अनियंत्रित आग इस जैव विविधता को खतरा पैदा कर सकती है. भारत ने पेरिस क्लाइमेट संधि में भी यह कहा है कि वह 2030 तक करीब 300 टन कार्बन सोखने लायक जंगल लगाएगा.”
मॉनिटरिंग और सामुदायिक भागेदारी की कमी
जंगलों में लगने वाली अधिकांश आग मानवजनित है. पशुओं के लिए बेहतर चारा उगाने के लिए अक्सर चरवाहे जंगलों में आग लगाते हैं लेकिन कई बार आग अनियंत्रित हो जाती है. लेकिन वन विभाग के पास लगातार घटते वन आरक्षियों (फॉरेस्ट गार्ड्स) और संसाधनों की कमी आग के विकराल होने का कारण बनती है. असल में वन विभाग में अफसर तो बहुत हैं लेकिन जमीन पर मॉनिटरिंग और जंगलों की सुरक्षा के लिए फॉरेस्ट गार्ड नहीं हैं. अभी भड़की आग के बाद उत्तराखंड हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह आरक्षियों के 60% खाली पड़े पदों को अगले 6 महीने में भरे.
उधर वन अधिकार कार्यकर्ता और जानकार कहते हैं कि सामुदायिक भागीदारी के बिना जंगलों को नहीं बचाया जा सकता. कई दशकों से हिमालयी पर्यावरण और समाज से जुड़े कार्यकर्ता चारु तिवारी कहते हैं कि बीसवीं सदी की शुरुआत में जब अंग्रेजी हुकूमत ने लोगों के जंगलों में प्रवेश पर पाबंदी लगाई तो वहां आग की घटनाएं बढ़ने लगी. तिवारी के मुताबिक इसी बात को समझ कर अंग्रेजों ने 1927 के वन कानून में ग्रामीणों के हक-हुकूक बहाल किए और समुदायों का वनों से रिश्ता बना. लेकिन वन अधिनियम 1980 ने एक बार फिर से ग्रामीणों और जंगलों के बीच का वह रिश्ता तोड़ दिया.
चारू तिवारी के मुताबिक, "जंगलों की आग को सरकार नहीं रोक सकती. वनों को सामुदायिक दखल ही बचाएगा. जंगल की आग सदियों से ग्रामीण ही बुझाते रहे हैं लेकिन जंगल और ग्रामीणों के बीच के अंतरसंबंध पिछले कुछ दशकों में टूटते गए हैं जिसके लिए सरकारी नीतियां जिम्मेदार हैं. जब ग्रामीण जंगल से जुड़े थे तो वह जैव विविधता वाले वन उगाते थे लेकिन अत्यधिक सरकारी नियंत्रण से टिंबर फॉरेस्ट ही उगाए जा रहे हैं जो पैसा कमाई का साधन तो बनते हैं लेकिन हमें एक निर्जीव पारिस्थितिकी की ओर धकेल रहे हैं. जंगलों में अनियंत्रित आग इसी का नतीजा है.”
नई दिल्ली, 12 अप्रैल | देश भर में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में कुछ दिनों में रमजान का महीना भी शुरू हो जाएगा हालांकि इसको लेकर तमाम इमाम बैठकें कर रहे हैं और इस बात की अपील कर रहे हैं कि सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस को फॉलो किया जाए। नई दिल्ली के इमाम हाउस में मुख्य इमाम डॉक्टर उमेर अहमद इलियासी की अध्यक्षता में दिल्ली के इमामों की एक बैठक हुई, इस बैठक में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को मद्देनजर रखते हुए हालात को कैसे बेहतर बनाया जाए और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क लगाने पर जोर दिया गया।
वहीं रमजान के महीने में जरूरत पड़ने पर घरों से ही नमाज पढ़ी जाए इस पर भी विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही जुमे की नमाज के वक्त तमाम इमाम अपनी मस्जिदों से इस पैगाम को आम लोगों तक पहुंचाए और सरकार के द्वारा दी गई गाइडलाइंस को भी लोगों तक पहुंचा कर अमल करवाने कि बात कही गई।
दरअसल, देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के मामलों ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। दिल्ली में शनिवार को एक दिन में सबसे ज्यादा 10,774 नए केस सामने आए हैं। वहीं 48 कोरोना पेशंट्स की मौत हुई है।
ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चेयरमैन मौलाना उमैर इल्यासी ने आईएएनएस को बताया, "इमामों के साथ हुई बैठक में हमने कहा है कि सरकार की गाइडलाइंस को सख्ती के साथ पालन करें और करवाएं। वहीं मंगलवार को रमजान का चांद दिखने की सम्भावना है, जिसके बाद अगले ही दिन पहले रमजान के रोजा रखा जाएगा।"
"इस बात का जरूर ध्यान रखें कि कोरोना बहुत तेजी से फैल रहा है, कोशिश करें कि घरों में ही नमाज पढ़ें, रोजा घर पर ही खोलें और अपनी जिम्मेदारियों को निभाएं।"
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1,68,912 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,35,27,717 हुई। 904 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,70,179 हो गई है। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 12,01,009 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,21,56,529 है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 12 अप्रैल | पहलवान सोनम मलिक चोटिल होने के कारण इस महीने अलमाती में होने वाले एशिया कुश्ती चैंपियनशिप से हट गई हैं।
एशिया चैंपियनशिप का आयोजन 13 से 18 अप्रैल तक होना है।
महिला टीम के मुख्य कोच कुलदीप मलिक ने आईएएनएस से कहा, "स्थानीय मेडिकल विशेषज्ञ से परामर्श के बाद सोनम को इस टूर्नामेंट से ब्रेक देने का फैसला किया गया है।"
मलिक के अनुसार सोनम को एशिया ओलंपिक क्वालीफायर्स में सेमीफाइनल मुकाबले के वक्त ही चोट लगी थी लेकिन उन्होंने वापसी करते हुए मैच जीत ओलंपिक कोटा हासिल किया था।
कोच ने कहा, "मुझे भरोसा है कि वह जल्द स्वस्थ हो जाएंगी। राष्ट्रीय टीम 19 अप्रैल को वापस आएगी लेकिन सोनम जल्द ही स्वदेश लौट जाएंगे।" (आईएएनएस)
इटावा, 12 अप्रैल | यूपी के इटावा में सोमवार को एक दर्दनाक सड़क हादसा में 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 8 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। चिकित्सा अधीक्षक डॉ पीयूष के अनुसार, पीड़ित पंचायत चुनाव में वोट डालने के लिए कार से नई दिल्ली से झांसी जा रहे थे।
इनकी गाड़ी का टायर एक भोजनालय के समीप पंचर हो गया और गाड़ी को सड़क किनारे लगा दिया गया, तभी एक तेज रफ्तार ट्रक ने कार को जोरदार टक्कर मार दी। ट्रक के ड्राइवर के संतुलन खोने से यह हादसा हुआ।
डॉक्टर ने कहा कि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
डॉक्टर ने आगे कहा, घायल लोगों में दो बच्चे हैं, जिन्हें सेफई भेजा गया है।
इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर शोक व्यक्त किया है और जिला अधिकारियों से घायल व्यक्तियों को हरसंभव मदद प्रदान करने को कहा है। (आईएएनएस)
नई दिल्ली, 12 अप्रैल | अगर आपने अपने पैन कार्ड को आधार नंबर से लिंक नहीं करवाया है तो इसमें देर न करें, क्योंकि 30 जून के बाद इसके लिए जुर्माना भरना पड़ सकता है। आयकर कानून के तहत किए गए नये नियम के अनुसार पैन कार्ड के आधार से लिंक नहीं होने की सूरत में 1,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट सी. के. मिश्रा ने बताया कि वित्त विधेयक 2021 के जरिए आयकर कानून में धारा 234 एच जोड़ा गया है, जिसके अनुसार निर्धारित समयसीमा के भीतर पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं करने पर 1,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
पहले इस समयसीमा की आखिरी तारीख 31 मार्च 2021 थी। लेकिन केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अब इसे बढ़ाकर 30 जून 2021 कर दिया है।
मिश्रा ने बताया कि 30 जून तक अगर किसी ने अपने पैन को आधार से लिंक नहीं करवाया तो उसे 1,000 रुपये जुर्माना भरना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि यह काम कोई मुश्किल नहीं है, क्योंकि एक एसएमएस भेजकर भी पैन कार्ड से से आधार लिंक हो जाता है।
उन्होंने कहा, "आप अपने मोबाइल से एक मैसेज भेजकर पैन को आधार से लिंक करवा सकते हैं। इसके लिए आपको यूआईडीपैन के बाद स्पेस देकर अपने 12 अंकों का आधार नंबर लिखना होगा। इसके बाद फिर स्पेस देकर 10 अंकों का पैन नंबर लिखना होगा। फिर इसे 567678 या 56161 पर मैसेज करना होगा।"
उन्होंने बताया कि इस तरह बैंकिंग के पैन से लिंक होने पर आयकर विभाग जरूरत पड़ने पर संबंधित व्यक्ति द्वारा बैंकों से किए जाने वो सारे लेन-देन का ब्यौरा निकाल सकता है। (आईएएनएस)
लखनऊ, 12 अप्रैल | उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बाहरी इलाके काकोरी में पुलिस के साथ झड़प के बाद 200 से अधिक लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। यह झड़प रविवार शाम को हुई, जब सरकारी अधिकारियों की टीम सरकारी जमीन से मूर्ति हटाने गई थी।
पुलिस के अनुसार, कुछ ग्रामीणों ने शनिवार को सैथा गांव में अंबेडकर की मूर्ति चुपके से लगा दी थी।
डीसीपी, दक्षिण, रवि कुमार ने कहा, "जब जिला प्रशासन को इस बात का पता चला, तो अधिकारियों की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची और ग्रामीणों को प्रतिमा को उस जगह से दूसरी जगह लगाने को कहा। जिसके बाद विवाद बढ़ गया और बड़ी संख्या में ग्रामीण उस जगह पर जमा हो गये और जय भीम के नारे लगाने लगे।"
ग्रामीणों को खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। इस दौरान ग्रामीण पुलिस से भिड़ गए और उन पर पथराव करने लगे। हालांकि, बाद में पुलिस ने स्थिति को शांत कराया।
डीसीपी कुमार ने आगे कहा कि "झड़प में कोई घायल नहीं हुआ। पुलिस ने 200 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें से 20 की पहचान हो गई है। उन पर सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम के तहत नुकसान पहुंचाने और महामारी अधिनियम के तहत दंगों और उसका उल्लंघन करने को लेकर मामला दर्ज किया गया है।"
स्थिति को नियंत्रित करने और मूर्ति को स्थानांतरित करने के लिए इलाके में भारी पुलिस बल और पीएसी के जवानों को तैनात किया गया है।
डीसीपी ने बताया कि लोग वहां कूड़ा फेंकते थे और ग्राम प्रधान महेश ने ग्रामीणों से अंबेडकर की मूर्ति को सरकारी जमीन पर बिना किसी अनुमति के लगाने के लिए कहा था। (आईएएनएस)
चंडीगढ़, 12 अप्रैल | पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कोरोनावायरस वैक्सीन की दूसरी खुराक ली। उन्होंने सभी पात्र लोगों से फिर से अपील की कि वे स्वयं की सुरक्षा और अपने परिवार और समाज के लिए टीकाकरण करवाने के लिए आगे आएं।
एक दिन पहले, मुख्यमंत्री ने अभिनेता सोनू सूद को राज्य सरकार के कोविड टीकाकरण कार्यक्रम का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त करने की घोषणा की थी।
अमरिंदर ने कहा था, "वैक्सीन लेने के लिए लोगों को प्रेरित और प्रभावित करने के लिए सोनू सूद से अधिक उपयुक्त व्यक्ति और कोई नहीं है।
उन्होंने कहा था, "पंजाब में लोगों के बीच बहुत झिझक है। उनके बीच सोनू की लोकप्रियता, और हजारों प्रवासियों को सुरक्षित घर तक पहुंचाने में उनकी अनुकरणीय योगदान लोगों को प्रभावित करेगा।" (आईएएनएस)
भारत में अब स्पष्ट होने लगा है कि कोरोना वायरस संक्रमण की ताजा लहर पिछले सारी लहरों से ज्यादा खतरनाक है. देश में अब रोजाना डेढ़ लाख से भी ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं और अब कोविड-19 से मृत्यु के मामले भी बढ़ रहे हैं.
डॉयचे वैले पर चारु कार्तिकेय की रिपोर्ट
पिछले 24 घंटों में देश में करीब 1,69,000 नए मामले सामने आए और 904 लोगों की मौत हो गई. यह पिछले साल हुई महामारी की शुरुआत से पहली बार है जब एक दिन में इतने मामले सामने आ रहे हैं. महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्यों का बुरा हाल है. कुछ दिनों पहले तक सिर्फ नए मामले बढ़ रहे थे जबकि अस्पताल में भर्ती होने की दर और मृत्यु दर कम ही थी.
लेकिन अब धीरे धीरे इन दोनों दरों में बढ़ोतरी हो रही है और अस्पतालों पर दबाव बढ़ रहा है. महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में 63,000 से भी ज्यादा नए मामले सामने आए और 349 लोगों की मृत्यु हो गई. राज्य में सप्ताहांत पर तालाबंदी लागू है. राज्य सरकार संपूर्ण तालाबंदी लगाने पर भी विचार कर रही है, लेकिन इस पर अभी फैसला नहीं लिया गया है.
दिल्ली में एक दिन में नए मामलों का ताजा आंकड़ा 10,000 पार कर गया है. राष्ट्रीय राजधानी में रात का कर्फ्यू लागू है और कई तरह की बैठकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. शादियों में सिर्फ 50 और अंत्येष्टि पर अधिकतम 20 लोगों की उपस्थिति की सीमा तय कर दी गई है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अभी तो तालाबंदी की आवश्यकता नहीं है लेकिन अगर अस्पतालों में दबाव ज्यादा बढ़ गया तो तालाबंदी भी लगानी पड़ सकती है.
आर्थिक रूप से कमजोर परिवार महामारी के साथ तालाबंदी के असर के भी डर में जी रहे हैं. पिछले साल की तालाबंदी ने करोड़ों लोगों की आजीविका छीन ली थी और बड़ी संख्या में परिवारों को आर्थिक धक्का पहुंचाया था. अगर तालाबंदी दोबारा लागू होती है तो इन परिवारों का बुरा हाल हो जाएगा. इस बीच देश में वैक्सीन और दवा दोनों की कमी की खबरें भी आ रही हैं.
कई राज्य सरकारों ने वैक्सीन की कमी के बारे में बताया है, लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि वैक्सीन का पर्याप्त स्टॉक देश में उपलब्ध है. हालांकि कोरोना के इलाज में कारगर साबित हुई दवा रेमदेसिविर की कमी की बात केंद्र सरकार ने भी स्वीकार की है. हालात को देखते हुए इस दवा के निर्यात पर रोक लगा दी गई है. महामारी की इतनी चिंताजनक स्थिति के बावजूद हरिद्वार में कुंभ मेला और पश्चिम बंगाल में चुनाव के चलते रहने पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंता जता रहे हैं.
हरिद्वार में लाखों लोग मेले में हिस्सा ले रहे हैं और मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे किसी नियम का पालन नहीं हो रहा है. पश्चिम बंगाल में भी चुनावी रैलियों में भारी भीड़ देखी जा रही है और देश के शीर्षस्थ पदों पर बैठे हुए नेता भी मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने जैसे दिशा निर्देशों का ना खुद पालन कर रहे हैं और ना दूसरों से ऐसा करने की अपील कर रहे हैं. (dw.com)
मिनियापोलिस के उत्तर-पश्चिम में ब्रुकलिन केंद्र में पुलिस स्टेशन के बाहर सैकड़ों लोग जमा हुए और पुलिस द्वारा अश्वेत व्यक्ति को गोली मारे जाने का विरोध किया.
रविवार रात को मिनियापोलिस में 20 साल के अश्वेत को पुलिस की तरफ से गोली मार दिए जाने के खिलाफ जमकर विरोध हुआ. मिनियापोलिस के उपनगर में इस शख्स को गोली मारी गई थी. जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के मामले में मिनियापोलिस के पूर्व पुलिस अधिकारी पर इस वक्त मुकदमा चल रहा है. इस पूर्व पुलिस अधिकारी के खिलाफ मुकदमे का आज से तीसरा सप्ताह शुरू हुआ है. रविवार रात ब्रुकलिन में सैकड़ों लोग पुलिस स्टेशन के बाहर जमा हुए और अश्वेत की मौत का विरोध किया, इस दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे.
आधी रात तक नेशनल गार्ड की टीम मौके पर पहुंच चुकी थी. ब्रुकलिन केंद्र के मेयर ने कहा, "शीघ्र ही कर्फ्यू आदेश जारी किया जाएगा." 20 साल के डाउंटे राइट की मां ने रविवार शाम को लोगों से कहा कि उनके बेटे ने फोन कर बताया कि पुलिस ने उन्हें रोक लिया है. केटी राइट ने कहा कि उन्होंने सुना कि पुलिस ने उनके बेटे को फोन नीचे रखने को कहा और एक अधिकारी ने बाद में फोन बंद कर दिया. उसके कुछ देर बाद डाउंटे राइट की महिला मित्र ने फोन कर बताया कि उसे गोली मार दी गई.
ब्रुकलिन पुलिस विभाग के एक बयान के मुताबिक अधिकारियों ने एक ड्राइवर को ट्रैफिक उल्लंघन के लिए रोका था. जब उन्हें पता चला कि उस शख्स के खिलाफ एक वारंट जारी है तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की. वह कार में दाखिल हो गया और एक अधिकारी ने फायरिंग कर दी, गोली ड्राइवर को लगी और वह मौके पर मारा गया.
यह गोलीबारी ऐसे समय में हुई है जब श्वेत अधिकारी डेरेक चॉविन पर जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है. फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका में कई महीने तक विरोध प्रदर्शन हुए थे और पुलिस पर रंगभेद का आरोप लगा था.
एए/सीके (एएफपी)
-सुनील कुमार
उत्तर प्रदेश के संभल से 90 साल के समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने अब तक कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाई है. दरअसल संभल में पत्रकारों ने सांसद शफीकुर्रहमान बर्क से वैक्सीन को लेकर सवाल किया, जिस पर सांसद का जबाब सुन कर कोई भी हैरान हो सकता है. सांसद बोले कि बगैर वैक्सीन के वे अल्लाह की हिफाजत में हैं. मेरी जिंदगी और मौत किसी के बस में नहीं. अभी बहुत कुछ काम करना है.
उन्होंने कहा कि वैक्सीन मुल्क का मामला है औ वह इसे मुल्क का मामला मानते हैं. पत्रकारों ने जब उनकी उम्र 80 बताई तो सांसद बोले वह 90 के हैं. इस बीच पत्रकाऱों ने कहा कि मौलानाओं ने भी वैक्सीन लगवाने को कहा है आप कब वैक्सीन लगवाएंगे? आप 90 के हैं तो आप कब लगवाएंगे वैक्सीन? सांसद का अब जो जबाब आया वह और भी चौंकाने वाला है. सपा सांसद ने कहा कि अभी उन्हें वैक्सीन की जरूरत नहीं है.
आपको बताते चलें कि अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले संभल सांसद डॉक्टर शफीकुर्रहमान बर्क के नाम से भी जाने जाते हैं. अब बड़ा सवाल यह है कि सांसद के अलावा डॉक्टर भी कहे जाने वाले संभल के सांसद को जब वैक्सीन की अब भी जरूरत नहीं है तब भला किसको वैक्सीन की सबसे ज्यादा जरूरत है. यह तो सांसद ने नहीं बताया.
अलबत्ता सांसद का वैक्सीन को लेकर जबाब तब और ज्यादा चर्चा में आ जाता है जब सांसद की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव यूपी में वैक्सीन की कमी का आरोप लगा रहे हैं. वहीं संभल में पर्याप्त वैक्सीन भी है लेकिन उनकी पार्टी के सबसे बुजुर्ग सांसद शफीकुर्रहमान बर्क न वैक्सीन लगवा रहे हैं और न ही यह बता रहे कि वे कब वैक्सीन लगवाएंगे?
पटना, 11 अप्रैल | बिहार पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी को पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले में भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला गया था। इसके एक दिन बाद, कटिहार जिले में पुलिस दल पर स्थानीय गुंडों का हमला करने का एक वीडियो रविवार को वायरल हुआ। बारसोई पुलिस स्टेशन के एसएचओ सुनील कुमार ने कहा है कि यह घटना 7 अप्रैल को हुई थी और इस मामले के सिलसिले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें चार लोग घायल हो गए थे।
पुलिस ने कहा, "नशे में धुत कुछ लोग रघुनाथपुर गांव में छिपे हुए थे, जिसके बाद एक टिप पर कार्रवाई करते हुए एएसआई संजय कुमार के नेतृत्व में एक पुलिस दल वहां छापा मारने गया। स्थानीय गुंडों के एक समूह, संभवत: शराब माफियाओं का एक समूह वहां पहुंचा गया और तीन अन्य महिला कांस्टेबल सहित चार पुलिस कर्मियों के साथ बेरहमी से मारपीट की।"
कुछ पुलिसकर्मी मौके से भागने में सफल रहे लेकिन हमले में संजय और तीन अन्य महिला कांस्टेबल घायल हो गए।
पीड़ितों का कटिहार के सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
कुमार ने कहा, "17 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है, जिनमें से 15 की पहचान नहीं की जा सकी है।" (आईएएनएस)
बेंगलुरू, 11 अप्रैल (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कर्नाटक को सलाह दी कि राज्य में फैले वायरस की जांच के लिए माइक्रो कंटेंट जोन पर ध्यान दिया जाए। राज्य के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने रविवार को यह जानकारी दी। येदियुरप्पा ने कन्नड़ में किए गए एक ट्वीट में कहा, "प्रधानमंत्री से बात हुई है और उन्हें राज्य में महामारी की दूसरी लहर को कम करने के लिए किए गए उपायों से अवगत कराया गया है। उन्होंने हमारी सरकार के प्रयासों की सराहना की और हमें संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए मिनी कंटेनमेंट जोन पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया है।"
देश भर में महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए संक्रमण से निपटने को लेकर मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की है।
येदियुरप्पा ने कहा, "प्रधानमंत्री ने परीक्षण बढ़ाने पर जोर दिया है और राज्य को माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही एम्बुलेंस, ऑक्सीजन की आपूर्ति और वेंटिलेटर सुनिश्चित करने की सलाह दी है।"
राज्य के स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, राज्य में शुक्रवार को 7,955 के मुकाबले शनिवार को 6,955 नए मामले सामने आए। इनमें से बेंगलुरू में शनिवार को 4,384 नए मामले दर्ज किए गए और राज्य भर में हुई 36 मौतों में से बेंगलुरू में 19 मौतें हुईं।
इस बीच वैक्सीन उत्सव पूरे राज्य में शुरू किया गया है, ताकि पात्र नागरिकों को वैक्सीन की खुराक उपलब्ध कराई जा सके और उन्हें संक्रमण से बचाया जा सके।
एक अन्य ट्वीट में येदियुरप्पा ने कहा, "कोविड-19 के खिलाफ इस लड़ाई में वैक्सीन हमारे लिए सबसे बड़ा हथियार है। मैं सभी योग्य नागरिकों से आग्रह करता हूं कि वे टीका लगवाएं और दूसरों को भी टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित करें। आइए हम फेस मास्क पहनकर सुरक्षित रहें और सामाजिक दूरी का पालन करें।"
शनिवार को राज्य भर में 45-59 वर्ष आयु वर्ग के 58,945 और 60 वर्ष से ऊपर के 43,179 लोगों को टीका लगाया गया था।
बुलेटिन में कहा गया है कि राज्य भर में टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से अब तक 56,26,481 लोग वैक्सीन की खुराक प्राप्त कर चुके हैं।
नई दिल्ली, 11 अप्रैल | चोरी के केस में छापामारी करने गए बिहार के पुलिसकर्मी अश्वनी कुमार की पश्चिम बंगाल सीमा में हुई हत्या पर विश्व हिंदू परिषद ने आक्रोश जताया है। विश्व हिंदू परिषद ने हत्यारों को फांसी की सजा की मांग करते हुए बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश से बाहर करने का मुद्दा उठाया। किशनगंज थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार टीम के साथ किशनगंज से सटे बंगाल के बनतापारा में छापा मारने गए थे जहां उन्हें भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा है कि पश्चिमी बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले के पंजीपारा थाना क्षेत्र के पंथापड़ा गांव में हुई यह नृशंस वारदात, पहली घटना नहीं है। बंग्लादेशी घुसपैठियों, शराब व तस्करी के लिए कुख्यात इस क्षेत्र में पहले भी अनेक बार सुरक्षा बलों पर हमले हुए हैं। किन्तु, बंगाल के स्थानीय पुलिस-प्रशासन की उदासीनता व राजनैतिक संरक्षण के चलते यह क्षेत्र अपराधियों का स्वर्ग बन चुका है। आतंकियों के स्लीपर सेल बनकर भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी खतरा हैं। इन हत्यारों, अपराधियों तथा अवैध घुसपैठियों की इन गतिविधियों पर पूर्ण विराम जरूरी है।
विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री परांडे ने कहा कि बिहार का सीमावर्ती जिला होने के कारण अपराधी बिहार में कांड कर आसानी से बंगाल में शरण ले लेते हैं और यदि वहां की पुलिस जांच के लिए जाती है तो वे उस पुलिस पार्टी के जानी दुश्मन बन जाते हैं। थानाध्यक्ष अश्वनी कुमार के बलिदान पर उनके परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए विहिप महामंत्री ने यह भी कहा कि अब इन बंग्लादेशी घुसपैठियों को चुन-चुन कर सीमा पार किया जाना तथा उनके राजनैतिक संबंधों को सार्वजनिक किया जाना भी नितांत आवश्यक है।
(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अप्रैल (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को चुनाव आयोग से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता सुजाता मंडल खान पर अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया और उन पर आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया। यहां रविवार को केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के नेतृत्व में भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने ईसीआई से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा। पार्टी के सांसद दुष्यंत गौतम, हंसराज हंस और सुनीता दुग्गल प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।
भाजपा के ज्ञापन में कहा गया है, "टीएमसी की सुजाता मंडल खान ने कहा है : भले ही ममता बनर्जी ने गरीब एससी की मदद की हो, फिर भी उनकी कमी कभी कम नहीं होगी। एक कहावत है कि कुछ स्वभाव से भिखारी होते हैं जबकि अन्य परिस्थितियों से भिखारी होते हैं। यहां अनुसूचित जातियां स्वभाव से भिखारी हैं।"
ज्ञापन में कहा गया है कि उनका बयान और आचरण न केवल संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन करता है, बल्कि आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का भी उल्लंघन है।
भाजपा ने कहा कि यह बयान द रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट, 1951 की धारा 125 के तहत भी अपराध है, क्योंकि यह दो समुदायों के बीच नफरत और दुश्मनी पैदा करने का इरादा रखता है। इसलिए आयोग चुनावी कानूनों, भारतीय दंड संहिता, अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 और मॉडल के प्रावधानों के अनुसार सुजाता मंडल खान और टीएमसी के नेतृत्व के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करे।
नई दिल्ली, 11 अप्रैल | कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार से सीबीएसई बोर्ड परीक्षा आयोजित करने पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है और निर्णय लेने से पहले सभी हितधारकों से परामर्श करने की सलाह दी। राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, "विनाशकारी कोरोना के दूसरी लहर के तत्वाधान में, सीबीएसई परीक्षा आयोजित करने पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। सभी हितधारकों को व्यापक निर्णय लेने से पहले सलाह लेनी चाहिए।"
उन्होंने कहा, "भारत के युवाओं के भविष्य के साथ भारत सरकार कितना खेलेगी।"
इससे पहले दिन में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर सीबीएसई परीक्षा नहीं करवाने का आग्रह किया था।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अप्रैल | कोविड-19 मामलों में हालिया उछाल के मद्देनजर, भारत ने रविवार को स्थिति में सुधार होने तक रेमडेसिविर इंजेक्शन और एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (एपीआई) के निर्यात पर रोक लगा दी है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि रेमडेसिविर की मांग में अचानक बढ़ोतरी के बाद यह कदम उठाया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल कोविड-19 रोगियों के इलाज में किया जाता है।
देश में कोरोनावायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और रविवार को भारत में सक्रिय (एक्टिव) कोविड मामलों की संख्या 11.08 लाख हो चुकी है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "आने वाले दिनों में इंजेक्शन रेमडेसिविर और एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (एपीआई) की मांग में और वृद्धि होने की संभावना है।"
बयान में कहा गया है, "उपरोक्त बढ़ते कोविड मामलों के आलोक में, भारत सरकार ने स्थिति में सुधार होने तक इंजेक्शन रेमडेसिविर और एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (एपीआई) के निर्यात पर रोक लगा दी है।"
गिलियड साइंसेज, अमेरिका के साथ सात भारतीय कंपनियां स्वैच्छिक लाइसेंसिंग समझौते के तहत इंजेक्शन रेमडेसिविर का उत्पादन कर रही हैं। उनके पास प्रति माह लगभग 38.80 लाख यूनिट्स की स्थापित क्षमता है।
इसके अलावा, केंद्र सरकार ने अस्पताल और रोगियों की आसानी से पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
वहीं इसको बनाने वाली सभी कंपनियों को सलाह दी गई है कि वो अपनी वेबसाइट पर स्टॉक और डिस्ट्रीब्यूटर्स की जानकारी दें, ताकी प्रशासनिक टीम कालाबाजारी को रोक सके। आने वाले दिनों में दवा की मांग और बढ़ सकती है, जिस वजह से इसके उत्पादन को बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है।
मंत्रालय ने कहा है कि इसके लिए ड्रग्स इंस्पेक्टर और अन्य अधिकारियों को स्टॉक को सत्यापित करने और खराबी की जांच करने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके साथ ही जमाखोरी और कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए अन्य प्रभावी कार्रवाई भी की जा रही है।
बयान के अनुसार, राज्य के स्वास्थ्य सचिव संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग इंस्पेक्टरों के साथ इसकी समीक्षा करेंगे। फार्मास्युटिकल्स विभाग ने घरेलू प्रोड्यूसर्स के साथ मिलकर इस इंजेक्शन के उत्पादन को बढ़ावा दिया है।
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि इन कदमों को फिर से सभी अस्पतालों, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों में संप्रेषित किया जाना चाहिए और अनुपालन निगरानी की जानी चाहिए।(आईएएनएस)
नई दिल्ली, 11 अप्रैल। जब तक देश में कोरोना के संक्रमण की स्थिति में सुधार नहीं होता है तब तक इंजेक्शन रेमडीसीविर और रेमडीसीविर एक्टिव फ़ार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. मरीजों और अस्पतालों के लिए रेमडीसीविर की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए केंद्र ने यह कदम उठाया है. गौरतलब है कि देश भर में इस दवा की कमी के कारण कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में विलंब हो रहा है.
देश मे कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने रेमडीसीविर और रेमडीसीविर एक्टिव इंजेक्शन के निर्यात पर रोक लगा दी है. ये रोक तब तक रहेगी जब तक कि देश में कोरोना की स्थिति में सुधार नही आ जाता.
केंद्र सरकार के मुताबिक कोरोना के केसों में अचानक बढ़ोतरी के चलते रेमडीसीविर इंजेक्शन की जरूरत बढ़ गई है और आगे भी इसकी जरूरत कोरोना के मरीजों के लिए पड़ेगी जिसकी वजह से इसके निर्यात पर रोक लगाई गई है. सात भारतीय कम्पनियां Remdesivir injection का उत्पादन करती हैं. इन कंपनियों की हर महीने 38.80 लाख यूनिटों की उत्पादन क्षमता है. सभी घरेलू मैन्युफैक्चरर्स को सलाह दी गई है कि वे अपनी वेबसाइटों पर Remdesivir injection के स्टॉक, इसके डिस्ट्रीब्यूशन आदि की जानकारी डिस्प्ले करें.
राज्यों के हेल्थ सचिवों को ड्रग इंस्पेक्टर के जरिए ये देखना होगा कि कहीं इसकी कालाबाजारी तो नही हो रही है. जरूरत के अनुसार उचित कार्रवाई करनी होगी. फार्मास्युटिकल डिपार्टमेंट मैन्युफैक्चरर्स के सम्पर्क में है और इस बात को सुनिश्चित कर रहा है कि Remdesivir का प्रोडक्शन ज्यादा से ज्यादा हो.
सुमी खान
ढाका, 11 अप्रैल | बांग्लादेशी नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएएबी) ने रविवार को कहा कि वह सभी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित करने की योजना बना रहा है, क्योंकि सरकार कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए 14 अप्रैल से सख्त लॉकडाउन करने जा रही है।
शनिवार को बांग्लादेश में पिछले 24 घंटे के दौरान पिछले सभी रिकॉडरें को तोड़ते हुए वायरस के कारण 77 लोगों ने अपनी जान गंवा दी।
बांग्लादेश के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि नए कोरोनावायरस मामलों की संख्या 5,343 दर्ज की गई है, जिसमें पिछले कुछ समय से कुछ कमी देखी गई है।
सीएएबी के अध्यक्ष एयर-वाइस मार्शल एम. मोफिदुर रहमान ने आईएएनएस को बताया कि इस मुद्दे पर अभी फैसला नहीं लिया गया है।
उन्होंने जानकारी देते हुए कहा, "उड़ानों का संचालन सरकार के निर्देशों पर निर्भर करेगा और अगर बुधवार से सख्त लॉकडाउन शुरू होता है तो सीएएबी सरकार के लॉकडाउन आदेश के अनुसार ही अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर निर्णय लेगा।"
इससे पहले 1 अप्रैल को सीएएबी ने एक कार्यालय आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि भारत, सिंगापुर, मलेशिया, चीन, ओमान और यूएई से बांग्लादेश आने वाले सभी यात्रियों के लिए अपने स्वयं के खर्च पर 4 दिनों तक होटल में क्वारंटीन रहना होगा। इसके अलावा, दोहा से यात्रियों को 18 अप्रैल तक बांग्लादेश में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।
अध्यक्ष ने कहा कि चार्टर्ड उड़ानों, कार्गो उड़ानों और विभिन्न देशों और विदेशी नागरिकों के उच्चायुक्तों को ले जाने वाली विशेष उड़ानों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा।
देश में सात दिवसीय लॉकडाउन के मद्देनजर बांग्लादेश के घरेलू मार्गों पर उड़ान संचालन निलंबित करने का फैसला लिया जा चुका है।(आईएएनएस)
पटना, 11 अप्रैल | मुंबई से पांच वापसीकर्ताओं का पटना हवाई अड्डे पर कोरोनावायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया। एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। संक्रमित व्यक्तियों को पटना के एक अलगाव केंद्र में भेजा गया है। उन्होंने शनिवार शाम को पटना के लिए उड़ान भरी थी। सिविल सर्जन विभा कुमारी ने कहा, "40 यात्री हैं जो महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से आए हैं और पिछले दो दिनों में विभिन्न रेलवे स्टेशनों और पटना हवाई अड्डे पर सकारात्मक परीक्षण किया है।"
"अन्य राज्यों से आने वाले यात्रियों को हवाई अड्डे पर तेजी से एंटीजन परीक्षणों से गुजरना पड़ रहा है और सकारात्मक पाए जाने वालों को पुष्टि के लिए आरटी-पीसी परीक्षण से गुजरना पड़ता है। हम विशेष रूप से महाराष्ट्र के किसी भी यात्री को परीक्षण के बिना हवाई अड्डे से जाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं।"
उन्होंने कहा, "हमने हवाई अड्डे, सभी रेलवे स्टेशनों और बस स्टैंडों पर मेडिकल टीमों को भी तैनात किया है। वे जिला पुलिस के साथ काम कर रहे हैं और मास्क के बिना इन स्थानों पर घूम रहे उल्लंघनकर्ताओं पर जुर्माना लगाया जा रहा है।"
इस बीच, पटना के स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार शाम को 1,431 कोरोना पॉजिटिव मामलों का पता लगाया, जो इस साल राजधानी शहर में एक दिन में सबसे अधिक है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, पटना एम्स के 2 और पीएमसीएच के 9 डॉक्टरों ने शनिवार को कोरोना पॉजिटिव परीक्षण किया ्रगया। इसके अलावा, कई नर्सों, वार्ड बॉय, लैब तकनीशियनों ने भी वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया है।
मरीज मोटे तौर पर बोरिंग रोड, पाटलिपुत्र कॉलोनी, कंकरबाग, बोरिंग कैनाल रोड, आशियाना नगर, राजीव नगर और दानापुर जैसे इलाकों से पाए गए थे।
सिविल सर्जन ने कहा, "हमने सदर में 142, बरह में 45, मसौढ़ी में 25, दानापुर में 11 और पालीगंज सब-डिविजन में 9 जिलों में 240 माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए हैं।" (आईएएनएस)