मुंबई, 4 मई । अजय देवगन की हालिया रिलीज 'रेड 2' अब तक 60 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई कर चुकी है। अभिनय के साथ ही फिल्म के डायलॉग भी खूब तालियां बटोर रहे हैं। ‘अंदर शस्त्रधारी देख रहे हो, बाहर सरकारी कर्मचारी देख रहे हो’, ‘किसने कहा कि मैं पांडव हूं, मैं तो पूरी महाभारत हूं’ जैसे दमदार डायलॉग के साथ रोमांच अलग ही लेवल पर है। पर्दा गिरते ही इसके गाने और डायलॉग दिमाग पर एक छाप छोड़ते हैं। फिल्म इंडस्ट्री ने कई डायलॉग दिए हैं, जो लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल हो गए हैं। ‘दीवार’ फिल्म का ‘मेरे पास मां है’ से लेकर ‘मिस्टर इंडिया’ का ‘मोगैंबो खुश हुआ’ आज भी लोगों की जुबान पर हैं। ‘दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ के ‘जा सिमरन, जी ले अपनी जिंदगी’ को भला कैसे भूला जा सकता है। फिल्मों को सफल बनाने में इन दमदार डायलॉग का अहम योगदान रहा है। ऐसे ही कुछ कभी न भूल पाने वाले डायलॉग पर नजर डालते हैं। दमदार डायलॉग वर्षों तक दर्शकों के जेहन में जिंदा रहते हैं। दोस्त, परिवार, भाई-बहन की खट्टी-मीठी नोकझोंक हो या ऑफिस में बॉस का मजाक, ये सुनने को मिल ही जाते हैं। यही नहीं, सोशल मीडिया पर भी इनके मीम्स खूब बनते और वायरल होते हैं।
‘अंदर शस्त्रधारी देख रहे हो, बाहर सरकारी कर्मचारी देख रहे हो’, ‘किसने कहा कि मैं पांडव हूं, मैं तो पूरी महाभारत हूं’ जैसे दमदार डायलॉग के साथ 'रेड 2' का कमाल जारी है। अजय देवगन, रितेश देशमुख, वाणी कपूर स्टारर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर 60 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई कर चुकी है। 'मेरे पास पैसा है, बंगला है, गाड़ी है, नौकर है, बैंक बैलेंस है, तुम्हारे पास क्या है?' के जवाब में 'मेरे पास मां है' - 1975 में आई शशि कपूर और अमिताभ बच्चन स्टारर ‘दीवार’ फिल्म का यह डायलॉग आज भी दर्शकों के दिल को छू जाता है। इस फिल्म ने न केवल कभी न भूलने वाला डायलॉग दिया बल्कि दर्शकों के दिलों में भी जगह बनाने में कामयाब रही। ये डायलॉग दो भाइयों (अमिताभ-शशि) के बीच की बहस को दिखाता है, जिसमें मां के महत्व को दर्शाया गया है। खास बात है कि अमिताभ की एक और सफल फिल्म 1975 में आई थी, जिसका नाम है ‘शोले’। फिल्म के कई डायलॉग लोकप्रिय हुए, जिनमें धर्मेंद्र के 'बसंती, इन... मत नाचना' से लेकर खलनायक अमजद खान का ‘कितने आदमी थे’ शामिल हैं। यह भारतीय सिनेमा का अमर संवाद बन चुका है। शेखर कपूर की 1987 में आई फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’, जिसमें अनिल कपूर, सतीश कौशिक के साथ श्रीदेवी मुख्य भूमिका में थीं, में अमरीश पुरी ने खलनायक का किरदार निभाया था।