साल भर में कैदियों के बीच मारपीट, यौन उत्पीडऩ के 97 प्रकरण
‘छत्तीसगढ़’ की विशेष रिपोर्ट
रायपुर, 23 मार्च (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं। सबसे बड़ी जेल रायपुर में तो क्षमता से दोगुने से अधिक कैदी हैं। यही नहीं, जेलों में कैदियों के बीच मारपीट की घटनाएं सामने आ रही हैं। बताया गया कि रायपुर-बिलासपुर समेत प्रदेश की 9 जेलों में सालभर में मारपीट, और यौन उत्पीडऩ व अन्य तरह के कृत्यों के 97 प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
प्रदेश में केन्द्रीय, जिला और उपजेलों को मिलाकर कुल 33 जेल हैं। रायपुर का केन्द्रीय जेल प्रदेश में सबसे बड़ा है। बताया गया कि प्रदेश की जेलों में कैदियों की आवास क्षमता 14733 हैं। जबकि 18525 कैदी बंद हैं। रायपुर में 1586 आवास क्षमता है, और 3291 कैदी रहते हैं। यानी दोगुने से अधिक कैदी रहते हैं।
न सिर्फ रायपुर बल्कि बिलासपुर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा आदि जेलों में क्षमता से अधिक कैदी पदस्थ हैं। बताया गया कि पिछले एक साल में प्रदेश के 9 जेल दुर्ग, अंबिकापुर, रायपुर, बिलासपुर, जिला जेल राजनांदगांव, बैकुंठपुर, राजमानुजगंज, महासमुंद, बलौदाबाजार, और सारगंढ़ जेलों में कैदियों के मारपीट, यौन उत्पीडऩ व अन्य तरह की 97 घटनाएं सामने आई है।
रायपुर के गोढ़ी में बनेगा नया जेल
प्रदेश के जेलों में कैदियों की संख्या में बढ़ोत्तरी को देखते हुए वर्तमान जेलों की क्षमता में बढ़ोतरी की जा रही है। भाटापारा और भानुप्रतापुर में 100-100 बंदी क्षमता वाली नवीन जेल भवन का निर्माण कार्य पूरा किया गया है। जिसके आधिपत्य की कार्रवाई प्रक्रियाधीन हैं।
रायपुर के गोढ़ी में नया जेल बनाने का निर्णय लिया गया है। बिलासपुर के बैमानगोई में 15 सौ कैदी आवास क्षमता वाली विशेष जेल के निर्माण की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।
मंदिरहसौद के गोढ़ी में नए जेल के लिए करीब 5 करोड़ की राशि मंजूर की गई है। इसके लिए 50 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई है।
बेमेतरा के ग्राम पर्थरा 200 कैदी की क्षमता वाली नवीन जेल का निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है। उक्त निर्माण कार्य के पूरा होने की स्थिति में कैदियों की आवास क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी।