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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है और कहां से हुई इसकी शुरुआत?
08-Mar-2025 4:20 PM
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को ही क्यों मनाया जाता है और कहां से हुई इसकी शुरुआत?

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्या है? हो सकता है कि आपने मीडिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के बारे में सुना हो। या फिर अपने दोस्तों को इस बारे में बातचीत करते हुए सुना होगा।

मगर ये दिन क्यों मनाया जाता है? ये कब मनाया जाता है? ये कोई जश्न है? या फिर, विरोध का प्रतीक है? और क्या कोई अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस भी मनाया जाता है?

सालों से दुनियाभर के लोग आज के दिन महिला दिवस मनाते आ रहे हैं लेकिन ये सब शुरू कैसे हुआ?

पिछली एक सदी से भी ज़्यादा वकत से दुनिया भर में लोग आठ मार्च को महिलाओं के लिए एक ख़ास दिन के तौर पर मनाते आए हैं। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि इसकी क्या कहानी है?

1910 में क्लारा ज़ेटकिन नाम की एक महिला ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बुनियाद रखी थी।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस या महिला दिवस, कामगारों के आंदोलन से निकला था, जिसे बाद में संयुक्त राष्ट्र ने भी सालाना जश्न के तौर पर मान्यता दी।

इस दिन को खास बनाने की शुरुआत आज से 115 बरस पहले यानी 1908 में तब हुई, जब करीब पंद्रह हज़ार महिलाओं ने अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में एक परेड निकाली।

उनकी मांग थी कि महिलाओं के काम के घंटे कम हों। तनख़्वाह अच्छी मिले और महिलाओं को वोट डालने का हक भी मिले।

एक साल बाद अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहला राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का ऐलान किया। इसे अंतरराष्ट्रीय बनाने का खय़ाल सबसे पहले क्लारा जेटकिन के जेहन में ही आया था।

क्लारा एक वामपंथी कार्यकर्ता थीं। वो महिलाओं के हक के लिए आवाज उठाती थीं।

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव, 1910 में डेनमार्क की राजधानी कोपेनहेगेन में कामकाजी महिलाओं के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दिया था।

उस सम्मेलन में 17 देशों से आई 100 महिलाएं शामिल थीं और वो एकमत से क्लारा के इस सुझाव पर सहमत हो गईं।

पहला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जऱलैंड में मनाया गया। इसका शताब्दी समारोह 2011 में मनाया गया।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को औपचारिक मान्यता 1975 में उस वकत मिली, जब संयुक्त राष्ट्र ने भी ये जश्न मनाना शुरू कर दिया।

संयुक्त राष्ट्र ने इसके लिए पहली थीम 1996 में चुनी थी, जिसका नाम ‘गुजरे हुए वक्त का जश्न और भविष्य की योजना बनाना’ था।

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, समाज में, सियासत में, और आर्थिक क्षेत्र में महिलाओं की तरक्की का जश्न मनाने का दिन बन चुका है।

जबकि इसके पीछे की सियासत की जो जड़ें हैं, उनका मतलब ये है कि हड़तालें और विरोध-प्रदर्शन आयोजित करके औरतों और मर्दों के बीच उस असमानता के प्रति जागरूकता फैलाना है, जो आज भी बनी हुई है।

8 मार्च ही क्यों?

जब क्लारा ज़ेटकिन ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव दिया था, तो उनके ज़ेहन में कोई ख़ास तारीख़ नहीं थी।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस तो 1917 में जाकर तय हुआ था, जब रूस की महिलाओं ने ‘रोटी और अमन’ की मांग करते हुए, जार की हुकूमत के खिलाफ हड़ताल की थी। इसके बाद जार निकोलस द्वितीय को अपना तख़्त छोडऩा पड़ा था। उसके बाद बनी अस्थायी सरकार ने महिलाओं को वोट डालने का अधिकार दिया था।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पहचान अक्सर जामुनी रंग से होती है क्योंकि इसे ‘इंसाफ़ और सम्मान’ का प्रतीक माना जाता है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की वेबसाइट के मुताबिक़, जामुनी, हरा और सफेद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रंग हैं।

वेबसाइट के मुताबिक, ‘जामुनी रंग इंसाफ और सम्मान का प्रतीक है। हरा रंग उम्मीद जगाने वाला है, तो वहीं सफेद रंग शुद्धता की नुमाइंदगी करता है।’

हालांकि इस रंग से जुड़ी परिकल्पना को लेकर विवाद भी है। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है, ‘महिला दिवस से ताल्लुक़ रखने वाले इन रंगों की शुरुआत 1908 में ब्रिटेन में महिलाओं के सामाजिक और राजनीतिक संघ (ङ्खस्क्क) से हुई थी।’

क्या कोई अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस भी है?

हां, एक अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस भी है, जो 19 नवंबर को मनाया जाता है।

हालांकि, इसे मनाने का चलन ज़्यादा पुराना नहीं है। अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की शुरुआत 1990 के दशक से हुई थी और अभी इसे संयुक्त राष्ट्र से मान्यता भी नहीं मिली है।

ब्रिटेन समेत दुनिया के 80 से ज़्यादा देशों के लोग अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाते हैं।

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस के आयोजकों के मुताबिक़, ये दिन ‘मर्दों के दुनिया में, अपने परिवारों और समुदायों में सकारात्मक मूल्यों के योगदान’ के जश्न के तौर पर मनाया जाता है।

और इसका मक़सद पुरुषों के पॉजि़टिव रोल मॉडलों के बारे में दुनिया को बताने, मर्दों की बेहतरी को लेकर जागरूकता फैलाने के साथ साथ, औरतों और मर्दों के आपसी रिश्तों को सुधारना है।

महिला दिवस कैसे मनाया जाता है?

कई देशों में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रीय अवकाश रहता है। इन देशों में रूस भी शामिल है, जहां आठ मार्च के आस-पास के तीन-चार दिनों में फूलों की बिक्री दोगुनी हो जाती है।

चीन में राष्ट्रीय परिषद के सुझाव पर बहुत सी महिलाओं को आठ मार्च को आधे दिन की छुट्टी दे दी जाती है।

इटली में महिलाओं को आठ मार्च को मिमोसा फूल देकर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।

ये परंपरा कब से शुरू हुई, ये तो साफ़ नहीं है। मगर, माना ये जाता है कि इसकी शुरुआत दूसरे विश्व युद्ध के बाद रोम से हुई थी।

अमेरिका में मार्च का महीना महिलाओं की तारीख़ का महीना होता है। हर साल राष्ट्रपति की तरफ़ से एक घोषणा जारी की जाती है, जिसमें अमेरिकी महिलाओं की उपलब्धियों का बखान किया जाता है।

इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर थीम है- ‘एक्सिलरेट एक्शन’। इस साल की थीम लैंगिक समानता में तेजी लाने के लिए रखी गई है। (बीबीसी)

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