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दवा घोटाला: तीन आईएएस तलब
04-Feb-2025 4:54 PM
दवा घोटाला: तीन आईएएस तलब

ईओडब्लू-एसीबी की जांच तेज, कई और लपेटे में आ सकते हैं

 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 4 जनवरी। 
सीजीएमएससी में दवा खरीद घोटाले में तीन आईएएस अफसर लपेटे में आ गए हैं। ईओडब्ल्यू-एसीबी ने तीनों को पूछताछ के लिए बुलाया है। बताया गया कि इन तीनों अफसरों के अलावा स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की घोटाले में संलिप्तता के साक्ष्य मिले हैं। 

ईओडब्ल्यू-एसीबी के सूत्रों ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में बताया कि आईएएस अफसर भीम सिंह, चंद्रकांत वर्मा, और सीजीएमएससी की एमडी पद्मनी भोई को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। तीनों को नोटिस जारी की जा रही है। 

जांच एजेंसी ने दवा खरीदी घोटाले में प्रदेश के बड़े सप्लायर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार किया है। उससे पूछताछ के बाद कई नई जानकारी छनकर सामने आई है। दवा खरीदी का यह घोटाला अब तक का सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। यह घोटाला 400 करोड़ से अधिक का है। 

ईओडब्ल्यू-एसीबी ने पिछले दिनों चोपड़ा के प्रतिष्ठान मोक्षित कार्पोरेशन में दबिश दी थी, और रायपुर, दुर्ग समेत कई जिलों में छापेमारी की थी। छापे में कई अहम दस्तावेज मिले थे। सूत्र बताते हैं कि चोपड़ा का सीजीएमएससी में दवा सप्लाई का काम में एक तरह के एकाधिकार रहा है। यह बात उभरकर सामने आई है कि भाटापारा, बलौदाबाजार, रायपुर समेत कई जगहों मेें स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सकों ने बकायदा सीजीएमएससी और स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर बॉयो केमेस्ट्री रीएजेंट और इससे जुड़े उपकरण की आपूर्ति न करने का आग्रह किया था। 

प्रभारी चिकित्सकों ने यहां तक लिखा था कि उनके यहां पर्याप्त मात्रा में रीएजेंट उपलब्ध है। रख रखाव की व्यवस्था नहीं है। ज्यादा समय तक रखने से खराब होने की आशंका है। बावजूद इसके सीजीएमएससी में खरीदी होती रही, और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रीएजेंट और उपकरण खपाए जाते रहे। 

खास बात यह है कि आईएएस अफसर भीम सिंह, चंद्रकांत वर्मा, स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ सीजीएमएससी में पदस्थ रहे हैं। वर्तमान में पद्मिनी भोई की भी इसमें संलिप्तता सामने आई है। इसके अलावा कार्पोरेशन के कई अफसरों के अलावा स्वास्थ्य विभाग के अफसर की घोटाले में संलिप्तता सामने आई है। यही नहीं, शिकायतों के बावजूद मोक्षित कार्पोरेशन को कुछ महीने पहले 50 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।  

पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने सीजीएमएससी में सैकड़ों करोड़ के घोटाले की जांच कराने के लिए सीएम से लेकर पीएम तक पत्र लिखा था। उन्होंने काफी  दस्तावेज भी दिए थे। यही नहीं, स्वतंत्र पत्रकार देवेन्द्र गुप्ता ने भी सोशल मीडिया के जरिए सीजीएमएससी में घोटाले को प्रमुखता से उठाते रहे हैं। बहरहाल, आने वाले दिनों में कुछ अफसरों पर गाज गिर सकती है। 

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