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अब गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने की तमन्ना है : पैरा एथलीट प्रवीण कुमार
17-Jan-2025 9:32 PM
अब गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने की तमन्ना है : पैरा एथलीट प्रवीण कुमार

(नमिता सिंह)

नयी दिल्ली, 17 जनवरी। पैरालम्पिक स्वर्ण, विश्व पैरा एथलेटिक्स पदक और देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार मेजर ध्यानचंद खेलरत्न पाने के बाद अब ऊंची कूद के पैरा एथलीट प्रवीण कुमार की ख्वाहिश विश्व रिकॉर्ड बनाकर ‘गिनीज बुक’ में नाम दर्ज कराने की है ।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यहां शुक्रवार को खेल रत्न पुरस्कार लेने के बाद प्रवीण ने भाषा से खास बातचीत में कहा ,‘‘ मेरे पास पैरालंपिक का स्वर्ण पदक है और मैं अगले पैरालंपिक से पहले ‘गिनीज बुक’ का रिकॉर्ड अपने नाम करना चाहता हूं। अभी तक यह रिकॉर्ड सक्षम एथलीट ने ही बनाया है। पैरा एथलीट के नाम यह रिकॉर्ड दर्ज ही नहीं है।’’

पेरिस पैरालंपिक में एशियाई रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतने वाले प्रवीण टी64 वर्ग में तोक्यो 2020 पैरालंपिक में रजत पदक जीत चुके हैं । वह पैर में विकार के साथ पैदा हुए थे ।

खेल सम्मान प्राप्त करने के बाद अगला लक्ष्य क्या है, यह पूछने पर उन्होंने कहा, ‘‘मेरी ख्वाहिश ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में नाम दर्ज कराने की है, यह ऐसा रिकॉर्ड है जो अभी तक किसी ने नहीं बनाया है जिसमें अपने कद से 60 सेमीमीटर ज्यादा तक की कूद लगानी होती है। ’’

इस 21 वर्षीय भारतीय पैरा एथलीट ने अपने दूसरे पैरालंपिक पदक के लिए 2.08 मीटर की कूद लगाई थी। इससे पहले तोक्यो 2020 में प्रवीण रजत पदक जीतने वाले भारत के सबसे कम उम्र के पैरा-एथलीट थे जो तीन साल पहले एक एशियाई रिकॉर्ड भी था।

प्रवीण ने खेल रत्न से सम्मानित होने की खुशी बयां करते हुए कहा, ‘‘मेरा परिवार बहुत खुश है। बचपन में जब लोग मुझसे कहते थे कि मैं कुछ नहीं कर सकता क्योंकि मेरा पैर खराब है , तो अब ये सभी उपलब्धियां उनके लिए करारा जवाब है। ’’

उत्तर प्रदेश के जेवर में रहने वाले इस खिलाड़ी ने वॉलीबॉल के जुनून के साथ करियर की शुरुआत की थी लेकिन बाद में ऊंची कूद में आ गये।

उन्होंने कहा, ‘‘छोटी जगहों पर दिव्यांग का मतलब है कि वो व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता, उन्हें जानकारी ही नहीं है कि खेलों में भी नाम बनाया जा सकता है। मुझे सिर्फ यही चीज आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है कि मुझे कई रिकॉर्ड बनाने है। ’’

एशियाई पैरा खेलों में स्वर्ण पदक और विश्व पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप 2023 में कांस्य पदक जीतने वाले प्रवीण ने दिव्यांग होने के कारण बचपन में काफी कुछ झेला है लेकिन अब इस सम्मान ने उन्हें आगे और बेहतर करने के लिये प्रेरित किया है ।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा अगला लक्ष्य 26 सितंबर से पहली बार हमारे देश में होने वाली पैरा एथलेटिक्स विश्व चैम्पियनशिप 2025 में स्वर्ण पदक हासिल करना है। इसके साथ अगले पैरालंपिक और ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ के लिए तैयारी चलती रहेगी। ’’ (भाषा)


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