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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 28 नवंबर । कोरबा से राजस्थान जा रही कोयला लदी मालगाड़ी के 22 वैगन खोंगसरा-भनवारटंक के बीच मंगलवार सुबह 11:11 बजे पटरी से उतर गए। इस दुर्घटना के कारण बिलासपुर से पेण्ड्रा तक अप और डाउन दोनों रेल लाइनों पर यातायात ठप हो गया। 29 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बुधवार शाम 4:15 बजे डाउन लाइन को दुरुस्त कर परिचालन शुरू किया गया। पहली ट्रेन के तौर पर मालगाड़ी का ट्रायल किया गया, इसके बाद उत्कल एक्सप्रेस और दुर्ग-अजमेर एक्सप्रेस को रवाना किया गया।
दुर्घटना के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रभावित ट्रेनों में अमरकंटक एक्सप्रेस, सरनाथ एक्सप्रेस और उत्कल एक्सप्रेस जैसी प्रमुख यात्री गाड़ियां शामिल रहीं। कई ट्रेनों को गोंदिया होकर वैकल्पिक मार्ग से चलाया गया। रेल प्रशासन ने रायपुर और दुर्ग से यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए फ्री कनेक्टिंग ट्रेन सुविधा उपलब्ध कराई, लेकिन इसके बावजूद कुछ यात्रियों की ट्रेनें छूट गईं।
डाउन लाइन को बहाल करने के बाद देर रात तक अप लाइन को भी दुरुस्त करने का काम जारी था। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि अप लाइन को बुधवार देर रात या गुरुवार सुबह तक बहाल कर लिया जाएगा।
दुर्घटना में शामिल सुपर लांग हॉल मालगाड़ी में आगे, पीछे और बीच में इंजन लगे थे। हादसे में 22 वैगन पटरी से उतर गए, जिनमें करोड़ों रुपये का कोयला लदा था। वैगनों के पटरी से उतरने से रेलवे ट्रैक और सिग्नलिंग सिस्टम को भारी नुकसान पहुंचा। कोयला दोनों ओर बिखर गया, जिससे सफाई और मरम्मत रेलवे बोर्ड ने हादसे की कड़ाई से जांच के निर्देश दिए हैं। दक्षिण-पूर्व सर्कल के रेल संरक्षा आयुक्त बी.के. मिश्रा शुक्रवार 29 नवंबर को सुबह 10 बजे इस मामले की वैधानिक जांच करेंगे। इच्छुक व्यक्ति इस जांच में साक्ष्य प्रस्तुत कर सकते हैं।
रेल अधिकारियों ने बताया कि हादसे में करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। रेल लाइन, सिग्नल उपकरण और अन्य संरचनाओं को गंभीर क्षति पहुंची है। हालांकि, नुकसान का सटीक आकलन अभी नहीं किया जा सका है।