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कॉलेज की जमीन बिल्डर को देने के विरोध में अमलीडीह बंद
26-Nov-2024 4:23 PM
कॉलेज की जमीन बिल्डर को देने के विरोध में अमलीडीह बंद

  भाजपा विधायक भी खफा, सीएम को दी जानकारी  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 26 नवंबर।
कॉलेज के लिए आरक्षित जमीन बिल्डर को आबंटित करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस कड़ी में मंगलवार को विरोधस्वरूप अमलीडीह बंद रहा। ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन भी किया। रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू भी कॉलेज के लिए आरक्षित जमीन को बिल्डर को देने के विरोध में आगे आए हैं, और उन्होंने सीएम विष्णुदेव साय को भी प्रकरण की जानकारी दी है। 

श्री साहू ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि अमलीडीह में सरकारी जमीन  का बिल्डर को आबंटन तत्काल प्रभाव से निरस्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जमीन आबंटन प्रकरण सीएम के संज्ञान में लाया गया है। रायपुर ग्रामीण के विधायक श्री साहू ने बताया कि आबंटन के बाद आगे की कार्रवाई रूकवा दी गई है। किसी भी दशा में जमीन का आबंटन निरस्त होना चाहिए। 

श्री साहू ने कहा कि अमलीडीह में और कोई जगह नहीं है। उक्त जमीन पर कॉलेज भवन का निर्माण होना है जो कि अभी स्कूल में संचालित हो रहा है। पहले भी इस सिलसिले में शासन से पत्र व्यवहार कर चुके हैं। मगर तत्कालीन कलेक्टर ने मतगणना के तीन दिन पहले गुपचुप तरीके से आबंटन की अनुशंसा कर सरकार को फाईल भेज दी थी, और इस आधार पर कार्रवाई हो गई। 

उन्होंने राजस्व विभाग के अफसरों की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं। मोतीलाल साहू ने कहा कि वो ग्रामीणों, और विद्यार्थियों के साथ खड़े हैं। दूसरी तरफ, कॉलेज के लिए आरक्षित 9 एकड़ जमीन रामा बिल्डर के संचालक राजेश अग्रवाल को आबंटित करने के विरोध में ग्रामीणों ने आज प्रदर्शन किया। अमलीडीह बंद रहा। यह मामला अब तूल पकड़ रहा है। 

ग्रामीणों ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक आबंटन निरस्त नहीं हो जाता, और कॉलेज को जमीन नहीं मिल जाती विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है कि नगर निगम की एमआईसी की बैठक में भी सोमवार को यह मामला उठा था। यह कहा गया कि पिछली सरकार में रायपुर ग्रामीण के विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कॉलेज जमीन के लिए सरकारी जमीन आरक्षित कराई थी। लेकिन सरकार ने बिल्डर को जमीन दे दी। 

एमआईसी के पांच सदस्यों ने कहा था कि कॉलेज के लिए आरक्षित जमीन को बिल्डर को देने पर आपत्ति जताई। इस पूरे मामले नगर निगम आयुक्त ने सफाई दी कि नगर निगम ने जमीन आबंटित नहीं की है। बहरहाल, आने वाले दिनों में विवाद और बढ़ सकता है। 


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